ही फ्रेंड्स, मेरा नाम समीर है, और मैं पुंजब से हू. मेरी उमर 30 साल है, और मैं एक शादी-शुदा आदमी हू. पहले मैं एक कंपनी में जॉब करता था, लेकिन अचानक कंपनी वालो ने मुझे काम से ही निकाल दिया. मुझे रीज़न भी नही बताया गया.
फिर जॉब से निकाले जाने के बाद मैं घर पर ही पार्ट टाइम जॉब करने लगा. बुत घर में बीवी के ताने सुन-सुन कर रोज़ घर में फालतू के बहस होती थी.
मेरी बीवी मुझसे कहती थी: कही जॉब क्यूँ नही कर लेते तुम? सारा दिन घर पर रहते हो, कही बाहर निकलो, और फुल टाइम जॉब करो. ताकि घर का खर्चा पूरा हो सके. ये पार्ट टाइम जॉब से घर का खर्चा पूरा नही पड़ता.
कुछ दिन ऐसा ही चलता रहा. रोज़ की इस चीक-चीक से मैं परेशन हो चुका था. और इसका असर मेरी पार्ट टाइम जॉब पर पद रहा था.
ऐसे टेन्षन के वक़्त में दिमाग़ को शांत करने का सिर्फ़ एक ही ज़रिया था. और वो ज़रिया था सेक्स. बुत मेरे बीवी की रोज़ की लड़ाइयों में ये सब कहा हो सकता था.
अब मैं यही सोचता रहता था, की कैसे दिन निकलेगा इन सब लड़ाइयों से बच के. रोज़ के इन पांगो से मैं तंग आ चुका था. हमने घर में एक कांवली रखी हुई थी, और घर के सब काम वो ही देखती थी.
हमारे इन रोज़ के झगड़ों को वो कांवली भी देखती थी. वो समझ रही थी, की ये सब क्या हो रहा था. कांवली काफ़ी समझदार और खूबसूरत भी थी. इतना ही नही वो आचे से मेरा ध्यान रखती हर बात का, खाने का पीने का.
काई बार सोचता की उससे बात करू. बुत बीवी के होते हुए ये सब नही हो सकता था. कुछ वक़्त बीता, और बच्चो को स्कूल से चुट्टिया हुई, और मेरी बीवी 10 दिन के लिए अपने माइके चली गयी.
उसके जाने के बाद अब घर पर सिर्फ़ मैं और कांवली थे. 2-3 दिन उसने काम किया और हम दोनो में बातें होनी शुरू हुई. फिर बातों-बातों में मैने उसको पूछा-
मैं: क्या तुम शादी शुदा हो?
वो बोली: नही साहब, मेरी शादी नही हुई अभी.
ये जान कर मुझे पता नही क्यूँ खुशी होने लगी. फिर मैने उसको अपने पास आने को कहा, और वो चुप-छाप मेरे पास आ गयी. फिर पहले तो मैने उसका हाथ पकड़ा, और मेरे ऐसा करने से वो शर्मा गयी. जब उसने कुछ नही कहा, तो मुझे लगा की वो मेरे साथ सेक्स करने को मान जाएगी.
मैने फिर उसको कहा: क्या तुम मेरे साथ सेक्स करोगी?
ये सुन कर उसकी पूरी आँखें खुल गयी. पहले तो वो चुप रही, लेकिन फिर वो बोली-
वो: साहब आप ये सब मेरे साथ ही क्यूँ करना चाहते है? फिर मैने कहा: तुम मुझे बहुत अची लगती हो. मेरा ध्यान रखती हो, और तुम तो जानती हो घर में रोज़ के पांगो से मैं परेशन हो चुका हू.
तो वो बोली: ठीक है साहब, मैं आपके साथ सेक्स करूँगी. क्यूंकी मैं भी आपको पसंद करती हू.
बस फिर क्या था. मैं उसको अपने बेडरूम में ले गया. पहले तो उसको बेड पर लिटा दिया. फिर धीरे-धीरे उसकी सारी का पल्लू उतरा. वो शरमाई, उसका फिगर उपर से नीचे तक बहुत अछा था. दिल कर रहा था की बस जल्दी से छोड़ डू उसको.
उसके बाद मैं उसके उपर आ गया. उसके लिप्स पर मैने किस की, और किस करते-करते मेरा लंड खड़ा हो गया. फिर मइए धीरे-धीरे उसके कपड़े उतारे, और उसको नंगा किया. अब मैं उसकी पूरी बॉडी पर किस करने लगा. उसको बहुत मज़ा आने लगा.
वो मुझे बोली: साहब बस करो. अब और कितना मुझे तड़पावगे?
फिर मैं किचन से चॉक्लेट लेके आया, और उसकी पूरी बॉडी पर लगा दी. उसके बाद मैं उसकी बॉडी को चाटने लगा. इससे कांवली को और मज़ा आने लगा. मैने एक चॉक्लेट का पीस उसकी छूट पर लगाया, और फिर उसकी छूट चूसने लग गया.
अब वो मज़े लेते हुए बोलने लगी: साहब अब छोड़ो मुझे, बस अब और .
मेरा लंड तो पहले से खड़ा था. मैने अपना लंड उसकी छूट पर रखा, और उसको रगड़ने लग गया. इससे वो कामुक आहें भरने लग गयी. उसकी आहह आहह की आवाज़ बड़ी मस्त लग रही थी, और उसकी छूट धड़ा-धड़ पानी छ्चोढ़ रही थी.
फिर जैसे ही मेरे लंड का टोपा उसकी छूट के च्छेद पर अटका, मैने ज़ोर का धक्का मारा. उसके मूह से ज़ोर की चीख निकली, और मेरा लंड उसकी छूट की दीवारो को चीरता हुआ अंदर चला गया.
2-3 धक्को में मेरा पूरा लंड उसकी छूट में समा गया था. उसकी छूट की गर्माहट मेरे लंड को क्या सुकून दे रही थी. बहुत वक़्त हो गया था मेरे लंड को किसी छूट के अंदर गये.
फिर मैने उसके होंठ चूसने शुरू किए, और लंड अंदर बाहर करने लग गया. वो ह्म ह्म कर रही थी, क्यूंकी उसको अभी भी दर्द हो रहा था. लेकिन थोड़ी देर में उसका दर्द कम हो गया, और वो गांद उठा-उठा कर मेरा साथ देने लगी.
अब मैं उसके बूब्स चूस रहा था, और नीचे से उसकी छूट को छोड़ रहा था. मैने उसके बूब्स चूस-चूस कर लाल कर दिए थे. उसकी छूट के पानी की वजह से छाप-छाप की आवाज़े आनी शुरू हो गयी थी.
तकरीबन 15 मिनिट मैने उसको इसी पोज़िशन में छोड़ा. फिर मैने उसको घोड़ी बनने को बोला. वो अपने घुटनो के बाल आ गयी, और गांद बाहर निकाल कर घोड़ी बन गयी. फिर मैने उसके छूतदों पर 2-3 थप्पड़ मारे, और अपने लंड को उसकी छूट पर रगड़ने लग गया.
वो आ आ करने लगी. फिर एक ही ज़ोर के धक्के में मैने पूरा लंड फॅक से उसकी छूट के अंदर डाल दिया. उसकी फिरसे ज़ोर की चीख निकली, और वो काँप गयी. फिर मैने धीरे-धीरे लंड अंदर बाहर करना शुरू कर दिया.
जैसे ही उसकी मज़े वाली आहें शुरू हुई, मैने अपनी स्पीड बढ़ा दी. मैने उसके चूतड़ कस्स कर पकड़ लिए, और तेज़-तेज़ उसको छोड़ने लग गया. तेज़ी से लगते धक्को की वजह से ठप-ठप की आवाज़े आने लगी. बहुत मज़ा आ रहा था हम दोनो को.
15 मिनिट की चुदाई के बाद मैं झड़ने वाला था. जैसे ही मुझे झड़ने का फील हुआ, तो मैने लंड उसकी छूट से निकाल कर उसके मूह में डाल दिया. वो ज़ोर-ज़ोर से मेरा लंड चूसने लग गयी, और मैने उसके मूह में ही अपना सारा पानी निकाल दिया.
उस दिन के बाद से हमे जब भी मौका मिलता हम चुदाई करते. तो दोस्तों ये थी मेरी कहानी. अगर इसको पढ़ कर मज़ा आया हो, तो लीके और कॉमेंट ज़रूर करे.