ही फ्रेंड्स, मेरा नाम मानव है. मैं आपके सामने अपनी कहानी का अगला पार्ट लेके आया हू. पिछले पार्ट्स को आपने बहुत प्यार किया, उसके लिए मैं आपका दिल से शूकर-गुज़र हू. जिन रीडर्स ने पिछले पार्ट्स नही पढ़े है, वो पहले जाके वो पार्ट्स ज़रूर पढ़े.
पिछले पार्ट में आप सब ने पढ़ा था, की कैसे मामी ने मुझे अपने पास बुलाया, और बताया की जो हरकतें मैने मम्मी के साथ करी थी, वो सब उनको पता थी. फिर मेरी और मामी की चुदाई हुई, और मैने अपना माल उनकी गांद पर निकाल दिया. अब आयेज बढ़ते है.
अब हम दोनो बेड पर नंगे लेते हुए थे.
तभी मामी बोली: तू तो बड़ी अची चुदाई करता है. लेकिन तेरी मा ऐसे नही मानेगी.
मैं: मामी हेल्प करो ना. मुझे बहुत उत्तेजना होती है मा को देख कर.
मामी: कुछ सोचना पड़ेगा. वैसे तेरी मा है तो प्यासी ही. तेरे पापा ज़्यादा नही छोड़ते तेरी मा को. तभी तो मशीनरी वैसे की वैसी पड़ी है. चल कुछ सोचते है, और उसको बोतल में उतारते है.
फिर हमने थोड़ी देर किस्सिंग और कड्ड्ल किया, और अपने-अपने कपड़े पहन लिए. कुछ घंटो बाद मामा, नानी, और मा नाना जी को हॉस्पिटल दिखा कर वापस आ गये. अब डिन्नर का टाइम हो चुका था.
सब साथ बैठे डिन्नर कर रहे ते. मेरी नज़र अभी भी मम्मी पर ही जेया रही थी, और मामी ये नोटीस कर रही थी. मेरा लंड खड़ा हो चुका था. जब मैं खाने की प्लेट किचन में रखने को उठा, तो मेरा खड़ा लंड पाजामे में से सॉफ दिख रहा था.
मामी ने मुझे इशारा किया लंड च्छुपाने के लिए, और मैं फिरसे बैठ गया. अछा हुआ किसी ने ये देखा नही. फिर सब लोग उठ गये टेबल से, लेकिन मैं नही उठ पा रहा था. मामी तो मेरी प्राब्लम जानती थी, तो उन्होने जान-बूझ कर मुझ पर दही गिरा दिया.
फिर वो बोली: अर्रे सॉरी मानव, आजा मैं सॉफ कर देती हू.
और वो इस तरह से मुझे उठा कर बातरूम में ले गयी. सब लोग अपने-अपने काम में लगे हुए थे. मामी मेरे आयेज-आयेज जेया रही थी, ताकि किसी की नज़र मेरे लंड पर ना जाए. फिर हम दोनो बातरूम में गये.
मामी जल्दी से मेरे सामने घुटनो के बाल बैठ गयी, और मेरा पाजामा और अंडरवेर नीचे करके मेरा खड़ा हुआ लंड बाहर निकाल लिया. मेरा लंड देख कर वो बोली-
मामी: कुछ तो कंट्रोल कर अपने आप को. ऐसे हर जगह लंड नही खड़ा कर लिया करते.
ये कहते ही मामी ने मेरा लंड अपने मूह में डाल लिया, और चूसने लग गयी. वाह! जब खड़े हुए लंड को एक-दूं से ऐसी सेक्सी औरत के मूह की गर्माहट मिल जाए, तो उससे बेहतर और क्या हो सकता है. मैने मामी के सर के पीछे अपना हाथ रख लिया, और ज़ोर-ज़ोर से उनके मूह को छोड़ने लग गया.
मामी को साँस नही आ रही थी, और वो मेरी जाँघ पीट रही थी. लेकिन मैं रुक नही रहा था. फिर उन्होने मुझे धक्का मारा, और गुस्से से बोली-
मामी: पीछे हॅट भद्वे. तू तो जानवर बनता जेया रहा है. आराम से किया कर जो करना है. हर टाइम इतना वाइल्ड होना अछा नही है.
मैं: सॉरी मामी.
फिर मैने दोबारा उनके मूह में अपना लंड डाल दिया, और आराम से उनका मूह छोड़ने लगा. तकरीबन 5 मिनिट मैने उनके मूह को छोड़ा, और अपना पानी उनके मूह में निकाल दिया. वो मेरा सारा माल पी गयी. फिर वो खड़ी हुई, और मैने भी अपना पाजामा और अंडरवेर उपर किए. तभी उन्होने वॉशबेसिन से हाथ में तोड़ा पानी लिया, और मेरी जाँघ पर डाल दिया.
मैने बोला: मामी ये क्या किया, आपने मेरा पाजामा गीला कर दिया.
मामी: आबे लोदउ, हम दाग ढोने आए थे, तो पाजामा गीला तो होगा ही. हमेशा लंड से सोचता है. कभी दिमाग़ से भी सोच लिया कर.
मैं: ई लोवे योउ मामी.
और मामी ने मुस्कुरा दिया. फिर हम बाहर आए, और सब सोने की तैयारी में थे. आज मम्मी और मामी वॉक करने चले गये. मैं घर पर ही था. मामी और मम्मी के बीच में क्या बातें हुई, अब मामी की ज़ुबानी पढ़िए.
मामी: और दीदी कैसी हो? जब से आई हो, तुमसे बात करने का वक़्त ही नही मिला.
मम्मी: हा यार, क्या करे अब. पापा पता नही कब ठीक होंगे.
मामी: हो जाएँगे ठीक, क्यूँ चिंता करती हो? वैसे भी इस उमर में आके लोग ठीक कम ही होते है. यहा तो हमारी उमर वेल पस्त हुए पड़े है. उनकी तो फिर भी बहुत उमर है.
मम्मी: क्यूँ हमारी उमर वालो को क्या हुआ?
मामी: अब आपका भाई ही देख लो. जब शादी की थी, तो आटम बॉम्ब था. अब फुसकी बॉम्ब बन गया है. लाइफ से सारा मज़ा ही चला गया है.
मम्मी: क्यूँ क्या हुआ?
मामी: अर्रे वही, जो शादी के कुछ साल बाद होने लगता है. घर आके कभी बोलेंगे तक गया हू, कभी मूड नही है. मैं तो यही सुन-सुन कर पाक गयी हू. मैं तो सोच रही हू, किसी लौंदे को अपना ब्फ बना लू. कम से कम आग तो ठंडी करेगा ना मेरी.
मम्मी: अर्रे तू कैसी बातें कर रही है. ये तो हर मर्द का हाल है. मेरे अपनी पति ने मुझे बहुत टाइम से नही छोड़ा. तो मैं क्या करू, ब्फ बना लू?
मामी: तो इसमे ग़लत भी क्या है. क्या पता हमारे पति बाहर जाके कहा-कहा मूह मारते है. अगर हम तोड़ा मज़ा कर लेंगे इस घिसी-पीटी ज़िंदगी से बाहर जाके, तो ये कोई अपराध थोड़ी ना हो जाएगा.
ये सुन कर मम्मी सोच में पद गयी. उनको सोचते हुए देख मामी को विश्वास हो गया की वो रेडी हो जाएँगी. फिर मामी बोली-
मामी: दीदी ऐसा करते है, मैने उस दिन ऑनलाइन देखा था, की हमारे शहर में प्लेबाय की फेसिलिटी मिलती है. थोड़े से पैसे देके वो एक लड़के को भेजेंगे, और हम उस लड़के से जो चाहे करवा सकते है. अब मुझे ऐसे तो बाहर जाने नही देते. क्यूँ ना हम दोनो बाहर चले घूमने के बहाने, और लड़का बुला कर चुडवाए? बहुत मज़ा आएगा दीदी. क्या बोलती हो?
मम्मी मामी की बात सुन कर हैरान भी थी, और कुछ सोच भी रही थी. छूट में तो उनकी भी आग लगी हुई थी, ये बात तो पक्की थी. अब वो मामी को क्या जवाब देंगी, ये तो आपको अगले पार्ट में ही पता चलेगा. अगर आपको ये पार्ट पसंद आया हो, तो कॉमेंट सेक्षन में अपनी फीडबॅक ज़रूर दे, और स्टोरी फ्र्िएंदा में शेर भी ज़रूर करे.