फिर मैंने थोड़ी देर में ही सोनिया जी के चूचों को बुरी तरह से चूस डाला। उनके गौरे चिकने चूचे एक-दम लाल पड़ चुके थे।
अब मैं तुरंत सोनिया जी की टांगो में आ गया और उनके पेटीकोट को ऊपर सरकाने लगा। तभी सोनिया जी फिर से मेरे लंड से बचने की कोशिश करने लगी।
“रोहित जी यार अब आगे मत बढ़ो।”
“अब तो मैं बहुत आगे बढ़ चुका हूँ सोनिया जी। अब पीछे हटने का टाइम नही है।”
“नहीं रोहित जी, आप तो रहने दो।”
“नहीं सोनिया जी, आज तो मैं करके ही मानूँगा।”
तभी मैंने सोनिया जी के पेटीकोट और साड़ी को ऊपर सरका दिया, और फिर सोनिया जी की चड्डी खोलने की कोशिश करने लगा। लेकिन सोनिया जी उनकी चड्डी नहीं खोलने दे रही थी।
“क्या कर रही हो यार सोनिया जी, खोलने दो ना।”
“नहीं रोहित जी। मैं नही खोलने दूंगी।”
“आप बच्चो जैसी हरकते मत करो।”
मैं सोनिया जी की चड्डी खोलने की पूरी कोशिश कर रहा था और सोनिया जी उनकी चड्डी को बचाने में लगी हुई थी। तभी मैंने सोनिया जी की चड्डी खींच डाली।
अब सोनिया जी चड्डी को पकड़ने की कोशिश करने लगी। लेकिन मैंने सोनिया जी की चड्डी खोल फेंकी। अब चड्डी खुलते ही सोनिया जी की चूत नंगी हो चुकी थी। तभी सोनिया जी पेटीकोट से उनकी चूत ढकने की कोशिश करने लगी।
“सोनिया जी अब क्यों इतने नखरे दिखा रही हो? अब तो चोदने दो।”
अब मैंने सोनिया जी के हाथो को दूर हटा दिया और उनकी टांगो को फैला दिया। अब मैंने मेरे कपड़े खोल कर लंड बाहर निकाल लिया। मेरा मोटा तगड़ा लंड देखते ही सोनिया जी शरमाने लगी। अब तो वो मेरी तरफ देख भी नहीं रही थी।
सोनिया जी की चूत काली घनी झांटो से ढ़की हुई थी। उनकी चूत मे पानी की बूंदे चमक रही थी। अब मैंने सोनिया जी की टांगे मेरे कंधो पर रख ली, और फिर उनकी चमचमाती चूत में लंड सेट करने लगा। सोनिया जी आँखे बंद कर चुकी थी।
सोनिया जी की चूत में लंड सेट होते ही मैंने ज़ोर से चूत में लंड ठोक दिया। तभी मेरा लंड सोनिया जी की टाइट चूत के अस्थि पंजर को तोड़ता हुआ पूरा अंदर घुस गया। चूत में लंड का आगमन होते ही सोनिया जी बुरी तरह से चिल्ला पड़ी।
“आईईईई मम्मी मर्रर्रर्र गईईईई,, आईईईईई आईईईईई ओह रोहित जी बहुत दर्द हो रहा है। आईईईईई मर्रर्रर्रर्र गईईईई। प्लीज लंड बाहर निकालो।”
“लंड तो अब मजे करके ही बाहर निकलेगा सोनिया जी।”
तभी मैंने लंड बाहर निकाला और फिर से सोनिया जी की चूत में लंड ठोक दिया। मेरा लंड फिर से सोनिया जी की चूत की जड़ तक पहुँच चुका था। सोनिया जी फिर से ज़ोर से चीख पड़ी।
“आईईईईई आईईईईई आईईईईई ओह मम्मी।”
अब मैं सोनिया जी की टांगे पकड़ कर उनको को झमाझम चोदने लगा। आह्ह कितना अच्छा लगता है जब लंड चूत में घुसता है तो। आह्ह! सोनिया जी बुरी तरह से चिल्ला रही थी। उनकी की चीखे पूरे कमरे में गूंज रही थी।
“आईईईईई आईईईईई आह्ह आहा आह्ह आईईईईई आईईईई आह्ह आह्ह आहाहा।”
“ओह सोनिया जी आह्ह बहुत मज़ा आ रहा है। आह्ह बहुत ही मस्त चूत है आपकी। मज़ा आ गया।”
“ओह आह्ह।सिससस्स आहा ओह रोहित जी धीरे-धीरे चोद यार। आह्ह आह्ह।”
“धीरे-धीरे ही चोद रहा हूँ सोनिया जी।”
मैं सोनिया जी को बुरी तरह से चोद रहा था। सोनिया जी की छोटी सी चूत पर मेरा मोटा तगड़ा काला लंड बहुत भारी पड़ रहा था। मेरा मोटा लंड सोनिया जी की चूत की चटनी बना रहा था। मुझे तो सोनिया जी को चोदने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।
“आईईईई आईएईई आईईईई आह्ह आह्ह आह्ह धीरे,,,,, धीरेरेरे,,,, आह्ह आह्ह।”
“आहा बहुत मज़ा आ रहा है। आह्हा।”
सोनिया जी धीरे-धीरे चोदने के लिए बोल रही थी, लेकिन जब चूत मिलती है तो कौन धीरे-धीरे चोदता है यार। मैं तो सोनिया जी को जम कर बजा रहा था।
मेरे लंड के ताबड़-तोड़ धक्कों से सोनिया जी बुरी तरह से हिल रही थी। तभी सोनिया जी की चीखें रुक सी गई और उनका पानी निकल गया। अब मेरा लंड सोनिया जी के पानी में नहा गया। आहा! बहुत दिनों के बाद मेरे लंड को चूत का पानी-पीने का मौका मिला था। मैं जम कर सोनिया जी की जम कर ठुकाई कर रहा था।
“आह्ह आह्ह आईईईईई आह्ह आह्ह आह्ह ओह मम्मी आह्ह धीरे-धीरे आह्ह आह्ह।”
“आह्ह सोनिया जी बहुत मज़ा आ रहा है। आहा आहा।”
मैं गांड हिला-हिला कर सोनिया की चूत में लंड डाल रहा था। सोनिया जी पलंग पर बुरी तरह से चुद रही थी। सोनिया जी के अब पूरे नखरे खत्म हो चुके थे। तभी मैं सोनिया जी के पेटीकोट का नाड़ा खोलने लगा, लेकिन सोनिया जी फिर से मेरा हाथ पकड़ने लगी।
“नहीं यार रोहित जी अब ऐसा मत करो।”
“करने दो सोनिया जी।”
तभी मैंने सोनिया जी के पेटीकोट का नाड़ा खोल उनके पेटिकोट और साड़ी को खोल फेंका। अब सोनिया जी नीचे से नंगी हो।चुकी थी। अब तो सोनिया जी शर्म के मारे लाल हो चुकी थी।
अब मैंने सोनिया जी को मुझसे चिपका लिया और मैं सोनिया जी को चिपका कर झमाझम चोदने लगा। अब सोनिया जी की टांगे हवा में लहरा रही थी और उन्होंने मुझे अब बाहों मे कस लिया था।
“आह्ह आह्ह आह्ह सिससस्स आह्ह आह्ह आह्ह सिसस्ससस्स आईईईई आईईईई ।”
“ओह सोनिया जी बहुत मस्त माल हो आप। आहा बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा है आपको चोदने में आह्ह।”
“मैं उसके छेद में जम कर लंड पेल रहा था। उसके जिस्म के पसीने से अब मैं भी गीला होने लगा था। सोनिया मेरी पीठ को सहला रही थी। वो मुझे बाहों में भर रही थी।
“आहा ओह सिससस्स आह्ह सिसस्ससस्स ओह रोहित जी आहा सिससस्स आह्ह । आह्ह।”
“ओह्ह्ह सोनिया जी। आपको भी मोटे तगड़े लंड की सख्त जरूरत थी।”
लेकिन सोनिया जी मेरी बात का जवाब नहीं दिया। शायद वो उनकी भावनाओं को जाहिर नहीं करना चाहती थी। मैं सोनिया जी को बजाये जा रहा था। सोनिया जी भी अब टांगे खोल कर खूब चुदवा रही थी। तभी सोनिया जी की चूत में उबाल आ गया और एक बार फिरसे उनका पानी निकल गया। मैं गांड हिला-हिला कर सोनिया जी की चूत मे लंड पेले जा रहा था।
“आह्ह आहह सिसस ओह्ह्ह आहहा।”
“ओह्ह्ह् सोनिया जी। बहुत प्यासा है मेरा लंड।”
“बुझा लो आपकी प्यास रोहित जी।”
“हाँ सोनिया जी।”
मैं पलंग पर सोनिया जी को धमा-धम पेले जा रहा था। मेरे लंड की ठुकाई से पलंग चूड़-चूड़ कर रहा था। फिर मैंने सोनिया जी को बहुत देर तक ऐसे ही बजाया। सोनिया जी की चूत को मैं बहुत अच्छी तरह से बजा चुका था। अब मुझे सोनिया जी के बोबों का रस पीने की इच्छा होने लगी तभी मैंने सोनिया जी की ब्रा और ब्लाउज खोल फेंका। अब तो मैं सोनिया जी को पूरी नंगी कर चुका था।
नंगी होने के बाद सोनिया जी का कंचन जिस्म बहुत ज्यादा चमक रहा था। अब मैं सोनिया जी के बोबों पर टूट पड़ा। अब मैं सोनिया जी के रस भरे बोबों को झंझोड़ कर चूसने लगा।
“उन्ह बहुत ही रसीले बोबे है। आह्हा।”
अब मैं फिर से सोनिया जी के बोबों का मज़ा ले रहा था। सोनिया जी के रसभरे बोबों को चूसने मे मुझे गजब का मज़ा आ रहा था। सोनिया जी अब पूरी नंगी होकर उनके बोबों का रस पिला रही थी। मैं सोनिया जी के बोबों को चूसने मे कोई कसर नही छोड़ रहा था।
“ओह्ह्ह् सोनिया जी आह्ह बहुत मज़ा आ रहा है। आह्हा।”
मैं मस्त तरीके से सोनिया जी का बोबों का स्वाद ले रहा था। मैं तो सोनिया जी के रसदार बोबों को चूसने के लिए कब से तड़प रहा था लेकिन आज जाकर मौका मिला था।
सोनिया जी उनको बोबों को मेरे लिए खुला छोड़ चुकी थी। वो अब मेरे बालों मे हाथ डाल कर मेरे बालों को सहला रही थी। मैं सोनिया जी के बोबों को निचोड़ कर चूस रहा था। फिर मैंने बहुत देर तक सोनिया जी के बोबों को चूसा।
अब मैंने सोनिया जी की टांगे पकड़ कर पलंग के दूसरे छोर तक खींच लिया, और फिर मैं आगे झुक कर सोनिया जी के मुँह मे लंड सेट करने लगा। लेकिन सोनिया जी फिर से नखरे दिखाने लगी। वो मुँह मे लंड ठुकवाने के लिए तैयार नहीं हो रही थी।
“सोनिया जी क्या कर रही हो यार? इतनी अनुभवी होते हुए भी!”
“नहीं रोहित जी, मैं मुँह मे नहीं लूंगी।”
“लेकिन इसमें क्या दिक्कत है? मुँह में तो मज़ा ही आता है।”
“नहीं बहुत गंदा लगता है मुझे।”
“अरे सब अच्छा ही लगेगा। आप तो डालने दो।”
“मैं नहीं डालने दूंगी।”
सोनिया जी मुँह मे लंड लेने के लिए फिर से नखरे दिखाने लगी थी। तभी मैंने सोचा जब इनकी चूत मे ही लंड डाल दिया है तो फिर मुंह मे डालना कौन सी बड़ी बात है? ये थोड़े नखरे करेगी लेकिन फिर मुंह मे तो लेगी ही।
मैं भी सोनिया जी के मुंह मे लंड डालने की पूरी कोशिश कर रहा था। मेरा लंड सोनिया जी के होंठो पर घूम रहा था।
“सोनिया जी आप से अच्छी तो कच्ची खिलाड़ी ही अच्छी होती है। कम से कम इतने नखरे तो नही दिखाती है।”
“अरे यार रोहित जी। आप भी…।
“तो फिर खोलो ना मुंह।”
तभी सोनिया जी ने मुंह खोल दिया। अब मैंने सोनिया जी के मुँह मे लंड पेल दिया और फिर मैं गांड हिला-हिला कर सोनिया जी के मुँह मे लंड पेलने लगा। मैं सोनिया जी के मुँह को बजाए जा रहा था। सोनिया जी के मुंह को बजाने मे मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।
“ओह्ह सोनिया जी आहा बहुत ठंडक मिल रही है मेरे लंड को। आहाह।”
मैं धमा-धम सोनिया जी के मुँह मे लंड पेल रहा था
अब सोनिया जी मेरी गांड को पकड़े हुई थी। अब कमरे मे मुँह मे लंड डालने की आवाजे घप् घप् खप् खप् गूंजने लगी। मैं सोनिया जी के गले तक लंड उतारने की कोशिश कर रहा था लेकिन सोनिया जी गले तक लंड नही उतारने दे रही थी।
“ओह्ह्ह सोनिया जी पूरा जाने दो ना।”
“हूँ हूँ।”ओह्ह्ह्ह सोनिया जी।
मैं घपा-घप सोनिया जी के मुँह मे लंड पेल रहा था। सोनिया जी के थूक से मेरा लंड पूरा गिला हो चुका था। मेरा मोटा तगड़ा लंड सोनिया जी के मुँह की अच्छी तरह से सफाई कर रहा था।
“ओह्ह्ह्ह् सोनिया जी। आह्ह।”
फिर मैंने बहुत देर तक सोनिया के मुंह मे लंड पेला। अब मैं सोनिया जी के उपर से नीचे उतर आया। मुँह मे लंड ठुकवाने के बाद सोनिया जी बहुत ज्यादा शरमा रही थी। अब तो उनकी पूरी इज्जत उतर चुकी थी।
अब मैं पलंग से नीचे उतर आया। अब मैंने सोनिया जी की टाँगे पकड़ कर उन्हें पलंग के किनारे खींच लिया। अब मैंने सोनिया जी की टाँगे उठा कर पकड़ ली, और उनकी चूत में लंड सेट कर दिया। तभी मैंने जोरदार हमला कर दिया और अब मैं सोनिया जी को झमा-झम चोदने लगा।
“आहा आह्ह सिससस्स आह्ह ओह आह्ह ओह रोहित जी आह सिसस्स।”
“आह्ह बहुत मज़ा आ रहा है तुझे बजाने में आह्ह।”
“आहह आह्हा आईई मम्मी।”
मैं गांड हिला-हिला कर सोनिया जी की चूत में लंड पेले जा रहा था। मेरे लंड के झटकों से पलंग चुड़-चुड़ कर रहा था। सोनिया जी मस्त होकर मेरा लंड ले रही थी।
“आह्ह सिसस्स आह्ह ओह आहा।”
मेरे लंड के ज़ोरदार झटकों से सोनिया जी के बोबे बुरी तरह से उछल रहे थे। मैं सोनिया को जम कर चोद रहा था। मेरे लंड की ज़ोरदार ठुकाई से सोनिया जी बौखला गई।
“आह्ह आह ओह रोहित जी।आह्ह आह्हा आह्हा ओह्ह्ह।”
मेरा लंड सोनिया जी की चूत में जम कर घमासान मचा रहा था। तभी धुआंधार ठुकाई से सोनिया का पानी गया। अब मेरे लंड के झटको से सोनिया जी का पानी नीचे गिर रहा था। मैं सोनिया जी टांगे पकड़ कर उन्हे जम कर चोद रहा था। मैं पसीने मे पूरा लथ-पथ हो चुका था।
तभी मेरा लंड उफान पर आ गया और मेरे लंड का माल निकलने को तैयार हो गया। तभी मैंने सोनिया जी की चूत मे लंड ठहराया और मेरे लंड का पूरा माल उनकी चूत में भर दिया।
आज बहुत दिनों के बाद मेरे लंड को ठंडक मिली थी। सोनिया जी भी पसीने से नहा चुकी थी। अब मैं नस्ते-नाबूत होकर ऐसे ही खड़ा रहा। मैंने सोनिया जी की टाँगो को अभी भी ऐसे ही पकड़े रखा था।
“ओह्ह्ह् सोनिया जी मज़ा आ गया।”
“आपने तो चोद-चोद कर मेरी ऐसी-तेसी ही कर दी है। बहुत बुरी तरह से पेला है आपने।”
“वो तो पेलना ही था सोनिया जी। मेरा लंड तो कब से आपके लिए तड़प रहा था।”
“हाँ वो तो आपकी हवस् को देखकर पता ही चल रहा है।”
“वैसी आपकी चूत मे भी बहुत गर्मी है।”
“हाँ रोहित जी। अब कैसे बताती मैं? अच्छा हुआ इस बहाने मेरी भी प्यास बुझ् गई।”
“अभी प्यास पूरी बुझी नहीं है सोनिया जी।”
तभी सोनिया जी चुप हो गई। तभी मैं समझ गया कि सोनिया जी भी और ठुकवाने के मूड में थी।
कहानी जारी है……
आपको मेरी कहानी कैसी लगी बताए –