ही दोस्तो, मेरा नाम रिंकू है. आज मई आप सब के सामने अपनी कहानी का नेक्स्ट पार्ट लेके आया हू. पिछले पार्ट मे आपने पढ़ा था, की मेरी साली हमारे घर 2 हफ़्तो के लिए आई थी. मैने अपनी साली को काफ़ी देर बाद देखा था, और अब वो जवान हो चुकी थी.
मेरा इरादा अब उसकी जवान छूट को छोड़ने का था, और इसके लिए मैने एक प्लान बनाया. मैने उसकी छूट की आग बुझाने के लिए उसको मेरी और उसकी बेहन रोमिका की चुदाई दिखाई. उसने हमारे रूम के बाहर खड़े होके हम दोनो की पूरी चुदाई देखी.
फिर जब वो वापस जेया रही थी, तो उसकी शॉर्ट्स गीली थी. मुझे अब अपना काम बनता हुआ नज़र आ रहा था. अब आयेज-
अगले दिन सुबा मई तैयार होके ब्रेकफास्ट करने बैठ गया. फिर दिव्या भी आ गयी. उसने आज ब्लॅक लेगैंग्स और ब्लू त-शर्ट पहनी हुई थी. इतनी सेक्सी लड़की को सुबा-सुबा देख कर आपका दिन बन जाता है.
आज वो भी मुझे गौर से देख रही थी, और उसकी नज़र बार-बार मेरे लंड पर भी जेया रही थी. तभी उसकी त-शर्ट पर जाम गिर गयी. उसके हाथ मे टोस्ट था, तो मई जल्दी से उसकी त-शर्ट पर लगी जाम को सॉफ करने लग गया. मई उसके पीछे गया, और अपने हाथ उसके बूब्स पर ले गया.
मैने जाम सॉफ करते-करते उसके बूब्स पर भी हाथ फेर दिया. जब मई अपनी चेर पर वापस बैठा, तो दिव्या की साँसे तेज़ थी, और वो मेरी तरफ ऐसे देख रही थी, जैसे जन्मो की प्यासी हो. फिर नाश्ता करने के बाद मई काम पर चला गया.
शाम को जब मई घर पर आया, तो घर पर दिव्या के अलावा कोई नही था. जब मैने दोर्बेल्ल बजाई, तो दिव्या ने दरवाज़ा खोला. मैने उससे पूछा-
मई: रोमिका कहा है.
दिव्या: दीदी बेज़ार गयी है, एक घंटे तक आएँगी.
मई: ओक.
फिर दिव्या किचन मे गयी, और मेरे लिए पानी लेके आई. उस वक़्त उसके शॉर्ट्स और त-शर्ट पहनी हुई थी. जब वो ग्लास लेके वापस जेया रही थी, तो उसकी गोरी-गोरी जांघे, और मटकती गांद मुझे पागल कर रही थी. मैने सोचा, अभी रोमिका के आने मे 1 घंटे का टाइम था, तो कुछ किया जेया सकता था.
ये सोच कर मई किचन मे दिव्या के पीछे चला गया. अब मुझसे बर्दाश्त नही हो रहा था, तो मैने दिव्या को पीछे से पकड़ लिया. आहह.. उसके कोमल जिस्म का स्पर्श कमाल का था. दिव्या हैरान हो गयी, और बोली-
दिव्या: जीजू आप ये क्या कर रहे हो?
मई: कुछ नही, देख रहा हू, की मेरी साली जवान हो गयी है. और सेक्सी भी हो गयी है.
ये बोल कर मैने उसके बूब्स दबा दिए. तभी उसने मुझे पीछे धक्का मारा, और बोली-
दिव्या: जीजू प्लीज़! मई आपकी साली हू, बीवी नही.
मई: देखो दिव्या मुझे भी पता है, की तुम्हे सेक्स की भूख है. नही तो तुम कल हमारी चुदाई ना देख रही होती.
ये सुन कर दिव्या का मूह लाल हो गया, और वो बोली-
दिव्या: लेकिन इसका मतलब ये नही, की मई आपके साथ कुछ करके अपनी दीदी को धोखा डू.
मई: देखो मई तो घर का आदमी हू. जो भी हमारे बीच होगा, वो हम दोनो मे ही रहेगा. बाहर वाले के साथ तुम फ़ासस सकती हो. और क्या पता वो तुम्हारा फ़ायदा उठा ले. छूट सिर्फ़ लंड देखती है, और लंड सिर्फ़ छूट. हा हम जीजा-साली है. लेकिन बिस्तर मे बाय्फ्रेंड-गर्लफ्रेंड हो सकते है.
ये सुन कर दिव्या थोड़ी कन्विन्स्ड लगने लगी. फिर मैने चेक करने के लिए कहा-
मई: चलो फिर तुम्हारी मर्ज़ी. कोई ज़बरदस्ती नही है.
ये बोल कर जब मई मुड़ने लगा, तो उसने मेरा हाथ पकड़ लिया, और बोली-
दिव्या: पक्का ये ग़लत नही होगा?
मई: नही होगा मेरी जान. अब तुम इधर आओ बस.
ये बोल कर मैने उसको अपनी बाहो मे भर लिया, और अपने होंठ उसके होंठो से चिपका दिए. पहले 10 सेकेंड वो किस करने की टेक्नीक समझने लगी, और फिर मेरा साथ देने लगी. क्या स्वाद का उसके होंठो का, एक-दूं क़यामत.
मई उसको किस करते हुए अपने हाथ उसकी गांद पर ले गया, और गांद को दबाने लगा. इससे वो और जोश मे आ गयी, और तेज़-तेज़ साँसे लेने लग गयी. मई 15 मिनिट तक उसके होंठ चूस्टा रहा. फिर मैने उसके गालो और गर्दन पर किस करना शुरू कर दिया.
मैने उसकी त-शर्ट निकाल दी, और उसके ब्रा मे काससे हुए गोरे-गोरे स्टअंन मेरे सामने आ गये. उसके कमसिन बूब्स देखते ही मई उन पर टूट पड़ा. मैने उसक्स बूब्स को दबाना शुरू किया, और निपल्स को ज़ोर-ज़ोर से चूसने लग गया.
वो आहें भरने लग गयी, और मेरे सिर को अपने बूब्स मे दबाने लगी. मई बड़े मज़े से उसके बूब्स चूस रहा था. फिर मैने उसको अपनी बाहो मे उठा लिया, और अंदर कमरे मे ले गया. मैने उसको बेड पर लिटाया, और उसकी कमर चूमने लग गया.
फिर मई नीचे आया, और उसकी शॉर्ट्स उतार दी. उसने ब्लू कलर की पनटी पहनी हुई थी. मई उसकी गोरी जाँघो को उपर से नीचे तक चूमने-चाटने लग गया. क्या सेक्सी जांघे थी उसकी, एक-दूं कड़क. फिर मैने उसकी पनटी उतार दी, और उसकी कुवारि पिंक छूट मेरे सामने आ गयी.
उसकी छूट पर काफ़ी बाल थे, लेकिन हवस मे बाल कहा दिखते है. मैने अपनी जीभ उसको छूट पर लगाई, और उसको चूस-चूस कर चाटने लगा. मई उसकी छूट मे जीभ डालने की कोशिश कर रहा था, लेकिन उसकी छूट बहुत टाइट थी.
फिर मैने अपने कपड़े उतार दिए. मेरा 7 इंच का लंड देख कर वो रोमांचित हो गयी. उसने लंड हाथ मे ले लिया, और बोली-
दिव्या: कितना क्यूट है.
फिर मई उसकी टाँगो के बीच आया, और उसकी छूट पर लंड रगड़ना शुरू कर दिया. वो ज़ोर-ज़ोर की आहें भरने लग गयी. फिर मैने अपना लंड उसकी छूट के मूह पर सेट किया, और प्रेशर डाला. पहली बार मे मेरे लंड का टोपा उसकी सील तोड़ कर अंदर चला गया.
उसकी चीख निकल गयी, लेकिन मैने उसका मूह बंद कर लिया. फिर मैने और प्रेशर डाला, और लंड धीरे-धीरे उसके अंदर जाने लगा. कितना अद्भुत एहसास जैसा. ऐसा एहसास मुझे अपनी सुहाग-रात पर हुआ था.
लंड सरकते-सरकते पूरा उसके अंदर जेया चुका था, और 5 मिनिट की हुलचल के बाद वो भी शांत हो चुकी थी. मेरे चूस्टे रहने से उसके होंठ लाल हो गये थे. फिर मैने उसकी छूट मे धीरे-धीरे धक्के देने शुरू किए.
अब वो भी मेरा साथ दे रही थी. मई उसके होंठ छोढ़ कर उसके बूब्स चूसने लगा था. इतनी सेक्सी साली पर चढ़ने का मज़ा ही कुछ और होता है. मेरे धक्के मारने से उसके बूब्स उछाल रहे थे, और ठप-ठप की आवाज़े आ रही थी. अब वो पुर जोश मे थी, और बोल रही थी.
दिव्या: जीजू ज़ोर से करो आहह.. बहुत मज़ा आ रहा है मुझे. इतना मज़ा मुझे लाइफ मे कभी नही आया.
मैने अपने धक्के तेज़ कर दिए, और उसके होंठ और बूब्स चूस्टा रहा. फिर 30 मिनिट बाद मई झड़ने वाला था. मैने अपना लंड उसकी छूट से निकाला, और अपना पानी उसके पेट पर गिरा दिया. वो अब तक 3 बात झाड़ चुकी थी. फिर मैने उसके माथे पर किस किया, और बाहर आ गया.
थोड़ी देर के बाद रोमिका घर आ गयी, और हम दोनो नॉर्मल बिहेव करने लगे. फिर रात को हम खाना खा कर सो गये. रात को मुझे नींद नही आ रही थी, और मेरे दिमाग़ मे दिव्या की गांद घूम रही थी.
फिर मई उठा, और उसके रूम की तरफ जाने लगा. बाहर जाके देखा, तो दिव्या मेरे रूम की तरफ ही आ रही थी.
वो बोली: जीजू नींद नही आ रही.
मई: मुझे भी.
ये बोलते ही उसने मुझे किस करना शुरू कर दिया. मैने उसको उठाया, और दूसरे रूम मे ले गया. वाहा जाके हम दोनो पागलो की तरह एक-दूसरे को चूमने चाटने लगे. इस बार मुझे उसके कपड़े उतारने की ज़रूरत नही पड़ी, क्यूकी उसने खुद ही अपने सारे कपड़े उतार दिए.
फिर वो बोली: मुझे भी दीदी की तरह घोड़ी बना कर छोड़ो.
मैने अपना लंड पीछे से उसकी छूट पर सेट किया, और घाप करके अंदर डाल दिया. फिर मई तेज़-तेज़ धक्के देने लगा. वो भी आहह आहह करके मज़ा ले रही थी, और अपनी गांद आयेज-पीछे कर रही थी. मई उसके छूतदो पर थप्पड़ मार रहा था, और बूब्स मसल रहा था.
रात को हमने 3 बार चुदाई की, और फिर मई अपने कमरे मे आके रोमिका के साथ सो गया. उसके बाद जीतने दिन दिव्या हमारे घर रही, मैने उसको रोज़ छोड़ा. जाते हुए वो मुझसे प्रॉमिस करके गयी, की हफ्ते मे एक बार तो वो मुझे अपनी छूट ज़रूर देगी.
तो दोस्तो ये थी मेरी कहानी. अगर आपको पसंद आई हो, तो इसको लीके और कॉमेंट ज़रूर करना.
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