ही फ्रेंड्स मैं 36 साल की ज़ुलु हू, मैं एक प्राइवेट जॉब करके अपना खरचा चलती हू. मैं वेल एजुकेटेड स्मार्ट हू, और मेरी हाइट 5″5 है.
मैं लंबी गोरी सनडर काया कलाप की सावनिनी हू. मेरे बड़े बड़े मगर एक दम केसे हुए बोल गोल गोल उभरी हुई गांद के साथ मेरी मटकती हुई हिरनी सी चल है.
मुझे देख कर जवान और बूढ़े सभी अपनी मस्त आहें भरते है, जिसका अंदाज़ा मुझे पर आचे आचे मस्त कॉमेंट पास होने से लगता है.
कोई मुझे बीजूरिया तो कोई मुझे कटारी कहता है, कोई कहता है की क्या मस्त गांद है तेरी, तो कोई मुझे देख कर आहें भरता है. अपने बारे मे ऐसी बातें सुन कर मुझे चूड़ने का मान होता है.
ऐसे भी मैं क्या बोलूं, बिना चुडवाए मैं ज़्यादा दिन नही रह पति हू. अब मैं अपनी कहानी पर आती हू, करोना संकट के कारण मेरी सॅलरी नही आ रही थी.
इसलिए मैने बचो को तूतिओं देने का प्लान बनाया, मुझे तूतिओं के लिए बचे मिल गये. मुझे अपने घर के पास एक बिज़्नेस मान राम बाबू के यहाँ तूतिओं का पॉइंटमेंट मिला.
राम बाबू के टीन बचे है, दो लड़की और एक लड़का. लड़का सब से बड़ा है और वो कॉलेज मे पढ़ रहा है. उनकी दोनो बचयिया एक ** और दूसरी ** मे पढ़ रही थी.
मैं पढ़ने के लिए उनके यहाँ रोज जाने लग गयी, मेरा टाइम 6 बजे से 8 बजे तक था. एक दिन की बात है, जब मैं राम बाबू के घर पहुचि तो उनके बड़े लड़के आसू ने दरवाजा खोला.
मैं रोज की तरह अंदर गयी, पर उस दिन आस्यू के एलवा व्हन कोई भी नही था.
मैं – बाकी सब कहा है?
आशु – आज सभी लोग एमेर्गेनी मे मेरे नाना के यहाँ चले गये है.
फिर मैं जब जाने वाली थी, तो वो बोला – रूको मेडम छाई पी कर जाना.
तो मैं सोफे पर बैठ गयी, और आशु छाई ले कर आया और एक दम से मुझसे सात कर बैठ गया. अब वो छाई की चुस्की के साथ वो बोली – मुझे तुम बहोट अची लगती हो.
मैं मान ही मान मुस्कुरा दी, अब आसू की हिम्मत मेरे मुस्कुराने से और बढ़ गयी. उसने अपने हाथ मे मेरा हाथ लेते हुए, मुझसे और ज़्यादा सात गया.
अब उसने मेरा सिर पकड़ा और अपने होंठ मेरे होंठो पर लगा दिए, मैं भी करीब एक महीने से छुड़वा नही करवाई थी. तो मैने सोचा चलो मैं छुड़वा लेआतई हू.
उपेर से वो एक वर्जिन लड़का है तो मज़ा आ जाएगा, इसलिए मैं आसू को रेस्पॉन्स देने लग गयी. आसू लगातार मेरे होंठो को चूस रहा था, मेरे गुलाबी होंठो का वो रस्स चूस रहा था.
अब वो अपने हाथो से मेरे बूब्स को मसालने लग गया, मैं मस्ती मे मस्त होती जा रही थी. मेरे बूब्स को सहलते हुए आसू मेरा ब्लाउस उतरने लग गया.
मैने आसू का साथ देते हुए अपना ब्लाउस और पेटीकोआट खुद ही उतरने लग गयी. मेरे गोरे जिस्म को देख कर आसू मानो पागल ही हो गया था.
वो मेरे होंठो को चूस कर अब मेरे बूब्स पर आ गया था, अब वो एक हाथ से मेरे बूब्स को मसल रहा और एक को मूह मे दल कर चूस रहा था.
मैं अभी अब आसू के लंड को पाजामे के उपेर से पकड़ रही थी. उसका लंड एक फौलाद की तरह सखत हो चुका था. मैने एक झटके मे पाजामे को उतार दिया, आसू का बड़ा मोटा लंड मेरी आखों के सामने फुफ्करने लग गया.
मैने उसके लंड को हाथो मे लिया और लंड को हाथो मे लेकर मैं उसे प्यार करने लग गयी. अभी मैं करीब 1 मिनिट ही लंड से कहली थी, की उसके लंड का पानी मेरे हाथो मे ही निकल गया.
मैं साँझ गयी की आसू को पहली बार एक नारी के जिस्म का टच मिल रहा है. मई मस्ती से भर गयी थी, और आसू के लंड को मैं अपने हाथो से मसाज दे रही थी.
मैं तो हर तरह के लंड से चुदाई कवरा चुकी थी. और अब एक वर्जिन लंड को फिर से त्यआर करना मेरे लिए कोंसि बड़ी बात थी. आसू का लंड एक मिनिट मे ही फिर से खड़ा गया.
अब आसू मेरे जिस्म को चूमते छाते हुए मेरी छूट पर आ चुका था. वो मेरी छूट को छत रहा था, और अपनी जीब को अंदर दल कर मेरी छूट के दाने पर अपनी जाब फिरा रहा था.
छूट के दाने पर जीब का एहसास मैं आपको वर्ड्स मे नही बीटीये स्काती हू. मैं अपनी सभी छूट वाली फ्रेंड्स को कहूँगी, की आप ये एहसास अपनी छूट चटवा कर ही ले.
मैं अब देर बिल्कुल भी नही चाहती थी, इसलिए मैने आसू का लंड हाथ मे ले लिया. अब मैं ल्ट गयी और उसके लंड को अपनी छूट पर रगड़ने लग गयी.
आसू मस्तु मे फुदाक रहा था, वो बार बार लंड का दबाव बढ़ा रहा था. मैने लंड को छूट के मूह पर र्खा और आसू की गांद पर मैने थपकी मारी.
आसू ने तभी जोरदार ढाका मारा और अपना पूरा लंड मेरी छूट मे उतार दिया. आसू अपना लंड बाहर करके मेरी चुदाई कर रहा था, मैं मस्ती मे आ अहः करके छुड़वा रही थी.
पर ये क्या अभी मेरी छूट की प्यासी भुजी भी थी, की तभी आसू के लंड से पानी की बरसात होने लग गयी. मुझे थोड़ी निराशा हुई पर मैने हर नही मानी.
मैने आसू की गांद को अपने हाथो से कस्स लिया और उसके लंड को अंदर दबा दिया. इससे उसका लंड बाहर नही आया, और थोड़ी देर बाद मेरी छूट मे हलचल होने लग गयी.
मेरी कोशिश कामयाब हो गयी, और उसका लंड फिर से खड़ा हो गया. जिसका एहसास मुझे अपनी छूट मे मिल रहा था, अब आसू फिर से छोड़ने के लिए मुझे तैयार हो चुका था.
मैने आसू की गांद पर तपद मारा और उसने ढके मरने शुरू कर दिए. मैं भी अपनी गांद उछाल उछाल कर उसका साथ दे रही थी, करीब आधे घंटे की धुवा दर चुदाई के बाद मेरा बदन अकड़ने लग गया.
मैं आसू को कस्स कर पकड़े हुई थी, मानो आसू को मैं अपने अंदर सामने वाली थी. तभी मेरी छूट से रस्स टपकने लग गया, आसू का लंड फिर से एक बार अपनी पिचकारी मेरी छूट मे छ्चोड़ने लग गया.
अब मेरी छूट और उसके लंड का रस्स एक साथ निकालने लग गया. उस रात हम दोनो एक मिनिट के लिए नही सोए, आसू ने मुझे पूरी रात जाम कर छोड़ा.
मैं भी उससे मज़े से चुड्ती रही, दोस्तो आपको मेरी ये मस्त चुदाई की अनोखो कहानी केसी लगी. प्लीज़ मुझे अपना फीडबॅक मेरी एमाइल ईद, या कॉमेंट बॉक्स मे ज़रूर दे.