ही दोस्तों, मेरा नाम किरण है. मैं 23 साल की हू, और उप की रहने वाली हू. मेरी हाइट 5’5″ है और रंग गोरा है. मेरे हाव-भाव भी आचे है, और फिगर 34-29-36 का है. सीधे-सीधे बोलू, तो मैं अपने एरिया की सबसे सेक्सी और खूबसूरत लड़कियों में से एक हू.
मेरी फॅमिली में मेरे अलावा मेरे मम्मी-डॅडी, और मेरी बड़ी बेहन है. मेरी बड़ी बेहन भी मेरे जैसी ही खूबसूरत है, लेकिन मुझसे थोड़ी कम ही है. उसकी उमर 27 साल है, और उसकी शादी 3 साल पहले हो चुकी है.
ये जो कहानी मैं आपको बताने जेया रही हू, ये 3 साल पहले की ही है, जब मेरी दीदी की शादी हुई. तो चलिए शुरू करते है.
3 साल पहले दीदी कॉलेज ख़तम कर चुकी थी. अब घर वाले उसकी शादी के लिए एक अछा लड़का ढूँढ रहे थे. लेकिन दीदी का चक्कर पहले से एक कॉलेज के लड़के के साथ चल रहा था. जब दीदी को पता चला की घर वाले उसके लिए रिश्ता देख रहे थे, तो दीदी ने घर पर उस लड़के के बारे में बता दिया.
वो लड़का कोई काम-धाम नही करता था. इसलिए पापा ने उसके साथ रिश्ते के लिए माना कर दिया. इसी बीच दीदी के लिए लोकल मुनिसिपल कमिशनर के बेटे का रिश्ता आया. उसका नाम प्रीतम था. लड़का दिखने में हॅंडसम था, और उसने दीदी को पसंद भी कर लिया था. लेकिन दीदी के सर पर अपने प्यार का भूत सवार था.
फिर पापा ने दोनो के रिश्ते के लिए हा कर दी. दीदी ने बहुत कोशिश करी, लेकिन पापा नही माने. फिर उनकी शादी की तारीख पक्की हो गयी. दीदी अब कोई शोर नही मचा रही थी, और सब कुछ चुप-छाप होने दे रही थी. मुझे डाल में कुछ काला लग रहा था, लेकिन फिर मैने सोचा मैं ज़्यादा सोच रही थी.
फिर उन दोनो की शादी आचे से हो गयी. सब कुछ ठीक चल रहा था. शादी हो चुकी थी, और दीदी को अपने कमरे में भेज दिया गया. थोड़ी देर बाद मैं दीदी को पानी वग़ैरा पूछने गयी. फिर जैसे ही मैं कमरे में पहुँची, तो दीदी वाहा नही थी. मैने वॉशरूम में देखा तो दीदी वाहा भी नही थी.
ये देख कर मैं घबरा गयी. तभी मुझे वाहा एक नोट मिला, जिसमे दीदी ने लिखा था की वो भाग रही थी. उनका नोट देख कर मैं दर्र गयी, और जल्दी से जाके मम्मी-डॅडी को बुलाया. सब बहुत परेशन हो गये.
हम एक मुश्किल सिचुयेशन में थे. पापा ने कुछ लोगों को दीदी को ढूँढने भेजा. दीदी तो मिल ही जानी थी, लेकिन जो कुछ ही देर में जीजू आने वाले थे, उसका हम क्या करते. फिर मम्मी ने दिमाग़ लगाया, और मुझे पापा के सामने बोली-
मम्मी: किरण अब तुझे ही हमारी इज़्ज़त बचानी पड़ेगी.
मैं बोली: मम्मी मैं कैसे?
मम्मी: अब तेरी दीदी की जगह तुझे जीजू के साथ सुहग्रात माननी पड़ेगी.
पापा बोले: तुम पागल हो गयी हो? ऐसे कैसे इसको जाना होगा.
मम्मी: अगर इसकी बेहन के भागने का उसके ससुराल वालो को पता चला, तो वो उसको कभी नही अपनाएँगे. और समाज में बदनामी से इससे भी कोई शादी नही करेगा. तो उससे बेटर ये है, की आज रात ये अपने जीजू के साथ सुहग्रात मनाए.
मैं: लेकिन जीजू को पता तो चल ही जाएगा.
मम्मी: नही चलेगा. तेरे जीजू की मम्मी बड़ी वहाँ करने वाली औरत है. मैं उसको बोल दूँगी, की पंडित ने कहा है दोनो की सुहग्रात पुर अंधेरे में होनी चाहिए, और दोनो को एक-दूसरे की शकल नही देखनी है. इससे वो तेरी शकल नही दिखेगा, और अंधेरा तो होगा ही.
ये सुन कर और घर की इज़्ज़त बचाने के लिए मैं रेडी हो गयी. मुझे जल्दी से तैयार किया गया, और दीदी की सुहग्रात की सेज पर बिता दिया गया. मैने रूम की लाइट बंद कर दी. फिर आधे घंटे के बाद प्रीतम जीजू आए.
प्रीतम जीजू 5’11” के हटते-काटते 28 की उमर के लड़के थे. वो पहलवान टाइप थे, और मैने सुना था की पहले वो कुश्ती वग़ैरा भी करते थे.
फिर जीजू आके मेरे पास बैठ गये. उन्होने मेरे से कोई बात नही की, और मेरा घूँघट उठाया. अंधेरा था, तो मुझे उनका और उनको मेरा चेहरा दिख नही रहा था.
घूँघट उठाते सार ही उन्होने मुझे किस करना शुरू कर दिया, और एक हाथ से मेरा एक चूचा दबाने लग गये. मैं भी किस में उनका साथ देने लगी. मैने कभी किस नही किया था, लेकिन मुझे मज़ा आ रहा था. मेरी साँसे तेज़ हो रही थी.
वो मेरा चूचा ज़ोर से दबा रहे थे, तो मुझे तोड़ा दर्द भी हो रहा था. फिर उन्होने मेरा दुपट्टा पूरा निकाल दिया, और पीछे से मेरी चोली खोल दी. अब मैं ब्रा और घाग्रे में थी. उन्होने मेरी ब्रा भी निकाल दी, और मेरे चूचों को आज़ाद कर दिया.
फिर वो दोनो चूचों को हाथो में पकड़ कर चूसने लग गये. पहली बार मुझे किसी मर्द ने इस तरह च्छुआ था. मैं मदहोश हो रही थी. फिर वो पीछे हुए, और अपने कपड़े निकालने लगे.
उसके बाद उन्होने मुझे लिटाया, और मेरे उपर आके मेरे होंठ चूसने लगे. फिर होंठो से गर्दन पर, फिर चूचों पर, फिर कमर पर आ गये. वो मेरी नाभि में जीभ डाल रहे थे, और मेरे ल़हेंगे को नीचे खींच रहे थे.
उन्होने मेरे ल़हेंगे को भी मेरे जिस्म से अलग कर दिया, और अब मैं जीजू के सामने सिर्फ़ पनटी में थी. फिर उन्होने मेरी पनटी भी उतार दी. उसके बाद उन्होने मेरी जांघों में अपना मूह डाल लिया, और मेरे बदन पर हाथ फेरते हुए मेरी छूट को चाटने लगे.
मुझे इतना मज़ा आ रहा था, की मैने 2 मिनिट में ही अपना पानी छ्चोढ़ दिया. लेकिन जीजू ने मेरी छूट को चाटना नही छ्चोढा. वो साथ-साथ लगातार मेरे बूब्स दबाए जेया रहे थे.
इतना मज़ा मुझे लाइफ में कभी नही आया था, जितना आज आया था. लेकिन ये तो अभी शुरुआत थी. ये तूफान से पहले की ताड़ी हवा थी. इसके आयेज जो होने वाला था, वो मैं सोच भी नही सकती थी.
तो आयेज क्या हुआ जानने के लिए आपको अगले पार्ट की वेट करनी पड़ेगी. तो बने रहिए हमारे साथ और अगले पार्ट की वेट कीजिए.