ही फ्रेंड, मेरा नाम राकेश है. मैं लुक्कणोव का रहने वाला हू. मेरी उमर 27 साल है, और मैं अभी सिंगल हू. मेरी हाइट 5’10” है, और रंग मेरा गोरा है. मैने जिम जाके अपने आप को फिट रखा हुआ है, ताकि मुझे ज़्यादा से ज़्यादा लड़कियाँ छोड़ने का मौका मिले. लंड मेरा 6.5 इंच का है, और काफ़ी मोटा है.
मुझे चुदाई की बहुत प्यास है, और मैने बहुत सारी लड़कियाँ छोड़ी है. उन्ही चुदैयिओं में से एक चुदाई की कहानी आज मैं आपको बताने जेया रहा हू. तो चलिए कहानी शुरू करते है.
ये बात 3 महीने पहले की है. मेरी मौसी के लड़के की शादी थी, तो उन्होने हेल्प करने के लिए मुझे कुछ दिन पहले ही अपने घर बुला लिया था. हम लोग मिल-जुल कर सब काम निपटा रहे थे.
काफ़ी सारे मेहमान आने वाले थे उनके घर पर रुकने के लिए, तो खाना वग़ैरा बनाने के लिए नौकरों की ज़रूरत थी. उनके घर पर पहले से करुणा नाम की नौकरानी काम करती थी. मैने उसको 2-3 नौकरणिया और लेके आने को कहा 5 दीनो के लिए.
अगले दिन करुणा अपने साथ 3 लड़कियाँ लेके आई. उनमे से एक लड़की का नाम था रिंकी. रिंकी दिखने में कंवली बिल्कुल नही लगती थी. वो 22 साल की एक सेक्सी, और काससे हुए जिस्म की लड़की थी. जब मैं उन सब को काम समझा रहा था, तो मेरी नज़र बार-बार रिंकी पर ही जेया रही थी.
रिंकी ने लेगैंग्स और शर्ट पहना हुआ था. साथ में दुपट्टा लिया हुआ था. उसके कपड़े पूरी फिटिंग वाले थे, जिसमे से उसके बदन की पूरी शेप दिख रही थी. उसका साइज़ तकरीबन 34-29-36 होगा. मैं उसको उपर से नीचे देखे जेया रहा था, और उसने भी ये बात नोटीस कर ली थी. अब मुझे उसके साथ कुछ करने का मॅन हो रहा था.
अगले दिन सुबा मैं उठा, और बाल्कनी में जाके खड़ा हो गया. घर के बिल्कुल सामने ही सर्वेंट क्वॉर्टर्स थे, जिनका बातरूम सेपरेट था. जब मैं बाल्कनी में आया, तो मैने रिंकी को बातरूम की तरफ़ जाते हुए देखा. उसको देखते ही मेरा लंड खड़ा हो गया, और मैं जल्दी से नीचे गया.
अभी कोई ख़ास लोग उठे नही थे, क्यूंकी सुबा के 5 ही बजे थे. मैं जल्दी से भाग के सर्वेंट क्वॉर्टर्स के बातरूम के बाहर पहुँच गया. फिर मैने इधर-उधर देखा की कोई देख तो नही रहा. जब मैने आस-पास किसी को नही देखा, तो मैं दरवाज़े से अंदर देखने की कोशिश करने लगा. लेकिन वाहा ऐसी कोई जगह नही थी, जिससे मैं अंदर देख पौ.
फिर मैं वही थोड़ी डोर खड़ा हो गया. जैसे ही बातरूम का दरवाज़ा खुला, मैं जान बूझ कर चलने लगा, ताकि ऐसा लगे की मैं अभी आया था. जब मैने रिंकी की तरफ देखा, तो मेरी आँखें खुली की खुली रह गयी. रिंकी सिर्फ़ टवल में थी.
उसका कॅसा हुआ जिस्म टवल में बड़ा सेक्सी लग रहा था. उसकी क्लीवेज देख कर तो उसमे मूह मारने को दिल कर रहा था. और जांघें तो चाटने का मॅन कर रहा था. उसको नही पता था, की मैं वाहा खड़ा था.
फिर जैसे ही उसने मुझे सामने देखा, तो हल्का सा चीलाई, और अपनी क्लीवेज को हाथो से धकते हुए बोलने लगी-
रिंकी: सॉरी मलिक, मैं कपड़े लेके नही आई थी. मुझे लगा कोई जाग नही रहा होगा.
मैं: कोई बात नही, हो जाता है. और वैसे भी तुम इतनी खूबसूरत लग रही हो, की मैं तो कहता हू की ऐसे ही रहा करो.
मैने फ्लो में आके ये बोल तो दिया. लेकिन मुझे दर्र था की कही वो मेरी बात का गुस्सा ना कर जाए. और ऐसा ही हुआ. उसने मेरी बात का बुरा नही माना, और आयेज से बोली-
रिंकी: अगर मैं ऐसे ही रही, तो फिर सब मुझे ही देखते रहेंगे, और शादी के खाने की जगह मुझे खाने की कोशिश करेंगे.
मैं: अब कोई इतना स्वादिष्ट नज़र आए, तो लोग तो खाने चाहेंगे ही ना.
ये सुन कर वो मुस्कुरा दी. वो समझ गयी थी मैं उसके साथ तारक मार रहा था. फिर वो मुस्कुराइ, और रूम में चली गयी. मैं पीछे मूड कर टवल में लिपटी उसकी गांद देख रहा था. दिल को कर रहा था उसको वही छोड़ डू.
शाम को मुझे कुछ समान लेने जाना था, तो मैने गाड़ी निकली. मेरी मौसी ने समान उठाने के लिए एक नौकरानी को साथ में लेके जाने को कहा, और वो एक नौकरानी को बुलाने चली गयी. मैं भगवान से बोल रहा था, की मौसी रिंकी को ले आए.
और हुआ भी कुछ ऐसा ही. जब मौसी वापस आ रही थी, तो रिंकी उनके साथ आ रही थी. मेरी तो खुशी का ठिकाना ही नही रहा. फिर रिंकी कार में बैठ गयी, और हम समान लेने निकल पड़े. उसने लेगैंग्स और शर्ट ही पहना था.
उसकी सेक्सी बॉडी को इतने पास से देख कर मेरा खड़ा होने लगा था. फिर मैने जान-बूझ कर अपना हाथ गियर बदलते हुए रिंकी की जाँघ पर रख दिया. वाह क्या सॉफ्ट जाँघ थी. हाथ रखते ही वो मुझे देखने लग गयी. मैने उसकी तरफ देख कर स्माइल की.
तभी वो बोली: मैं जानती हू की आप क्या चाहते हो.
मैं: अछा?
रिंकी: हा, क्यूंकी मैं भी वही चाहती हू.
मैं: अर्रे वाह, फिर तो हम दोनो के मज़े ही मज़े है.
रिंकी: लेकिन मैं फ्री में कुछ नही करती.
मैं: कितने पैसे लेती हो?
रिंकी: एक बार के 2 हज़ार.
मैने जल्दी से अपना पर्स निकाला, और 2000 रुपय दिए उसको. साथ ही मैने उसकी जाँघ को मसलना शुरू कर दिया. मैं गाड़ी चला रहा था, तो ज़्यादा कुछ नही कर सकता था. जाँघ से हाथ मैं उसके बूब पर ले गया, और उसको दबाने लगा. इससे उसकी हल्की आ निकली.
अगले 5 मिनिट तक यही करने के बाद मैने अपनी गाड़ी एक सस्ते होटेल के बाहर रोकी. फिर मैने 500 रुपय में 2 घंटे के लिए रूम बुक करवाया, और रिंकी को रूम में ले गया. रूम में जाते ही मैने उसको बाहों में भरा और पागलों की तरह किस करने लगा.
वो भी मेरा साथ देने लगी. उसके होंठो का रस्स बड़ा मज़ेदार था. किस करते हुए मैं उसकी पीठ पर हाथ फेरने लगा, और फेरते-फेरते हाथ उसकी गांद पर ले गया. फिर मैं उसके चूतड़ और जांघें मसालने लगा, जिससे वो और गरम होने लगी.
फिर मैने उसका दुपट्टा खींच कर उसको बेड पर धक्का दिया, और अंडरवेर छ्चोढ़ कर अपने सारे कपड़े उतार दिए. मुझे नंगा होता देख उसने भी अपने कपड़े उतार दिए, और अब वो ब्रा और पनटी में थी.
वो ब्रा पनटी में और भी सेक्सी लग रही थी. उसको देख कर मेरा लंड अंडरवेर फाड़ने की कोशिश कर रहा था. फिर मैं उसके उपर कूद पड़ा, और हम दोबारा से किस्सिंग करने लग गये. पहले मैने उसके होंठ चूज़, और फिर क्लीवेज चाटने लगा.
मैने उसकी ब्रा निकाल दी, और उसके काससे हुए बूब्स को पकड़ कर ज़ोर-ज़ोर से दबाने लगा. वो आ आ कर रही थी. मैने उसके निपल्स को मूह में डाल कर चूसना शुरू कर दिया, जिससे वो पागल हो गयी. फिर मैं उसका पेट चाटने लगा, और नाभि में जीभ मारने लगा.
उसके बाद मैं 69 पोज़िशन में उसके उपर लेट गया, और उसकी पनटी ले उपर से उसकी छूट चाटने लगा. वो भी अंडरवेर के उपर से मेरा लंड दबाने लगी. फिर इधर मैने उसकी पनटी उतरी, और उधर उसने मेरा अंडरवेर उतार दिया. अब मेरा लंड उसके मूह में था, और उसकी छूट मेरे मूह में. हम दोनो एक-दूसरे के लंड और छूट चूस रहे थे.
बड़ा मज़ा आ रहा था. कुछ देर ऐसे ही करने के बाद मैं सीधा उसके उपर आया, और उसकी टांगे खोल कर उसकी छूट पर अपना लंड रगड़ने लगा. वो गांद उठा कर लंड अंदर लेने की कोशिश कर रही थी. फिर मैने ज़ोर के झटके से लंड उसकी छूट में घुसाया.
उसकी चीख निकली, और मैने उसको ज़बरदस्त तरीके से छोड़ना शुरू कर दिया. मैने उसके लिप्स को अपने लिप्स से लॉक कर लिया, और तबाद-तोड़ धक्के देता गया. उसकी छूट पानी-पानी हो रही थी. फिर उसने भी अपनी टांगे मेरी कमर पर घुमा ली, और मज़े से चूड़ने लगी.
मैने फिर उसके होंठ छ्चोढे, और उसके बूब्स के निपल्स चूस्टे हुए उसको छोड़ने लग गया. वो आ आ कर रही थी, और मुझे भी स्वर्ग जैसा मज़ा आ रहा था. फिर मैने उसकी टांगे उपर तक मोड़ ली, और ज़ोर के धक्कों के साथ उसको छोड़ने लगा.
उसने मुझे माल अंदर ना निकालने को बोला. अगले 10 मिनिट तक उसको छोड़ने ने बाद मैने अपना लंड उसकी छूट से बाहर निकाल लिया, और उसके मूह में डाल कर धक्के देने लगा. फिर मैने उसके मूह को अपने लंड के माल से पूरा भर दिया. मैने लंड तब तक उसके मूह से नही निकाला, जब तक वो पूरा पानी पी नही गयी.
इसके आयेज की कहानी अगले पार्ट में. यहा तक की कहानी अगर आपको पसंद आई हो, तो कॉमेंट करके ज़रूर बताए.