हैलो दोस्तों मेरा नाम अजय है, और आज मैं आपको खुद की कहानी बताने जा रहा हूँ। मेरे घर में मेरी मम्मी जिनका नाम इतिश्री है, और मैं रहता हूँ। मेरे मम्मी-पापा का तलाक हो चुका है। जिसके बाद वो मुझे लेकर दूसरे शहर आ गई।
दोस्तों मम्मी की शादी काफी कम उम्र में हो गइ थी, इसलिये वो अभी भी जवान और खूबसूरत है। उनका गोरा बदन और चेहरा, उभरे हुये बूब्स, और पतली कमर देख कर मोहल्ले के सारे लौंडे उन पर फिदा थे।अभी वो 42 साल की है।
बात उन दिनो की है जब मैं फर्स्ट ईयर में पढ़ता था। मम्मी के तलाक के दो साल पुरे हो चुके थे। इन दो सालों में वो काफी चिड़़चिड़ी हो गई थी, और बात-बात पे चिल्लाने लगती थी, और काफी उदास रहती थी। तलाक के बाद पैसे कमाने के लिये मम्मी ने प्राईवेट एजेंसी मे सिलाई-कढ़ाई का काम शुरू कर दिया।
इसी बीच मेरी परीक्षा शुरू हो गई। जिसमें मेरे बहुत कम अंक आये। टीचर ने मार्कशीट घर से साईन करवा के लाने को कहा। ये सुन कर मेरी डर से हालत खराब हो गई। मम्मी तो छोटी-छोटी बातो पर ही चिढ़ जाती थी। मार्कस देख कर तो मेरी जान ही ले लेंगी।
मैं घर पहुँचा तो घर की सफाई करके मम्मी को खुश करने के लिये खाना बना दिया। रात को सोने से पहले मैंने मम्मी को मार्कशीट दिखायी, जिसे देख कर उनका चेहरा गुस्से से लाल हो गया।
मम्मी बोली, “मैं पैसै कमाने के लिये इतनी मेहनत करती हूँ, ताकि तू पढ़ लिख कर कुछ बन सके। पर तुझे तो अपनी आवारा गर्दी से ही फुरसत नहीं। लोग तो मुझे ही दोष देंगे कि बाप छोड़ कर चला गया तो माँ ने बेटे को निकम्मा बना दिया।”
ये सुन कर मैं भी फट पड़ा, “मम्मी हर बात पे इतना गुस्सा क्यो करती हो? रेगुलर मार्कशीट ही तो है, कोई फाइनल रिजल्ट थोड़ी है। इसकी कोई वैल्यू नहीं। मुझे लगता है हर रोज काम से घर और घर से काम के कारण आप चिड़चिड़ी हो चुकी हो। थोड़ा बाहर निकलो, लोगों से मिलो, काेई बॉयफ्रेंड बनाओ, तांकी आपकी ये चिड़चिड़ाहट दूर हो।”
मम्मी का मूड बदला, और वो बोली, “तुझे सच
में लगता है मुझे किसी मर्द के प्यार की जरूरत है?” मैंने हामी भर दी।
अगले दिन सुबह सज-धज कर मम्मी काम पर जाने लगी। जाने से पहले बोली, “सुन, आज शाम को देर से आउँगी। तूने जो बोला वो करके देखती हूँ।” मुझे लगा रात तक मम्मी आ जायेगी। पर वो पूरी रात नहीं आई।
अगले दिन सुबह जब वो लौटी, तो उनके चेहरे पर अलग सी चमक थी। बहुत समय बाद मैंने उन्हे खुश देखा। मुझे अंदाजा हो गया था जरूर मम्मी किसी ना किसी मर्द से रात भर चुद के आई थी।
मैंने पूछा, “सारी रात कहाँ थी।” मम्मी ने हस कर बोला, “तूने ही तो कहा था कि मुझे किसी मर्द के प्यार की जरूरत है। उसी के साथ रात गुजार कर आई हूँ।” मैं सुन कर सन्न रह गया।
अगले दिन जब मैंने कॉलेज से घर आकर दरवाजे का ताला खोला, तो देखा काम पर जाने की बजाये अंदर मम्मी सोफा पे बैठी हुई किसी जवान मर्द को किस कर रही है। मैं दंग रह गया और पूछा, “मम्मी ये कौन है?” मम्मी ने बोला, “ये मेरा यार अशोक है। हम दोनों कल रात बार में मिले थे। कल रात मैं इन्हीं के साथ थी। चल अब तू अपने कमरे मे जा, हमें थोड़ा प्यार करने दे।”
मम्मी ने ये बिना किसी शर्म के कहा। उधर मैंने अपने रूम मे जाकर खिड़की खोल दी, और दोनों को देखने लगा। 10 मिनट के लिप लॉक के बाद अशोक बोला, “इतिश्री तुम बहुत खुबसूरत हो, काश तुम मुझे पहले मिली होती, तो तुम्हारी जवानी को मैं यू बर्बाद नही होने देता।” मम्मी बोली “कोई नहीं अब तो तुम्हें मिल गई ना, अब से मेरा जिस्म बस तुम्हारा है, आज से मैं तुम्हारी रंडी हूँ।”
इतना कह कर मम्मी उससे लिपट गई।अशोक ने मम्मी को प्यार भरा चुंबन दिया, और साथ ही ब्लाउज मे हाथ डाल कर मम्मी के बूब्स दबाने लगा। बूब्स दबते ही मम्मी मचल उठी और सिसकारियां लेने लगी। उन दोनो की आँखो मे वासना साफ दिख रही थी।
थोड़ी देर के बाद अशोक ने मम्मी की ब्लाउज उतार दी, मेरी मम्मी कभी भी ब्रा और पैंटी नही पहनती थी इसलिए उनके तने हुये बूब्स सामने आ गये। बूब्स को चूसने के बाद उसने मम्मी की साड़ी उता कर पेटीकोट भी खोल दिया। मम्मी की चूत की झाटें पूरी गीली थी। तब अशोक ने मेरी रेजर लेकर मम्मी की चूत को क्लीन शेव किया।
यू तो मैंने मम्मी को कई बार नंगा देखा था, क्योंकि वो मेरे सामने ही कपड़े बदलती थी। पर पहली बार उनकी चिकनी गोरी चूत देख कर मेरा भी लौड़ा खड़ा हो गया।
मम्मी भी अशोक के कपड़े उतार कर उसका लंड और आंड चूसने लगी। अशोक के आंठ इंच लंबे मोटे लंड और तगड़ी बॉडी देख कर मेरे होश उड़ गये।
अब अशोक ने अपना लंड निकाला, और मम्मी के बूब्स को चोदने लगा। बूब्स चोदने के बाद उसने सोफे पर मम्मी को लिटाया, और 69 पोजिशन मे मम्मी के मुँह मे अपना लंड डाल कर मम्मी की चिकनी चूत में अपनी जीभ डाल दिया।
चूत में जीभ जाते ही मम्मी ऐसे छटपटाने लगी, जैसे उनको करेंट लग गया हो। पर मुँह मे लंड होने के कारण कुछ बोल नहीं पाई। इसको बाद अशोक मम्मी के पूरे शरीर को चाटने लगा। और अपनी गोदी में उठा कर सोफा पे मम्मी को अपनी जांघो पर बैठा लिया, और लंड पे बैठने का इशारा किया। मम्मी ने भी अपनी चूत खोलकर एडजस्ट करके उसका आठ इंच लंबा लंड एक झटके मे अंदर ले लिया, और आगे-पीछे होने लगी।
लंड की मोटाई ज्यादा होने के कारण मम्मी को मीठा दर्द होने लगा। वो उई मां, उफ्फ, हाय मर गई, आह आह आह, हाय मेरी चूत, आह आह जोर-जोर से चिल्लाने लगी।
इसके बाद अशोक ने मम्मी को कुतिया बनाया, और जोर-जोर से चोदने लगा। मम्मी भी मदमस्त होकर चुद रही थी। चुदते हुये उनकी चूत से पानी की बूंदे झड़ रही थी।
इसके बाद अशोक खड़ा हो गया, और मम्मी को उठा कर सीने से चिपका कर चोदने लगी। चुदते हुये दोनों ऐसे किस कर रहे थे, जैसे पिछले जन्म के बिछड़े हुये प्रेमी हो।
थोड़ी देर के बाद वो लंड निकाल कर मम्मी की गांड मे डालने लगा। मम्मी हाफते हुये बोली “प्लीज मेरी चूत फाड़ दो, पर गांड मत मारो। बड़ा दर्द होता है। अजय के पापा पहले मेरी बहुत गांड मारा करते थे।”
ये सुन कर उसने फिर मम्मी की खुली हुई चूत में लंड डाल दिया। 15 मिनट तक मम्मी की जम कर चूत रगड़ने के बाद अशोक झड़ गया और अपना पूरा वीर्य मम्मी की चूत पर बहा दिया। मम्मी की चूत से भी पानी का फव्वारा निकला। चुदाई के बाद दोनों थक कर सोफा पर एक-दूसरे के उपर लेट गये।
दोनों की सांसे बहुत तेज चल रही थी। इतने जोरदार सेक्स के बाद मम्मी की चूत थोड़ी सूज गई थी। ये देख कर मैंने मम्मी को पानी पिलाया और कपड़े देकर पूछा, “अब तो आप खुश हो ना।” मम्मी ने मुझे गालों पर चुमते हुये कहा, “अगर तूने मुझे रास्ता ना दिखाता होता तो मुझे कभी भी जिस्मानी सुख नहीं मिलता, और इसी तरह चिड़चिड़ी होकर एक दिन मैं हाई बीपी से मर जाती। थैंक्यू मेरा राजा बेटा।”
अशोक भी बोल पड़ा, “तेरी मम्मी तो बड़ी नशीली है। तू बहुत लकी है जो इसकी चूत से पैदा हुआ।” ये सुन कर दोनो हंसने लगे।
अब आगे कैसै अशोक ने अपने भाईयो के साथ मम्मी का गैंग बैंग किया, और बाद में मम्मी को प्रेग्नेंट कर उनसे शादी की, वो कहानी के अगले भाग में।