ही फ्रेंड्स, मेरा नाम मानव है. मैं आपके सामने अपनी कहानी का अगला पार्ट लेके आया हू. पिछले पार्ट्स को आपने बहुत प्यार किया, उसके लिए मैं आपका दिल से शूकर-गुज़र हू. जिन रीडर्स ने पिछले पार्ट्स नही पढ़े है, वो पहले जाके वो पार्ट्स ज़रूर पढ़े.
पिछले पार्ट में आपने पढ़ा की मामी मा को प्लेबाय से चुदाई के लिए होटेल में ले गयी. फिर मैं वाहा प्लेबाय बन कर पहुँच गया. उसके बाद मैने उन दोनो के साथ घपा-घाप करना शुरू कर दिया. अब मैं मा की गांद और छूट का च्छेद चाट रहा था, और मामी मेरा लंड चूस रही थी. अब आयेज बढ़ते है.
मा गांद और छूट के च्छेद चुस्वते हुए आहें भर रही थी, और गांद हिला-हिला कर अपने च्छेद चुस्वा रही थी. नीचे मामी मेरा लंड ज़ोर-ज़ोर से चूस रही थी. मुझे मा की छूट और गांद चाट-चूस कर इतना मज़ा आ रहा था, की मैं बता नही सकता.
फिर मैने मामी के मूह से अपना लंड बाहर निकाला, और मा को बेड पर सीधा लेटने को कहा. मा बेड पर सीधी लेट गयी, और अपने बूब्स को मसालने लग गयी. उसको ऐसा करते देख मुझे बड़ी उत्तेजना हो रही थी.
फिर मैं मा के उपर उनकी टाँगो के बीच आया, और उनकी छूट पर अपना लंड रगड़ने लगा. मा आहह आ कर रही थी. फिर मैने लंड का टोपा छूट के च्छेद पर सेट किया, और ज़ोर का धक्का मार कर पूरा लंड मा की छूट में घुसा दिया.
दोस्तों अपनी मा की छूट में लंड घुसने से सुखद एहसास दुनिया में नही हो सकता. फिर मैने मा के बूब्स पर हाथ रखे, और उनको मसालते हुए लंड अंदर-बाहर करने लगा. मा की छूट गीली और टाइट थी. बहुत मज़ा आ रहा था.
फिर मामी जल्दी से बेड पर चढ़ि, और मा के मूह के पास आ गयी. उसके बाद मामी ने अपनी टांगे खोली, और मा के मूह पर बैठ गयी. अब मा मामी की छूट चूस रही थी, और मैं मा की छूट छोड़ रहा था. मामी का मूह मेरी तरफ था, तो वो छूट चुस्वते हुए मुझे बीच-बीच में अपने होंठो का रस्स भी पीला रही थी.
हम तीनो पूरा मज़ा ले रहे थे. फिर मैने अपने धक्के तेज़ किए, और मा के बूब्स को भी ज़ोर-ज़ोर से मसलना शुरू कर दिया. इससे मा की आहें ज़ोर से निकालने लगी, लेकिन मामी ने अपनी छूट से मा का मूह बंद कर रखा था.
मैने मा की टाँगो को मोड़ा, और ज़ोरदार झटको से मा को छोड़ने लग गया. ठप-ठप और पच-पच की आवाज़े आ रही थी. 5 मिनिट में मा अपनी छूट से गरम-गरम पानी का झरना बहते हुए झाड़ गयी. मेरा लंड मा के पानी से पूरी तरह चिकना हो गया था.
फिर मा साइड हो गयी, और मामी ने मुझे अपनी तरफ खींच कर नीचे बेड पर लिटा लिया. उसके बाद मामी मेरे उपर आ गयी, और लंड हाथ में पकड़ कर छूट पर सेट किया. फिर मामी एक ही बार में लंड पर बैठ गयी, और पूरा लंड उसकी छूट में समा गया. साथ ही मामी की ज़ोर की आहह निकल गयी.
फिर मामी ने अपने हाथ मेरी चेस्ट पर रखे, और धीरे-धीरे आयेज पीछे होने लगी. बहुत मज़ा आ रहा था जब मेरा लंड मामी की छूट में अंदर बाहर हो रहा था. फिर अचानक से मामी ने अपनी स्पीड तेज़ कर दी और बोलने लगी-
मामी: आ मानव, छोड़ अपनी मामी को आहह, और ज़ोर से छोड़. छोड़ बेटा, फाड़ दे अपनी मामी की छूट.
मामी के ये सब बोलने पर मा उन्हे हैरानी से देखने लगी. फिर मा उसको बोली-
मा: ये तू क्या बोल रही है?
मामी: हा दीदी, ये तो मुझे मानव जैसा लग रहा है. और मानव का नाम लेके चूड़ने में बड़ा मज़ा आ रहा है.
फिर मामी मेरे लंड पर उपर-नीचे उछालने लग गयी. मैने अपने हाथ मामी के दोनो छूतदों पर रखे, और उनको उछालने में हेल्प करने लगा. फिर मैं भी बोल पड़ा-
मैं: मामी बहुत सेक्सी छूट है तेरी. कब से तेरी छूट छोड़ने के लिए मररा जेया रहा था. और ज़ोर से उछलो मामी.
मामी: हा मेरा बेटा, ज़ोर से छोड़, और निकाल दे अपनी मामी की छूट का सारा रस्स.
हमारी घमासान चुदाई देख कर मा फिरसे गरम हो रही थी. वो अपनी छूट में उंगली करके उसको फिरसे चुदाई के लिए तैयार कर रही थी. इधर मामी पागलों की तरह मेरे लंड पर उछाल रही थी, और उसको अपनी छूट में लेके मज़ा कर रही थी.
ऐसे ही करते-करते मामी का भी पानी निकल गया. लेकिन मेरा लंड एक वफ़ादार सिपाही की तरह तन्ना हुआ था. फिर मैने मा को घोड़ी बनने को बोला, और मा भी एक अची रंडी की तरह मेरी बात मानती हुई घोड़ी बन गयी.
मैं मा के पीछे आया, और पहले मैने मा के छूतदों पर थप्पड़ मारे. फिर मैने जान बूझ कर पूछा-
मैं: कैसा लग रहा है मा?
मा मेरे मा बोलने से हैरान हो गयी और बोली: अछा लग रहा है बेटा.
फिर मैने बोला: लंड पसंद आया अपने बेटे का.
मा: बहुत तगड़ा लंड है तेरा बेटा. बहुत मज़ा दे रहा है तू अपनी मा को. पहले पता होता की मेरे बेटे का लंड इतना तगड़ा है, और वो इतना अछा छोड़ता है, तो मेरी छूट इतना ना तरसती.
फिर मैने लंड पीछे से मा की छूट पर सेट किया, और ज़ोर का धक्का मार कर पूरा लंड मा की छूट में घुसेध दिया.
मा: आहह बेटा, आराम से कर, नही तो तेरी मा की छूट फटत जाएगी.
मैं: मुझे मेरे नाम से बुलाओ मा. मैं तुम्हारे मूह से अपना नाम सुन कर तुम्हे छोड़ना चाहता हू.
मा: ई लोवे योउ मानव बेटा. बहुत अछा छोड़ रहा है तू अपनी मा को. इतना मज़ा तो तेरे बाप ने भी नही दिया कभी जितना तूने दे दिया है. आज से मैं तेरी रंडी हू मानव बेटा. छोड़ दे अपनी मा को आज आचे से.
फिर मैने मा की छूट में ज़ोर-ज़ोर से झटके लगाने शुरू कर दिए. मा आ आ करती गयी, और मैं तबाद-तोड़ उनकी चुदाई करता गया. मेरे धक्के इतने ज़ोर के थे, की पूरा बेड हिल रहा था. मा आ आ आ करे जेया रही थी. अब मेरा भी निकालने वाला था. तो मैने अपने धक्के और ज़ोर के कर दिए. फिर मैने लंड मा की छूट से बाहर निकाला, और मा से पूछा-
मैं: कहा निकालु रंडी?
मा ने जल्दी से घूम कर मेरा लंड अपने मूह में ले लिया, और मैने अपना पानी मा के मूह में निकाल दिया. वो मेरा पूरा पानी पी गये. फिर हम तीनो नंगे ही बेड पर लेट गये.
इसके आयेज क्या हुआ, वो आपको अगले पार्ट में पता चलेगा. अगर आपको कहानी पसंद आ रही है, तो इसको शेर करना आपका कर्तव्या है. आपके दोस्तों को भी आख़िर मज़ा करने का अधिकार है.