ही फ्रेंड्स, मेरा नाम जेम्ज़ है, और मैं 21 साल का कॉलेज स्टूडेंट हू. मेरी हाइट 5’11” है, और लंड 6.5 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है. मेरा रंग गोरा है, और पर्सनॅलिटी सॉलिड है. मैं बंगलोरे का रहने वाला हू. ये कहानी पिछले साल क्रिस्मस की है. तो चलिए बिना टाइम वेस्ट किए कहानी पर आता हू.
क्रिस्मस का दिन था, और मैं दोस्तों के साथ टाइम पास करने के लिए माल गया था. थोड़ी देर घूमने के बाद मुझे एक बहुत सेक्सी आंटी दिखाई दी. उसने मरून कलर की लोंग ओनेपीएसए ड्रेस पहनी थी, और वो अपने हज़्बेंड के साथ आई थी.
आंटी का रंग गोरा था, और फिगर बहुत मस्त था. उसका साइज़ तकरीबन 36-30-38 होगा. और उसकी ड्रेस उपर से नीचे पूरी फिटिंग वाली थी, जिसमे से उसकी बॉडी के हर एक पार्ट की शेप सॉफ दिख रही थी. मैं तो पहली नज़र में आंटी का दीवाना हो गया.
फिर मैं अपने दोस्तों से अलग हुआ, और जिस साइड पर वो दोनो जेया रहे थे उधर ही जाने लगा. मैं उनके पीछे था, लेकिन ज़्यादा डोर नही था. मुझे उनकी बातों की आवाज़े सुनाई दे रही थी. आंटी का हज़्बेंड उनको किसी बात पर दाँत रहा था.
तभी अचानक से उनका हज़्बेंड पीछे मुड़ा, और उसने मेरी तरफ देखा. मैं दर्र गया की कही उसको पता तो नही लग गया मैं उनका पीछा कर रहा था. लेकिन ऐसा नही था. वो वापस जेया रहा था, और मेरे पास से निकल गया.
फिर आंटी एक साइड पर जाके रेलिंग पर हाथ रख कर खड़ी हो गयी. मैने देखा की उसकी आँखों से आँसू बह रहे थे. मैं समझ गया वो बेहन का लोड्ा उसका हज़्बेंड ही कुछ बोल कर गया होगा.
मैं एक जॉली किसाम का बंदा हू, और मुझे अगर किसी को कुछ बोलना होता है, तो मैं झट से बोल देता हू. उस दिन भी ऐसा ही हुआ. मैने उसी वक़्त अपनी जेब से रुमाल निकाला, और आंटी के पास जाके बोला-
मैं: ये लीजिए, आँसू पोंछ लीजिए.
वो अचानक मेरे ऐसे बोलने से हैरान हो गयी. फिर मैने बोला-
मैं: ले लीजिए, घबराईए मत. मुझे आपकी बातें सुन गयी थी.
आंटी (हॅंकी पकड़ते हुए): दूसरो की बातें सुनना अची बात नही है.
मैं: हा नही है. लेकिन दूसरो से दोस्ती करने का इरादा हो तो थोड़ी इन्फर्मेशन चाहिए होती है.
आंटी: दोस्ती? तुम अभी बच्चे हो, अपनी उमर के लड़कों के साथ दोस्ती करो. और इन्फर्मेशन से क्या मतलब तुम्हारा?
मैं: देखिए मैं पूरी बात बताता हू. मैं दोस्तों के साथ माल घूमने आया था. तभी मेरी नज़र आप पर पड़ी. आप इतनी हॉट है, की मैं आपको इग्नोर नही कर सका.
मैं: फिर मैं आपके पीछे चलने लगा. आपके हज़्बेंड आप से लड़ रहे थे. और फिर वो चले गये, और आप रोने लग गयी. पता नही इतनी खूबसूरत बीवी के साथ कोई कैसे लग सकता है?
मेरी बात सुन कर आंटी हस्स पड़ी और बोली: तुम पागल हो क्या?
मैं: नही मैं बिल्कुल ठीक हू, पर्फेक्ट कंडीशन.
आंटी: ऐसे सारी बात सच कों बताता है? तुम्हे मैं हॉट लगती हू, और इसलिए तुम मेरे पीछे आए. मतलब तुम चाहते हो की मैं तुम्हारी दोस्त बनू, और तुम्हारे साथ वो करू जो मैं अपने हज़्बेंड के साथ करती हू.
मैं: सीधी बात बताने से टाइम बचता है. और हा, मैं आपके साथ सेक्स करना चाहता हू. मज़ा आएगा आपको भी इसकी गॅरेंटी है.
आंटी ज़ोर से हस्सी, और बोली: चलो मेरे साथ.
और वो मेरा हाथ पकड़ कर मुझे लॅडीस वॉशरूम तक ले गयी. वाहा जाके वो बोली-
आंटी: यही रूको.
मैं: ये तो लॅडीस वॉशरूम है.
आंटी: रूको बोला ना.
फिर वो अंदर गयी, और मैं बाहर वेट करने लगा. उनके अंदर जाने के बाद 2 लॅडीस बाहर आई. उन्होने मुझे अजीब तरीके से देखा जैसे मैने कोई क्राइम किया था वाहा खड़े होके. फिर आंटी आई, और मेरा हाथ पकड़ कर बोली-
आंटी: जल्दी चलो.
और वो मुझे वॉशरूम के अंदर ले गयी. वाहा पर कोई नही था. फिर वो मुझे टाय्लेट कॅबिन में ले गयी. मैं समझ चुका था की क्या होने वाला था. अंदर जाते ही आंटी ने मुझे अपनी बाहों में भरा, और अपने होंठ मेरे होंठो से चिपका दिए. हम दोनो वाइल्ड किस कर रहे थे.
आंटी मेरा सर सहला रही थी, और मैं उनकी गांद दबा रहा था. फिर आंटी ने अपनी ड्रेस को शोल्डर्स से नीचे किया, और बाजू निकाल कर ड्रेस पेट पर कर दी. ड्रेस बहुत फ्लेक्सिबल थी उनकी. उसके बाद उन्होने अपनी ब्रा खोली, और उनके सुंदर बूब्स बाहर आ गये.
मैने अपना मूह उनके बूब्स में डाल दिया, और दोनो बूब्स को एक-एक करके चूसने लगा. वो मेरे सर को अपने बूब्स में दबा रही थी. बहुत मज़ा आ रहा था. उनके मूह से धीमी-धीमी आहह आ की सिसकियाँ निकल रही थी.
कुछ देर बूब्स चूसने के बाद उन्होने मेरे सर के उपर हाथ रख कर मुझे नीचे पुश किया. मैं नीचे बैठ गया. फिर उन्होने अपनी ड्रेस नीचे से उठाई, और कमर तक कर ली. अब मेरे सामने उनकी सेक्सी जांघें, और पिंक पनटी थी.
फिर उन्होने अपनी पनटी नीचे गिरा दी, और मेरे सर पर हाथ रख कर अपनी छूट पर लगा दिया. उनकी ज़बरदस्त खुसबु वाली छूट को मैं कुत्ते की तरह चाटने-चूसने लगा, और वो गांद हिला-हिला कर मज़ा ले रही थी.
कुछ देर बाद उन्होने मुझे खड़ा किया, और लंड निकालने को कहा. मैने झट से पंत और अंडरवेर नीचे करके अपना लंड निकाल लिया. इस बार वो नीचे बैठी, और मेरा लंड चूस कर गीला कर दिया. लंड गीला करने के बाद वो वापस खड़ी हो गयी.
फिर उसने अपना मूह दूसरी साइड किया, और एक टाँग टाय्लेट सीट पर रख कर इशारा किया. मैने एक हाथ उनकी कमर पर रखा, और दूसरे से अपना लंड उनकी छूट पर सेट करने लगा. जैसे ही लंड छूट के मूह पर टीका, मैने पूरा लंड उनकी छूट में घुसा दिया.
उनकी आ निकली, और हमारी चुदाई शुरू हो गयी. बड़ा मज़ा आ रहा था. मैं उनकी मोटी गांद पकड़ कर घपा-घाप धक्के दिए जेया रहा था. ठप-ठप की आवाज़ आ रही थी, और आ आ की भी. उनकी छूट का पानी मेरे लंड से होके बह रहा था.
15 मिनिट ऐसे ही उनको छोड़ने के बाद मेरा होने वाला था. मैं रुका नही और उनकी छूट में ही अपना माल निकाल दिया. फिर लंड बाहर निकाला, तो माल नीचे बह रहा था उनकी छूट से. फिर हमने कपड़े सेट किए, और उन्होने बाहर जाके चेक किया की कोई वाहा था तो नही. उसके बाद मैं भी बाहर आ गया. फिर वो चली गयी और मुझे दोबारा नही मिली.
तो ये थी दोस्तों मेरी कहानी. अगर आपको मज़ा आया हो, तो इसको शेर ज़रूर करे.