तो पिछली स्टोरी में आपने देख ही लिया था, की कैसे स्नेहा और मनप्रीत ने मेरा लंड छाता. और तगड़े ओरल सेक्स के बाद मैने अपना माल छ्चोढ़ दिया, और फिर सो गया था.
रात के करीब 9 बजे होंगे, तो मनप्रीत ने मुझे उठाया.
मनप्रीत: अभी, उठ जाओ, और खाना खा लो.
मे: उम्म, आता हू.
मनप्रीत: आजो-आजो, खाना खा कर फिर पलंग भी तो तोड़ना है.
मैने जैसे ही ये सुना मैं उठ गया, और अपने कपड़े पहन के बाहर गया. मैं जैसे ही बाहर गया मैने देखा स्नेहा और मनप्रीत दोनो नंगी ही थी, और किसी ने कोई कपड़ा नही पहना हुआ था. और मैने शॉर्ट्स पहन रखी थी.
स्नेहा रसोई में तड़का लगा रही थी, और मनप्रीत डाइनिंग टेबल पे प्लेट्स लगा रही थी.
मनप्रीत: अर्रे आप ने तो कपड़े पहन लिए. उतार दो, क्या करोगे पहन के?
मे: खुद उतारने में क्या मज़ा.
फिर मनप्रीत मेरे पास आई, और मेरी शॉर्ट्स उतारने लगी. अंडरवेर नही था, तो लंड सीधा उसके सामने आ गया. वो तोड़ा सा हस्सी, और लंड पे किस करके चली गयी.
फिर मैं किचन में गया और स्नेहा को पीछे से पकड़ लिया. मेरा लंड उसकी जांघों के बीच में लगा, और उसकी छूट को टच हो रहा था.
स्नेहा: सस्स्स्सस्स, आपका तो अभी भी खड़ा है.
और मैं उसको पकड़ के उसकी छूट पे अपनी उंगली रगड़ने लगा.
स्नेहा: सस्स्सस्स, बाद में करना प्लीज़, अभी कुछ नही.
और वो मुझसे छ्छूटने लगी, और मैं डाइनिंग टेबल पे जाके बैठ गया. मेरा लंड तो उन दोनो को नंगा देख के बैठ ही नही रहा था, और खड़ा ही था. फिर मैने स्नेहा को पास बुलाया और उसको पीछे मोड़ के उसकी गांद को ज़ोर से दबा दिया, और एक ज़ोर का थप्पड़ मारा.
स्नेहा: सस्स्स्सस्स…
और वो स्माइल करके चेर पे बैठ गयी. उसकी गांद पे मेरी चारो उंगलियाँ सॉफ छपी हुई थी. फिर खाना खाने के बाद, कुछ मीठा खाने का मॅन किया. उसने गुलाब-जामुन ला के रखे थे.
वो मनप्रीत ने अपने मूह में रखा, और मुझे आके किस करने लगी. और हम एक-दूसरे के मूह में गुलाब-जामुन को अंदर-बाहर कर रहे थे, जो बाद में बहुत ज़्यादा मेसी हो गया और तोड़ा हमारे उपर भी गिर गया.
मे: नहाने चले.
मनप्रीत: स्नेहा बातरूम में जेया रही है अभी.
मे: तो उसके साथ में ही जाएँगे.
फिर हम दोनो स्नेहा को लेके बातरूम में घुस गये, और उन्होने शवर ओं कर दिया. मैं उन दोनो को बारी-बारी से किस कर रहा था, और दोनो की गांद को दबा रहा था. और दोनो अपना हाथ मेरे लंड पे चला रही थी.
फिर मैने साबुन लिया, और स्नेहा के बूब्स पर मलने लगा. फिर वही से साबुन उठा के मनप्रीत नीचे बैठ गयी, और मेरे लंड पर साबुन मलने लगी. वो मेरी बॉल्स और लंड के पुर नीचे के हिस्से को आचे से रग़ाद-रग़ाद के माल रही थी.
फिर मैने साबुन लिया, और मनप्रीत की छूट पर मलने लगा. मैने उसकी गांद तक पूरा साबुन से भर दिया, और उसकी गांद में उंगली भी डाली. गांद में उंगली जाते ही
मनप्रीत: ससस्स… आआ…
स्नेहा मेरे पीछे आके मेरी पीठ को मलने लग गयी, और मेरी गांद को आचे से साबुन से मलने लगी. मैने फिर स्नेहा को आचे से साबुन से माल दिया. मनप्रीत के पास जो बॉडी वॉश था, वो बहुत फॉर्म बनाने वाला था.
हम तीनो की पूरी बॉडी झाग-झाग हो गयी थी. हमारे शरीर दिख भी नही रहे थे. फिर मैने स्नेहा को किस करना शुरू कर दिया, और मनप्रीत से ये देखा नही गया. वो भी अपनी जीभ हमारे बीच में घुसने लगी.
हम लोग बहुत रफ किस्सिंग कर रहे थे. फिर हमने अपने आप को शवर में धोया, और फिर टवल से एक-दूसरे को पोंछने लगे रूम में. रूम में टवल से एक-दूसरे को सॉफ करते वक़्त मैने उन दोनो को मुझे टवल से सॉफ करने को कहा.
वो दोनो एक-एक साइड से मुझे सॉफ करने लगी, और बाद में नीचे बैठ गयी मेरी जांघे सॉफ करने के लिए.
मेरा लंड खड़ा होने लगा, और कुछ देर के बाद मुझे मेरे लंड पे दो जीभ चलती हुई एहसास हुई. फिर कुछ देर के बाद मैं बेड पे लेता हुआ था, और वो दोनो कुटिया की तरह मेरे लंड को चाट रही थी, और चूस रही थी. मुझे तो बहुत ही ज़्यादा मज़ा आ रहा था.
मैने उन दोनो को बालों के पकड़ कर उपर किया, और उन्हे किस करने लगा. हमारी किस बहुत ज़्यादा वाइल्ड हो गयी थी. वो किस इतनी ज़्यादा वाइल्ड थी, की समझ नही आ रहा था, की कों किसके उपर और कों किसके नीचे था. इतने में मनप्रीत के हज़्बेंड का फोन बजा, और वो कॉल पर बात करने के लिए बाहर चली गयी. स्नेहा मेरे उपर और चढ़ के किस करने लगी.
मे: स्नेहा ई वॉंट योउ तो लीक मे.
फिर वो मुझे पूरा चाटने लगी. उसने मेरे शरीर का हर हिस्सा छाता, और मुझे उल्टा होने को कहा. फिर मैं उल्टा हो गया और वो मेरी पीठ को चाट-ती–चाट-ती मेरी गांद में मूह डाल के उसको चाटने लगी.
मैं मदहोश हो कर मज़ा करता रहा. मैं खुद डॉगी स्टाइल में आ गया, और वो बस मेरी गांद के छेड़ से लेके मेरा लंड तक चाट रही थी.
2 मिनिट के बाद मुझे मेरी गांद के पहाड़ों पर दूसरी जीभ चलती हुई महसूस हुई. मैने उन दोनो का सर पकड़ कर बारी-बारी से अपनी गांद के अंदर तक घुसा दिया. उन्होने बहुत रीझ से मेरी चुसाई की.
स्नेहा: अब मुझे बस चूड़ना है.
मनप्रीत: हा यार.
फिर मैने स्नेहा को घोड़ी बनने के लिए कहा, और मनप्रीत की छूट चाटने को बोला. स्नेहा मनप्रीत को छूट चाटने लगी.
मनप्रीत: आहह ह्म ह्म.
वो स्नेहा का सर पकड़ के कभी उसको पास कभी डोर कर रही थी, और कभी तेज़ कभी स्लो होने को बोल रही थी. मैने स्नेहा को बिना बताए उसकी गांद में लंड डाल दिया. उसकी गांद थोड़ी टाइट थी, बुत खुली भी थी.
स्नेहा: आहह, नही प्लीज़, निकाल दो आहह.
मैने कस्स-कस्स के धक्का मारा, और बस वो बेड पे गिर गयी, और मैं उसके उपर.
स्नेहा: आआ… एयेए… आ…
हर धक्के पे उसकी आहें निकल रही थी, और काई बार तो वो चिल्लती भी थी. मैने उसको दोबारा घोड़ी बनाया, और उसको ठोकने लगा. और वो बस आ आ कर रही थी. मनप्रीत भी डॉगी में आ गयी, और स्नेहा को गांद चटवाने लगी.
मैने भी उसकी गांद में उंगली डाल दी दो, और वो भी आ आ करने लगी. फिर मैने स्नेहा की गांद से लंड निकाला, और बेड पे कोने पे बैठ गया.
मैने मनप्रीत को अपने आयेज बुला के झुकने को कहा. वो झुक गयी, और मैने उसकी गांद पे दो थप्पड़ मारे. फिर मैने उसकी गांद के छेड़ को खोल कर उसको लंड पे बीतहया. वो धीरे-धीरे बैठ गयी, और उपर-नीचे होमे लगी.
उसकी गांद स्नेहा की गांद से भो ज़्यादा टाइट थी. मैं पीछे लेट गया, और मनप्रीत को उछालने को कहा, और वो उछालने लगी. फिर मैने स्नेहा को अपने मूह पे बिता लिया, और उसकी छूट चाटने लगा. वो गीली थी पूरी.
स्नेहा: आहह आहह और करो, ज़ोर से करो आहह मज़ा आ रहा है.
जब भी मनप्रीत उछालना स्लो करती, मैं उसकी गांद पे ज़ोर से थप्पड़ मारता और वो फिरसे तेज़ उछालने लगती. मैने स्नेहा को बहुत कस्स-कस्स के थप्पड़ मारे 3-4. वो दोनो इसको एंजाय कर रही थी.
फिर मैने दोनो को मिशनरी में लिटाया, और बारी-बारी से दोनो को छूट मारी. और उंगली भी करता गया. वो दोनो सारी रात मेरे साथ सेक्स करती गयी. मैने वियाग्रा ले रखी थी, तो मेरा लंड निकालने के बाद भी खड़ा रहता था.
मैने मनप्रीत की तो बस करवा दी थी. वो तक कर सो गयी थी, पर स्नेहा अभी भी पूरी मस्ती में थी. मैने उसकी गांद में ही माल छ्चोढ़ दिया, और उसकी गांद में डाले हुए ही सो गया, और वो भी.
सुबा उठा तो मुझे घर जाना था. लेकिन मॅन नही था. फिर मैने मनप्रीत के सोते-सोते ही उसकी गांद में लंड और छूट में उंगली डाल दी, और उसको छोड़ने लगा. फिर मूड के सामने स्नेहा के साथ किया.
उसके बाद दोनो को नीचे बिता के लंड को हिलने लगा. और मेरे लंड की भी ज़ोर से पिचकारी सीधी स्नेहा के मूह में गिरी. फिर उन्होने लंड सॉफ किया, और फिर मैने स्नेहा से गांद भी चटवाई. फिर उन्होने मुझे नहलाया, और फिर मैं खाना खा के चला गया.
इफ़ योउ लाइक्ड थे स्टोरी, देन मेसेज मे. और प्लीज़ अगर किसी को चूड़ना हो तो ज़रूर मसगे करे