ही रीडर्स, उमिद है आपको मेरी सेक्स स्टोरी पिछला पार्ट बहोट पसंद आया होगा, अब आयेज..
अब बढ़ते है गुड़िया की आयेज की कहानी की तरफ. कालू की नज़र बुरा की छूट से हॅट ही नही रही थी. उसने अपना हाथ अपने पाजामे मे डाल लिया और अपने लंड को मसालने लग गया. तभी टॉ बोले-
टॉ: अरी बुरा, कामली कहा है?
टाई ने आँखें निकाल कर टॉ की तरफ देखा और बोली-
टाई: क्या ससूरी का नाम ले दिया, कुट्टी का. पता नही हराम-ज़ादी किससे चूड़ी है. कों जाने ये गुड़िया किसका बीज है, जिसको हमारे कालू के गले मे बाँध दिया है.
टॉ: बुरा, तू मान या ना मान, गुड़िया बिल्कुल तेरे जैसी ही है. अभी से कितनी हरी-भारी हो गयी है लड़की.
टाई: मटन खा ले कालू. कल बिल्कुल सॉफ और चिकना करके बनौँगी.
कालू फ़ौजी आदमी था और उसका लंड तड़प रहा था. लेकिन घर-परिवार का सोच कर उसने अपने आप को कंट्रोल किया.
फिर टॉ ने एक और चिल्लम पी कर बुरा को बोला-
टॉ: बुरा इस बार तगड़ा बना देना.
टॉ महा मादरचोड़ था. वो मेरी तरफ देखते हुए बापू को बोला-
टॉ: कालू यार ऐसे मज़ा नही आ रहा है.
ये बोल कर टॉ ने टाई से बोला-
टॉ: बुरा ऐसा कर, नीचे जाके एक बिस्तर से गद्दा उठा ला. उस पर बैठ कर आराम से मज़ा लेंगे.
टाई जल्दी से नीचे गयी और गद्दा ला कर नीचे ज़मीन पर बिछा दिया. साथ मे उसने 2 तकिये भी गद्दे पर सज़ा दिए.
कालू: भाभी जी, आज तो वैसे मटन बहुत बढ़िया बना है.
टाई: प्रधान जी ने भेजा था.
और ये बोल कर टाई हस्स पड़ी.
टॉ: प्रधान बहुत ही हरामी है बुरा. वो हमारी गुड़िया को बुरी नज़रो से देखता है, कुत्ता साला.
टाई बोली: तुम्हे किस बात पर गुस्सा आ रहा है. गुड़िया कालू की है, या कामली ने कही और मूह मारा है, इसका भी तो पता नही है.
टॉ टाई को बोले: तुम ज़्यादा बकवास मत करो और मस्त चिल्लम बना कर लाओ.
फिर टाई जाके चिल्लम लेके आई और उसने मेरे बाप कालू के हाथ मे थमा दी. जब टाई कालू को चिल्लम थमा रही थी, तब वो सी सी कर रही थी और कालू को देख कर अपने मूह मे जीभ घुमा रही थी. ये देख कर कालू का लंड पूरा खड़ा हो गया था.
फिर बुरा नीचे गद्दे पर बैठ गयी और उसने अपनी टांगे चौड़ी कर ली. बुरा कालू के बिल्कुल सामने बैठी थी और उसने चूतड़ गद्दे मे दबे हुए थे. फिर जब कालू ने बुरा की तरफ देखा, तो बुरा ने अपनी छूट खुजा दी. उसके बाद वो टॉ को बोली-
बुरा: मास्टर के बापू, छींटिया बहुत है कमरे मे.
और ये बोल कर बुरा हासणे लग गयी. फिर उसने खुलजी के बहाने से अपनी छूट से बाल हटा दिए, जिससे कालू(बापू) और घसीटू(टॉ) को बुरा की छूट सॉफ नज़र आने लग गयी.
तभी टॉ बोले: हा सच मे बुरा. छींटिया बहुत हो गयी है.
कालू ने पूरी चिल्लम पी ली थी और उसकी आँखें भी लाल लाल हो गयी थी. फिर टॉ हेस्ट हुए बोले-
टॉ: कामली और गुड़िया को भी मटन खिला देना था.
टाई: मास्टर खिला रहा है आज कामली को मटन.
और ये कहते हुए, टाई कालू के पैरो पर अपने चूतड़ लगा कर बैठ गयी और अपनी धोती उपर खींच ली. अब कालू को अपने पैर पर टाई के मुलायम-मुलायम चूतड़ का एहसास हो रहा था. नंगा चूतड़ देख कर कालू से रहा नही गया और उसने टाई के चूतड़ पर हाथ फेर दिया.
टाई: सुनो जी, ज़रा रसोई मे से मलाई तो लेके आओ, देवर जी को खिलानी है.
ये सुन कर टॉ खड़ा हुआ और रसोई से मलाई लेने चला गया. जैसे ही टॉ गये, तो कालू ने टाई के चूतड़ को दबोच लिया. तभी टाई बोली-
टाई: ये बुद्धा बात भी नही करने देता. आज तुम यही सो जाना देवर जी.
और ये बोल कर टाई हासणे लग गयी.
कालू: ठीक है भाभी.
तब तक टॉ किचन से मलाई ले आई. टाई बोली-
टॉ: तुम कालू को मलाई खिलाओ और मई देख कर आती हू, की मास्टर क्या कर रहा है.
ये बोल कर टॉ वाहा से चला जाता है. तभी टाई बोलती है-
टाई: इस बुड्ढे का दिमाग़ चिल्लम पी कर खराब हो जाता है.
तभी टॉ आता है और बोलता है: मास्टर अपनी चाची को मटन खिला रहा है.
टाई टॉ को बोलती है-
टाई: मेरे पाओ मे बहुत दर्द हो रहा है, ज़रा दबा दोगे.
टॉ: मई नही दबौंगा कुटिया. कालू से डबवा ले, या गुड़िया को बुला ले चिनार.
तभी टाई ने कालू का हाथ अपने चूतड़ से हटा दिया और बोली-
टाई: कालू तू ही बुला ला गुड़िया को. अगर मई उसको बुलाने गयी, तो कामली मुझे गालिया देने लगेगी.
फिर कालू उठा और टाई ने अपने मूह से कालू के लंड को चू लिया और हेस्ट हुए कालू से कहा-
टाई: गुड़िया की फ्रॉक भी ले आना, यही सो जाएगी मेरे पास पंखे के नीचे. प्रधान अछा आदमी है. वो तुम्हारे और गुड़िया के कमरे मे भी पंखा लगवा देगा. चलो ठीक है, मई तोड़ा मटन और ले आती हू. मई भी तोड़ा खा लूँगी, तुम्हारे साथ और गुड़िया के साथ. तू भी थोड़ी और चिल्लम बना ले.
फिर टाई हेस्ट हुए बापू को बोली: मई आज आचे से सॉफ करके मटन बनौँगी तेरे लिए.
और ये बोल कर टाई ने बापू को आँख मार दी. कालू फ़ौजी आदमी था और उसका लंड बस अब छूट माँग रहा था. बापू पक्का छोड़ू आदमी था और वो ड्यूटी पर दो-दो औरतो को एक साथ पेलता था. ये सब मा ने मुझे बताया था. लेकिन मई सीधी और सच्ची थी और ये सब नही समझती थी.
तभी बापू आ गया और बोला-
बापू: चल गुड़िया चल, जाके मटन खाते है.
तभी कामली बोली: मेरी बेटी मटन नही खाएगी.
बापू: बुरा बता रही थी, की मास्टर के साथ मटन खा रही थी.
कामली: तो मास्टर लड़का है हमारा, क्यू ना ख़ौ?
मा बहुत डरती थी बापू से, लेकिन वो पक्की कुटिया और चिनार थी. तभी बापू तोड़ा ज़ोर से बोले-
कालू: चल गुड़िया, तू भी मटन खाएगी.
मई बापू की बात सुन कर बहुत खुश हो गयी और बापू का हाथ पकड़ लिया. फिर हम बाप-बेटी दोनो टाई के कमरे मे आ गये. टाई ने मटन और चावल को टेबल पर रख दिया और हम बिस्तेर पर बैठ गये. तभी टॉ भी आ गये और बोले-
टॉ: तुम गुड़िया को मटन खिलाओ और मई जाके मास्टर के साथ दो घूट मार लेता हू.
टाई: अर्रे वाहा जाके कामली चिनार को पेल मत देना. दोनो बाप-बेटा एक नंबर के छूतिए है.
और ये बोल कर टाई हासणे लग गयी. फिर टॉ चला गया और टाई ने झट से कमरा बंद कर लिया. उसके बाद टाई ने सारी लाइट्स जला दी और बापू को चिल्लम पकड़ा दी और बोली-
टाई: लो जी, वो तो चला गया. अब हम भी मार ले दो घूँट.
ये बोल कर टाई बापू के साथ बैठ गयी. टाई ने पूरा चिल्लम पी लिया और बापू को टाई को देखता ही रह गया. फिर टाई बोली-
टाई: अर्रे कालू, क्या देख रहे हो? अपनी भाभी को पहले कभी देखा नही है क्या?
मई टाई की बात सुन कर हस्स दी. फिर तभी टाई बापू से बोली-
टाई: अर्रे कालू, फौज मे तो खूब मज़ा किया है तूने. मुझे कामली ने सब बताया था.
और ये बोल कर टाई बापू के साथ सतत कर बैठ गयी.
मई: टाई गाना सुना दो.
टाई: सुना दूँगी, लेकिन पहले ये मटन ख़तम करो.
मैने तो खुशी-खुशी मे ही सारा मटन सॉफ कर दिया. फिर मई नीचे गद्दे पर आ गयी और टाई से लिपट गयी. आज मई सोचती हू, की वही मई फ़ासस गयी थी. मैने जैसे ही टाई से लिपटी, तो टाई की धोती खुल गयी और उसके जिस्म से अलग होकर गिर पड़ी.
जैसे ही टाई की धोती गिरी, तो उसके मोटे-मोटे चूचे सामने आ गये. ऐसा लग रहा था, जैसे टाई की छाती पर दो खरबूज़े लटक रहे हो. फिर टाई बोली-
टाई: अर्रे ये क्या किया गुड़िया?
और ये बोल कर टाई ने धोती अपने कंधे पर लटका ली और बोली-
टाई: चल अब तुझे गाना सुनाती हू. प्रधान जी ने कॅसेट भिजवाई है.
और फिर टाई ने गाने की कॅसेट लगा दी.
जैसे ही गांद चला, तो मई झूम उठी. बापू ने मुझे आराम से बैठ कर गाना सुनने को बोला. मैने शरारत मे टाई का नाडा खींच दिया, जिससे टाई की सलवार नीचे उतार गयी.
फिर टाई ने मेरी फ्रॉक भी खींच दी, जिससे मई बापू के सामने नंगी हो गयी. मेरे चूचे ज़्यादा बड़े नही थे, लेकिन उन दोनो के सामने आ गये. टाई ने बापू का कुर्ता भी फाड़ दिया और बोली-
टाई: ये कितना गंदा कुर्ता है. मई नया लाके दूँगी तुम्हे और गुड़िया को भी नये कपड़े लाके दूँगी.
ये सुन कर मई खुश हो गयी. मई अपने बापू के सामने नंगी थी और शर्मा रही थी. बापू मेरे गोल-गोल चूचो को आँख फाड़ कर देख रहे थे. फिर टाई ने बापू से पूछा-
टाई: कालू और चिल्लम बनौ?
कालू: हा बना ले बुरा.
और बापू मेरी तरफ देख कर अपना लंड मसालने लगे. टाई बहुत चालाक औरत थी और उसने मेरी कच्ची नीचे खींच दी. मेरी छूट बहुत मोटी और गोरी थी और उसपे अभी हल्के-हल्के बाल थे. बर बहुत टाइट थी मेरी, क्यूकी उसमे आज तक एक उंगली भी नही डाली थी मैने.
बापू की आँखें फटत गयी मेरी कुवारि बर देख कर. तभी टाई बोली-
टाई: देख क्या रहा है कालू? पेल दे इस गुड़िया को.
और ये बोल कर टाई हासणे लग गयी. बापू पर तो टाई ने जैसे बिजली ही गिरा दी. टाई ने जान-बूझ कर बापू को मुझे फ्रॉक पहना कर लाने को बोला था, ताकि वो मुझे पेल सके. मेरे सुंदर सी कोमल-कोमल जांघे देख कर बापू तो जैसे पागल सा हो गया था.
फिर टाई ने मुझे फ्रॉक पहना दी और बोली-
टाई: क्यू गुड़िया, पापा की तो तूने लार निकाल दी.
मास्टर का कमरा भी टाई के कमरे के पास ही था. तभी उस कमरे से “मा” की आवाज़ आई. टाई आवाज़ सुन कर हस्स पड़ी और उसने मेरी फ्रॉक मे हाथ डाल कर मेरी छूट को भींच दिया.
टाई: हा मई आ रही हू. गुड़िया तू चिंता ना कर. राबड़ी खाएगी?
फिर टाई ने गाने की आवाज़ बढ़ा दी. . कुछ उस टाइप का ही था, . . बाते बोली जेया रही थी. फिर टाई मुझे बोली-
टाई: चल गुड़िया, तोड़ा . कर दिखा दे. तू बहुत अछा . है.
बापू बोले: चल गुड़िया, टाई को . कर दिखा दे और खुश कर दे.
अब टाई बापू के पास बैठ गयी और दोनो ने एक-दूसरे को . के पकड़ लिया. टाई ने अपनी धोती उतार कर . दी. जैसे ही उसने धोती उतारी, तो उसके मोटे और गोरे चूतड़ बाहर आ गये. टाई के चूतड़ मेरे छूतदो के जैसे ही गोरे-गोरे थे. लेकिन उनका साइज़ बहुत बड़ा था.
उनके चूतड़ एक-दूं चिकने-चिकने थे. मई अब उन दोनो को . कर दिखा रही थी. मेरे चूतड़ . के दौरान बापू के मूह के सामने . रहे थे. बापू फ़ौजी थे और उनका लंड लोहे के जैसा हो चुका था.
फिर टाई ने बापू से कहा: मई गुड़िया के जिस्म को चिकना कर देती हू.
ये बोल कर टाई झट से उठी और उसने साइड से एक क्रीम की डिब्बी उठाई. फिर उसने मेरे जिस्म पे क्रीम लगा दी और मेरे जिस्म को चिकना कर दिया. उसके बाद टाई ने उस्तरा लिया और मेरी छूट के बालो पर फेर दिया. मई उस्तरा लगने से चिल्ला उठी.
इसके आयेज क्या हुआ, वो आपको अगले पार्ट मे पता चलेगा. आपको कहानी कैसी लगी, ये मुझे ज़रूर बताना.