गेस्ट हॉउस में चुदाई करवाते हुए मान्या ने मुझे जो कुछ नारंग के साथ चुदाई के दौरान और बाद में जो कुछ नेहा के ऑफिस में हुआ वो सुनाया। वो सब सुन कर तो मेरी हैरानी का भी कोई अंत नहीं रहा। ऐसा क्या हुआ था वहा? आईये जानते हैं मान्या से।
नेहा मैडम से मिलने के बाद मान्या नारंग के ऑफिस में अगले इंटरव्यू के लिए निकल गयी।
मान्या बता रही थी, “मैं नारंग सर के ऑफिस में चली गयी। नारंग सर बैठे हुए सिगरेट पी रहे थे। मैंने हाथ जोड़ कर कहा, “गुड मॉर्निंग सर।”
“नारंग सर ने सिगरेट ऐश ट्रे में डाल दी और जवाब दिया, “गुड मॉर्निंग मान्या, बैठो। कैसी हो।”
“मैंने कहा, “मैं ठीक हूं सर।”
“और तुम्हारी मॉम?” मॉम का हाल पूछते हुए नारंग सर ने अपना लंड खुजलाया। नारंग सर का लंड खुजलाना मुझे भी छुपा नहीं रहा। मैंने भी जवाब दिया,”मॉम भी ठीक है सर।”
“मान्या जैसी तुम्हारी मॉम खुले विचारों की है बोल्ड है सुन्दर है और सेक्सी है, अगर हमारी कम्पनी का अगर ये नियम ना होता की हम एक परिवार के दो सगे रिश्तेदारों को अपने यहां मॉडल नहीं रखते, तो मैं अवश्य उनको भी मॉडलिंग में चांस देता। मेरा यकीन मानो मान्या तुम्हारी मॉम मॉडलिंग में पूरी तरह कामयाब भी होती।”
“किशोर क्या बताऊं, मम्मी की बात करते करते सर ने कम से कम दस बार अपना लंड इधर-उधर किया।”
“सर बोल रहे थे, “वैसे मान्या तुम भी अपनी मॉम से कम सुन्दर नहीं हो और मुझे पूरा यकीन है वैसी ही खुले विचारों वाली भी हो और बोल्ड भी। चलो मान्या अंदर चल कर आराम से बैठ कर बातें करते हैं।”
जब नारंग सर ने ये कहा तो मुझे यकीन हो गया की सर ने मॉम के साथ चुम्मा-चाटी जैस कुछ तो किया है। सर ने मॉम की चुदाई ही कर दी होगी, ये तब मेरे दिमाग में नहीं आया था। “यस सर” ये कहते हुए मैं नारंग सर के पीछे पीछे चल पड़ी।
“नारंग सर सोफे पर बैठ गए और इशारे से मुझे भी अपने पास ही बैठने को कहा।”
“मैं उनकी बगल में ही उनसे सट कर बैठ गयी। नारंग सर मेरे छोटे से टॉप में से मेरी चूचियों और मेरी नंगी जाघों को घूर रहे थे। साथ ही अपना लंड भी खुजला रहे थे। नारंग सर की पैंट के उभार से साफ़ लग रहा था कि सर का लंड थोड़ा सा तन रहा था।”
“मान्या लगता है अपनी मम्मी की तरह तुम भी अपने फिट रखने के लिए बहुत मेहनत करती हो। ये कह कर सर ने निक्कर में से बाहर निकली हुई मेरी जांघ पर अपना हाथ रख दिया और मेरी जांघ धीरे-धीरे दबाने लगे। मैं सोच रही थी, ये था मेरा इंटरव्यू?”
“अचानक नारंग सर ने मेरी जांघों पर हाथ फेरने लगे, “कितनी चिकनी है तुम्हारी जांघे मान्या।” ये कहते हुए नारंग सर ने हाथ ऊपर, मेरी चूत की तरफ सरका दिया। सर का हाथ मेरी चूत लगभग छूने ही वाला था।”
“नेहा मैम की बातें और नारंग सर का मुझे कमरे में ला कर इस तरह मेरी नंगी जांघों पर हाथ फेरना। इतना तो मुझे समझ आ ही गया कि क्या होने वाला था। सर ने हाथ थोड़ा ऊपर की तरफ किया सरकाया, मेरी चूत की तरफ। नारंग सर का हाथ अब मेरी चूत को छू रहा था।”
“नारंग सर के लंड के उभार को देख कर और सर के इस तरह मेरी चूत को छूने से मेरी चूत गीली होने लग गयी। नारंग सर अपना हाथ ऊपर-नीचे कर रहे थे और धीरे-धीरे बुदबुदा रहे थे, “बड़ी चिकनी हैं मान्या तुम्हारी जांघे।” साथ ही सर मेरी चूचियों की तरफ देख रहे थे।”
“तभी सर ने मेरी चूत के बिल्कुल पास से मेरी जांघ दबानी शुरू कर दी और बोले, “आह मान्या मस्त हैं ये।” सर की उंगली मेरी झांटों को छू रही थी। मुझे लगा नारंग सर के हाथ का अगला पड़ाव मेरी चूत ही है। नारंग सर की नजरें मेरे चेहरे पर टिकी थी, जैसे कह रहे हों, “तुम भी तो कुछ करो मान्या।”
“पहले नेहा मैम की बातें और अब नारंग सर का रवैया, मुझे समझ आ गया कि आज मेरे साथ कुछ तो होने वाला था। जिस तरह से नारंग सर झांटों पर हाथ फेर रहे थे, और उनका लंड पेंट से बाहर निकलने को बेताब था, मुझे समझ आ गया की मेरी चुदाई आज हो कर ही रहेगी।”
“चूत मेरी गीली हो ही चुकी थी। मेरा मन भी चुदाई का होने लगा था। मैं एक-दम से खड़ी हुई और सर के सामने खड़ी हो कर अपनी टॉप उठा दी ,”इनके बारे में क्या ख्याल है सर? ब्रा तो उस दिन मैंने पहनी ही नहीं हुई थी।”
“मेरी तनी हुई चूचियां देख कर नारंग सर की मुंह और आंखें खुले के खुले रह गए। सर ने मुझे चूतड़ों से पकड़ कर अपनी तरफ खींचा और मेरी चूचियां मुंह में ले कर चूसने लगे।”
“नारंग सर जिस तरह मेरी चूचियों के निप्पल चूस रहे थे, और एक हाथ मेरे चूतड़ों में घुसा रक्खा था लग रहा था जैसे सर को लड़कियों की चुदाई के लिए गरम करने का अच्छा तजुर्बा है।”
“मुझे सच में ही मजा आने लगा। मैंने सर के हाथ पर अपना हाथ रख दिया,”सर ज़रा जोर से चूसिये ये, अच्छा लगता है।” मेरा इतना कहना भर था कि सर ने चूचियां जोर-जोर से चूसनी शुरू की और साथ ही मेरे चूतड़ों में उंगली डालने के लिए उंगली से चूतड़ों का छेद ढूंढने लगे। मैंने अपनी एक टांग उठाई और सोफे पर रख दी। अगले ही पल सर की उंगली मेरी गांड के छेद में अंदर बाहर हो रही थी।”
“नारंग सर के मुंह से उऊँह ऊँह की आवाजें निकल रही थी। इधर मेरी चूत भी लंड मांगने लगी थी। मेरे चूतड़ अपने आप घूमने लगे। तभी सर ने मुझे अलग किया, पैंट में से अपना लंड निकाला और मेरी तरफ देखने लगे।”
“अब इतनी भी नासमझ नहीं थी मैं। मैं घुटनों के बल सर के सामने बैठ गयी और लंड मुंह में ले लिया।”
“सर का लंड खड़ा हो चुका था।” सर बोले, “मान्या बहुत अच्छा चूसती हो तुम ” और सर ने मेरा सिर लंड पर दबा दिया। जब सर ने मेरा सिर छोड़ा तो मैं खड़ी हो गयी। मैंने अपने कपड़े उतार दिए और बेड पर लेटने ही वाली थी की सर बोले, “एक मिनट मान्या, अपने मुलायम चिकने चूतड़ दिखाओ इधर बेड के किनारे पर लेट कर।”
“मैं सोच रही थी क्या-क्या होगा आज? सर कहीं मेरी गांड तो नहीं चोदने वाले? तब तक तो मैंने गांड नहीं चुदवाई थीI मैं बेड के किनारे पर उल्टी लेट गयी, और चूतड़ उठा दिए। नारंग सर ने मेरे चूतड़ खोले और चूतड़ों का छेद चाटना शुरू कर दिया। सर चूतड़ चाटते जा रहे थे और सा- साथ बोलते जा रहे थे, “क्या चिकनी मुलायम गांड है तुम्हारी मान्या, मजा आ गया।”
ये चुम्मा-चाटी दस मिनट तो चली ही होगी। मेरी चूत की ये हालत थी कि पानी टपक-टपक बाहर गिर रहा था। जैसे ही नारंग सर उठे मैं बिस्तर पर लेट गयी और टांगें उठा कर चौड़े कर दी। फिर चूत की फांकें खोल कर मैंने कहा,”आईये सर।”
“नारंग सर ने अपने कपड़े उतारे, मेरे चूतड़ों के नीचे तकिया रख कर मेरे चूतड़ उठाए और लंड का सुपाड़ा मेरी चूत के छेद पर रखा और एक ही बार में लंड जड़ तक मेरी चूत में बिठा दिया।” गरम तो मैं हो ही चुकी थी। मैंने नारंग सर को टांगों में जकड़ लिया और चूतड़ घुमाने लगी ”
“नारंग सर बोले मान्या ,”मजा आ गया मान्या। तुम्हारी छोटी सी चूत ने मेरा लंड जकड़ लिया है। और सर ने भी कमर के नीचे से हाथ डाल कर मुझे कस कर पकड़ लिया और मेरी चुदाई शरू कर दी।”
“नारंग सर ने पता नहीं कितना चोदा मुझे। चोदते-चोदते मेरे कान में बोले “मान्या मेरा निकलने वाला है अंदर ही निकल दूं?”
“मैंने भी कहा, “मुझे भी मजा आने ही वाला है सर अंदर ही डालिये सर, बाहर निकाल कर क्यों बर्बाद करना है पानी। निकालिये मेरी चूत के अंदर ही भर दीजिये मेरी चूत।”
“सर ने एक-दम धक्कों की स्पीड बढ़ा दी आअह मान्या… तेरी टाइट फुद्दी… आह मान्या… आह आअह मान्या तेरी फुद्दी… आआआह मान्या क्या चुदवाती है तू। मान्या मस्त चुदवाती है आह।”
“लग रहा था सर का निकलने वाला था। मेरा भी मजा अटका ही हुआ था। मैंने जोर से चूतड़ घुमाये और मेरा पानी निकल गया। आअह सर, गई मैं आअह सर आह सर। और फिर नारंग सर भी एक अअअअअघघरर की आवाज के साथ झड़ गए।”
“किशोर, इस उम्र में भी नारंग सर बहुत पानी छोड़ते हैं। आधा मिनट तक तो सर का गर्म पानी मेरी चूत में गिरता रहा। जब सर का मजा पूरा हो गया तो उन्होंने लंड मेरी चूत में से निकाला और मेरे साथ ही लेट गए।”
“मैंने सर लंड पकड़ा, जो गीला था। मैं उठी और लंड मुंह में लेकर चूस-चूस कर चाट-चाट कर पूरा साफ़ कर दिया।””नारंग सर का पानी मेरी चूत में से निकलने लगा था। मैं उठी और बाथ रूम जा कर अपनी चूत पानी से साफ की और बाहर आयी। नारंग सर वैसे ही नंगे लेटे हुए थे। मतलब अभी चुदाई खत्म नहीं हुई थी। मैं आ कर फिर नारंग सर के साथ ही लेट गयी।”
“सर ने मेरी चूत पर हाथ फेरते हुए कहा, “मान्या क्या मस्त चुदवाती हो तुम, मजा आ गया।”
“मैंने भी सर का लंड हाथ में लिया और बोल दिया, “क्या बात है सर एक बार और चोदने का मन है? मेरा इतना कहना भर था कि सर ने उंगली मेरी चूत में घुसेड़ दी और मेरे होंठ अपने होंठों में लेकर चूसने लगे।”
“नारंग सर एक बार चोद चुके थे और मेरे पूछने पर मेरी चूत में उंगली घुसेड़ कर एक और चुदाई की इच्छा भी जाता दी थी। मैंने पूछा, सर इस बार कैसे चोदना है?
“जब मैंने सर से पूछा, सर अब कैसे चोदना है? सर ने खड़ा सख्त हुआ लंड मेरे हाथ में पकड़ा दिया और बोले, “मान्य अब तुम करो चुदाई जैसा तुम्हारा मन करे।”
“मैंने कहा, “ठीक है सर आप लेटे रहिये। मैं उठी और सर के सीधे खड़े खूंटे पर बैठ गयी। सर का लम्बा लंड जड़ तक मेरी चूत में बैठा था। नारंग सर ने मेरी कमर पकड़ी और नीचे से झटके लगाने लगे।
ऊपर मैं लंड पर उठक-बैठक कर रही थी। इतनी जोर-जोर से ये उठा पटक हो रही थी, कि कई बार तो मैं आगे की तरफ गिरने ही लगी थी। मगर नहीं, नारंग सर ने मुझे कमर से इतनी टाइट पकड़ा हुआ था कि मैं ज़रा सा भी इधर-उधर नहीं जा पा रही थी।”
“कभी जब मेरे ऊपर उठने से सर का लंड चूत से बाहर निकल जाता, नारंग सर मुझे कमर से पकड़ कर नीचे कर देते। इससे लंड दुगनी स्पीड से चूत में बैठता था। क्या मजा आता था ऐसे करने पर। किशोर, क्या मर्दानगी है नारंग सर की। आधे घंटे तक ये चुदाई हुई। दम निकल गया मेरा।”
मान्या पूरी मस्ती में अपनी और नारंग की चुदाई की कहानी सुना रही थी, ” किशोर सर से चुदाई में मुझे जो मजा आया मैं बता नहीं सकती। मेरी चूत के पानी के झड़ने का आलम तो ये था कि मुझे मजा आना बंद ही नहीं हो रहा था। सोच रही थी नारंग सर कितनी चुदाई कर लेते हैं एक बार में कमाल है।”
“पता नहीं कितने देर चली ये चुदाई। लंड का पानी निकाल कर नारंग सर सोफे पर बैठ गए और सिगरट सुलगा ली। मैं भी बाथरूम गयी और चूत की धुलाई कर के वापस आ कर कपड़े पहनने लगी। नारंग सर ने मुझे कपड़े पहनने से नहीं रोका। इसका मतलब सर के साथ मेरा ‘इंटरवियू’ खत्म हो चुका था।”
“नारंग सर वैसे ही नंगे सोफे पर बैठे रहे। मैंने कहा, “सर मैं चलूं?”
“नारंग सर खड़े हुए। सर का लंड आधा खड़ा था। सर ने लंड मेरे हाथ में पकड़ा दिया और मुझे चूमते हुए बोले, “मजा आ गया मान्या। सच में ही बोल्ड हो तुम।”
“मुझे लगा नारंग सर ने लंड मेरे हाथ में फिर से पकड़ा दिया है, कहीं एक चुदाई और तो नहीं होने वाली?” मगर ऐसा कुछ नहीं हुआ। सर ने मुझे छोड़ा और “बाए मान्या” बोल कर नंगें ही वापस सोफे पर बैठ गए।”
“इसके बाद मैं नेहा मैम के ऑफिस में चली गयी। नेहा मैम ने कहा था सर के ‘इंटरव्यू’ के बाद उनसे मिल कर जाना है। नेहा मैम मेरा इन्तजार ही कर रही थी। मैं नेहा मैम के सामने जा कर खड़ी हो गई।
वो बोली, “अरे बैठो मान्या, खड़ी क्यों हो? ये बताओ कोई परेशानी तो नहीं हुई? सर के साथ पहला इंटरव्यू बढ़िया रहा?”
“मैंने मन में सोचा, ये मादरचोद नेहा मैम भी कितने ड्रामें कर रही है। मेरा मन तो किया निक्कर उतार कर चूत दिखाऊं इसको बोल दूं, “ले देख साली कैसा इंटरव्यू लिया है तेरे सर ने I फुला दी मेरी चूत चोद-चोद कर।”
“मैंने जवाब दिया, “नहीं मैम कोई परेशानी नहीं हुई सब ठीक रहा। और कुर्सी पर बैठते हुए मैंने कहा, “मैम इंटरव्यू तो हो गया अब मैं चलूं?”
“नेहा बोली, “अरे मान्या इतनी भी क्या जल्दी है। छोटा सा इंटरव्यू मुझे भी लेने दो।”
मैंने हैरानी से नेहा मैम की तरफ देखा और बोली, “पूछिए मैम।”
नेहा मैम पूरी बेशर्मी से बोली, “मान्या ऐसा वाला इंटरव्यू नहीं, जैसा इंटरव्यू तुम सर को दे कर आयी हो वैसा।”
“किशोर मैं नेहा की इस बात पर हैरान हो गयी। मेरे मुंह से बस यही निकला, “जी? मैं समझी नहीं।”
“हंसते हुए नेहा ने कहा, “मैं समझाती हूं। इधर आओ मेरे साथ।”और नेहा मैम उठ कर खड़ी हो गयी और पीछे वाले कमरे की तरफ चलने लगी।”
मैं सोचने लगी अब ये नेहा मैम क्या करने वाली थी। अंदर रेस्ट रूम में पहुंचने के बाद नेहा मैम बोली, चलो मान्या निक्कर उतारो और इंटरव्यू वाली जगह दिखाओ। देखें कैसा इंटरव्यू लिया सर ने और कैसा इंटरव्यू दिया तुमने सर को।” ये बोलते हुए मैम ने अपने कपड़े उतार दिए।
मान्या बता रही थी, “किशोर हैरान तो मैं हो ही रही थी। मगर नेहा मैं ऐसा कुछ भी करेगी, ये नहीं सोचा था।”
मान्या की ये बात सुन कर तो मुझे भी हैरानी हुई। ये तो मुझे भी नहीं पता था कि नेहा ऐसा भी कुछ करती होगी। मेरे मुंह से बस इतना ही निकला, “कमाल है मान्या। नेहा मैम ऐसा भी कुछ करती है, ये तो मैं भी नहीं जनता था।”
“मान्या बोली, “ये तो कुछ भी नहीं किशोर आगे सुनो। असली कमाल तो होना बाकी था।”
“मैंने हैरानी से मान्या की तरफ देखा। मान्या बोली, “मैं हैरान सी खड़ी थी कि नेहा मैम ने मेरी निक्कर के बटन खोल दिए और मेरी निक्कर, चढ्ढी और टॉप उतार दी। नेहा मैम ने मुझे बेड पर लिटा दिया और मेरी चूत की फांकें खोल कर मेरी चूत चाटने लगी।”
“चूत चाटते-चाटते नेहा मैम बोली, “लगता है सर ने बढ़िया इंटरव्यू लिया है। इंटरव्यू में खूब पानी छोड़ा है तुम्हारी चूत में। अब तक सर के लंड के पानी की खशबू आ रही है। ये कह कर नेहा मैम फिर मेरी चूत चूसने लगी। तभी नेहा ने रिमोट लिया और टीवी चालू कर दिया।”
अब जो मान्या ने बताया वो मेरे लिए भी किसी झटके से कम नहीं था।
मान्या ने बताया, “किशोर जो मैंने टीवी स्क्रीन पर देखा वो कोई फिल्म का सीन नहीं, नारंग सर के कमरे का सीन था। नारंग सर अभी भी नंगे सोफे पर बैठे थे। सर के एक हाथ में व्हिस्की से भरा गिलास था गिलास था और दूसरे हाथ में लंड था। नेहा मैम और नारंग सर के कमरे सीसीटीवी से जुड़े थे।”
“मैंने सोचा इसका मतलब अपने-अपने ऑफिस में बैठे नारंग और नेहा एक-दूसरे को देख सकते थे। अगर हम सर को देख सकते हैं तो सर भी हमें देख रहे होंगे। क्या मेरी सारी चुदाई नेहा ने भी देखी होगी। मैं अभी इन्हीं ख्यालों में थी कि दरवाजा खोल कर रश्मी मैम ही अंदर आ गयीI”
अंदर आते ही रश्मि मैम नेहा मैम से बोली, “अरे मैम आप अकेले-अकेले ही सारा इंटरव्यू ले लेंगी? थोड़ा इंटरव्यू मुझे भी तो लेने दीजिये।”
मान्या मुझे बता रही थी, “किशोर उस वक़्त मेरे दिमाग में बस यही घूम रहा था ये ऑफिस है या चुदाई का अखाड़ा। रश्मि मैम की बात सुन कर नेहा मैम ने अपना मुंह मेरी चूत से हटा लिया और बोली, “रश्मि लगता है बलराज को बढ़िया इंटरव्यू दे कर आयी है मान्या, अभी तक भी इंटरव्यू की खुशबू आ रही है।”