हेलो दोस्तो, कैसे है आप सब? मई नवीन वेर्मा फिरसे आपके लिए एक नयी कहानी लेकर आ गया हू. इस कहानी को पढ़ने के बाद, आप सब रोमॅंटिक हो जाएँगे और आपका लंड खड़ा हो जाएगा और छूट गीली हो जाएगी.
ये कहानी मेरी और पूर्ति की है, जो मुझे एक मेले मे मिली थी. लॉक्कडोवन् के पहले, जो दुस्सेहरा का मेला था, ये कहानी तब की है. तो अब मई अपनी कहानी शुरू करता हू.
सबसे पहले सब को मेरे खड़े हुए लंड का नमस्कार. मई आपको अपने बारे मे बता डू. मेरा नाम नवीन है और मई 29 यियर्ज़ का हू. 11 इंच का मेरा लंड है, जो लगभग 3 इंच मोटा है. मेरा लंड सभी औरतो को पूरी तरह सॅटिस्फाइ कर सकता है.
मई प्राइवेट सेक्टर मे जॉब करता हू और मई कानपुर से हू. अगर कोई फीमेल मुझसे चूड़ना चाहे, या बात करना चाहे.
मई आपको तुरंत रिप्लाइ दूँगा. वैसे तो मैने पहले भी काई लड़कियो और भाभियो को छोड़ा है. लेकिन हर बार किसी भी औरत को देखते ही मेरा लंड खड़ा हो जाता है. वैसे ही मुझे पूर्ति एक दुस्सेहरा के मेले मे मिली थी, जहा वो अपने बच्चो और कुछ और लोगो साथ आई हुई थी.
मई भी वाहा गया था, तो मैने उसको देखा. जब मैने उसको देखा, तो वो पसीने से तार थी. फिर हम लोगो की आँखें टकराई और ऐसे ही कुछ देर बाद मई उसके पास जाके खड़ा हो गया. भीड़ भी अची ख़ासी थी, तो वो भी मेरे आयेज आ गयी.
लोगो के आने-जाने से उसकी गांद मेरे लंड को चू जाती. फिर ऐसे ही मेरा लंड खड़ा हो गया. अब मई उसकी गांद को अपने लंड से रग़ाद ही रहा था, की उसने मुझे पलट कर देखा. लेकिन उसने कुछ कहा नही मुझे. फिर मैने लंड उसकी गांद से टच करना जारी रखा.
ऐसे ही करते-करते मैने अपनी ज़िप खोल दी और लंड को थोड़ी जगह दे दी. अब वो भी तोड़ा पीछे आके लंड को चू रही थी. ऐसे ही थोड़ी देर बाद उसने मेरा लंड अपने हाथो से भी छुआ था. यही करते-करते थोड़ी ही देर मे मेरा पानी निकल गया और उसका हाथ भी गीला हो गया.
मैने उसके शर्ट से अपना लंड सॉफ कर लिया, वरना सब को मेरे लंड का पानी दिख जाता. फिर रावण जलाने का टाइम होने वाला था, तो मैने उसके साथ थोड़ी बात शुरू करने के कोशिश की. मैने उसको पूछा-
मई: क्या आप मुझे जानते हो?
तो उसने कहा: नही तो.
जो थोड़ी देर पहले हुआ था, पता उसको भी था. और वो भी अब मुझमे इंटरेस्ट ले रही थी. फिर ऐसे ही मई उसका नाम और उसके बारे मे तोड़ा कुछ पूछने लगा और अपने बारे मे बताने लगा.
अर्रे, मई आपको पूर्ति के बारे मे तो बताना ही भूल गया. वो बिल्कुल चलता फिरता बॉम्ब थी. उसकी छाती लगभग 36″ की थी और उसकी कमर लगभग 28″ की होगी और उसकी गांद 32″ के आस-पास होगी. जो भी उसको देखेगा, तो पहली बार मे उसको छोड़ना चाहेगा. पूर्ति को देखते ही लंड सलामी देने लगता है.
फिर मैने उसको उसके बारे मे पूछा. भीड़ मे कुछ ज़्यादा बात नही हो रही थी, तो वो कुछ खाने के लिए दूसरी तरफ गयी. फिर मई भी उसके पीछे आ गया और उससे थोड़ी बात की. जब मैने उसको ध्यान से देखा, तो मुझे उसके बूब्स दिखे. क्या बतौ भाइयो, की उसके बूब्स कितने दूं-दार थे.
फिर मैने अपनी पॉकेट से पेपर निकाल कर उसको अपना नंबर दे दिया और उसने वो रख लिया. उसके बाद वो जाने लगी. तभी उसका दुपट्टा गाड़ी मे फ़ासस गया और उसका दुपट्टा गिर गया. अब उसके बूब्स बिना कपड़े के दिख रहे थे.
उसके बूब्स और पूरा बदन, पसीने से चमकता हुआ कमाल का लग रहा था. इस तरह से उसको देख कर किसी भी मर्द का कंट्रोल कर पाना मुश्किल था. मुझे लग रहा था, की पता नही अब दोबारा कब मिलना होगा और उसकी छूट मुझे मिलेगी भी या नही.
दूसरी तरफ वो भी मुझे जाते हुए देख रही थी. उसको देखते ही मेरा मॅन तो कर रहा था, की अभी उसको छोड़ डू. लेकिन मई ऐसा कर नही सकता था वाहा. और वैसे भी, पहली मुलाकात मे कों अपनी छूट दे देती है. फिर मई घर जेया कर उसको फ़ेसबुक पे सर्च करने लगा. लेकिन वो मुझे नही मिली.
फिर कुछ दिन बाद मुझे उसकी कॉल आई, तो उससे मेरी काफ़ी बाते हुई. उसने उस दिन वाली बात भी कही. फिर ऐसे ही हमारी बात चलती रही और उसने मुझे बताया-
पूर्ति: मेरे पति देल्ही मे रहते है और वो काई महीनो मे आते है.
मई इस बात से खुश था, की मुझे मौका मिल गया था. फिर मैने उसको अडल्ट मेसेज भेजा. अब फोन और Wहत्साप्प पेर हमारी सेक्स की बाते होने लगी और हम वीडियो कॉल भी करने लगे. फिर इसी तरह एक दिन मैने उसको मोविए हॉल मे मिलने बुलाया, जहा मैने अंधेरे मे उसको बहुत किस किए.
हमने वाहा एक दूसरे के छूट और लंड दबाए. फिर मई उसको अपने रूम मे ले आया और वाहा आते ही मैने उसको फ्रेश होने को कहा और खुद भी फ्रेश होके आया. उसके बाद मैने उसको पकड़ कर किस करना शुरू कर दिया, वो भी बिना किसी परेशानी के.
वो भी मेरा साथ दे रही थी. फिर इसी तरह हमारा किस लगभग 10 मिनिट तक चला. कभी वो मेरी जीभ चूस रही थी और कभी मई उसकी जीभ चूस रहा था. दोस्तो मई क्या बतौ, की वो कितनी गोरी माल थी.
फिर मई बिना देर करते हुए उससे लिपट गया और उसके सारे कपड़े उतार दिए. मैने उसको नंगा कर दिया था. अब पहले मैने एक बच्चे की तरह उसके बूब्स को चूसना शुरू किया. क्या बड़े-बड़े और मुलायम बूब्स थे उसके.
मई उसके एक बूब को चूस रहा था और दूसरे बूब को अपने हाथ से मसल रहा था. वो भी आँखों को बंद करके मेरे साथ परम आनंद ले रही थी. फिर मई उसके होंठो को चूसने लगा और एक हाथ उसकी छूट मे डालने लगा.
मई उसकी झांतो को नोचने लगा और वो भी मेरा साथ बराबर दे रही थी. अब मैने देर ना करते हुए उसको नीचे बिताया और लंड उसके मूह मे दे दिया और वो बिना कुछ कहे मेरा लंड चूसने लगी.
लंड उसके मूह मे पूरा जेया नही रहा था, और अगर जाता, तो वो पक्का उल्टी कर देती. वो बड़े प्यार से मेरा लंड चूस रही थी और बाते भी कर रही थी. वो कह रही थी-
पूर्ति: आज मैने पहली बार किसी का लंड चूसा है.
उसने ऐसे मेरा लंड चूसा, की मैने अपना पानी उसके मूह मे ही निकाल दिया और उसको पीला दिया. फिर मैने उसी के मूह से अपना लंड सॉफ भी कराया. अब छूट चूसने की बारी मेरी थी. मैने उसकी छूट चाटनी शुरू कर दी. वो मुझे माना कर रही थी, फिर भी मई लगा रहा और उसकी सिसकिया निकालने लगी. वो कह रही थी-
पूर्ति: फाड़ डालो मेरी छूट को और खा जाओ आहह.. आहह.. खा जाओ मेरी छूट को. फाड़ दो इसको.
साथ मे वो गालिया भी बक रही थी. फिर ऐसे ही थोड़ी देर बाद वो झाड़ गयी. अब मेरा लंड फिर खड़ा हो गया था, तो मैने उसको लिटा दिया और उसके पैरो को तोड़ा चौड़ा कर दिया. फिर मैने उसकी छूट मे तोड़ा थूक लगाया और अपना लोहे जैसा लंड छूट के मूह पे रख दिया.
मई जैसे ही लंड तोड़ा अंदर करने लगा, तो उसके मूह से आहह की आवाज़ निकली और जब पूरा अंदर डाल दिया, तो लंड तो अटक गया छूट मे. वो चीखे मारने लगी और बोली-
पूर्ति: आ.. तोड़ा रूको, दर्द हो रहा है. तुम्हारा मेरे पति से बड़ा है. आराम से करो.
फिर मई तोड़ा रुका और लंड को अंदर ही रहने दिया और उसको किस करने लगा. मई उसकी चूचिया दबाने लगा और लंड अंदर-बाहर करने लगा. अब उसको तोड़ा आराम मिल गया था और अब उसको भी मज़ा आने लगा था. फिर मैने अपनी स्पीड बढ़ा दी और पुर रूम मे पूछ पूछ की आवाज़े आने लगी. अब वो कहने लगी-
पूर्ति: हा आहह.. और ज़ोर से डालो आअहह.
वो साथ मे रंडी की तरह गालिया देने लगी. वो बोल रही थी-
पूर्ति: छोड़ कुत्ते, और घुसा दे अंदर बेहन के लोड.
ये सब सुन कर मुझे भी और जोश आने लगा और मैने अपनी स्पीड और बढ़ा दी. अब वो अपनी गांद उठा कर मेरा साथ देने लगी और आवाज़े बी निकालती रही. उसके मूह से आ उउईइ हहुउ जैसी आवाज़े आ रही थी. फिर करीब 30 मिनिट बाद मैने उसकी छूट को पूरा फाड़ दिया.
उसके बाद मैने अपना सारा पानी उसकी छूट मे गिरा दिया और काफ़ी देर तक हम एक-दूसरे के उपर पड़े रहे. फिर ऐसे ही हम बाते करते रहे और एक-दूसरे को किस करते रहे. इससे मेरा लंड फिरसे खड़ा होने लगा, तो मैने सोचा, की अब उसकी गांद मारी जाए.
मुझे लगा, की पता नही अब कब वो आए, तो मैने उसको गांद के लिए पूछा. पहले तो वो माना करने लगी, लेकिन फिर मान गयी. मैने तभी उसको घोड़ी बनाया और पीछे से लंड डाला. गांद टाइट थी, तो तोड़ा थूक लगाया.
फिर जैसे ही मैने लंड डाला, तो उसकी जान सी निकल गयी. काफ़ी टाइट थी गांद उसकी और उसके मूह से भयानक आवाज़े आने लगी. ऐसा लग रहा था मानो वो मरने वाली थी. थोड़ी देर बाद, वो नॉर्मल हो गयी और मज़े से चूड़ने लगी.
पूर्ति: आआहह.. और घुसाओ. फाडो गांद मेरी और डालो.
फिर मैने भी अपनी स्पीड बढ़ा दी और थोड़ी देर मे मैने अपना पानी छोढ़ दिया. ऐसे ही मई फिर उसकी बाहो मे पड़ा रहा और फिर मैने उसके साथ सेल्फिे ली. मैने उसकी चुदाई की याद मे उसकी पनटी रख ली और उसको ऐसे ही जाने को कहा.
तो फ्रेंड्स कैसी लगी आपको मेरी ये कहानी, मुझे मैल या मेसेज करके ज़रूर बताना. मेरी मैल ईद मैने उपर दी हुई है.
और हा, कानपुर और कही की भी भाभी, आंटी, या लड़की को मुझसे चुदाई करवानी हो, तो मुझे मैल करना.
और फीमेल्स तो मुझे ज़रूर ही मैल करे. तो फ्रेंड्स मिलते है दोबारा, किसी दूसरी स्टोरी के साथ. तब तक के लिए नमस्कार.