हेलो दोस्तों, मैं रोमिल फिर से आ गया. पिछले भाग में आपने जाना मेरे पेशेंट सुयश के बारे में, की वो कैसे अपने सौतेले बाप से अट्रॅक्ट होता है, और चुपके से अपनी मम्मी और सौतेले बाप की चुदाई देखता है. वो उस रात डिसाइड कर लेता है की अपने सौतेले बाप से अपनी गांद मरवाएगा. अब आयेज-
तो उस रात सुयश सिर्फ़ टीन घंटा ही सोता है. फिर जब सुबा वो मॉर्निंग वॉक के लिए कमरे से बाहर निकला, तब वो फिरसे उसकी मम्मी के कमरे के पास गया. उसने देखा की दोनो ही वाहा नही थे. तो वो उनके कमरे के अंदर चला गया.
उसने देखा की बेड के नीचे दो-टीन उसेड कॉंडम पड़े हुए थे, और उसमे वाइट पानी भरा हुआ थे. वो समझ लिया की जाम कर चुदाई हुई थी दोनो में. तब उसे बातरूम में तेज़ सांसो की आवाज़ सुनाई दी. उसने चुपके से झाँका, और देखा की बातरूम में अभिमन्यु (सौतेला बाप) सीमा (सुयश की मम्मी) के मूह में अपना लंड डाल के छोड़ रहा था.
ये देख कर सुयश बेकाबू हो गया, और अपने कमरे में आ कर मूठ मारने लगा. अभी ऐसे ही चलता रहा उन दोनो का. कभी टीवी देखते टाइम अभिमन्यु सीमा के ब्लाउस में चुपके से हाथ डाल कर सहलाता था. तो कभी किचन में काम करते वक़्त ही दोनो चुदाई करते थे.
ये सब देख कर भी सुयश कुछ नही कर पा रहा था. वो सिर्फ़ एक मौके की तलाश में रहता की एक मौका मिल जाए तो वो कैसे भी करके अभिमन्यु यानी उसके सौतेले बाप को फ़ससा लेगा.
लेकिन अभिमन्यु उसे अपने बेटे के हिसाब से ही देखता था. फाइनली, एक मौका मिल गया. उनके ऑफीस में आउटसाइड कॅंपेन पड़ा एक हफ्ते के लिए. लेकिन उस वक़्त ही अभिमन्यु को तोड़ा बुखार था. इसलिए वो नही जेया पाया, और सिर्फ़ सीमा ही गयी. अब सुयश को एक हफ़्ता मिल चुका था. तो वो बिना देरी किए अपने सौतेले बाप को फसाने के लिए स्टार्ट कर दिया अपना प्लान.
आपको मैने बताया था की अभिमन्यु की आदत थी घर में शॉर्ट्स या फिर अंडरवेर पहनने की. तो वो वैसा ही पहनता था. अभी सुयश अभिमन्यु के सामने वैसे ही शॉर्ट्स और आधा नंगा होकर ही रहने लगा. अभिमन्यु को कुछ अजीब नही लग रहा था. लेकिन उसे तब तोड़ा डाउट हुआ, जब सुयश उसके साथ रात में सोने के बोला.
सुयश: पापा, मैं आपके कमरे में सो जाता हू.
अभिमन्यु: क्यूँ?
सुयश: आपकी तबीयत ठीक नही है ना, इसलिए.
अभिमन्यु: मैं संभाल लूँगा, बेटा.
सुयश: नही पापा, मम्मी ने मुझे आपका ख़याल रकने को बोला है. आपको कुछ ज़रूरत पद सकती है.
और ज़िद करके उसने अभिमन्यु को माना लिया, और रात को कमरे मैं आ गया. अभिमन्यु की आदत के हिसाब से वो सिर्फ़ एक अंडरवेर में ही सोया था. इधर सुयश जान-बूझ कर रात में बार-बार अपना हाथ अभिमन्यु के उपर रखता रहा.
जब सुबा हुई तो अभिमन्यु ने देखा की उसका अंडरवेर नीचे खिसका हुआ था, और उसका लंड सुयश के मूह में था. तो वो चौंक कर अपना लंड निकाल लिया और बातरूम चला गया.
पुर दिन अभिमन्यु ने नोटीस किया की सुयश उसे बार-बार टच कर रहा था, अपनी गांद दिखा रहा है. लेकिन वो नज़र-अंदाज़ किया, और रात को सुयश को उसके साथ सोने के लिए माना कर दिया.
आपको मैने बताया था की सुयश को जो पाना है वो हर हाल में पाना है. तो वो पूरा पागल हो गया था उस वक़्त. फिर अगले दिन अभिमन्यु से कुछ बात नही किया और सीधा रात को कमरे में आ कर बोला-
सुयश: पापा आपके साथ सोना है,
अभी: मैं ठीक हो गया हू. तुम्हे अब ज़रूरत नही मेरा ध्यान रखने की.
सुयश: आप मेरे साथ ऐसा क्यूँ कर रहे हो? आपको पता है मैं क्या चाहता हू, लेकिन फिर भी.
अभी: क्या, मैं कुछ समझा नही बेटा.
सुयश: तो सुनो, मुझे आपका लंड चाहिए.
अभी: तुम मेरे बेटे हो. ऐसा क्यूँ बोल रहे हो?
सुयश: मैं सौतेला बेटा हू, इसलिए बोल रहा हू. आचे से मेरी बात मान लो.
अभी: नही मानी तो?
सुयश: मैं मम्मी को बोल दूँगा, की आप जान-बूझ कर बुखार का बहाना करके रुके थे, और मेरे साथ गंदी हरकत की.
अभिमन्यु चौंक गया, और सुयश ने उसे मजबूर कर दिया. फिर उसने बोला-
अभी: ठीक है, तुम जो बोलॉगे मैं करूँगा. लेकिन सिर्फ़ एक ही बार.
सुयश: ठीक है.
फिर सुयश ने अभिमन्यु का अंडरवेर निकाल दिया, और उसके लंड को चाटने लगा. लंड सोया था. लेकिन फिर भी मोटा था, अभिमन्यु को बहुत बुरा लग रहा था, लेकिन वो मजबूर था.
फिर धीरे-धीरे उसका लंड खड़ा हुआ, और अभिमन्यु की साँस तेज़ होने लगी, और सुयश को लंड चूसने में मज़ा भी आ रहा था.
20 मिनिट चूसने के बाद वो अभिमन्यु के सामने नंगा हो गया, और अपनी गांद चाटने को बोला. अभिमन्यु ने उसकी गांद में जीभ डाल कर छाता. सुयश सिर्फ़ आ उउफ्फ उम्म ही कर रहा था. 25 मिनिट ऐसे ही चाटने के बाद अभिमन्यु की उंगली को सुयश ने अपनी गांद में घुसाया, और मज़ा लेने लगा.
सुयश: पापा, अब अपना लंड डालो मेरे गांद में.
अभी: नही, मैं ये नही करूँगा.
सुयश: आपको करना पड़ेगा, वरना पता है ना.
फिर अभिमन्यु लंड डाला. सुयश को बहुत दर्द हो रहा था, इसलिए वो तोड़ा डाल कर रुकता, फिर आयेज-पीछे तोड़ा-तोड़ा कर रहा था. लेकिन सुयश दर्द में होकर भी उसकी ज़िद की वजह से बोला की-
सुयश: ज़ोर से छोड़ो मुझे.
अभी: लेकिन बेटा तुम्हे दर्द हो रहा है ना.
सुयश: मेरी मम्मी को रुला कर छोड़ते हो ना.
अभी: तुम्हारी मम्मी को वैसे ही पसंद है, वो खुश होती है.
सुयश: तो मुझे भी वैसे ही छोड़ो. मेरे दर्द पर ध्यान मत दो. मैने देखा है आप कैसे ज़ोर-ज़ोर से छोड़ते हो.
फिर अभिमन्यु को गुस्सा आ गया, और वो ज़ोर-ज़ोर से छोड़ने लगा. अभी सुयश की गांद से खून निकालने लगा, और वो पूरा ज़ोर से रो रहा था. लेकिन अभिमन्यु छोड़े ही जेया रहा था.
अभिमन्यु: लंड लेना है ना मेरा? ले मदारचोड़, आज तेरी गांद का भोंसड़ा बना दूँगा. मम्मी-पापा की चुदाई देखता है, बड़ा मज़ा आ रहा था. अब ले लंड और चिल्ला.
ऐसे ही अभिमन्यु गुस्से में छोड़ता रहा, और सुयश रो कर चिल्ला रहा था. फिर कुछ देर बाद उसे मज़ा आने लगा, और वो खुशी और ज़ोर से चिल्लाया रहा.
फिर 40 मिनिट की चुदाई के बाद अभिमन्यु झाड़ गया उसकी गांद में, और वो सोफे पे जेया कर सो गया. अगली सुबा सुयश के उठने से पहले ही अभिमन्यु गाओं चला गया. सुयश समझ गया की अभिमन्यु उससे पीछा च्छुदाना चाहता था. टीन दिन के बाद सीमा आ गयी और उसको स्टेशन से अभिमन्यु लेकर आ गया. अब अभिमन्यु सुयश से बात ही नही कर रहा था.
तो दोस्तों अगले भाग मैं आपको बतौँगा की कैसे सुयश अपनी मम्मी के होते हुए भी अभिमन्यु से चुड रहा था. अगर कहानी अची लगी तो फीडबॅक मेरी ईद