हेलो फ्रेंड्स… यह सालो पहले की बात है और साची कहानी है. सब सिस्टर लवर्स से अपनी कहानी शेर करने वाला हू. नेम्स और लोकेशन चेंज्ड. तीस इस फॉर ऑल मी फेलो सिस्टर लवर.
चॅप्टर 1: बॅकग्राउंड
मेरा नाम आडिट है. ई बिलॉंग तो आ वेल ऑफ फॅमिली. मैं घर का बड़ा बेटा हूँ. मेरी एक छोटी बहें है यूयेसेस का नाम नीलूं है. वो मुझ से 1 एअर छोटी है और हमारा एक छोटा भाई है जिस का नाम हरी है. वो नीलूं से 5 साल छोटा है.
बचपन की मासूम उमर मई अपने मॅट्रेस के साथ मज़ा लेना सीख गया था और कुछ कुछ सेक्स के बारे मई भी समझ गया था. मुझी तब भी बहन भाई का रिश्ता समझ मई नही आता था.
बचपन मैं हमारे बीच कुछ नही हुवा क्यूँ के मों पूरा दिन घर पे होती थी. मई नीलूं को खूब सताता था. यूयेसेस को ‘’मोटी’’ कहता था और यूयेसेस की लार्ज-साइज़्ड आस पर खूब हंसता था. वो कभी कभी रोटी हुवी मा के पास चली जाती. वो ज़्यादा मोटी नही थी बस थोड़ी स चब्बी थी. खैर मैने पूरा बचपन यूयेसेस को बहोट सताया.
चॅप्टर 2: अट्रॅक्षन
काई साल बीट गये. मैं 16 साल का हो चुका था, नीलूं 15 और हरी 10. नीलूं आज भी उतनी ही शर्मीली थी मगर आज वो एक बड़े बूब्स वाली हसीना बन चुकी थी.
जिस गांद को बचपन मई ‘मोटी’ कहता था आज वो जन्नत का नज़ारा बन चुकी थी. मों ने जॉब करने का फ़यसला करलिया. वो घर बेते बेते बोर हो चुकिी थी. जल्द ही दाद ने उन्न को एक हॉस्पिटल मई नर्स की जॉब दिलवा डी. अब वो वर्किंग लेडी बन गयी थी और रात को घर आती थी… मेरे लिए यह मोक़ा किसी लॉटरी से कम नही था.
वो इश्स लिए क्यूँ के मई पिछले 1 साल से नीलूं की मुहब्बत मैं दीवाना हो चुका था. यूयेसेस के बड़े बड़े बूब्स पूरा डिनन मेलोन्स की तरह मेरी आँखो के सामने हुवा करते थे.
वो घर पे टाइट शलवार कमीज़ पहनती थी और गले मई छोटा सा स्कार्फ लेती थी. वो हस्ती थी तो यूयेसेस के बूब्स हिलते थे और मई देख के मज़े लेता था. यूयेसेस के बाल घने और चेहरा खूबसूरत था. वो दूसरी तरफ मूह कर के चलती तो यूयेसेस की बड़ी और चिकनी गांद को हिलते हुवे देखता था.
जब वो टीवी देखती थी तो मई हमेशा यूयेसेस की सेक्सी थाइस को देखता था.काई दफ़ा जब वो बाहर जाती तो यूयेसेस के कमरे से ब्रा और पनटी चुरा कर अपने रूम मई ले जाता और उन्न को सूंघटा और खुद पह्न लेता.
ना जाने कितनी बार मैने अपनी बहें के नंगे बदन को सोचा, यूयेसेस की टाँगों को सोचा. यूयेसेस की मोती और नरम गांद को सोचा, और सोच सोच के बिस्तर के साथ मज़े लिए. गारी मई बेते होते तो अपनी थाइस यूयेसेस की थाइस से टच करता था. यूयेसेस ने भी कभी कोशिश नही की हटाने की.
चॅप्टर 3: फ्रॅंकनेस
अब मों की आब्सेन्स मई हम 2नो की क़रीबिया बहोट बरह गयी. हम दोनो हरी से प्यार करते थे पर वो हुमारे लिए बचा था. उन्न दीनो इंटरनेट नही होता था और मोबाइल फोन तो सिर्फ़ दाद के पास था.
तो स्कूल के बाद हमारा सारा वक़्त साथ ही गुज़रता था. स्टडी मई हम एक दूसरे की हेल्प करते थे और काई घंटो तक यूयेसेस के या मेरे बेडरूम मई परहाय करते थे. हरी तब बहिर टीवी देखता रहता था.
मा ने उसको के घर के कम भी बता दिए थे और रोज़ाना करती थी. उसको बिल्कुल अछा नही लगता था पर कर लेती थी… वो मा के कहने पे गले मई स्कार्फ लेती थी और अब मा के ना होने की वजह से स्कार्फ दिन को उतार दिया करती थी. जब वो घर के कम करती तो मई यूयेसेस से बात करने के बहाने उसके पास चला जाता था और उसके हसीन बदन को देखता था.
पूरा दिन साथ बीतने लगे और फिर बात दोस्ती से बरह कर फ्रॅंकनेस तक चली गयी.. एक दिन कम करते हुए यूयेसेस को पूछा तुम ने कभी क्षकशकश मोविए देखी है? वो हंस डी. मैने कहा बोल ना नीली? कहने लगिइ ‘’हन दोस्त के घर बेत कर देखी थी 3 बार’. ‘‘कैसी लगी?’. ‘’मज़ा आया बहोट’.
वो भत ही शर्मीली लरकीी थी पर मेरे साथ होती तो बिल्कुल रिलॅक्स हो जाती. मेरे सामने बहोट बाते करती और गाली भी देती. सब उसे बहोट शरीफ लड़की समझते थे पर मई ही जनता था वो कितनी चालक है. मेरा प्यार उसके लिए बर्हता गया पर मई उसको कुछ नही बता पाया.
चॅप्टर 4: एक्सप्रेसिंग थे डिज़ाइर
फिर कुछ ही दिन बाद हम 3नो लिविंग रूम मई थे. मा के आने मई अभी 3 घंटे बाक़ी थे. मई नीलूं की लेग्स को देख रहा था. आज इश्स को अपने दिल बात बताए बिना नही रह सकता था.
मैने नीलूं से कहा ‘होमवर्क किया?’. मेरी अंखई देख कर वो समझ गयी के मई यूयेसेस को रूम मई बुला रह हू… ‘’नही भैया साइन्स का रहता है’. ‘’चल आजा फिर बाद मई दायर हो जे गिइ’.
हम यूयेसेस के बेडरूम मई चले गये और मैने डोर लॉक कर दिया. दोनो बेड पर बेत गये.
नीलूं बोली ‘’हन क्या हुवा?’
मई काफ़ी नर्वस था…
‘’नीली देख मैं अब तुझ से अपने दिल की बात नही छुपा सकता. तू प्लीज़ बुरा नही मान’ना.’
‘’हन? कों स?’
‘’तू मुझी बहोट सेक्सी लगती है. तेरा हसीन चहरा और तेरा प्यारा बदन… तेरे यह बड़े बड़े बूब्स बहोट हॉट हैं… और तेरी लेग्स बहोट सेक्सी हैं. जब तू टीवी देख रही होती है मुझी भत प्यार आता है इन्न पर…’
वो शर्मा के बोली ‘’मज़ाक़ कर रहे हो?’
‘’बिल्कुल नही’
‘’तट’स अमेज़िंग भाई. ई’म फ्लॅटर्ड’.
‘’और जब तू चलती है मेरी नज़र तेरी प्यारी गांद से नही हट’ती. तेरी आस भत ही सेक्सी है…’
वो हंस के बोली ‘’वाउ. थॅंक योउ सो मच…’
‘’मई तेरे साथ सेक्स करना चाहता हू’’.
वो कुछ पल खामोश हो गयी.. फिर बोली
‘’अब मई भी बता ही देती हू.’
‘’मतलब?’
‘’भाई मई भी तेरे से चूड़ना चाहती हू. तेरे उपर मुझी इतना प्यार आता है के मई बता नई सकती… जब तू घर मई शर्टलेस घूमता है तब मुझी सेक्सी लगता है और मॅन करता है तू नंगा हो जाए और मुझी लिटा के रंडी की तारा छोड़े… कभी रत को लैयती होती हू तो मॅन करता है तू मेरे रूम मई आ जाए और हम दोनो सूबा तक जाम के चुदाई करते रहै.’
यह सब सुन्न कर मई चोंक गया.
‘’नीली’
‘’हन?’
‘’मई 1 साल से तेरे लिप्स चूमने के लिए बेताब हू. आज रोकना नही.’
यूयेसेस के चेहरे पर स्माइल आ गयी.
चॅप्टर 5: सेक्स
मैने अपने होन्ट यूयेसेस के होंटो पर रख डिएः और चूमने लगा. वो भी प्यार से मेरे होन्ट चूमने लगी. अब हम पॅशनेट्ली किस कर रहे थे. पूरे 2 मीं किस किया… फिर यूयेसेस की गर्दन चूमने लगा और साथ ही यूयेसेस के ब्रेस्ट पे एक हाथ रखा और पकड़ लिया.
‘’जान अपने बूब्स दिखा ना’
यूयेसेस ने मुस्कुरा के कहा ‘’ओके’’…
यूयेसेस ने अपनी कमीज़ उतार डी और सिर्फ़ यूयेसेस की ब्रा रह गयी जो लाइट पिंक थी. मैने ब्रा के उपर से बूब्स को मसलना चाहा पर यूयेसेस ने मेरा हाथ हटा दिया. और अपनी ब्रा भी खोलने लगिइ. फिर ब्रा उतार गयी और बड़े बड़े मेलोन्स मेरे सामने आ गये..
मैने मेलोन्स को दोनो हाथो से मसला और दबाया, फिर एक निपल को मूह मई डाला और चूसना शुरू कर दिया… यूयेसेस के मूह से आवाज़ निकली ‘’आअहह’. मैने दोनो निपल्स को चूसा फिर बूब्स को किस और स्मूच करने लगा. मेरा लन खरा हो गया…
फिर मैने जल्दी से अपना टॉप उतरा और यूयेसेस को टॅंगो से पकड़ के बेड पर लिटा दिया और यूयेसेस के बेल्ली पर स्मूच करने लगा… नीलूं तेज़ साँसे ले रही थी. फिर मई यूयेसेस के उपर लाते गया. जैसे ही मेरी स्किन यूयेसेस की स्किन से टच हुई मेरे अंदर बिजली डोर गयी.
दोनो ने एक दूसरे की आँखो मई देखा और पागलो की तरह किस करने लग गये. मैं यूयेसेस के होंटो को ज़ोर से किस कर रहा था और हमारी स्किन्स एक दूसरे से जुड़ी हुवी तीन. उसके मु से आवाज़ निकल रही थी ‘’म्मह…’.
फिर मैं यूयेसेस को उल्टा लिटने लगा. वो फॉरन समझ गयी और बेड पर घूम गयी और उल्टी लाइट गयी. यूयेसेस की शलवार उसकी गांद से चिपकी हुवी थी. मैने शलवार नीचे कर दी.
अब यूयेसेस की पिंक कलर की पनटी मेरे सामने थी. इश्स पनटी को बहोट अची तारा पहचानता था और पह्न भी चुका था… मैने उसकी गांद को पहले दबाया और फिर पनटी के उपर किस्सस करने लगा.
उसके मूह से ‘’आअहह’ निकली. पनटी से वोही खुश्बू आ रही थी. फिर मैने यूयेसेस की पनटी को भी नीचे कर दिया. यूयेसेस की गांद मेरे सामने आ गयी. बिल्कुल गोरी और चिकनी थी. मैं यूयेसेस की बट चीक्स को किस करने लगा.
वो तेज़ सनसैई लेने लगिइ’. मई उसकी दोनो चीक्स को किस कर रहा था. मेरा खरा लन ट्राउज़र से बहिर निकालने के लिए बेताब था. फिर उसकी गांद के सुराख को चाटने लगा. उसके मूह से ‘’आअहह’’ निकली. गांद का सुराख छत’ने से गीला हो गया था. मई दीवाना हो के छत रहा था.
अब मेरा सबर ख़तम हो चुका था. मैने यूयेसेस की पनटी और शलवार पूरी उतार डी और उसको सीधा लिटा दिया. फिर अपनी बेल्ट और बटन खोला और अपना ट्राउज़र और अंडरवेर दोनो 1 साथ निकल दिया. मेरा लन हिलता हुवा बहिर आ गया. अब हम नंगे थे. वो मेरे लन को अंखई फार फार के देखने लगिइ… ‘’उफफफ्फ़ भाई’.
सेक्स: मई यूयेसेस के क़रीब हुआ. यूयेसेस की लेफ्ट लेग को उठाया और कंधे प्र रख लिया… अपना लन यूयेसेस की गीली छूट पर प्यार से मसालने लगा. ‘’आअहह’… छूट को पूरी तारा अपने लन से फील किया. फिर अंदर डालने लगा. पहले टोपी अंदर गयी फिर तोड़ा सा और. ‘’अवव भाई प्लीज़ धीरे’.
मई एक सेक रुका फिर और अंदर डालने लगा. पहले आयेज नही गया तो पुश किया और जाने लगा. यूयेसेस की बॉडी बहोट टेन्स लग रही थी पर कुछ नही बोली. अब मेरे लन का ज़्यादा हिस्सा यूयेसेस की छूट मैं जेया चुका था.
धीरे से तोड़ा सा पीछे किया और दूसरी बार अंदर किया. वो खामोश रही. अब धीरे से यूयेसेस की छूट के अंदर बाहर करने लगा और उसे प्यार से छोड़ने लगा… मेरे हाथ उसकी तंग प्र थे और नज़र उसकी छूट पर थी. थोड़ी देर बाद मुझी लगा उसकी बॉडी रिलॅक्स हो चुकी है.
मई उसकी छूट मई झटके देने लगा. ‘’अहह धीरे आअहह’. उसकी बॉडी फिर से टेन्स हो गयी. कुछ टार्स आया पर अपने आप को कंट्रोल नही कर पाया.. कुछ देर वो खामोशी से लेती रही और मई करता रहा. यूयेसेस की गीली छूट का रस्स मुझे लन पर फील हो रहा था. थोड़ी देर बाद मैने पूरा लन यूयेसेस की छूट मई झटका दिया. वो बोली ‘’अवव भाई’’. फिर से टेन्स हो गयी.
मैने अपने आप को कंट्रोल किया और बहोट धीरे लंड अंदर बाहर करने लगा. कुछ देर प्यार से उसको छोड़ा.. अब फिर से आउट ऑफ कंट्रोल हो गया. मई यूयेसेस की छूट को अपनी मर्ज़ी से छोड़ने लगा. वो ‘’म्ह’ की आवाज़ कर रही थी.
फिर मैने यूयेसेस की तंग को कंधे से उतरा और नीचे कर दिया. यूयेसेस के उपर लाइट गया और छोड़ने लगा. उपर लाइत्न्े से और भी मज़ा आने लगा था. उसकी दोनो तंगाई फोल्डेड थी और पावं बेड पर थे. मई उसकी छूट को छोड़ता रहा…
कुछ ही देर मई यूयेसेस ने अपने दोनो हाथ मेरी गर्दन के पीछे रख लिए और बोली ‘’एससस्स म्म्मह फक मे’’. मई समझ गया उससे भी मज़ा आने लगा था. मई यूयेसेस की छूट मई झटके देता रहा. ‘’अहह… ह’’. यूयेसेस की छूट बहोट गीली थी और मेरे लन को भी गीला कर रही थी.
मेरा बदन उसके बदन से टकरा रहा था. ‘’अहह.. फक मे.. ऑश बेबी’’.. फिर मैने झटके मीडियम से फास्ट कर दिए.
‘’आहह.. जस्ट लीके तट. फक मे भाई’. मैरा लन तेज़ी से उसकी छूट मई जेया रहा था. ‘’आहह एसस्स… छोड़ अपनी बहन को. रंडी की तरह छोड़. भोसरा बना दे मेरी छूट का’’. मई जान गया वो बहोट मस्ती मई है.
यूयेसेस की टाइट स छूट मेरे लन को भत मज़ा दे रही थी.. मेरे मूह से भी ‘’म्म्मह’ की आवाज़ निकालने लगिइ. कुछ देर हम चुदाई करते रहे. फिर यूयेसेस ने अपनी दोनो तंगाई मेरी क़मर पे रख ली. कमरे मई दो बदन टकराने की आवाज़ आ रही थी और नीलूं की भी ‘’अहह अहह’.
फिर वो कहने लगिइ ‘’अहह… बहन छोड़ कही का. छोड़ अपनी बहन को….’ मई सुन्न कर हैरान रह गया. ‘’रंडी छीनाल कितनी बड़ी छुड़ाकर है तू’’. यूयेसेस ने कहा ‘’आबे चुप.. तू ही आया था ना बहन की छूट मरने. तू पक्का बहनचोड़’’.
मई कुछ नही कह पाया और अपने होन्ट उसके होंटो पर रख डिएः और चूमने ल्ग गया. वो बोली ‘’म्म्मह’. ज़ोर से उसके होन्ट चूम रहा था और उसकी छूट भी मार रहा था. फिर होन्ट चोर डिएः और छूट मरता रहा. कुछ देर वो मेरा लन खामोशी से लेती रही. यूयेसेस के हाथ अब भी मेरी गर्दन पर ही थे और तंगाई मेरी क़मर पर.
कुछ ही देर मई क़रीब पोनच गया. मई सिसकियाँ लेने लगा ‘’म्म्मह म्म्मह’’. उसकी छूट मई कुछ झटके और मारे और ज़ोरदार पानी मेरे लन से निकल के यूयेसेस की छूट मई जाने लगा. वो बोली ‘’आहह बेबी अहह’..
मैने अपना सारा पानी उसकी छूट मई भर दिया…. अब मई शांत हो चुका था. दोनो की सनसैई तेज़ तीन. हम किस करने लगे.. किस कर के मई धीरे से उसकी रिघ्त साइड प्र लाइट गया और वो मुझ से चिपक गयी.
चॅप्टर 6: आफ्टर्मत
2 या शयड 5 मीं खामोशी से गुज़र गये. फिर नीलूं बोली ‘’भाई’’
‘’हन’’
‘’किसी को काबी पता नई चलना चाहयेह’’
‘’नही पता चले गेया डॉन’त वरी’’
‘’योउ वर सो गुड’’
यह सुन्न कर मुझी भत खुशी हुवी… मैने उसके सर पे किस की
‘’योउ टू बेबी.’’
‘’भाई कभी भी ज़रूरत हो तो कह दिया करना. मई कभी माना नही करूउ गिइ’’.
हम कुछ देर और नंगे लायटे रहे.
एंड ऑफ पार्ट 1.