kamukta, antarvasna मेरा चक्कर मेरे पड़ोस में रहने वाले मुकेश के साथ चलता है मुकेश से मैं एक शादी के दौरान मिली थी। मैं जब उससे मिली तो उस वक्त मेरे पति भी मेरे साथ थे लेकिन उसके चेहरे की चमक एक अलग ही प्रकार की थी मै उसे अपना किसी भी हालत में बनाना चाहती थी। मैंने उससे फेसबुक के माध्यम से बात की, जब हम दोनों की दोस्ती हो गई तो मैं मुकेश से अपनी चूत मरवाना चाहती थी। मै उसके लिए इतनी ज्यादा बेताब थी मैंने उससे अपनी चूत मरवाने की ठान ली जब पहली बार उसने मुझे चोदा तो मुझे ऐसा लगा जैसे मैं जन्नत में चली गई हूं। उसके बाद मुझे बहुत अच्छा मौका मिल गया मेरे पति भी विदेश नौकरी के लिए चले गए मुझे जैसे खुलकर आजादी मिल गई मैं मुकेश से हमेशा चुदने के लिए तैयार रहती। जैसे उसके लंड ने मुझे अपना दीवाना बना दिया था क्योंकि उसका लंड 10 इंच मोटा और लंबा था लेकिन मुझे उस वक्त मुकेश के साथ सेक्स करने का मौका नहीं मिला जब मेरी ननंद घर से भाग गई।
मेरी ननंद का नाम संजना है वह पड़ोस में रहने वाले एक लड़के के साथ भाग गई, जब मेरी ननद घर से भागी तो उस वक्त मेरी सास और ससुर का रो रो कर बुरा हाल हो चुका था हमें यह बात तो काफी समय बाद पता चली, वह नौकरी करने के लिए घर से गई थी कुछ दिनों तक वह यह कहकर घर नहीं लौटी कि मुझे ऑफिस का काम है इसलिए मैं अपनी सहेली के घर ही रहूंगी उसकी सहेली उसके ऑफिस के पास ही रहती थी इसलिए हम लोगों ने उसे वहां भेजा था हमने इस बात पर ध्यान नहीं दिया परंतु जब काफी दिनों तक वह घर नहीं लौटी तो उसके बाद एक दिन मेरी छोटी ननद आकांक्षा ने संजना को फोन करने की कोशिश की लेकिन उसका फोन लग ही नहीं रहा था उस दिन जब उसका फोन नहीं लगा तो उसने यह बात मेरे सास और ससुर को बता दी हम लोगों ने भी काफी ट्राई किया लेकिन उसका फोन नहीं लगा, जब हम लोग उसकी सहेली के घर पहुंचे तो वह हमें कहने लगी कि वह तो मेरे साथ में थी ही नहीं। हम सब लोग बहुत घबरा गए और इसी घबराहट के मारे मेरी सास को वहीं चक्कर आ गए, फिर हमें उन्हें अस्पताल में भी एडमिट करवाना पड़ा जब यह बात मेरे पति को मालूम पड़ी तो वह भी घर आ गए और जब वह घर पहुंचे तो वह बहुत ज्यादा गुस्से में थे क्योंकि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि संजना इस प्रकार की हरकत करेगी।
जब हम सब लोग साथ में बैठे हुए थे तो मेरे पति मेरी सास से पूछने लगे की क्या उसका किसी लड़के के साथ पहले से ही कोई रिलेशन था या फिर उसने आपसे इस बारे में कुछ बात की हो, मेरी सासू कहने लगी कि उसने हमसे कभी भी इस बारे में बात नहीं की और ना ही कभी हमें उसने इस बारे में कुछ बताया। इस बात से हम सब लोग बहुत दुखी थे लेकिन संजना का कहीं भी कुछ पता नहीं था हम लोगों ने सोचा कि पहले पुलिस स्टेशन में कंप्लेंट कर दी जाए लेकिन मेरे पति ने मना कर दिया वह कहने लगे कि अब तो वह घर से भाग चुकी है बेकार में यदि हम पुलिस कंप्लेंट करेंगे तो हमारे ही घर की बदनामी होगी हम लोग कुछ दिनों तक रुक जाते हैं यदि वह घर नहीं लौटी तो उसके बाद हम लोग कानून का सहारा लेंगे, यह कहते हुए सब लोग चुप हो गए लेकिन ना तो उसका कुछ पता था और ना ही उसका कोई फोन आया था इस बात को एक महीने से ऊपर हो चुका था और मेरे पति भी अब घर पर ही थे। एक दिन मुझे मुकेश का फोन आया मैंने मुकेश को सारी बात बताई और कहा कि संजना घर से भाग चुकी है घर में इस वजह से काफी तनाव का माहौल है, उसके बाद मेरी भी मुकेश से कोई बात नहीं हो पाई इस बात को काफी समय हो चुका था। एक दिन जब संजना घर आई तो उसके साथ में एक लड़का भी था, संजना को देख कर तो यही लग रहा था कि उसने उस लड़के के साथ शादी कर ली है जब वह दरवाजे पर खड़ी थी तो मेरे पति ने और मेरे ससुर ने उसे कहा कि अब तुम्हें घर पर आने की आवश्यकता नहीं है, उसे उन्होंने दरवाजे से ही उल्टे पांव लौटा दिया उसके बाद वह दुबारा घर पर नहीं आई। मेरे पति को इस बात से बहुत सदमा पहुंचा था और उन्होंने आकांक्षा को भी साफ तौर पर कह दिया था कि यदि तुमने भी ऐसा कुछ किया तो तुम भी हमारे घर का रास्ता भूल जाना। आकांक्षा भी कॉलेज में पढ़ रही है लेकिन वह संजना की तरह नहीं है परंतु मेरे पति ने उसे साफ तौर पर कह दिया था इसलिए वह ज्यादातर समय घर पर ही रहती थी वह कॉलेज से सीधा घर लौट आती थी।
एक दिन वह मुझे कहने लगी कि मुझे संजना मिली थी और वह बहुत ज्यादा परेशान है, मैंने आकांक्षा से कहा अब तुम उससे ज्यादा मतलब ना ही रखो तो ठीक रहेगा तुम्हें तो पता ही है कि सब लोगों ने अब उससे अपना रिश्ता तोड़ लिया है, वह मुझे कहने लगी लेकिन भाभी वह बहुत परेशान हैं और वह अपने पति के साथ बिल्कुल खुश नहीं है, मैंने आकांक्षा से कहा तुम उसे अब उसके हाल पर ही छोड़ दो तुम इस बारे में ज्यादा मत सोचो। अब धीरे-धीरे घर का माहौल ठीक होने लगा था तो मेरे पति एक दिन कहने लगे कि मैं वापस काम पर जा रहा हूं लेकिन तुम लोग घर का ध्यान रखना, उन्होंने मुझे कहा की रोशनी तुम घर का पूरा ध्यान रखना यदि कोई भी ऐसी दिक्कत हो तो तुम मुझे तुरंत उसी वक्त बता देना। वह अगले दिन ही जाने वाले थे मैं उनका सामान पैक कर रही थी उन्होंने मुझे पीछे से पकड़ और मुझे अपनी बाहों में लेने लगे।
उस रात उन्होंने मेरी चूत और गांड बड़े अच्छे से मारी उन्होंने काफी समय बाद इतना ज्यादा जोश दिखाया था। जब अगले दिन वह चले गए तो जैसे उन्होंने मेरे अंदर सेक्स का कीड़ा दोबारा से जगा दिया था मैंने तुरंत ही मुकेश को फोन किया और कहा मुझे तुमसे मिलना है। वह कहने लगा तुम मेरे घर पर ही आ जाओ उसने मुझे अपने घर पर बुला लिया। जब मैं उससे मिली तो मुझे उसे देखते ही अंदर से गर्मी पैदा होने लगी उसने मुझे कसकर पकड़ लिया उसने जल्दी से मेरे कपड़े उतारे मैं उसके सामने नंगी खड़ी थी। जब उसने मेरी चूत को चाटना शुरू किया तो मेरी चूत से गर्म पानी बाहर निकल रहा था उसने काफी देर तक मेरी चूत को चाटा। मैंने भी उसके लंड को बहुत अच्छे से चाटा उसने मुझे घोड़ी बना दिया और घोड़ी बना कर उसने अपने लंड को मेरी चूत के अंदर डाल दिया। वह बहुत तेजी से मुझे धक्के मार रहा था मेरे मुंह से आवाज निकल रही थी मैं भी ज्यादा देर तक उसके लंड की गर्मी को नहीं झेल पाई। उसके बाद भी वह लगातार तेजी से मुझे चोद रहा था उसने मेरी चूत का भोसड़ा बना दिया मेरी चूत अंदर से पूरी तरीके से छिल चुकी थी। मुझे उम्मीद नहीं थी वह मुझे इतनी बुरी तरह चोदने वाला है लेकिन उसके साथ संभोग करने मे मुझे अच्छा लगा जब उसका वीर्य गिरा तो वह कहने लगा थोड़ी देर बाद मैं तुम्हारे साथ सेक्स करूंगा। 10 मिनट बाद दोबारा से उसके अंदर जोश पैदा हो गया उसने लंड पर तेल लगा लिया। उससे पहले दिन मेरे पति ने मेरी गांड मार दी थी और मुकेश मेरी गांड बड़ी बुरी तरीके से मार रहा था। उसने भी मेरी गांड से खून निकाल दिया मैंने उसे कहा मुकेश मैं तो कब से तुम्हारा इंतजार कर रही थी लेकिन घर का माहौल ही खराब हो चुका था इसलिए मैं तुमसे बात नहीं कर पाई। वह कहने लगा कोई बात नहीं रोशनी तुमने अपनी गांड मरवा कर मेरी इच्छा पूरी कर दी। मैं भी तुम्हें काफी दिन से याद कर रहा था और कई दिनों से मेरा माल मेरे अंदर ही जमा हो रखा था लेकिन जब मैंने तुम्हारे साथ संभोग किया तो मुझे बड़ा अच्छा लगा। यह कहते हुए वह बड़ी तेजी से मेरी गांड में मार रहा था। जब वह मेरी गांड मार रहा था मै कुछ बोल नहीं पा रही थी मेरे मुंह से सिर्फ चिखने की आवाज निकल रही थी वह लगातार तेजी से मेरी गांड के घोड़े खोले जा रहा था। जब उसने अपने वीर्य को मेरी गांड के ऊपर गिराया तो वह मुझे कहने लगा अब जाकर मेरी इच्छा पूरी हुई है इतने दिनों से मैं तुम्हारा बेसब्री से इंतजार कर रहा था। मैंने उसे अपने गले लगा लिया उसका वीर्य मेरी गांड से टपक रहा था मैंने उसे कहा मैं चलती हूं यह कहते हुए मैं उसके घर से चली गई।