ही दोस्तों, मेरा नाम प्रिया है, और मैं पुंजब की रहने वाली हू. मेरी हाइट 5’6” है, और मेरा साइज़ 34-30-36 है. रंग मेरा ठीक है, ज़्यादा गोरा या काला नही है. मैं 30 साल की हो गयी हू, और मेरी शादी हो चुकी है.
मेरी पिछली कहानी में आप सब ने पढ़ा, की मेरी रूमेट रजनी ने अपने बाय्फ्रेंड को हमारे हॉस्टिल रूम में बुलाया था.
रूम की लाइट बंद थी, रजनी की त-शर्ट और ब्रा निकल चुकी थी, और अर्जुन उसके बूब्स चूस रहा था. अर्जुन का एक हाथ उसकी थाइस के बीच था, और वो उसकी छूट मसल रहा था.
इधर मेरी भी छूट गीली हो चुकी थी, और मेरा हाथ भी छूट पर अपने आप ही चला जेया चुका था. अब आयेज की कहानी-
अर्जुन पागलों की तरह रजनी को चूम-चाट रहा था. फिर उसने अपना हाथ उसकी लेगैंग्स में डाल लिया, और पनटी के उपर से उसकी छूट रगड़ने लगा. अब वो इतनी मदहोश हो चुकी थी, की वो अर्जुन को कुछ भी करने से रोक नही रही थी.
फिर अर्जुन ने रजनी को बेड पर लिटा लिया, और उसके उपर आ गया. उसने रजनी के होंठो से चूमना शुरू किया, और फिर गर्दन पर आ गया. फिर नीचे आके वो उसके बूब्स में मूह मारने लगा. रजनी अपने बूब्स में उसका मूह दबा रही थी, और यहा मेरी छूट धड़ा-धड़ पानी छ्चोढ़ रही थी.
फिर अर्जुन रजनी के पेट से होते हुए उसकी जांघों तक आ गया. उसने कमर से रजनी की लेगैंग्स के एलास्टिक में हाथ डाला, और उसको उतार दिया. अब रजनी सिर्फ़ पनटी में उसके सामने थी.
फिर अर्जुन उसकी जांघों को चूमने लग गया. इधर रजनी के मूह से आ आ निकल रही थी, जिसको वो अपने हाथो से दबाने की कोशिश कर रही थी, ताकि आवाज़ मेरे तक ना आ जाए.
अर्जुन अब रजनी की छूट को पनटी के उपर से चाट रहा था. कुछ 2-3 मिनिट पनटी के उपर जीभ फेरने के बाद उसने रजनी की पनटी उतार दी. अब रजनी की छूट अर्जुन के सामने थी. उसकी छूट पर बाल थे या नही, ये मुझे नही दिख रहा था. मैं भी अपना एक हाथ पनटी में डाल चुकी थी, और मेरा दूसरा हाथ मेरे एक बूब पर था.
अर्जुन ने रजनी की टांगे मोड़ ली, और उसकी छूट को चूसने लग गया. रजनी उसके सर को अपनी छूट में दबा रही थी, और सिसकियाँ ले रही थी. 15 मिनिट अर्जुन ऐसे ही उसकी छूट चाट-ता रहा. उसके बाद शायद रजनी झाड़ गयी थी, क्यूंकी उसकी सिसकियाँ ज़ोर की निकालने लगी थी.
फिर अर्जुन ने अपने कपड़े उतार ए शुरू किए. जैसे ही उसने अपना उबदरवेार उतरा, उसका लंड स्प्रिंग की तरह उछाल कर बाहर आ गया. उसका लंड देख कर तो मेरी हलाक सूख गयी. कम से कम 7 इंच लंबा लंड था उसका, और 3 इंच मोटा था.
ऐसा लंड देख कर तो कोई भी लड़की उससे चूड़ने के लिए तैयार हो जाए, तो मैं कों से खेत की मूली थी. उधर उसका लंड बाहर आया, और इधर मेरी उंगली मेरी छूट में चली गयी. मैने एक हाथ अपने बूब से हटा कर अपने मूह पर रख लिया, क्यूंकी अब मेरी भी सिसकियाँ निकालने लगी थी.
फिर अर्जुन ने रजनी की टांगे खोली, और उनके बीच आके अपना लंड उसकी छूट पर सेट किया. उसके बाद उसने अपना हाथ रजनी ने मूह पर रखा, और एक ज़ोर का धक्का मारा. रजनी के मूह की चीख उसके मूह में ही रह गयी, और अर्जुन का आधा लंड उसकी छूट में चला गया.
वो अर्जुन की बाजू खरोंछने लगी, क्यूंकी उसको दर्द हो रहा होगा. फिर अर्जुन रजनी पर लेटने लगा, और प्रेशर पड़ने से उसका पूरा लंड रजनी की छूट में चला गया. उसने रजनी के होंठो को लीप-लॉक कर लिया, ताकि वो आवाज़ ना कर पाए.
2-3 मिनिट रुक कर अर्जुन ने उसकी छूट में धक्के देने शुरू हुए. रजनी अब ह्म ह्म कर रही थी. लगता है उसको मज़ा आना शुरू हो गया था. मेरा ध्यान तो अर्जुन के बड़े और मोटे लंड पर ही था, जो रजनी की छूट के अंदर-बाहर हो रहा था. दिल तो कर रहा था, की अभी जाके उसके लंड को अपने मूह में लेलू, लेकिन ऐसा हो नही सकता था.
उसके लंड को देखते-देखते मेरी फिंगरिंग की स्पीड तेज़ हो गयी, और मेरा पानी निकल गया. लेकिन अर्जुन अभी भी रजनी को छोड़ रहा था. 15 मिनिट उसने ऐसे ही रजनी को छोड़ा. फिर उसने रजनी को घोड़ी बना लिया.
रजनी भी बिना कुछ बोले उसके सारे ऑर्डर्स मान रही थी. फिर अर्जुन ने अपना लंड पीछे से उसकी छूट में डाल दिया. जब उसने धक्के मारने शुरू किए, तो ठप-ठप की आवाज़े आने लगी. ये आवाज़े सुन कर रजनी उसको बोली-
रजनी: अर्रे यार प्रिया जाग जाएगी.
अर्जुन: अगर उसको जागना होता, तो वो अभी तक जाग गयी होती.
और अर्जुन रजनी को मज़े से छोड़ता रहा. 20 मिनिट की चुदाई के बाद अर्जुन आहह आहह करते हुए रजनी की छूट में ही झाड़ गया. मैं ये देख कर घरा गयी, की वो उसकी छूट में अपना माल कैसे छ्चोढ़ सकता था. तभी रजनी उसको बोली-
रजनी: अर्रे ये क्या कर दिया.
अर्जुन: फिकर मत करो, मेरे पास ई-पिल की टॅबलेट है. उसको ले लेना थोड़ी देर में.
रजनी: ठीक है.
अब वो दोनो शांत हो चुके थे. अर्जुन वही रजनी के साथ नंगा ही लेता रहा, और वो दोनो प्यार भारी बातें करने लगे. अर्जुन का लंड सोया हुआ भी अछा लग रहा था. मैं भी सोचने लगी, की मैं अब तक इतनी मज़ेदार चीज़ को अवाय्ड कर रही थी. और यही सोचते हुए मेरी आँख लग गयी.
कुछ देर बाद किसी आवाज़ की वजह से मेरी नींद खुल गयी. मैने जब उठ कर नज़र घुमाई, तो रजनी अर्जुन के उपर बैठी थी नंगी ही, और उसके लंड पर उछाल रही थी.
उसके हाथ उसके बूब्स पर थे, और अर्जुन अपने हाथ उसकी गांद पर रख कर उसको उपर-नीचे होने में सपोर्ट कर रहा था. उनको देख कर मैं फिरसे गरम हो गयी, और पनटी में हाथ डाल लिया.
उधर लंड रजनी के अंदर-बाहर हो रहा था, और इधर उसस्स डबल स्पीड पर मेरी उंगली मेरी छूट के अंदर-बाहर हो रही थी. 15 मिनिट रजनी उसी तरह से अर्जुन के लंड पर उछालती रही, और फाइनली दोनो आ आ करते हुए झाड़ गये. इधर मेरा भी पानी निकल गया.
उसके बाद वो दोनो कपड़े पहनने लगे, और कपड़े पहन कर लेट गये. कुछ देर बाद अर्जुन उठा, और बाहर जाने लगा. रजनी ने लाइट ओं की, और मैं आँखें बंद करके सोने का नाटक करने लगी. फिर मुझे नही पता आयेज क्या हुआ, लेकिन जब मैने आँखें खोली, तो अर्जुन जेया चुका था.
इसके आयेज क्या हुआ, वो आपको अगले पार्ट में पता चलेगा. कहानी का मज़ा आया हो, तो लीके और कॉमेंट ज़रूर करे.