तो कैसे हो दोस्तों आप सभी? मैं सचिन आपके लिए लाया हू एक और स्टोरी. तो चलिए बढ़ते है आयेज. मेरे बारे में तो आप जानते ही है. तो जब मैने बाहर एक कॉलेज में अड्मिशन लिया, तो मैं हॉस्टिल से परेशन हो गया. फिर मैने बाहर एक रूम ले लिया, जिसमे उपर मेरा रूम था, और नीचे एक फॅमिली रहती थी.
उसमे एक प्रिया नाम की आंटी रहती थी. उनकी आगे करीब 40 की होगी. उनके कोई बेटा नही था. अंकल की डेत हो गयी थी. पर आंटी जॉब करती थी, तो उनका सही चल रहा था. बस 2 बेटियाँ थी उनकी. एक की आगे करीब 25 ( सरिता) होगी, तो दूसरी छ्होटी थी (तनीशा). मुझे तो वो दोनो ही हॉट लगती थी. पर आंटी के लिए मेरे मॅन में पहले कुछ नही था.
सरिता बड़ी थी, तो वो कॉलेज जाया करती थी, और तनीशा अभी जूनियर कॉलेज में थी. सरिता तो कभी-कभी ही घर में आती थी, तो मैं उससे ज़्यादा कॉंटॅक्ट में नही था. लेकिन धीरे-धीरे तनीशा से मेरी अची दोस्त हो गयी थी.
आंटी को भी कोई प्राब्लम नही थी, जब वो मेरे साथ आ कर हस्सी मज़ाक करती थी. मैं जब भी आता, आंटी कहती आज तोड़ा उस बेहन को पढ़ा भी देना. मैं तो तनीशा को छोड़ना चाहता था, पर आंटी ने मुझे इन्सेस्ट बना दिया.
एक दिन जब तनीशा कॉलेज गयी थी, तो आंटी उपर आई. और आ कर सॉफ सफाई करने लगी. मैं आपको उनके बारे में बता डू. वो बहुत सेक्सी औरत थी. उनके बूब्स टाइट थे, और लाजवाब गांद थी. वो एक ग़ज़ब की मिलफ थी.
जब वो सफाई कर रही थी, तो उनके सूट में से उनके बूब्स दिख रहे थे. मैं उन्हे देखता ही रहा. मेरे मूह में पानी आ गया. फिर तो मेरे मॅन में आंटी के लिए अलग फीलिंग्स आ गयी. मैं उनको सोच कर मूठ मारने लगा.
मैने सोचा की अब आंटी के करीब जाना होगा. तो मैं आंटी के साथ फ्रॅंक होने लगा. उनसे बात करता, तो वो मुझे प्यार से बेटा कहने लगी. मैं भी उन्हे मम्मी कह देता था, पर मुझे तो उन्हे छोड़ना था. मैं मम्मी बोलता हुआ उनकी फॅमिली का एक मेंबर सा ही बन गया था.
पर तनीशा से मेरा ध्यान हॅट सा गया था. मैने सोच लिया था पहले तो मम्मी को ही छोड़ूँगा. एक दिन मैं आंटी के पास बैठा था, तो वो पूछने लगी कॉलेज में कोई लड़की सेट की थी या नही. मैने माना किया तो वो हस्स कर बोली-
आंटी: तुमसे कुछ नही होगा.
मैने भी बोला: मैं तो बहुत कुछ कर सकता हू.
वो मुस्कुरा कर बोली: अपनी मम्मी के साथ क्या करोगे?,
मैने भी मौके को नही गवाया और पूच ही लिया: मों आपका मॅन तो करता होगा चूड़ने का?
ये सुनते ही वो गुस्से में बोली: क्या कह रहे हो?
मैने उनका हाथ पकड़ा और कहा: मैं हू ना, आपकी हर इक्चा पूरी करूँगा.
और उनको हग कर लिया. उन्होने मुझे हटाया और वाहा से चली गयी. मेरा दिमाग़ खराब हो गया की ये मैने क्या कर दिया. अब आयेज क्या करू. फिर मैं अपने रूम में आ गया. शाम को तनीशा रूम में आई और बोली-
तनीशा: आज मों को पता नही क्या हुआ है. वो साद है.
मुझे ये सुन कर बुरा लगा. फिर वो अपना काम करने लगी. मैं नीचे आया, तो मों किचन में थी. फिर मैं उनके पास गया और बोला-
मैं: सॉरी मम्मी, मुझे ऐसा नही बोलना चाहिए था.
वो उदास थी और बोली: कोई बात नही. तुमने सही कहा. मेरा बहुत मॅन करता है चूड़ने कम
फिर मम्मी जैसे ही मेरी तरफ घूमी, मैने अपने होंठ उनके होंठो से लगा दिए. वो भी अब ज़ोरो से किस करने लगी. मुझे बहुत मज़ा आने लगा उनके जुवैसी लिप्स चूस कर. फिर अचानक तनीशा आ गयी, और उसने हमे देख लिया. मों घबरा गयी.
उसने आ कर मुझे थप्पड़ मारा और मों की तरफ देखा. मों शरम से लाल हो गयी, और वाहा से चली गयी. मैं भी अपने रूम में चला गया.
सरिता उन दीनो बाहर रह रही थी. अब बस हम तीनो ही थे. अब तो पता नही क्या होने वाला था. मैं कुछ दीनो तक कॉलेज भी नही गया. अगले दिन तनीशा मेरे रूम में आई, और मुझसे आ कर बोली-
तनीशा: चलो मों ने बुलाया है.
मैं तो दर्र सा गया था. मैं जब नीचे गया तो देखा मों सोफे पर बैठी हुई थी. उन्होने एक निघट्य पहनी हुई थी, और थोड़ी उदास थी. मैं उनके पास जेया कर बैठा, और उनसे पूछा-
मैं: आप ठीक हो?
उन्होने हा में सर हिलाया. फिर तनीशा आ कर वाहा बैठ गयी और मुझसे बोली-
तनीशा: तुमको जो करना है मों के साथ वो करो. और मैं किसी को नही बतौँगी.
मैं हैरान हो गया की ये क्या हुआ. मैं मम्मी की तरफ देखने लगा.
उन्होने मुझसे कहा: हमने फैंसला कर लिया है, की अब से तुम ही हमारे सब कुछ हो.
मैने कहा: क्या मतलब?
तो वो बोली: तुम आज से मेरे बेटे भी हो, और मेरे पति भी, तुम ही अब हमारे लिए सब कुछ हो. सिर्फ़ मैं ही नही, मेरी दोनो बेटियाँ भी अब से तुम्हारी है. हम ज़्ब एक साथ खुश रहेंगे.
मैं तो बस पागल सा हो गया. पता नही मुझे कितनी खुशी हुई. मैने मम्मी को हग किया, और फिर तनीशा को. फिर तनीशा सोने चली गयी. मैं मों के साथ बैठ गया. मों बहुत खुश लग रही थी, पर उन्हे चिंता थी तो सरिता की.
मैने उनसे कहा: वो भी हम सोच लेंगे. पहले आप अपनी प्यास तो बुझाओ.
मों मेरे पास आई और किस करने लगी. हम एक-दूसरे को आचे से चूस रहे थे. फिर मैने उनकी निघट्य उतरी, और उनके बूब्स से खेलने लगा. उनके दूध बड़े थे. मैं उनके निपल्स काटने लगा, और वो आहह ऑश बेटा की सिसकियाँ लेने लगी.
फिर मैने उनको अपनी फॅंटेसी के बारे में बताया की मम्मी मुझे सॉक्स बहुत पसंद है, और उनको लीक करना. मों पहले तो शॉक हुई, की ये कैसी फॅंटेसी थी. फिर बाद में वो बोली-
आंटी: ये हम कल करेंगे.
और फिर मैं उनसे चिपक गया और किस करने लगा. पता ही नही चला मम्मी के पास कब नींद आ गयी, और मैं सो गया.
तो देखते है दोस्तों आयेज क्या होगा. अब अगली स्टोरी मैं जल्दी ही डालूँगा. स्टोरी कैसी लगी ज़रूर बताना