ही दोस्तों, मैं ज्योति अपनी कहानी का अगला पार्ट लेके आई हू. उमीद है आप सब ने पिछला पार्ट पढ़ा होगा. अगर नही पढ़ा तो अभी जाके उसको ज़रूर पढ़े. आपको मेरी स्टोरी ज़रूर पसंद आएगी.
पिछले पार्ट में आप सब ने पढ़ा, की जीजू और सुहासिनी की चुदाई देख कर मेरा जीजू के लंड पर दिल आ गया था. फिर मैने जीजू को सुहासिनी का नाम लेके फोन किया. उसका नाम सुन कर जीजू भागे चले आए.
जब वो घर आए, तो मैं उनको अपने रूम में ले आई, और उनको बताया की मैं जानती थी उनके और सुहासिनी के चक्कर के बारे में. और ये भी जानती थी, की उन दोनो के बीच चुदाई होती थी. जीजू मेरी बात नही माने, और जाने लगे. अब आयेज बढ़ते है.
जैसे ही जीजू ने दरवाज़ा खोलने के लिए हाथ आयेज बढ़ाया, मैने उनका हाथ पकड़ लिया. तभी जीजू बोले-
जीजू: ज्योति ये क्या कर रही हो तुम?
मैं: जीजू आप बिना जवाब दिए नही जेया सकते.
जीजू: मुझे जाने दो ज्योति, तुम्हारी दिमागी हालत मुझे ठीक नही लग रही. तुम कुछ भी बक रही हो.
मैं: मैं कुछ भी नही बक रही, मैं सच बोल रही हू.
जीजू: अछा चलो है भी मेरा चक्कर उसके साथ, तो तुम्हे क्या लेना-देना है इससे? ये मेरे और मेरी बीवी के आपस का मामला है. तुम बीच में क्यूँ घुस रही हो? तुम्हे क्या प्राब्लम है?
अब मैने उनके मतलब की बात बोली, जो उनको बहुत पसंद आई.
मैं: मुझे प्राब्लम है जीजू.
जीजू: क्या प्राब्लम है?
मैं: मुझे ये प्राब्लम है, की आप बाहर किसी भी गंदी औरत के साथ मूह मार रहे हो, जब की आपकी अपनी साली इतनी सेक्सी है, आपके लंड की प्यासी है, और आपके लिए कुछ भी करने को तैयार है.
ये सुन कर जीजू हैरान हो गये. उनके हैरानी भरे भाव देख कर मैने कहा-
मैं: जीजू हैरान ना होइए, जो आपने सुना वो बिल्कुल सही है. जब से मैने आपको सुहासिनी को छोड़ते हुए देखा है, मेरी आँखों के सामने आपका लंड ही घूमे जेया रहा है. आपके बारे में सोच-सोच कर मेरी छूट गीली हो जाती है. अब आप ही इसका इलाज कीजिए.
मेरी बात सुन कर जीजू खुश हो गये. तभी उन्होने मुझे मेरे बालों से पकड़ कर अपनी तरफ खींचा और बोले-
जीजू: साली रंडी, अगर तुझे मेरा लंड चाहिए था तो सीधे-सीधे बोल देती. इतनी आक्टिंग करने की क्या ज़रूरत थी? तेरे इस मादक जिस्म को आज मैं आचे से ठंडा करूँगा, और तेरी छूट का पानी छोड़-छोड़ कर सूखा दूँगा.
ये बोल कर जीजू ने मुझे बेड पर धक्का दे दिया, और मैं बेड पर सीधी लेट गयी. फिर वो मेरे उपर आए, और मेरे होंठो से अपने होंठ मिला दिए. अब हमारी किस्सिंग शुरू हो चुकी थी. हम दोनो ही प्यासे थे, तो किस दोनो तरफ से वाइल्ड हो रही थी.
किस करते हुए हम दोनो कड्ड्ल कर रहे थे. कभी वो मेरे उपर आते, और कभी मैं उनके उपर. 10 मिनिट तक हम दोनो ऐसे ही करते रहे. जब हम रुके, तो मैं उनके उपर थे, और वो मेरे नीचे. फिर उन्होने पहले मेरी त-शर्ट उतरवाई. अब मेरे ब्रा में काससे हुए रसीले बूब्स उनके सामने थे.
उन्होने मेरी ब्रा कप्स में से मेरे बूब्स निकाले, और मुझे अपनी तरफ खींच लिया. मैं आयेज झुक गयी, और मेरे बूब्स उनके मूह के सामने लटक गये. फिर वो पागलों की तरह मेरे बूब्स का रस्स पीने लगे. वो एक बूब को चूस्टे, और दूसरे को दबा रहे थे.
वो तब तक मेरे बूब्स चूस्टे रहे, जब तक की मेरे निपल्स लाल नही हो गये. फिर उन्होने मुझे नीचे लिटाया, और खुद उपर आ गये. उसके बाद वो मेरा पेट और गर्दन चूमने लग गये. वो मेरी नाभि को अपने होंठो से खींच-खींच कर चूस रहे थे. मैं पूरी तरह से मस्त हो चुकी थी, और मेरी छूट धड़ा-धड़ पानी छ्चोढ़ रही थी.
फिर वो और नीचे गये, और उन्होने मेरी जांघों को अपने हाथो में लेके मसला. उसके बाद उन्होने मेरी लेगैंग्स और पनटी को एक साथ उतार दिया. अब मैं उनके सामने पूरी नंगी थी, और मेरी चिकनी छूट उनके सामने पानी छ्चोढ़ रही थी. जीजू ने छूट देखते ही मेरी छूट को मूह लगा लिया, और उसको चाटने-चूसने लग गये.
मैं मस्त हो गयी, और उनके सर को अपनी छूट में दबाने लग गयी. कुछ देर छूट चूसने के बाद जीजू सीधे हुए, और उन्होने अपने सारे कपड़े उतार दिए. अब मेरा मॅन पसंद लंड मेरे सामने पूरा तन्ना हुआ था. फिर जीजू हाथ में लंड लेके बोले-
जीजू: ये ले चूस इसको.
मैं जल्दी से घुटनो के बाल आके झुक गयी, और जीजू के लंड को अपने मूह में डाल कर चूसने लग गयी. जीजू ने मेरे बाल पकड़े, और ज़ोर-ज़ोर से मेरे मूह में धक्के देने लगे. मेरी साँस रुक रही थी, और मूह से थूक बाहर आ रही थी. लेकिन मज़ा बहुत आ रहा था. मेरे जीजू का लंड बहुत टेस्टी था.
फिर उन्होने मुझे सीधा किया, और मेरी टाँगो के बीच आके मेरी छूट पर लंड रगड़ने लग गये. जैसे ही लंड छूट के मूह पर अटका, जीजू ने ज़ोर का धक्का मार कर आधा लंड छूट में घुसा दिया. मेरी ज़ोर की चीख निकली. जीजू मुझे बोले-
जीजू: तेरी छूट तो बहुत टाइट है, लेकिन सील कैसे टूटी है?
मैं: जीजू उंगली कर-कर के मैने सील खुद ही तोड़ दी हुई. लेकिन लंड पहली बार ले रही हू.
जीजू: चल आज तुझे लंड से चूड़ने का मज़ा देता हू.
ये बोल कर जीजू ने 2-3 ज़ोर के धक्के मार कर लंड पूरा अंदर घुसा दिया. मेरी ज़ोर की आहें निकली, लेकिन मुझे मज़ा बहुत आया. फिर उन्होने अपने होंठ मेरे होंठो के साथ मिला दिए, और तेज़ी से धक्के देते हुए मेरी चुदाई करने लगे. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था, और मैं भी गांद उठा-उठा कर उनका साथ दे रही थी.
जीजू मेरी छूट तो छोड़ ही रहे थे, और साथ में मेरे होंठ, बूब्स गर्दन सब चूस-चाट-चूम रहे थे. 20 मिनिट उन्होने मुझे इसी पोज़िशन में छोड़ा. उसके बाद मुझे घोड़ी बना कर छोड़ने लगे.
उन्होने ठप्पाड़ों की ऐसी लाइन लगाई मेरी गांद पर की मेरे चूतड़ सूज गये. लेकिन मज़ा बहुत आया. आधा घंटा और छोड़ने के बाद उन्होने अपना माल मेरे मूह में निकाल दिया. उनका और मेरा ये नाजायज़ रिश्ता आज तक चल रहा है.
दोस्तों कहानी का मज़ा आया हो, तो अपने दोस्तों को भी इसका लिंक शेर करे.