हेलो फ्रेंड्स ये कहानी है की टापू ने कैसे माधवी और सोनू को 1-1 कर के छोड़ने की.
तो जेथलाल, बापूजी और भिड़े तीनो कही घूमने गये हुए थे. दया ने सोनू और माधवी भाभी को रात के खाने के लिए इन्वाइट किया था. रात को 9 बजे वो गाड़ा हाउस मे आते है. माधवी ने ब्लॅक सारी पहेनी थी और सोनू ने ब्लू जीन्स पहेनी थी. उसमे सोनू की गांद बहुत बड़ी दिख रही थी.
दया – वेलकम माधवी भाभी, आओ सुनो बेटा.
टापू – आइए माधवी आंटी आंड सोनू.
माधवी – क्या टापू मई तुझे आंटी दिख रही हू क्या?
टापू – नही माधवी आंटी.
माधवी – फिर आंटी! जस्ट कॉल मे माधवी.
टापू – ठीक है माधवी वैसे आज आप बहुत हॉट लग रही हो.
दया – अरे अब बात ही करनी है की खाना भी खाना है.
फिर अब सब डिन्नर टेबल बैठ जाते है, दया ने सब को खाना दिया और सब ने खाना खा लिया.
दया – माधवी, सोनू आज आप दोनो यूही सो जाओ.
माधवी – ठीक है लेकिन हम दोनो सोएंगे कहा?
दया – मेरे रूम मे.
माधवी – और आप दोनो?
दया – टापू के रूम मे.
फिर सब सोने जाते है, माधवी और सोनू दया के रूम ही सो जाते है. दया ने रेड निघटि पहनी हुई थी, दया टापू के रूम मे जाती है. वाहा 1 ही सिंगल बेड था, टापू कहता है-
टापू – मुँमू आप यहा सो जाओ मई नीचे सो जाता हू.
दया – कोई बात नही हम बेड शेर करेंगे.
टापू को थोड़ी शरम आती है.
दया – अरे इतना क्या शर्मा रहा है, तेरी मा हू.
फिर दोनो एक ही बेड पे सो जाते है और एक ही ओढ़ा लेते है बड़ी छ्होटा था और जगह भी कम. ठीक इसलिए दया की गांद टापू के लंड पे टच हो रही थी.
टापू का लंड पूरा खड़ा हो जाता है और दया की गांद में टच होता है. टापू से कंट्रोल नही हो रहा था तो उसने दया की चुचियों को धीरे धीरे दबाया. दया टापू की तरफ घूम जाती है. टापू धीरे से उस की नाइटी खोलता है.
दया के बड़े बड़े संतरे थे, टापू धीरे धीरे चूस्ता है और टापू को पता नहीं चलता लेकिन दया फिर उठ जाती है और टापू को धक्का देती है और एक थप्पड़ मार्टी है. और कहती है : यह क्या कर रहा था अपनी मा के साथ! टापू दर जाता है और कहता है-
टापू – मम्मी सॉरी सॉरी सॉरी
दया – आने दे मेरे पापा को सब बतौँगी!
टापू – प्लीज़ मत बताना..
दया टापू के शॉर्ट्स की तरफ देखती है, उसका लंड शॉर्ट्स में भी बहुत बड़ा दिख रहा था.
दया – ठीक है नही बतौँगी लेकिन एक शर्त पे जो कर रहा था चालू रख.
टापू के खुशी का ठिकाना नही रहता. वो ज़ोर से दया को हग करता हुआ और किस करता है और पीछे से उसकी गांद खींच रहा था. दया भी किस करते-करते उसके लंड को सहला रही थी.
दो-तीन मिनिट्स किस करने के बाद दया ने टापू के शॉर्ट्स को खोला और धीरे से उसके लंड को अपने मूह में लेने लगी. उसका मूह बिल्कुल एक वॅक्यूम क्लीनर के जैसे काम कर रहा था.
फिर टापू ने दया के सर को बेड से लगाया और मूह में लंड लेने लगा. दया को सांस भी नही आ रही थी. थोड़ी देर बाद टापू उसके चेहरे पेर झढ़ गया. फिर दया ने अपनी निघट्य उतार दी.
टापू ने पहली बार किसी न्यूड लड़की को देखा है और वो भी अपनी मा को, दया बेड पेर लेट जाती है और कहती है-
दया – बेटा अब मेरी बारी.
टापू की छूट में उंगली करने लगता है.
दया – आआआहहहहसीिसीसीईय्ाआआहह
फिर टापू ने अपना 9 इंच दया की छूट में धीरे-धीरे घुसने लगा. दया तो जैसे पागल हो रही थी. टापू पहली बार छूट मार रहा था, टापू ने थोड़ी स्पीड बधाई.
दया – आआआआआआहााअहाआसीसीसीसिस छोड़ अपनी मा की चौत को छोड़ छोड़ सेयेल छोड़ आआआआाआआसीइसस्स…
फिर टापू दया की डॉगी स्टाइल छूट मारी और उसके बाल में ज़ोर ज़ोर से झटके दे रहा था. दया को पहली बार किसी ने ऐसा छोड़ा है. दया तो पूरे मूड में आ गयी थी. और ज़ोर ज़ोर से चिल्ला रही थी.
उसकी आवाज़ सुनकर माधवी और सोनू उठ जाते हैं. वो दोनों धीरे-धीरे टापू के रूम की तरफ बढ़ते हैं. धीरे से कमरे का गाते खोलते हैं तो देखते हैं टापू अपनी मा दया को पटक के छोड़ रहा था.
दोनो हैरान होकर उन्हें देख रहे थे. फिर सोनू ने अपना हाथ माधवी की छूट पे रब करने लगी. माधवी का तो चुदाई देख कर ही छुड़वाने का मॅन कर रहा था. वो भी सोनू की छूट में उंगली डालने लगी और किस करने लगी. दोनो एक दूसरे को किस कर रहे थे तभी दया और टापू की नज़र उन पर गयी.
दया – माधवी भाभी!
टापू – सोनू!
माधवी और सोनू दोनो के बराबर आ जाते हैं.
दया – कोई बात नही आप भी आ जाओ.
फिर दया ने सोनू के कपड़े खोले और उसके उपर चढ़ कर 69 पोज़िशन में उसकी छूट चाटने लगी. सोनू भी उसकी छूट चाट रही थी और टापू माधवी भाभी को पकड़ कर उनकी छूट में उंगली कर रहा था.
माधवी को बहुत मज़ा आ रहा था. लेकिन खबर आप ही रहेगी टापू को तो बिल्कुल शरम नही आ रही थी. वो तो पूरे मज़े में उंगली कर रहा था.
फिर उसने माधवी को पूरा नंगा कर दिया और उसके उपर धीरे से चढ़कर उसकी छूट में अपना 9 इंच का लंड घुसने लगा. उसकी छूट थोड़ी सी टाइट थी इसलिए जा नही रहा था. लगता है भिड़े ने उसकी ज़्यादा चुदाई नही की है. इसलिए वो यहँपुरे मज़े ले रही थी.
टापू ने माधवी को भी डॉगी स्टाइल में छोड़ना स्टार्ट कर दिया. और उससे उपर की तरफ उठा कर उसके दूध दबाने लगा. उसके दूध दया से भी बड़े थे और एकद्ूम गोरे गोरे थे.
उसके दूध तो एक हाथ में भी नही पकड़ हो रहे थे लेकिन छोड़ने में मज़ा बहुत आ रहा था.
माधवी – अहाआआआआआअहह हा बेटा हाा छोड़ो आंटी को छोड़ा बढ़िया शाबाश और अंदर और अंदर…
फिर टापू ने माधवी को घुमाया और उसकी छूट में लंड डाला और लिप्स में किस करने लगा. चुदाई करते करते उसने सारा माल माधवी की छूट में ही छ्चोड़ दिया.
माधवी ने पहली बार इतना सारा माल अपनी छूट में महसूस किया. अब माधवी तो जैसे बेहोश ही हो गयी थी. दूसरी तरफ दया सोनू की छूट चाट रही थी.
सोनू सिसकिया ले रही थी और टापू ने अपना लंड सोनू के मूह में घुसा दिया. अब सोनू की तो जैसे जान ही निकल गयी थी. टापू अपना पूरा का पूरा लंड अंदर घुसा दिया.
सोनू पीछे हटने लग गयी लेकिन टापू अपना लंड उसके मूह में ढकेले जा रहा था. फिर उसने लंड बाहर निकाला तो सोनू ख़ासने लगी. टापू ने दया को खिछा और लंड पे बिता दिया.
दया उच्छुल उच्छुल कर छुड़वा रही थी. दूसरी तरफ सोनू ने माधवी की छूट मे उंगली करने लगी. सोनू डॉगी स्टाइल मेी बेती थी और उसकी गांद और छूट सॉफ दिख रही थी.
टापू ने दया को साइड कर दिया और सोनू की छूट को चाटने लगा और उंगली करने लगा. सोनू की छूट एकद्ूम टाइट थी. फिर टापू ने अपना लंड सोनू की छूट मे घुसाया. उसकी छूट मे लंड घुस्स ही नही रूहा था लेकिन टापू ने एक ज़ोर से धक्का दिया तो पूरा लंड उसकी छूट मे घुस गया. सोनू की तो जान निकुल गयी..
सोनू – आआआआआआआआआआआआआअहहहहहहहहहहााअ
टापू ने छोड़ना चालू रखा फिर टापू ने दया को बुलाया और कहा की मम्मी मुझे इस रंडी की अब गांद मारनी है, सोनू ने नही सुना.
दया – थूक लगा और गुसा दे.
टापू ने सोनू की गांद मे थूक डाला और लंड घुसा दिया. सोनू चिल्लाने लग गयी और रोने लगी. कहने लगी नहीं नहीं वहाँ नहीं, मैने कभी उसे ट्राइ नहीं किया प्लीज़ नहीं निकल दो बहुत दर्द हो रहा है प्लीज़…
उसके चिल्लाने की आवाज़ सुनकर माधवी भी होश में आकर कहने लगी.. नहीं बेटा उसे छ्चोड़ दो.
टापू – छ्चोड़ दूँगा पहले छोड़ लू.
दया ने माधवी को पकड़ लिया और उसे किस करने लगी और उसकी छूट में उंगली घुसा दी. इधर टापू सोनू की गांद मारे जा रहा था और सोनू चिल्ला रही थी. लेकिन अब उसे भी मज़ा आने लगा था और वो मज़े में सिसकर्या भरने लगी. और कहने लगी, थॅंक योउ टापू मेरी वर्जिनिटी तोड़ने के लिए. कोई बात नहीं, टापू ने कहा.
10 मिनिट्स गांद की चुदाई करने के बाद टापू का पूरे अंदर तक लंड घुसने लगा और अंदर ही सारा माल छ्चोड़ दिया. फिर थोड़ी देर बाद फिर से सोनू को गोद में उठाया और उसकी गांद में लंड डाल कर उठा उठा कर छोड़ने लगा.
दूसरी तरफ से माधवी उसकी छूट चाटने लगी और पीछे से दया माधवी की गांद में उंगली करने लगी. फिर टापू ने सोनू को बेड पे पटक दिया और माधवी दया उसके उपर चढ़ गये.
तीनो की बड़ी-बड़ी गांद टापू के मूह के तरफ थी. घर से दो बेलन लेकर आया और दया और माधवी की गांद में घुसा दिया. और सोनू की गांद में अपना लंड दे दिया. तीनो चिल्ला रही थी और टापू पुर मज़े ले रहा था.
फिर उसने माधवी की गांद से बेलन निकाला और सोनू की गांद में घुसा दिया और माधवी की गांद छोड़ने लगा. फिर उसने दया की गांद से बेलन निकाला और माधवी की गांद में घुसा दिया और दया की गांद छोड़ने लगा.
ऐसे टीन चार बार उसने गांद बदल बदल कर छोड़ा और थोड़ी देर बाद उन तीनो के चेहरे पे सारा माल छ्चोड़ दिया. चुदाई करते करते सारी रात बीट गयी. चारों एक दूसरे से लिपट के सिंगल बेड पेर ही सो गये और अगले दिन एक दूसरे को किस करके सोनू और माधवी अपने घर चले गये.
थे एंड.