हेलो दोस्तों, मैं आपका मृदुल फिर एक बार नयी कहानी लेकर आया हू. आप मेरे बारे में जानते ही है. मेरा रंग गोरा और निपल्स किसी टीनेज लड़की की तरह है, और मेरी गांद मोटी गोल उभरी हुई है.
तो दोस्तों सीधे कहानी पर आता हू. मैं अपने घर से डोर दूसरी सिटी में नौकरी करता हू, और किराए के घर में रहता हू. मैं एक नाटक मंडली से भी जुड़ा हुआ हू, जो स्टेज शो करती है. मेरे सेक्सी जिस्म की वजह से मुझे लड़की का ही किरदार दिया जाता है.
डिसेंबर का महीना था, और शाम 7 बजे हमारा नाटक था. मुझे उस नाटक में शादी-शुदा लड़की का किरदार करना था. मैने लाल और हारे रंग की सिल्क की सारी पहनी थी, और अंदर लाल रंग की ब्रा-पनटी पहन ली. मैने पूरा शृंगार किया, माथे पर लाल बिंदी, हाथों में लाल चूड़ियाँ, और पावं में पायल पहन ली.
मैं आचे से तैयार हो गया. ऐसे की पहली बार कोई देखे तो पहचान ही ना सके की लड़का है या लड़की. मैं नाटक मंडली वालो का वेट करने लगा. थोड़ी देर में वो मुझे लेने आ गये, और मैं उनके साथ चला गया. हमारा नाटक लोगों को बहुत पसंद आया. खूब तालियाँ और सीटियाँ बाजी.
नाटक ख़तम होते रात को 10 बाज गये. हमने जल्दी समान पॅक किया, और निकल गये. डिसेंबर की ठंडी कोहरे वाली सर्द रात में सब को जल्दी घर जाने की थी. उन लोगों ने मुझे मेरे घर के बाहर उतार दिया, और चले गये. मैं घर का टाला खोलने ही वाला था, की एक काले रंग की सुव मेरे एक-दूं पास आ कर रुक गयी. इससे पहले की मैं कुछ समझ पाता, उस कार में से एक हटता-कटता जवान लड़का उतरा.
उसकी हाइट 6 फीट, और वेट 100 क्ग होगा. उसके बाल कानो तक लंबे थे, और उसने गले में मोटी सोने की छाई पहनी थी. उसने मेरा हाथ पकड़ा, और मुझे गाड़ी के अंदर ले गया. फिर वो कार ड्राइव करने लगा, और मैं चुप-छाप बैठा रहा. कार में हनी सिंग का गाना लगा था. उसको कॉल आई तो मुझे उसका नाम पता चला गॅरी.
गेरी कार को एक फार्म हाउस में ले गया. उसने मुझे कार से निकल कर अपने कंधो पर डाला, और अंदर ले गया. फार्महाउस में जर्मन शेपर्ड नेज़ल के दो कुत्ते थे. अब मुझे जो भी हो रहा था, उसमे इंटेरेस्ट जाग रहा था.
गॅरी मुझे बेडरूम में ले गया, और मुझे बेड पर फेंक दिया. फिर वो मुझे किस करने लगा. मैने उसको पीछे हटाया.
मे: पागल हो क्या? मैं लड़की नही लड़का हू.
गॅरी: जानता हू, लेकिन आज रात तू मुझे लोंड़िया जैसे मज़ा दे.
फिर उसने मुझे पकड़ कर दीवार के साथ लगा दिया, और बोला-
गॅरी: आज तो तुझे नोच-नोच कर खा जौंगा. अब चुप-छाप मेरी कुटिया बन जेया.
वो मेरे पास आ गया, और मेरी सारी उतारने लगा और साथ में बोलने लगा-
गॅरी: खोल कर तेरी सारी, मर्द से बनेगा तू नारी. तेरे नंगे जिस्म पर हक है मेरा. तेरे जिस्म पर छोढ़ुंगा अपना फावरा.
मैं उसके सामने अब सिर्फ़ पेटिकोट और ब्लाउस में खड़ा था. उसने मुझे बाहों में उठा कर बेड पर पटक दिया. उसने दारू की बॉटल मूह को लगा ली. लगभग आधी बॉटल पीने के बाद वो मेरे उपर आ कर लेट गया. उसके मूह से दारू की गंध आ रही थी.
गॅरी मेरे चेहरे को चूमने लगा, और फिर उसने अपने होंठ मेरे होंठो पर रख दिए, और मुझे डीप स्मूच करने लगा. उसने अपनी जीभ मेरे मूह में डाल दी. वो डीप स्मूच करने लगा. डूस मिनिट्स स्मूच करने के बाद उसने मेरे निचले होंठ को अपने दांतो से काट लिया.
मैने उसको हटाने की कोशिश की, लेकिन उसने मेरे हाथ पीछे करके ज़ोर से पकड़ रखे थे. जिसकी वजह से कुछ काँच की चूड़ियाँ टूट गयी, और मेरे हाथों में चुभ गयी. वो मेरे ब्लाउस के उपर से ही मेरे बूब्स मसालने लगा. मुझे दर्द होने लगा.
गॅरी: तुझे पूरा नंगा नही करूगा, इन्ही कपड़ों में तुझे छोड़ूँगा. तभी लोंड़िया बनेगी तू.
उसने अपने हाथो से मेरे ब्लाउस के सारे हुक्स तोड़ दिए, और ब्रा को उपर खिसका दिए. उसके सामने मेरे गोरे निपल्स थे.
गॅरी: साली तेरे माममे तो लोंदियों से भी मस्त है.
वो मेरे बूब्स को अपने हाथो से हिलने लगा. कुछ देर सहलाने के बाद उसने मेरे एक बूब को मूह में ले लिया और चूसने लगा, और दूसरे बूब को मसालने लगा. मेरी सिसकियाँ निकालने लगी, और मेरी धड़कन बढ़ गयी. मुझे अब मज़ा आ रहा था.
गॅरी पागलों की तरह मेरे बूब्स चूस रहा था. मेरे निपल्स को काट रहा था. उसने अपने दाँत मेरे बूब्स पर गाड़ दिए. जब वो मेरे बूब्स पर से हटा, तो मेरे बूब्स पर उसके दांतो के निशान सॉफ दिखाई दे रहे थे.
गॅरी: तेरे नंगे जिस्म पर बनौँगा अपने दांतो के निशान. पूरी रात छोड़-छोड़ कर करूँगा परेशान.
गॅरी अब मेरे पेट पर आ गया, और मेरी नाभि को चूमने लगा. वो अपनी जीभ मेरी नाभि में घूमने लगा. मुझे सच में एक लड़की की फीलिंग्स आ रही थी. वो उठा, और अपने कपड़े उतार दिए. उसका कसरती मर्दाना जिस्म देख कर मैं होश खोने लगा.
उसने वाइट फ्रेंचिए पहनी थी. उसके लंड का उभार सॉफ दिख रहा था. गॅरी का लंड फ्रेंचिए से बाहर आने को फड़फदा रहा था. मैं उसके लंड का उभार देख कर दर्र गया, की आज मेरी गांद फटत जाएगी. वो मेरे मूह को पकड़ कर अपनी फ्रेंचिए पर दबाने लगा.
उसने अपनी फ्रेंचिए नीचे कर दी. उसका लंड हवा में झूलने लगा. उसका लंड देख कर मेरी आँखें खुली की खुली रह गयी. लंड उसका 7 इंच लंबा, और 3 इंच मोटा था. उसका लंड लोहे के मूसल जैसे हार्ड था. वो अपना लंड मेरे होंठो पर रगड़ने लगा और बोला-
गॅरी: मूह खोल साली और चूस इसको.
उसने लंड को मेरे मूह में डाल दिया, और लंड को मेरे मूह में आयेज-पीछे करने लगा. उसने मेरे सर को पकड़ कर पूरा लंड मेरे मूह में डाल दिया. उसका लंड मेरे गले तक पहुँच रहा था. मुझे साँस लेने में दिक्कत होने लगी.
एक दूं वो मेरे मूह को अपने लंड पर दबाने लगा, और थोड़ी देर में उसने अपना सारा माल मेरे मूह में निकाल दिया. गॅरी ने मेरे मूह से अपना लंड तब तक नही निकाला, जब तक सारा माल मेरे गले के नीचे तक नही उतार गया. उसने मुझे उल्टा लिटा दिया, और पेटिकोट उठा कर मेरी गांद पर ज़ोर-ज़ोर से थप्पड़ मारने लगा, और मेरी पनटी भी फाड़ दी.
थप्पड़ की मार से मेरी गोरी गांद एक दूं लाल सुर्ख हो गयी. मेरी गांद के च्छेद को अपनी जीभ से चाटने लगा. मैं भी अब मदहोश होने लगा. उसने एक-एक करके अपनी दो उंगलियाँ मेरी गांद में डाल दी.
गॅरी ने मुझे घोड़ी बना दिया, और अपने लंड पर तेल लगा लिया. वो अपना लंड मेरी गांद के च्छेद पर रगड़ने लगा. मुझे कमर से पकड़ कर अपने लंड का टोपा मेरी गांद के च्छेद पर सेट किया, और एक ज़ोर से धक्का मारा, और उसके लंड का टोपा मेरी गांद में घुस गया.
मैं ज़ोर से चीखने चिल्लाने लगा: आ आ
गॅरी: तू चाहे जितना चीखे चिल्लाए, छोड़ूँगा तुझे आज बेरेहमी से बिना तेल लगाए.
उसने फिर एक धक्का मारा, और अपने पुर लंड को मेरी गांद में उतार दिया. मेरी आँखों में आँसू आ गये थे. मैं मरने वाली हालत में उसके नीचे पड़ा था. उसने अपने लंड को आयेज-पीछे करके मुझे छोड़ना शुरू कर दिया. रूम में मेरी चुदाई की, थप्पड़ की, और मेरी चीखों की आवाज़ सॉफ सुनाई दे रही थी.
गॅरी: जितना मर्ज़ी चीख चिल्ला ले, कोई नही सुनेगा. क्यूंकी सब को पता है यहा हर रात तेरे जैसी कुटिया चिल्लती है.
उसके लंड ने मेरी गांद में अपने लिए रास्ता बना लिया, जिससे मेरा दर्द तोड़ा कम हुआ. अब वो मेरी एक टाँग उठा कर मुझे पीछे से छोड़ने लगा. पीछे से छोड़ते हुए वो मेरी गर्दन पर चूमने लगा, और चूमते-चूमते मेरी गर्दन पर अपने दांतो से काट लिया.
गॅरी ने मेरी टांगे अपने कंधो पर रख ली, और लंड मेरी गांद में डाल कर मुझे छोड़ने लगा. मेरी पायल की आवाज़ रूम में गूँज रही थी. आधा घंटा छोड़ने के बाद उसने अपनी स्पीड बढ़ा दी, और फिर मेरी गांद में उसने अपना फावरा छ्चोढ़ दिया.
वो मेरे उपर लेट गया, और मेरे बूब्स चूसने लगा. उसका लंड शांत हो कर ढीला हुआ, तब खुद ही मेरी गांद से बाहर आ गया. थोड़ी देर बाद वो उठा और अपने लंड को मेरे मूह में डाल दिया.
मे: प्लीज़ मत करो, अब बहुत दर्द हो रहा है.
गॅरी: एक बार में जी नही भरा. छोड़ूँगा तुझे दोबारा.
फिर लंड को मेरे मूह में डाल कर चुसवाने लगा. जब लंड पूरा खड़ा हो गया, तो मुझे छोड़ने लगा. पूरी रात उसने मुझे 4 बार छोड़ा, और हर बार अपना माल मेरी गांद के अंदर ही निकाला. सुबा उठ कर वो अपने कपड़े पहनने लगा.
मे: मुझे अपने कोई कपड़े दे दो. मैं घर क्या पहन कर जौंगा?
गॅरी: साली कुटिया, मर्द के कपड़े पहनेगी. लोंड़िया है तू, लोंड़िया बन कर रह.
मैने फटते हुए ब्लाउस के उपर ही सारी लपेटी. उसने ब्रा भी नीचे नही करने दी. कार में बिता कर, वो मुझे घर के गाते तक लेकर आ गया. मैं उतार कर जैसे ही जाने लगा.
गॅरी: साली रांड़ बड़ी जल्दी है तुझे भागने की.
उसने अपनी पंत की ज़िप खोली, और लंड को बाहर निकाल लिया. मुझे रोड पर ही नीचे घुटनो पर बिता कर लंड मेरे मूह में डाल दिया.
गॅरी ने अपने लंड से मेरे मूह को डूस मिनिट्स छोड़ा, और फिर अपना माल मेरे चेहरे पर निकाल दिया. मैने जीभ से चाट कर उसके लंड के टोपे को सॉफ किया, फिर वो चला गया.
तो दोस्तों ये थी मेरी कहानी, आपको कैसी लगी मुझे मेरी मैल ईद पर बताईएएगा.