पिछला पार्ट यहा पढ़े – रीता की उसके बेटे से शादी-2
जैसे हम 3नो पानीत. मई (परितोष) और तौजी कार मई बेते कर निकले मोर पर अचानक से टाइयर पंचर हो गया और हमारी कार बिजली के खंबे मई जा कर टकरा गई. मेरे सिर पर चोट लगी तौजी के भी सिर पर ब्स पंडित जी के हाथ पर मोच आई..
कार की आवाज़ सुन कर घर वॉल आगे आए और परोस के लोग भी आए उन्होने हमारी कार से निकालने मई मदात की. सारे घर वेल घबरा आगे.. और हमे घर मई लेके गए. वाहा अंदर हम सब को पानी दिया गया और दवाई भी लगाई.
तभी पंडित जी गुस्से मई बोलते है की देखा मैने बोला था की ऐसा सब होगा. आप लोगो की वजे से मई भी फस गया. अब मई जा रहा हू मई अकेले ही चला अज़ेउगा नमस्ते… कहे कर पंडित जी चले गए.. उनकी बात सुन कर सब लोग सोच मई डूब गए की क्या करे..
फिर आराम अकरने के लिए सब लोग छाए गए मई भी चला गया. बाद मई तौजी आए मेरे पास और पूछा की क्या ये मेरा करा हुआ था तो मैने माना कर दिया ये सब अपने आप ही हुआ है.. तो वो मूज़े तेरी नज़र से देख कर वाहा से चले गए..
शाम हो जाती है.. पापा बाहर जाते है और वो भी सीडी पर फिसल जाते है गाते की ( मैने आयिल डाला था).
उनकी कमर मई लगती है. सब उनको अंदर लेके आते है और रूम मई आराम करने को बोलते है.. ये सब मेरी दादी और दादा देख रहे होते है…
फिर मेरी दादी मेरी मा को बुलाती है अपने पाअस अकेले बात अकरने को..
रीता;- जी मम्मी जी अपने बुलाया.
दादी;- हा बेटा यहा बेतो.ये बताओ तुमने क्या सोचा है?
रीता;- किस वेर मई मम्मी जी?
डटी;- घर पर इतनी बरी समस्या आ रखी है.. हर किसी को चोट लग रही है. काम रुक रहे है.. जान भी जेया सकती है किसी की.. तो पंडित जी ने जो समाधान बताया था उसके लिए क्या सोचा ??
रीता;- मम्मी मई समजती हू मुसीबत बरी है लेकिन मई ये कैसे कर सकती हू. ये एक तो पाप है दूसरा परितोष मेरएआ बेटा है मई उससे शादी कैसे कार्लो?? और मई इनको(रीता के पति) को क्या बोलुगी.
दादी;- बेटी. अगर हमने इस मुसीबत का समाधान नही किया तो हो सकता है की तुम्हारा पति ही ना बचे. हो स्कता ही की बेटा ही ना रहे. या ये परिवार ही ना र्हे फिर क्या करोगी तुम????
तब किसको मूह दिखावगी? तब क्या तुम अपने आप को माफ़ कर पावगी ? की तुम ये सब बचा सकती थी??
रीता;- लेकिन मा मेरे से ये नही होगा 3 साल के लिए पूरी तारा से परितोष की बीवी ये तो संभव नही है…मूज़े माफ़ कर दो.
दादी;- बेटी मई समजती हू. मई तुमसे रिक्वेस्ट अकरती हू मान जाओ.
रीता;- मूह लटका ते हुए. नही मा नही हो पाएगा.मई अपने पति से अभूत प्यार करती हू किसी और के साथ कैसे शादी कर लू..
दादी;- गुस्सा होते हुए. ब्स अब बहुत हो गया तेरा नाटक.. मैने कितना प्यार से संजने की कोसिस की टुजे लेकिन तू है की समजती ही नही है.. देख लर्की मूज़े मेरे दोनो बेटे और पोटो की जान बहुत प्यारी है.. आज जो हुआ दोनो के साथ दोनो ब्स बच ही गए थे जाड़ा चोट लग जाती हो पता नही क्या हो जाता. अब मुजसे और नही देखा जाएगा.
देख तेरे पास अब ब्स दो ही रास्ते है या तो चुप छाप जैसा पंडित जी ने बोला है वो मान जा और परितोष से शादी करले. या फिर इस घर से निकल जा तू संजी… मई टुजे कही का नही चोरी फिर…
रीता;- डरते हुए और चोवोक जाती है.. और आँखो मई आस्यू आ जाते है की जिस साआस को वो मम्मी मानती थी वो उससे ऐसे धमका रही है अब….
लेकिन मम्मी जी इनको क्या कहुगी है.. ये मूज़े……
दादी- रीता को बीच मई रोकते हुए. तू मेरे बेटे की फिकर कर रही है वो क्या सोचे गा यहा उसकी जान जेया रही है. नालयक.. तू उसकी टेन्षन ना ले मई और तेरे ससुर उन्हे देख लेगे तू सोच ले क्या करना है…
((रीता दर जाती है उसका क्या होगा. उसने क्या किया था जो उसके साथ ऐसा हो रहा है?.. वो रोने लगती है..))
दादी;- बेड से उत्ती है और रीता को कीच कर बाहर धक्का देती है. जा निकल जा.
((तभी पीछे से रीता की जेटनी रानी भी आ जाती है वो सब सुन रही होती है. वो भी रीता को गुस्से मई बोलती है )).
क्यू रीता तुज़से एक आसान सा काम नही होता. लोग अपने परिवार के लिए जाअँ लूटा देते है लेकिन यहा वो वैसा भी कुछ नही है. एक सान सा काम करना है टुजे. आख़िर सब लोगो के भविस का सवाल है. देख रीता तेरी वजे से मई अपने पति और बेटे को नही खोना कहती हू संजी. मान क्यू नही जाती तू. और ऐसा काहेकर रानी रीता को ठप्पर मारती है.
((उधर ससुर भी ज़ोर से बोलता है.)) सुन बहू मई साइड से बोलुगा तुम बहू इस घर की देख भाल करने के लिए आई थी याद रखना अगर तुम ऐसा नइई करोगी तो तुम्हारी यहा कोई ज़रूवत नही है..
((रीता और घबरा जाती है. उसकी समाज नही नही आ रहा होता क्या करे. बाहर जा कर वो कहा जाएगी?? जैसे ही सास उसको दूसरा धक्का देने आती है वो उनके पाओ पाकर लेती है और हा कर देती है.)
रीता;- ठीक है मम्मी जी. आअप लोग जैसा कहे गे मई वैसा ही करूगी ब्स मूज़े और ना मारे…रोते हुए
दादी;- ये हुई ना बात. पहेले ही मान जाती तो ये सब नही करना परता मूज़े. चल अब खरी हो और यहा आ.
(( रीता खरी होती है और डरते हुए साथ के पास जाती है अपनी सारी को ठीक करते हुए.))
दादी’- अभी भगवान की कसम खा की तू जो जो जैसा भी पंडित जी कहेगे अकरने को तू ऐसा करेगी..
रीता;- ((थोरी देर चुप रहेती है.फिर जब सास और बहकी के लोग उसे घूरते है तो वो बोलती है)). मई भगवान और अपने परिवार की कसम खाती हू की जैसा भी पंडजित जी कहे गे मई वैसा ही करूगी..
((ये काहेते वक्त उसकी आखो से आस्यू निकलते है काफ़िर और वो ये कहने के बाद अपने रूम मई चली जाती है))
(( परितोष अंदर रूम मई से सब सुन रहा होता है. वो तो बहुत खुश होता है उसकी ख़ुसी का ठिकाना नही होता. वो तो अब सपने देखने आलगता है.रीता के.. फिर सास अपने बारे बेटे को बुलाती है और बोलती है की पंडित जी को फोन करो और बोल दो हम शादी को टायर है क्या क्या करना है बता दे..))
परितोष;- फिर तौजी मेरे पास आते है और मई उनको गले लगा लेता हू. वो भी स्माइल करते है और पूछते है की क्या करना है. मई सबसे पहेले पंडित को फोन अकारके बोल देता हू और कल शाम को आने के लिए बोल देता हू. इधर मई तौजी को आगे का प्लान बता हू की क्या करना है….
जितनी देर मई और तौजी बात कर रहे होते है तभी हमारी सिस्टर शालु जो देल्ही मई रहेती है वो वाहा आ जाती है. घर मई सब को ऐसे देख कर वो दादी से सब पूछती है और दादी उसको सारी बात बता देती है.
वो भी तोरा दर जाती है फिर सोलुइटों मिल गया है सुनकर खुश भी हो जाती है. फिर जब वो दादी से पूछती है की क्या सोलुइटों है तो दादी उसे सारी बार बताती है फिर वो भी बोलती है ऐसा लासे हो सकता है.
दादी फिर बोलती है की कोई और रास्ता नही है सब ट्राइ कर लिया. फिर जब उसे पता क्जलती है की उसके पापा को भी चोट लग गई थी ( यानी तौजी) तो वो दर जाती है और दादी की और बाकी धार वालो की हा मई हा मिला देती है और हेल्प करने को प्रॉमिस करती है…
फिर कुछ देर बाद तौजी दादी के पास जाते है. और बोलते है..
तौजी;- मम्मी मैने पंडित जी से बात कर ले है…
दादी और बाकी सब तौजी की और देखते हुए..
तौजी;- कल रात 8पीयेम को शादी होगी दोनो की. पंडित जी 7 बजे तक आ जाएगए. हमे शादी का समान लेके आना होगा..
दादी.;- ठीक है वो हो जाएगा. और कुछ?
तौजी;- हा वो…….
दादी;- डरो नही बताओ क्या है बात.
तौजी.;- उन्होने बोला है पूरी रियल तरीके से जितना हो सके वैसे करना शादी…
1) सबसे पहले तो रीता के गले मई जो मंगलसूत्रा है वो उसके पति से आज रात 12 बजे से पहेले उतरवा दो. सिंदूर हटवा दो पति से. रिंग भी निकलवा दो. और नाथ और पाओ की रिंग्स भी. फेले की शादी की कोई निशानी है होनी छाईए…
2) फिर पूरी तारा से सॉफ करा दो उसे अंदर से भी.
3) कल सुबा हाथ और पाओ पर महेंडी लगवाव और उसके पति का नामे लिखवओ.. हो सके तो पार्लर भी भेज देना.
4) शादी का पुराना जोरा उसे करना मंगलसूत्रा और रिंग्स एट्सेटरा नया लेके आना जो निकाला था ये समान परितोष लेके आएगा.. और उसके लिए कुछ न्यू ड्रेस भी..
5) रूम मई सिर्फ़ अब परितोष के और रीता के कापरे ही रहेगे एक अलमारी है जसीए हज़्बेंड वाइफ के रहेते है.. 3 साल तक उन्हे रियल हज़्बेंड वाइफ की तरह ही रहना है.. सारे घर वालो को फिर नये रिस्ते के हिसाब से ही रहेना होगा और रीता को ट्रीट करना होगा वैसे ही.
6) सबसे ज़रूरी परितोष की भी हामी होनी छाईए ख़ुसी से कोई ज़ोर ज़बरदस्ती ना हो वरना कोई फायेदा नही इन सब का….
इतना सब करो फिर मई और होगा तो फोन करके बता दूँगा..