ही फ्रेंड्स, मैं पुष्पा आज आपके सामने सॅकी घटना पर आधारित कहानी आप लोगों की खिदमत में पेश कर रही हू. मुझे पूरी उम्मीद है, की आप सब को बहुत मज़ा आएगा. तो दिल थाम कर कहानी का मज़ा लीजिए.
लेकिन अपनी छूट और लंड को कंट्रोल करके कहानी पढ़िएगा. और बाद में फिर लंड और छूट का खेल शुरू करिएगा. तो आइए चरम तक पहुँच जाए.
बात इसी रक्षा बंधन के दिन की है. मैं अपने भाई को रखी बाँधने अपने भाई के यहा गयी थी, जो रेलवे में एंप्लायी है. वो जबलपुर में रहते है. मेरा भाई मुझसे सिर्फ़ टीन साल बड़ा है. उसने बिल्कुल ही अर्ली आगे में शादी की थी.
शादी के बस एक साल बाद उसको एक बेटा हुआ, और उसका नाम केसब है. मैं अभी 34 की हू, और मेरा भाई 37 का है. भाई की शादी हुए भी अब 19 साल हो चुके है.
केसब फर्स्ट एअर का स्टूडेंट है. दुर्भाग्या से मेरी इतनी सुंदर कामिनी सी काया, पढ़ी लिखी, और जॉब में रहते हुए भी अब तक मैं सिंगल ही हू.
ज़ुल्मी जवानी के बोझ को धोना कितना कठिन है, ये तो सिंगल ही फील कर सकते है. ऐसा भी नही की सिंगल रहते मैं उँचुड़ी कुमारी हू. मैने बहुत चुडवाई है, लेकिन अपने घर में कभी नही.
जितनी भी रंग-रलियान खेली है, सब बाहर. बाहर अंजन बंडो के साथ. सेम आगे के होने के कारण हम दोनो भाई-बेहन में प्रेम भी बहुत है, और हो भी क्यूँ नही. निकट-ताम फॅमिली मेंबर में हम दोनो भाई-बेहन के अतिरिक्त कोई है भी नही.
11 ऑगस्ट को मैं भाई के यहा गयी थी. भाई से मिल कर काफ़ी ख़ुसी मिली. सारे दर्द जैसे हवा हो कर उडद गये थे. वाहा पहुचने पर पता चला, की मेरी भाभी भी अपने भाई के यहा जाने वाली थी.
उन लोगों ने मुझे घर में केसब के साथ रहने को बोला, और कल वापस आने की बात कही. मैने ओक कर दिया, और वो लोग चले गये. घर में सिर्फ़ मैं और केसब रह गये थे.
एक चीज़ मैं बार-बार मार्क कर रही थी, की केसब मेरी गड्राई जवानी को बार-बार घूरता था. मुझे अजीब सा लग रहा था. मुझे लग रहा था, इतना छ्होटा सा छ्होरा ऐसे क्यूँ मुझे घूर रहा था. पर मैने उसकी तरफ से ध्यान हटा लिया.
मैं सोफे पर बैठ काट टीवी का मज़ा ले रही थी. उसी समय केसब मेरे बिल्कुल पास बैठ गया. फिर वो मेरी बाजू पर हाथ फिरते हुए बोला-
केसब: दीदी तेरी बाजू कितनी गोरी चिकनी और मुलायम है.
मैं बिल्कुल अक्चका गयी. वो इसलिए, की केसब का मेरे बदन पर हाथ फिरने का अंदाज़ बिल्कुल ठीक नही था. फिर मैं वाहा से उठ कर किचन की तरफ चली गयी. मुझे अजीब सा लगा.
मेरी जवानी भी मचलती है, मैं छुड़वाने को तड़पति हू, पर फैमिली मेंबर के साथ. और वो भी इतने छ्होटे छ्होरे के साथ तो मैने कभी कल्पना भी नही की थी.
फिर मैं बेडरूम में बेड पर आँखें बंद करके लेट गयी. मुझे हल्की सी नींद आ गयी. मेरी नींद तब खुली, जब मुझे मेरे पास किसी का एहसास हुआ. मैने चुपके से देखा, तो केसब बिल्कुल मेरे पास बैठ कर मुझे निहार रहा था.
मैं आँखें बंद किए उसको वॉच करने लगी, की देखते है ये छ्होरा क्या-क्या करता है. सबसे पहले केसब आसवस्त होकर की मैं सो गयी थी, उसने मेरी कमर पर हाथ रखा. मैने ज़रा भी रिक्ट नही किया.
केसब कमर से मेरी नाभि के आस-पास हाथ फिरने लगा. धीरे-धीरे वो अपना हाथ मेरे चूतड़ पर ले गया. वो मेरी गांद के इर्द-गिर्द हाथ फिरने लगा. मैं फिर भी चुप थी.
वो मेरे बदन से बिल्कुल ही चिपक गया था. मैं भी चुप थी. फिर केसब ने एकाएक मेरी चूचियों पर हाथ रख कर चूची को हल्के से दबाया. मैं एक-दूं से तड़फ़दा कर उठ गयी, और दाँत-ते हुए बोली-
मैं: क्या कर रहा है रे?
केसब गिड़गिदा कर बोला: प्लीज़ दीदी मुझे करने दे. तेरी इतनी हॉट फिगर देख के मैं कंट्रोल खो चुका हू.
उसकी आँखों में बिनटी और धमकी दोनो साथ-साथ दिखाई पद रहे थे.
फिर मैं बोली: मुझमे ऐसा हॉट तुझे क्या दिखता है? ऐसा तो सभी औरतों में होता है. तेरी मों में भी है.
केसब बोला: मेरी मों भी बहुत हॉट है. मों को चुड़वते देख काट मैं मचल जाता हू, और फिर मूठ मार कर ही शांत हो पता हू.
मैं अचरज से उसकी तरफ देख कर सोचने लगी, की वो अपनी मा को देख कर मूठ मारता था. अब मेरी उत्सुकता केसब की तरफ और भी बढ़ गयी.
मैने उससे पूछा: तुमने मों को कब और कहा चुड़वते देखा?
केसब बोला: पापा मों को रोज़ ही छोड़ते है. पापा के एक फ्रेंड महेश अंकल से भी मों को चुड़वते मैने देखा है.
मैने केसब को पूछा: तुम सच बोलते हो या ग़लत? अछा बताओ तो सही छुड़वाने में वो लोग क्या-क्या करते है?
केसब ने बताया: अक्सर सबसे पहले मों के गालों को चूमते है. मों खिलखिला कर हस्ती है. फिर होंठो को चूस्टे है. फिर चूचियों को हाथो से सहलाते मसालते है. छूट को चाट-ते है, और अंत में मों की छूट में लंड डाल कर ढाका-धक फ़चा-फॅक छोड़ते है. और हानफते हुए फिर दोनो की हरकतें शांत हो जाती है. उसके बाद फिर मेरी शुरू हो जाती है.
ये सब सुन-सुन कर मेरी नास्स-नास्स में भी छुड़वाने का सुरूर चढ़ गया. फिर भी मैं बोली-
मैं: अछा केसब, ये तो बता मुझमे तुझे हॉट क्या दिखता है?
केसब ने कहना शुरू किया: तेरी ये कमाल की पंखुड़ियों सी कजरारी आँखें, नागिन से लंबे बाल, तीखे नैन नक्श, गोरा चमकदार रंग, तेरी ये बड़ी-बड़ी गोल-गोल क़ास्सी हुई चूचियाँ कमाल की है.
फिर वो गांद पर हाथ फिरा कर बोला: तेरी ये गांद के उभार को देख कर तो लगता है अभी के अभी इसकी बर में लोड्ा डाल कर घचा-घच छोड़ना शुरू कर डू.
अब मेरी भी चूड़ने की लालसा हिलोरे मारने लगी.
मैं बोली: तू इतना बड़ा खिलाड़ी हो गया है, तो आ अपनी दीदी के छूट का मज़ा ले-ले. दिखने में तो तू दूध मुहा लगता है.
केसब बोला: बस एक मौका दे-दे दीदी. मैं तुझे दिखा दूँगा मैं कितना बड़ा छोडनबाज़ हू.
ये कहते हुए केसब मेरे गालों को चूमने लगा. मैं एक छ्होरे से छुड़वाने की कल्पना से मस्त हुई जेया रही थी. केसब मेरे होंठो को चूमने लगा. चुम्मा-छाती से मेरी चूचियाँ अकड़ने लगी, छूट पासीजने लगी.
साथ ही छूट में मैं तनाव महसूस करने लगी. मैं केसब से बोली-
मैं: तुम अपना लोड्ा भी तो दिखाओ. ज़रा देखो तो मैं जिस लंड से चूड़ने वाली हू, वो कैसा है.
केसब ने बिना किसी भी देरी के अपनी पंत उतार दी मेरे सामने. केसब का मस्त लोड्ा फुफ्करने लगा. उसके लंड को देख कर तो लगता ही नही था, की वो छ्होरे का लंड था. एक हटते-काटते मर्द की तरह पुवर 07″ लंबा और 04″ घेरे वाला मोटा लंड था सेयेल का.
मैं मस्ती से झूम उठी, क्यूंकी कड़क मस्त लंड का मज़ा मिलने वाला था. लंड पर हल्के सी रेशमी बाल थे. केसब मेरी चूचियों को अलग अंदाज़ में पी रहा था, चूस रहा था.
जब उसके मूह में एक चूची होती, दूसरी को वो हाथो से कुशल छोड़न-बाज़ की तरह सहलाता. मेरी छूट ताप-ताप करके तपाक रही थी. छूट भी अब चुदाई के लिए उतावली हुए जेया रही थी. मैने केसब का सर अपने हाथो से पकड़ कर उसको छूट पर रख दिया.
केसब अपनी जीभ लवनि की तरह छूट पर रख कर छत-छत चाटने लगा. वो अपनी जीभ कभी-कभी छूट के भीतर भी डाल देता. उसकी जीभ मेरी दाने को टच करती, और मैं उछाल पड़ती. मेरी छूट से लगातार मदन रस्स तपाक रहा था.
मेरी छूट इतनी गरम हो गयी थी, की वो अब जल्द से जल्द लंड लेना चाह रही थी. मैं केसब को लोड्ा बर में डालने को बोली. केसब ने मेरी गांद के उपरी भाग को बेड पर रख कर मेरी टाँगो को अपने कंधे पर लिया.
अब मेरी बर के ठीक सामने केसब का घोड़ा रूपी लोड्ा हीं-हिना रहा था. उसने लोड्ा बर के मूह पर रखा, और खच से अंदर बर में डाल दिया. बर की दीवारो को चीरता हुआ रोड के समान कड़क लंड बर में समा गया.
फिर क्या था. पहले तोड़ा धीरे, फिर तेज़, और अब पूरी तेज़ गति से ढाका-धक छोड़ने लगा. बर में लोड्ा पकड़ कर मैं मस्ती में बाद-बड़ाने लगी-
मैं: मार धक्का, ढाका-धक छोड़ बेटा, और तेज़ छोड़. छोड़ता जेया अपनी दीदी को, और बर का लेले भरपूर मज़ा और दीदी को भी मज़ा देता जेया.
केसब पूरी ताक़त से छोड़ रहा था. उसके छोड़ने की स्पीड काफ़ी तेज़ थी. इस धुआ-दार चुदाई ने मुझे लत-पाठ कर दिया.
मैं बोली: ज़रा ठहर बेटा, अब ज़रा पटरी बदल ले.
इस बार केसब ने मुझे घोड़ी बनने को बोला, और खुद घोड़ा बन कर जंप मार कर मेरे उपर चढ़ गया. फिर एक-दूं घोड़े की तरह हीं-हिना कर मुझे छोड़ने लगा. मैं भी गांद मचका-मचका कर छुड़वाने लगी.
मुझे चुदाई का फुल मज़ा मिल रहा था. मेरी बर कस्स कर बार-बार लोड को पकड़ने लगी. केसब का लोड्ा भी फूल कर बतासा हो गया था. अब शायद मंज़िल बहुत ही करीब थी.
उसने मुझे चिट लिटाया, और मेरी गांद के नीचे तकिया दे कर बर को उपर उठाया. फिर छूट के रस्स से साने लंड को बर में डाल दिया. इस बार लग रहा था लोड्ा बच्चे-दानी को चू रहा था.
मुझे इतनी मस्ती चढ़ि, की मेरी आँखें अपने आप से बंद हो गयी. मैं चरम आनद की अनुभूति कर रही थी. मेरे मूह से आ आ आ निकल रहा था. केसब भी आ आ करके बड़बड़ाने लगा.
केसब: कितनी मज़ेदार बर है तेरी. मैं तो एक ही चुदाई में तुम्हारा गुलाम हो गया दीदी. मैं गया, मैं गया.
ये कहते हुए केसब ने गरमा-गरम लावा बर में पिचकारी की तरह छ्चोढ़ दिया. मैं भाव-विभोर हो गयी. केसब एक तरफ लूड़क गया था, और मुझे आनद की नींद आ गयी.
जब मेरी नींद खुली, तो केसब को पावं दबाते पाया. केसब के पावं दबाने से काफ़ी सकूँ मिल रहा था. पावं दबाते हुए केसब बर को भी सहलाने लगा. करीब आधे घंटे की कड़ी मुशक्कत के बाद बर और लोड्ा फिरसे नयी कुश्ती के लिए तैयार हो गये.
फिर क्या था, चुदाई का दूसरा दौर शुरू हो गया. जवान खड़े लंड का जलवा दिखाते हुए पूरी रात केसब मुझे छोड़ता रहा. चुड़वते-चुड़वते मेरी बर का भुर्ता बन गया. सुबा मुझे मेरे भाई का फोन आया.
वो बोला: पुष्पा तुम वही रहना. अब हम लोग 15 को ही आ पाएँगे.
केसब सुन कर झूम उठा. उसने कस्स कर मुझे आगोश में लिया, और बोला-
केसब: दीदी पुर पाँच दिन तेरी छूट का मज़ा लूँगा. हाए दीदी मैं कितना किस्मत वाला हू.
और वो ताबाद-तोड़ मुझे चूमने चाटने लगा, और फिर शुरू हो गया एक नया अध्याय.
दोस्तों कैसी लगी मेरी कहानी? आप मुझे फीड बॅक देना मत भूलना
मैं आपका वेट करूँगी, थॅंक्स.