ही दोस्तों, मैं अरविंद आज आप सब के सामने अपनी कहानी का अगला पार्ट लेके आया हू. उमीद है आपने पिछले पार्ट्स को मिस नही किया होगा. अगर आपने पिछले पार्ट्स मिस किए है, तो जल्दी से जाके उनको पढ़िए. क्यूंकी उनको मिस करना आप अफोर्ड नही कर सकते.
पिछले पार्ट में आपने पढ़ा की जब दीदी हेमंत के साथ च्चत पर रोमॅन्स कर रही थी, तो मैने उनकी वीडियो बना ली. फिर मैने दीदी को मेसेज करके नीचे बुलाया, और अपने रूम में ले गया.
वाहा जाके मैने उनको उनकी वीडियो दिखाई, और मेरे साथ सेक्स करने को बोला. पहले तो वो नही मानी. लेकिन जब मैने उनकी वीडियो घर वालो को दिखाने की बात की, तो उनको मानना पड़ा. फिर हमारी किस्सिंग शुरू हुई, और दीदी पिघलने लग गयी. अब आयेज बढ़ते है.
किस्सिंग करने के बाद मैने दीदी की गर्दन चूमनि शुरू कर दी. क्या गरम और सॉफ्ट स्किन थी दीदी की. उपर से उनकी खुश्बू तो ऐसी थी, की किसी को भी पागल बना दे. गर्दन चूमते हुए मैने मूह त-शर्ट के उपर से उनकी क्लीवेज में डाल दिया. इतना मज़ा आ रहा था की मैं बता नही सकता.
दोस्तों क्लीवेज चूमने में तो मज़ा आता ही है. लेकिन जब वो क्लीवेज आपकी बेहन की हो, तो फीलिंग ही अलग होती है. शायद ये करके हम समाज के नीयम तोड़ रहे होते है, इसलिए ज़्यादा मज़ा आता है.
फिर मैने दीदी की त-शर्ट निकलवा दी. अब दीदी भी गरम हो चुकी थी, शायद इसीलिए उन्होने एक बार बोलने पर ही त-शर्ट उतार दी. अब वो मेरे सामने जीन्स और ब्रा में खड़ी थी. अपनी बेहन को ऐसे देखना, और बाकी कपड़े उतरने का इंतेज़ार करना बड़ा मज़ेदार होता है.
मैने अपनी भी शर्ट उतार दी, और अपने नंगे बदन को दीदी के बदन के साथ चिपका दिया उनको गले लगा कर. मैं उनकी गर्दन, क्लीवेज, और शोल्डर्स को चूमने लगा, और उनकी पीठ पर हाथ फेरने लगा. जब मेरा हाथ उनकी ब्रा के हुक पर पड़ा, तो मैने उनकी ब्रा निकाल दी.
दीदी की ब्रा निकलते ही उनके खूबसूरत बूब्स मेरे सामने थे. उनके बूब्स देखते ही मैं पागल हो गया. मैने उनके दोनो बूब्स को पकड़ा, और निपल्स को चाटना-चूसना शुरू कर दिया. मैं इतनी ज़ोर से चाट-चूस रहा था, की दीदी को दर्द होना शुरू हो गया. फिर दीदी बोली-
दीदी: अर्रे जानवर क्यूँ बन गया है, आराम से कर.
फिर मैं तोड़ा आराम से चूसने लग गया. अब दीदी कामुक आहें भरने लग गयी. मैं समझ गया था, की अब वो चुदाई के लिए बिल्कुल तैयार थी. फिर मैं नीचे घुटनो के बाल बैठ गया, और दीदी की जीन्स का पहले बटन, और फिर ज़िप खोली.
फिर मैने दीदी की जीन्स को नीचे करके उतार दिया. अब मेरी बेहन मेरे सामने सिर्फ़ कक़ची में थी. दीदी ने लाल कक़ची पहन रखी थी, जिसको देख कर मेरा लंड और सख़्त हो गया. दोस्तों गोरे रंग वाली लड़कियाँ लाल कक़ची में तबाही लगती है. मेरी दीदी भी ऐसी ही लग रही थी.
मैने दीदी की कक़ची में हाथ डाला, तो दीदी ने मुझे रोकने की कोशिश की. मैने दीदी की तरफ देखा, और मुस्कुरा कर उनकी कक़ची को ज़ोर से खींच कर उतार दिया. अब मेरी बेहन की हल्के बालों वाली छूट मेरे सामने थी.
मैने छूट देखते ही उसको मूह लगा लिया, और किसी छूट के प्यासे की तरह उसको चूसने-चाटने लग गया. तभी दीदी बोली-
दीदी: अर्रे ये क्या कर रहा है? ये गंदा है.
मैं: दीदी हम लड़कों से पूछो की ये हमारे लिए कितना कीमती अमृत है.
ये बोल कर मैं उनकी छूट चूस्टा गया. दीदी को मज़ा आने लग गया, और वो गांद हिला-हिला कर अपनी छूट चुसवाने लगी. उन्होने मेरे सर पर हाथ रख कर मेरे मूह को अपनी छूट में दबाना शुरू कर दिया. क्या स्वाद आ रहा था बेहन की छूट चूसने मैं.
मैने अपने दोनो हाथ दीदी के छूतदों पर रखे, और अपने मूह की तरफ धकेलने लगा. मैं इतनी ज़ोर-ज़ोर से छूट चूस रहा था, की दीदी का पानी सीधे मेरे मूह में निकल गया. वो पानी निकालते हुए आ आ करने लगी, और काँपने लगी. फिर मैं दीदी को बेड पर ले गया.
उसके बाद मैने अपने बाकी कपड़े उतार दिए, और मैं पूरा नंगा हो गया. मेरा मोटा तगड़ा लंड देख कर दीदी घबरा गयी. वो मुझे बोली-
दीदी: भाई इससे तो मेरी छूट फटत जाएगी. मैने अपनी वर्जिनिटी अपने पति के लिए बचा कर रखी है.
मैं: फिर कों सा तुम्हारी शादी हो रही है दीदी. शायद छुड़वा कर तुम्हारी शादी हो जाए.
वो चुप हो गयी. फिर मैने बोला-
मैं: दीदी पहले इसको टेस्ट तो कर लो.
दीदी ने लंड चूसने से माना किया, लेकिन मैने उनके उपर आके लंड उनके मूह में डाल दिया. मैं उनके मूह में लंड अंदर-बाहर करने लगा. धीरे-धीरे उनको मज़ा आने लगा, और वो रंडी जैसे लंड चूसने लगी. जब लंड पूरा चिकना हो गया, तो मैं दीदी की टाँगो के बीच आ गया. फिर मैने अपना लंड उनकी छूट पर रगड़ना शुरू कर दिया.
मैं उनसे लंड के लिए भीख मंगवाना चाहता था. तो मैं लगातार उनकी छूट पर लंड रगड़ता रहा. वो आ आ करती रही, और उनकी छूट से पानी रिस्ता रहा. फिर वो गांद हिलने लगी, और मुझे लंड डालने के लिए बोलने लगी. जब उन्होने प्लीज़-प्लीज़ कहना शुरू किया, तो मैने लंड छूट के मूह पर टीका कर ज़ोर का धक्का मारा.
पहले धक्के में मैने आधा लंड उसकी छूट में डाल दिया. उसकी छूट से तोड़ा खून निकला, और दर्द के मारे उसकी चीख निकल गयी. वो झटपटाने लगी, लेकिन मैने बिना वेट किए अगला धक्का मार कर पूरा लंड छूट में घुसा दिया.
पूरा लंड घुसा कर मैं दीदी के उपर लेट गया, और उनके होंठ चूसने लगा. जब वो नॉर्मल हुई, तो मैने उनकी चुदाई शुरू की. कुछ देर में वो गांद उठा-उठा कर मुझसे चूड़ने लगी. दीदी मेरे उपर आई, और मेरे लंड पर उछालने लगी. मैने उनके उछलते बूब्स पकड़े, और दबा-दबा कर उनको छोड़ने लगा.
थोड़ी देर में उनकी छूट का पानी निकल गया, लेकिन मैने उनको तब तक छोड़ा, जब तक की मेरे माल से उनकी छूट नही भर गयी. उस दिन के बाद हमारी रेग्युलर चुदाई होने लगी. अभी कुछ दिन पहले दीदी की शादी फिक्स हो गयी है. लेकिन उनके जाने से पहले मैं उनको बहुत छोड़ने वाला हू.
तो दोस्तों ये थी मेरी कहानी. अगर आपको कहानी पसंद आई हो, तो इसको अपने फ्रेंड्स के साथ ज़रूर शेर करे. कहानी पढ़ने के लिए धन्यवाद.