हेलो दोस्तो, मेरा नाम किरण है. मैं एंपी की रहने वाली हू. मेरी उमर 24 साल है, और मेरा साइज़ 36″26″39″ है. मेरा रंग गोरा है, और मैं बहुत सेक्सी लगती हू. हर लड़का मुझे छोड़ने वाली निगाहो से देखता है, तो मुझे लंड की कभी कमी नही रही.
वैसे तो मेरी लाइफ में बहुत सारी चुदाई हुई है. लेकिन आज मैं आपको अपनी पहली चुदाई की कहानी बताने जेया रही हू. आशा करती हू, की आपको मेरी कहानी पढ़ कर मज़ा आएगा. तो चलिए शुरू करते है.
मेरे फॅमिली में मैं, मों और दाद ही है. मेरे दाद एक सरकारी ऑफीस में अची पोस्ट पर है, और मों भी सरकारी टीचर है. उस वक़्त मैं 19 साल की थी. मेरा फिगर 32″ 24″ 34″ था. मेरी 12त कंप्लीट हो चुकी थी, और मैं घर पर चुट्टिया माना रही थी. उन्ही दीनो मेरे दाद की प्रमोशन हो गयी, और साथ ही उनका ट्रान्स्फर भी हो गया.
उनका ट्रान्स्फर एक गाओं में हुआ था. हमे सरकार की तरफ से गाओं के बाहर वाली कोठी मिली. फिर मैं और दाद वाहा पर चले गये. मों की जॉब थी, तो वो अभी हमारे साथ नही आ सकती थी.
हमारी कोठी के आस-पास बिल्कुल खाली जगह थी. बस एक पॅयन-बीड़ी की दुकान थी, जो हमारे घर के सामने थी. गाओं के घर 500 मीटर डोर से स्टार्ट होते थे. उस दुकान पर एक काला सा 35-40 साल का आदमी बैठता था.
मैं जब भी बाहर निकलती थी, तो वो मुझे घूरता रहता था. उसकी शकल किसी कुत्ते से भी बत्तर थी, और मुझे उसका ऐसे देखना बिल्कुल पसंद नही था.
पापा के जॉब पर चले जाने के बाद मैं घर पर अकेली ही होती थी. मैं काफ़ी बोर हो जाती थी, तो मैं अपनी फ्रेंड सलोनी से बाते करने लगी.
सलोनी को सेक्स में बहुत इंटेरेस्ट था, और वो मुझे भी पॉर्न वीडियोस के लिंक भेजने लगी. जब मैने पहली बार पॉर्न वीडियो देखी, तो देखती ही रह गयी. मेरे सिर पर उसका असर ऐसा हुआ, की पूरा-पूरा दिन मेरे दिमाग़ में सेक्स सीन ही चलने लगे.
थोड़े दीनो में मेरी फिंगरिंग भी स्टार्ट हो गयी. अब मुझे सेक्स की तलब लगने लगी थी. मुझे भी लंड का मज़ा लेना था, लेकिन डोर-डोर तक कोई लड़का मेरी नज़र में नही था. फिर एक दिन जब मैं कपड़े सूखने च्चत पर गयी, तो वो दुकान वाला मेरी तरफ ही देख रहा था.
जब मैने उसकी तरफ देखा, तो उसने मुझे स्माइल पास की. पता नही क्यू, उस दिन मुझे उसका मुझे देखना बुरा नही लगा. फिर मैने भी उसको स्माइल पास कर दी. तभी उसने मुझे हाथ हिला कर हेलो बोला. मैने उसका रेस्पॉन्स नही दिया, और नीचे वापस आ गयी.
फिर मैं उसको विंडो में से च्छूप कर देखने लगी. उसने मुझे उसको देखते हुए देख लिया, और फिर से हाथ हिलाया. मैं जल्दी से विंडो से पीछे हॅट गयी.
ना-जाने क्यू मेरे दिमाग़ में बार-बार उसके ख़याल आने लगे. शायद मेरे दिमाग़ में सेक्स इतना चढ़ चुका था, की अब वो भी मुझे अछा लगने लगा था.
फिर अगले दिन से मैं भी उसको देख कर स्माइल करने लगी. जब वो हॅंड वेव करता, तो मैं भी कर देती. वो भी अब तक समझ चुका था, की मैं उसके साथ फ़ासस चुकी थी. फिर एक दिन उसने मुझे इशारा करके मेरे पास आने के लिए पूछा. मैने भी हा में सिर हिला दिया.
फिर वो जल्दी से दुकान से निकला, और घर के गाते पर आ गया. मैं डरती हुई गाते पर गयी. गाते लोहे का था, और कोई 4 फूर ऊँचा था. वो बाहर ही था, और उसने बात शुरू की-
दुकान वाला: आपका नाम क्या है.
मैं: किरण, और आपका?
दुकान वाला: मेरा राकेश. आप बहुत खूबसूरत हो किरण जी.
मैं: थॅंक योउ राकेश जी.
राकेश: एक बात बोलू किरण?
मैं: हा बोलो.
राकेश: मुझे आपसे प्यार हो गया है.
ये सुन कर मुझे शरम आ गयी, और मैने अपना सिर नीचे झुका लिया. फिर वो बोला-
राकेश: किरण आपके मॅन में क्या है?
मैने कोई जवाब नही दिया.
राकेश: बताओ ना किरण, वरना मैं मॅर जौंगा.
मैं: नही-नही, ऐसा नही कहते.
राकेश: तो बताओ ना, की आप मुझसे प्यार करते हो या नही?
मैं: ह्म
बस मेरे ये कहते ही वो मेरे पास आया, और इससे पहले की मैं कुछ सोच पाती, उसने अपने होंठ मेरे होंठो के साथ चिपका दिए. उसके मूह से बीड़ी की स्मेल आ रही थी, लेकिन फिर भी मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. 2-3 मिनिट हमारी किस चलती रही, और फिर उसने मुझे छोढ़ दिया. फिर वो बोला-
राकेश: किरण मैं आपको प्यार करना चाहता हू.
मैं: ह्म, कर लेना.
राकेश: कब?
मैं: मैं बतौँगी.
राकेश: ठीक है.
फिर वो चला गया, और मैं घर के अंदर आ गयी. मेरी पनटी गीली हो चुकी थी. अब मुझे जल्दी से सेक्स करना था. फिर अगले दिन पापा के जाते ही मैने उसको घर पर आने का इशारा कर दिया. उसने जल्दी से अपनी दुकान बंद की, और हमारे घर में आ गया.
मैने पॅरोट कलर का लेगैंग्स वाला सूट पहना था. हॉल में आते ही उसने मुझे बाहो में भर लिया. फिर वो मुझे किस करने लगा. मैं भी उसका साथ देने लगी. वो किस करते हुए मेरी गांद दबाने लगा, जिससे मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.
फिर उसने मेरी गर्दन पर किस करने शुरू किए. उसके मूह से तंबाकू की स्मेल आ रही थी, लेकिन उस वक़्त मुझे सब अछा लग रहा था. फिर उसने मेरा शर्ट और ब्रा उतार दिए, और मेरे बूब्स पर टूट पड़ा.
मेरे बूब्स एक-दूं सख़्त हुए पड़े थे. वो मेरे निपल्स को मज़े से चूसने लगा. मुझे भी बड़ा मज़ा आ रहा था. फिर मैं उसको अपने बेडरूम में ले आई. रूम तक आते-आते उसने अपने सारे कपड़े उतार दिए. अब वो सिर्फ़ अंडरवेर में था.
रूम में आके उसने मेरी लेगैंग्स उतार दी. फिर उनसे अपना अंडरवेर उतार दिया, और उसका 8 इंच का काला लंड मेरे सामने आ गया. उसने मुझे लंड चूसने का इशारा किया. मैने वीडियोस में लड़कियो को लंड चूस्टे देखा था, तो मैं घुटनो के बाल बैठ गयी.
फिर मैने उसके लंड पर एक किस की. उसके लंड में से स्मेल आ रही थी. फिर उसने मेरे बाल पकड़े, और मेरे मूह में लंड डाल दिया. लंड का स्वाद काफ़ी कड़वा था. फिर वो मेरे मूह में धक्के देने लगा.
मेरे मूह से बहुत सारी थूक निकल रही थी. वो किसी रंडी की तरह मेरा मूह छोड़ रहा था. मेरी साँस रुकने पर उसको मज़ा आ रहा था. फिर थोड़ी देर बाद उसने मुझे खड़ा किया, और मेरी गांद पर एक थप्पड़ मारा.
उसके बाद उसने मुझे बेड पर लिटाया, और मेरी पनटी उतार दी. मेरी कुवारि छूट पर बहुत से बाल थे. तभी उसने मेरी छूट पर मूह लगाया, और उसको चाटने लग गया. मुझे इतना मज़ा आया, की मैं 2-3 मिनिट में ही झाड़ गयी.
वो मेरी छूट का सारा पानी पी गया. फिर वो मेरी टाँगो के बीच आया, और अपना लंड मेरी छूट पर रगड़ने लग गया. इससे मैं तड़पने लगी, और मेरे पुर जिस्म में खलबली सी मच गयी.
कुछ देर वो ऐसे ही मुझे तड़पता रहा. वो बीच-बीच में मेरे निपल्स भी खींच देता था. फिर फाइनली उसने लंड मेरी छूट के मूह पर टीकाया, और उसको अंदर पुश किया. मेरी चीख निकली, और उसका आधा लंड मेरी छूट में चला गया.
छूट से खून भी बहने लग गया. मुझसे दर्द बर्दाश्त नही हुआ, तो मैने उसको लंड बाहर निकालने को कहा. लेकिन अब वो कहा सुनने वाला था. उसने मेरे लिप्स को अपने लिप्स से लॉक किया, और धक्के मारता गया.
मेरा दर्द बढ़ता गया, और मेरी आँखों से आँसू बहने लगे. वो मेरे होंठ चूस्टा रहा, और धक्के मारता रहा. कुछ देर में मेरी छूट पूरी तरह से अड्जस्ट हो गयी, और मुझे मज़ा आने लगा. फिर मैं उसको अपनी तरफ खींचने लगी.
मैं गांद हिला-हिला कर उसका साथ दे रही थी. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था, और मैं उसके बालो में हाथ फेर कर अपने बूब्स चुस्वा रही थी. फिर उसने मुझे एक साइड पर मोड़ दिया, और खड़ा होके मेरी छूट में लंड डाल दिया.
वो मेरी गांद पर थप्पड़ मारने लगा, और उसको मसालने लगा. मेरी छूट किसी नदी की तरह पानी छोढ़ रही थी. फिर उसने मुझे घोड़ी बना लिया, और मुझे पीछे से छोड़ने लगा. उसने पीछे से मेरे बूब्स भी दबाए, और मेरे मूह पर थप्पड़ भी मारे.
20 मिनिट की ताबाद-तोड़ चुदाई के बाद उसने मेरी छूट में ही अपने माल की पिचकारी निकाल दी. माल अंदर लेके मुझे गरम-गरम सा महसूस होने लगा. फिर वो थोड़ी देर मेरे साथ लेता, और फिर कपड़े पहन कर चला गया.
मैं थोड़ी देर वैसे ही नंगी लेती रही. हम एक साल तक उसी गाओं में रहे. और उस एक साल में मैं पता नही कितनी बार उससे चूड़ी.
दोस्तो कहानी का मज़ा आया हो, तो लीके और कॉमेंट ज़रूर करे.