ही फ्रेंड्स, मेरा नाम अजय है, और मैं आप सब रीडर्स के सामने अपनी कहानी का अगला पार्ट लेके आया हू. अगर आपने पिछला पार्ट नही पढ़ा है, तो प्लीज़ पहले जाके वो पढ़े. उसके बाद आपको इस पार्ट का ज़्यादा आनंद आएगा.
पिछले पार्ट में आप सब ने पढ़ा था, की मुझे जीजू और पायल के खिलाफ सुबूत चाहिए था. फिर जब घूमने के दौरान वो दोनो वाहा से बहाना मार कर निकल आए, तो मैं भी उनके पीछे आ गया. उसके बाद मैने उन दोनो की रूम में चुदाई की वीडियो बनाई, और बाहर आ गया. अब आयेज बढ़ते है.
अब मेरे पास जीजू और मेरी बेहन के नाजायज़ रिश्ते का पक्का सुबूत था. और इसके बेसिस पर मैं कुछ भी कर सकता था. मुझे ऐसा फील हो रहा था जैसे मेरे हाथ में अपने जीजू के गोट्ते आ गये हो. साला बड़े मज़े से अपनी साली को छोड़ रहा था.
फिर बाहर से मैने रूम का दरवाज़ा नॉक किया. रूम का दरवाज़ा खुलने में 3-4 मिनिट लग गये. अब दोनो नंगे थे, तो कपड़े पहनने में तो टाइम लगना ही था. फिर जीजू ने दरवाज़ा खोला. मुझे सामने खड़ा देख कर जीजू हैरान हो गये. वो बोले-
जीजू: अजय तुम यहा. तुम यहा क्या कर रहे हो?
मैं: मुझे पायल की फिकर हो रही थी, इसलिए मैं देखने चला आया की वो ठीक है या नही.
जीजू: आओ-आओ, अंदर आराम कर रही है वो.
फिर मैं अंदर चला गया. अंदर जाके देखा तो पायल लेगैंग्स और त-शर्ट पहन के लेती हुई थी. उसने अपना आप को सॉफ कर लिया हुआ था. फिर मैं उसके पास जाके बेड पर बैठा, और पूछा-
मैं: कैसी तबीयत है?
पायल: अभी ठीक हू.
तभी जीजू बोले: बड़ी तबीयत खराब हो गयी थी. वो तो मैने संभाल लिया. वरना पता नही क्या हो जाता.
मैं: हा मैं जानता हू जीजू आपने कैसे संभाला अपनी प्यारी साली को.
जीजू: मतलब?
मैं: मतलब ये.
और ये बोल कर मैने अपने फोन पर उनकी चुदाई की वीडियो उनको दिखा दी. वीडियो देख कर उन दोनो के चेहरे के रंग उडद गये. किसी के मूह से आवाज़ नही निकल रही थी. फिर पायल बोली-
पायल: ई आम सॉरी अजय, मुझसे ग़लती हो गयी. प्लीज़ घर वालो को मत बताना. वरना अनर्थ हो जाएगा.
मैं: तुम लोग रंगरलियाँ करो, तो कुछ नही. और मैं सच बोलू तो अनर्थ हो जाएगा.
जीजू: यार तेरी बेहन का घर खराब हो जाएगा. वो मुझे छ्चोढ़ देगी.
मैं: ये तो आपको अपनी साली को छोड़ने से पहले सोचना चाहिए था.
पायल: अजय प्लीज़, तुम बताओ की घर वालो को ना बताने के लिए तुम्हे क्या चाहिए?
मैं: मैं तो बता दूँगा, लेकिन तुम दे नही पाओगे.
जीजू: तू बता तो.
मैने अपनी जीन्स की ज़िप खोल कर अपना लंड बाहर निकाला, जो खड़ा हुआ था, और पायल के मूह के सामने कर दिया.
मैं बोला: लो चूसो इसको.
मेरी ये हरकत देख कर वो हैरान हो गयी. फिर वो बोली-
पायल: ची, तुम्हे शरम नही आती. मैं तुम्हारी बेहन हू.
मैं: मुझे तो तुम बस एक रंडी लग रही हो. बेहन होती, तो बेहन के पति से चुड्ती नही.
फिर मैं लंड अंदर करने लगा, और बोला: नही करना है तो तुम्हारी मर्ज़ी. मैं चला जाता हू.
तभी जीजू बोले: पायल कर लो.
पायल: लेकिन…
जीजू: इस वक़्त सब के लिए यही सही है. कर लो.
उनकी बात मान कर पायल ने मेरा लंड अपने हाथ में ले लिया, और बे-मॅन से अपना मूह आयेज बढ़ने लगी. तभी मैने उसके बाल पकड़े, और उसके मूह को खींचते हुए बोला-
मैं: इतनी धीरे करोगी, तो 2 दिन लग जाएँगे.
और ये बोल कर मैने अपना लंड अपनी बेहन के मूह में तूस दिया. फिर मैं ज़ोर-ज़ोर से लंड अंदर-बाहर करके उसके मूह को छोड़ने लग गया. मैं इतनी ज़ोर से उसका मूह छोड़ रहा था, की उसको साँस लेने में मुश्किल हो रही थी.
अपना एक हाथ मैने पायल के चूचे पर रखा, और उसका चूचा मसालने लग गया. अब वो किसी रॅंड की तरह मेरा लंड चूस रही थी. कुछ देर लंड चुसवाने के बाद मैने पायल को धक्का देके बेड पर लिटाया, और उसकी लेगैंग्स पकड़ कर खींच कर निकाल दी.
अब मेरी बेहन मेरे सामने त-शर्ट और पनटी में थी. फिर मैने उसकी पनटी उतरी, और उसकी नंगी छूट अब मेरे सामने थी. मैं उसकी छूट चाटना चाहता था, लेकिन अभी-अभी वो जीजू से चूड़ी थी, तो मैने छूट नही छाती.
मैं सीधे उसकी टाँगो के बीच आया, और उसकी छूट पर लंड सेट करके ज़ोर का धक्का लगा. पयाप की ज़ोर की चीख निकली, और मेरा आधा लंड उसकी छूट में घुस गया. उसकी छूट ज़्यादा गीली नही थी, जिससे उसको ज़्यादा दर्द हो रहा था. लेकिन मेरा लंड उसकी थूक से चिकना था.
फिर मैने अपने होंठो से उसका मूह लॉक कर दिया, और होंठ चूस्टे हुए तबाद-तोड़ धक्के देने लगा. क्या गर्मी थी मेरी बेहन की छूट में, मज़ा आ गया. छूट छोड़ते हुए मैं उसके दोनो चूचे भी दबा रहा था.
मैने उसकी त-शर्ट फाड़ कर उसको पूरा नंगा कर दिया था. 2-3 मिनिट पायल ने मेरा साथ नही दिया, लेकिन फिर वो गांद हिला कर मुझसे चूड़ने लगी. उसकी छूट भी अब गीली हो गयी थी, जिससे हर धक्के में छाप-छाप की आवाज़ आ रही थी.
जब मैने उसके लिप्स को रिलीस किया, तो वो बोली: आ अजय ज़ोर से करो मेरे भाई. और ज़ोर से करो. छोड़ो अपनी बेहन को आ.
10 मिनिट उसको उसी पोज़िशन में छोड़ने के बाद मैने अपनी बेहन को घोड़ी बनने को कहा. उसकी छूट को मेरे लंड की गर्मी चढ़ गयी थी, तो वो जल्दी से घोड़ी बन गयी. फिर मैने पीछे से उसकी छूट में लंड डाल दिया, और गांद दबाते हुए धक्के देने लगा.
तभी मेरी नज़र जीजू पर पड़ी. उनका लंड भी खड़ा नज़र आ रहा था. उनका खड़ा लंड देख कर मैने उनसे कहा-
मैं: जीजू आप क्यूँ शर्मा रहे है. आप भी जाय्न कर लीजिए. रंडी को छोड़ने में कैसी शरम?
ये सुन कर जीजू ने अपना लंड निकाला, और पायल के मूह में डाल दिया. अब आयेज से जीजू पायल का मूह छोड़ रहे थे, और पीछे से मैं उसकी छूट.
अगले 15 मिनिट तक हम दोनो ऐसे ही मेरी बेहन को छोड़ते रहे. फिर मेरा निकालने वाला था. लेकिन जीजू को अभी टाइम था. इसलिए हम दोनो ने पोज़िशन बदल ली. अब मैं पायल का मूह छोड़ रहा था, और जीजू उसकी छूट. साथ में वो उसके छूतदों पर थप्पड़ भी मार रहे थे, और गांद के च्छेद में उंगली भी डाल रहे थे.
अगले 5 मिनिट में मैने अपनी बेहन के मूह को अपने माल से भर दिया. उधर जीजू ने 15 मिनिट मेरी बेहन को और छोड़ा, और फिर उसकी गांद पर अपना माल निकाल दिया.
उस दिन के बाद से हम तीनो कभी भी चुदाई करने लगे, जो आज तक चल रही है. मेरी बेहन हमारी सीक्रेट रंडी है.
दोस्तों कहानी का मज़ा आया हो, तो इसको लीके और कॉमेंट ज़रूर करे.