हेलो गाइस, मेरा नाम अरबाब है और आज में अपनी लाइफ का ऐसा एक्सपीरियेन्स बताने जा रा हूँ जिसने मेरी लाइफ चेंज करदी. में 24 साल का हूँ और आज की स्टोरी काफ़ी साल पुरानी है. इस कहानी क मैं कॅरक्टर में खुद और मेरे मामू जी हैं. में हमेशा से ही तोरा चब्बी लरका था मोटी गांद और छोटे बूब्स. मेरे मामू 6फ्ट 3 इंच क थे फिट बॉडी थी उनकी क्यूंके जवानी में बॉडी बिल्डर थे. उनकी आगे अब 53 यियर्ज़ थी. जिस्म बोहट हेरी.
अब कहानी उस टाइम की है क जब मुझे सेक्स वगेरा का कुछ नही टा था. ऐक दिन में मामू क फोन पे गेम्स खेल रा था. मामू सो र्हे थे और घर पे उस वक़्त कोई नही था. में ग़मे खेलने क बाद उनके गॅलरी और फोल्डर्स देखने लगा. मेरी तब नज़र उनके फोन में गे पॉर्न पे पारी. ये आपको बीटीये डून इससे पहले मेने किसी लर्की तो क्या किसी लरके को भी नंगा नही देखा था. और आज मेरे सामने लरके ऐक दोसरे की गांद में लंड डाल र्हे थे.
पहले तो में उनके बारे लंड देख क हैरान हुआ फिर उनको किस्सिंग सकिंग और चुदाई करते देख क मेरे लंड में भी हुलचूल होने लगी. देखते देखते मेरी मूठ निकल गयी और मुझे बोहट थकावट हुई. फोन रख क में काप्राय चेंज करने चला गया लेकिन उस दिन क बाद जब कभी मोक़ा मिलता तो मामू का फोन गेम्स क बहाने लेता था और गे पॉर्न देखता था. मामू क फोन में भरा भी सिर्फ़ गे पॉर्न ही था और इस लिए आहिस्ता आहिस्ता मेरे दिमघ में आगेया क लारकों क बीच ये सब नॉर्मल है.
कुछ टाइम ऐसे गुज़र गया और मेरे अंदर भी गे फीलिंग्स आने लगी. फिर ऐक दोस्त से बात की तो उसने समझाया क गे होना इस सोसाइटी में कितना मसले वाला है. लेकिन तब तक दायर होगआई थी में अपने आप को गे समाज बेता था हाँ मेने किसी को बताया नही. फिर अपना लॅपटॉप खरीदा तो खुद ही अपने रूम में पॉर्न देख लेता था. लेकिन मुझे नॉर्मल पॉर्न में बिल्कुल मज़ा नही आता था बस गे पॉर्न में मज़ा आता था. आहिस्ता आहिस्ता मेने गांद में आयिल लगाके फिंगरिंग भी शुरू करदी. फिंगरिंग से में ब्रश तक गया. और डेली रात को में गांद में ब्रश दल कर अपने आप को फारिघ् करता था.
आख़िर फिर गांद में ब्रश लेना भी मेरे लिए काफ़ी नही था. में असली लंड ट्राइ करना चाहता था. लेकिन में डरता बोहट था क अगर पकरा गया तो घर वेल मार देंगे. ऐक दिन मेरा माइंड मामू की तरफ गया जिनके फोन से मुझे गे पॉर्न मिला. मुझे फिर मामू पे भी शक होने लगा शायद वो गे हों. क्यूंके उनकी दो शादियाँ टूट चुक्की थी.
मेने मामू को सिड्यूस करने क लिए सोचा. मुझे यक़ीन था मेरे जिस्म पे मामू ज़रूर फिदा होंगे. पहले तो मेने मामू क साथ टाइम ज़्यादा स्पेंड करना शुरू कार्डिया. में अक्सर उनकी बॉडी की तारीफ करता था. उनके सामने अक्सर टाइट शॉर्ट्स वगेरा पहंके बेता होता था और वो मेरी मोटी गांद को घूर र्हे होते थे. आहिस्ता आहिस्ता वो भी फ्रेंड्ली होते गये और मेरी थाइस पे हाथ रखते थे. वो भी कुछ करना चाहते लेकिन घर में हम पाकरे जा सकते थे.
ऐक दिन मामू और में उनके रूम में बेते क्रिकेट देख र्हे थे. मामू मेरी गोरी गोरी स्मूद टाँगें घूर र्हे थे. मामू ने आख़िर पूछा मुझसे अगर में उनके साथ फार्महाउस जाना चाहूँगा. में जल्दी से हाँ करदी. कुछ दिन बाद में और मामू उनके दोस्त क फार्महाउस निकल गये. हम 3 दिन वहीं रुकने वेल थे. मुझे तो लगा क शायद वहाँ और लोग भी हों लेकिन मामू और सिर्फ़ में थे.
हम रात को पोंचे और मामू ने मुझे फार्महाउस दिखाया और फिर हम डिन्नर करने करीब किसी होटेल गये. वापस आए और सोने का टाइम हुआ.
मामू: सोने का टाइम होगआया है तुम दोसरे रूम में सोजाना
मे: लेकिन मामू मुझे दर लगता है
मामू; इतने बारे होगआय हो अब भी दर
मे: नयी जगा है ना
मामू: अछा मेरे साथ सो जाओ लेकिन ऐक बात ब्ताओं में काप्राय उतरके सोता हूँ तुम्हे मसला तो नही होगा ना
मे: न्ही मामू वेसए भी दोनो मर्द ही हैं
मामू: हहा हाँ सही बात है
हम फिर रूम गये और मामू नहाने चले गये. थोरी देर बाद वो बातरूम से बाहर आए तो बिल्कुल नंगे. क्या फिट बॉडी थी उनकी हालांके उन्होने बॉडी बिल्डिंग सालों पहले चोरी थी. लेकिन सबसे कमाल की चीज़ उनकी टाँगों क बीच में 8 इंच का लंड था. मेरा लंड तो 6 इंच का था. मेरी नज़र उनके जिस्म से हट ही नही र्ही थी. में तो लेट गया और मामू भी साथ लेट गये.
मे: मामू आज बोहट गर्मी है और यहाँ एसी भी नही
मामू: तो मेरी तरहा काप्राय उतार क सो जाओ ना
यही मोक़ा था और शायद मामू भी यही मोक़ा ढूँढ र्हे थे. में उठा और शर्ट उतरी पहले फिर अपनी चड्डी उत्ारदी. मेरी स्मूद मोटी गांद देख क मामू की आँखें खुली रह गयी.
मामू: वाह रे क्या जिस्म है तेरा
मे: मामू आप भी अछा मज़ाक करते हो
मामू: अरे सच में बोहट प्यारा जिस्म है
मे: ऐसा क्या है मेरे जिस्म में
मामू: सच ब्ताओं बुरा नही मनोगे
मे: नही मामू
मामू: तुम्हारा जिस्म बना ही मर्द को खुश करने क लिए
मे: अछा
मेने ज़्यादा बात नही की बस अपनी गांद मामू की तरफ करके सोने लगा. मामू मेरी गांद देख क अपना लंड हिला र्हे थे. में सोने का नाटक करने लगा और थोरी देर बाद मामू ने मेरी गांद पे अपना हाथ रखा. मेरा लंड भी टाइट होगआया था. मामू ने काफ़ी देर तक मेरी गांद पे हाथ घुमाया लेकिन फिर उन्होने हटा दिया. मेरे अंदर इतनी हिमत नही थी क उनको बोलूं क मेरी गांद मरो. मेरी फिर आँख लग गयी और में सो गया.
मुझे नही टा क्या टाइम होरहा था लेकिन मेरी आँख खुली क्यूंके मुझे दर्द महसूस हुआ. मेने आँखें खोलके देखा तो मामू मेरे साथ चिपक क लेते हुए हैं और उनका लंड मेरी गांद में घुसा हुआ है. मुझे ज़्यादा दर्द नही होरहा था लेकिन दर्द हो ज़रूर रा था. अब होता भी क्यूँ नही उनका लंड जो इतना बरा था. मामू ने आधा लंड घुसाया हुआ था. मामू मेरे उठने की वजा से रुक गये लेकिन जब मेने उनका रोका या टोका नही तो फिर मामू ने मेरी वेस्ट पे हाथ रखा और आहिस्ता आहिस्ता लंड अंदर घुसते गये. मामू का पूरा लंड अंदर था और मुझे पायट तक फील होरहा था.
मामू को भी आइडिया होगआया क में भी यही चाहता हूँ. मामू ने आहिस्ता अहस्ता आगे पीछे होरहे थे. शुरू शुरू में मुझे दर्द होरहा था. लेकिन 10 मिन्स क बाद मुझे भी मज़ा आने लगा. मामू ने भी स्पीड बारहाना शुरू करदी. मुझसे भी कंट्रोल नही हुआ और मुँह से मोन की आवाज़ निकली.
मामू: मज़ा अरहा है
मे: म्महम्म बोहट
मामू ने मेरी टाँगें उठा दी और ज़ोर ज़ोर से चुदाई शुरू करदी. उनके हार्ड और फास्ट झटके मुझे इतना मज़ा दे र्हे थे क में फारिघ् होगआया. मामू भी जोश में आगाए और मेरे निपल चूसने लगे और छोड़ने लगे. आख़िर फिर मामू ने ऐक ज़ोरदार झटका दिया और पूरा लंड अंदर डालके अपना माल चोर्दिया. उनका गरमा गरम माल मेरी गांद में भर गया था. में भी तक चुका था और मामू भी. मामू मेरे साथ चिपक क लेट गये ुआर मुझे 10 मिन्स तक किस काइया और फिर हम सो गये.
सुबह मेरी आँख खुली तो मामू सो र्हे थे लेकिन उनका लंड जाग रा था. मेने उनका लंड पकरा और जंगली जानवर की तरहा चाटने लगा. फिर मेने उनका लंड मुँह में लिया और चूसने लगा. उनका लंड बोहट बरा था और मेरे मुँह में फिट ही नही होरहा था. लेकिन काफ़ी देर तक चूसा मेने. फिर में उनके उपर आया और लंड को होल पे सेट काइया और आहिस्ता आहिस्ता बेत्ने लगा. इतने में मामू भी उठा गये थे और उनका पहला नज़ारा उनका प्यारा भांजा उनके लंड की सवारी करते था.
मामू: इतना पसंद आगेया क्या तुझे मेरा लंड
मे: एमेम… बोहट… एमेम.. अछा.. है..
मामू: तुझे तो में अपनी बीवी बनाओंगा
मे: प्ल्स.. मुझे… रंडी बनडो आप
मामू: हाहाहा वो भी बनाओंगा
मेने काफ़ी देर मामू क लंड की सवारी की. फिर मुझे उठा क फेंका मामू ने और मेरे उपर छरह गये. मेरी बोहट हार्ड चुदाई की और मेरी गांद में अपना माल निकल दिया. उसके बाद तो बस मेने और मामू ने उन दो दिनों में इतनी चुदाई की क में क्या बताओं. हम दोनो फार्महाउस में नंगे ही होते थे. मामू फिर मुझे हर वीकेंड फार्महाउस लेजते थे और छोड़ते थे. मामू से छुड़वाने क बाद मेने उनसे गंगबांग की फरमाइश की और उन्होने अपने दोस्तों से भी चुडवाया. में पक्का गन्दू बन गया और मामू ने भी कोई कसर नही चोरी मुझे रंडी बना दिया.