हेलो दोस्तो, मेरा नाम अरबाब है. और ये स्टोरी मेरी गंगबांग चुदाई की है. मैं एक यंग और क्यूट सा लड़का था. मेरा जिस्म बिल्कुल गोरा और क्लीन था. मेरी गांद भी रौंद-रौंद थी. ये कहानी तब की है, जब मैं नया-नया जवान हुआ था. उन दीनो मुझे पापा के साथ गाओं में फॅक्टरी विज़िट करने जाना पड़ा था.
अब जब हम गाओं पहुँचे तो मेरे मामू के घर रुके थे. एक दिन रात को मेरी आँख खुली, तो मेरा लंड टाइट था. मैने चड्डी अड्जस्ट की, और तोड़ा बाहर की तरफ वॉक करने चला गया. सब सो रहे थे, और मैं घर के आस-पास घूम रहा था.
बिल्कुल अंधेरा था वाहा, और बस चाँद की रोशनी में कुछ नज़र आ रहा था. तभी मुझे करीब की झाड़ियों में से कुछ आवाज़ आने लगी. मैने चुपके से देखा तो एक सांध बैठा मूट रहा था. मेरी नज़र उसके सांड़ जैसे लंड पे गयी, तो आँखें फटत गयी.
उसका लंड बहुत लंबा था. हा मेरे लंड से तोड़ा पतला था, लेकिन मेरी बाजू जितना लंबा था. मैं उसको पेशाब करते देख रहा था, और उसकी अचानक मेरी तरफ नज़र गयी. मैने नोटीस नही किया, क्यूकी मेरी नज़रे तो सिर्फ़ उसके लंड पे थी. फिर उसने अपने लंड हाथ में पकड़ा और आहिस्ता-आहिस्ता हिलने लगा.
कुछ ही मिनिट में उसका लंड बिल्कुल टाइट हो गया. मेरी चड्डी में मेरा अपना लंड भी टाइट था, और आज़ाद होना चाहता था. अचानक मेरी नज़र उसपे पड़ी, तो उसने मुझे इशारा दिया. वो खड़ा हुआ, और अपना लंड धोती के अंदर किया, और फिरसे मुझे इशारा दिया.
मैं समझ गया की अब मैं पकड़ा गया था. लेकिन दर्र के मारे मैं उस बंदे के पास गया.
हे: कहा का है? यहा का नही लगता.
मैं: मैं शहर का हू, यहा फॅमिली के साथ आया हू.
हे: अछा, तो लोगो के लंड देखने का शौंक है?
मैं: नही-नही अंकल मुझे आवाज़ आई तो मैने देखा.
हे: अर्रे दररो मत, मैं गुस्सा नही हू. ये बताओ इतनी देर से देख रहे थे, तो क्या तुम्हे लंड पसंद आया.
मैं: अंकल मैने कभी किसी का लंड नही देखा. प्लीज़ आप किसी को मत बताना, मुझसे ग़लती हो गयी.
हे: अर्रे तुम दररो मत. ये बताओ गान्डू हो?
मैं: गान्डू? ये क्या होता है?
हे: अर्रे अब भोले मत बनो. आज कल तुम जैसे लड़के बहुत करवाते है हमसे.
मैं: अंकल मैं समझा नही.
हे: अर्रे चुदाई, मतलब गांद में लंड लेना. मूह से चूसना, चूमना, और चाटना.
मैं: अंकल ये कों करता है?
हे: तुम जैसे प्यारे-प्यारे लड़के ही तो करते है. मैने तुम जैसे बहुत लड़को को मज़ा दिया है.
मैं: ऐसे काम में कैसे मज़ा आता है.
हे: ट्राइ करके देख लो. मज़ा ना आए तो मेरा नाम बदल देना.
मैं: नही अंकल, ये मुझे ग़लत लग रहा है.
हे: अर्रे ट्राइ तो करके देखो. देख लो बहुत मज़ा आएगा, उसके बाद फिर तू रोज़ आएगा.
मैं खुद भी एग्ज़ाइटेड था, और इस सब के बारे में क्यूरियस भी था. फिर मैने उस अंकल को आख़िर हा कर ही दी. अंकल ने बोला, की उस जगह ये करना सही नही होगा. करीब में उनका घर था, वो मुझे वाहा पर ले गये. फिर अंकल ने मेरा हाथ पकड़ा, और मुझे अपने घर की तरफ ले गया.
उसका घर मेरे मामू के घर के कुछ कदम डोर था. हम अंदर गये, तो देखा 3 सांध जैसे हटते-काटते मर्द बैठे थे. मैं तो उनको देख के दर्र गया.
अंकल: ये मेरे दोस्त है. लेफ्ट पे रवि है, ये बीच में राज है, और ये आर्यन. मेरा नाम विराट है.
मैं: हेलो, मेरा नाम अरबाब है.
फिर हमने बात-चीत की 5-10 मिनिट्स. उसके बाद विराट ने मुझसे पूछा-
विराट: अब ट्राइ करे?
और ये बोल कर उसने मुझे आँख मार दी. मैने उसको इशारा दिया, की नही. वो समझ गया, की मैं उसके दोस्तो के सामने नही करना चाहता था. फिर उसने बोला-
विराट: ज़्यादा लोगो में ज़्यादा मज़ा आएगा, तुम दररो मॅट.
ये बोल कर विराट ने मेरा हाथ पकड़ा, और अपनी धोती के अंदर डाल दिया. मेरे हाथ में उसका लंड आया, और उसने मुझे पकड़ने को बोला. फिर मैने उसका लंड टाइट्ली पकड़ लिया. विराट ने अपनी धोती खोली, और करीब से उसका लंड तो कुछ ज़्यादा ही बड़ा लग रहा था. फिर विराट ने मुझे समझाया की लंड कैसे हिलाते है.
उसके बाद वो मेरे मूह के करीब आया, और मेरे होंठो को चूमने लगा. उसके मूह से अजीब सी स्मेल आ रही थी. लेकिन उसके किस ने मुझे इतना मदहोश कर दिया था, की मेरा लंड फिरसे टाइट हो गया था. अब मेरी सफेद चड्डी पे प्रेकुं का निशान आ गये थे.
ये सब देख कर बाकी तीनो ने भी अपने कपड़े उतार दिए. जब विराट ने किस तोड़ी, तो मैने देखा वो तीनो नंगे थे. उन सब के लंड विराट के लंड से छ्होटे ही थे. सिर्फ़ राजू का लंड तोड़ा मोटा था, और बाकियो के लंड मेरे लंड से भी पतले थे.
मेरे हाथ में विराट का लंड था, और उसमे से प्रेकुं लीक हो रहा था. मैने उससे पूछा-
मैं: ये क्या पेशाब निकल रहा है?
मेरी बात सुन कर वो सब हस्स पड़े. फिर विराट ने तोड़ा प्रेकुं उंगली पे लगाया, और मेरे होंठो पे ले आया. मैने जैसे ही उसको टेस्ट किया, तो खट्टा-मीठा टेस्ट था उसका.
उसने मुझे बताया की कम क्या होता है, और मेरी चड्डी की तरफ भी इशारा करके दिखाया की मेरा भी कम निकल रहा था. फिर रवि उठा और मेरी नंगी टाँगो को रब करने लगा. उसके सख़्त हाथ मेरे मुलायम जिस्म पे बड़े आचे लग रहे थे.
फिर विराट ने मुझे खड़ा किया, और रवि ने पीछे से मेरी चड्डी नीचे कर दी. मैने अपनी शर्ट भी निकाल दी, और अब मैं उन चारो के बीच में बिल्कुल नंगा खड़ा था. अब वो सब मेरे जिस्म की तारीफ कर रहे थे.
फिर मुझे विराट ने पकड़ा, और अपनी गोद में बिता लिया. उसका टाइट लंड मेरी गांद के नीचे था. फिर उसने मेरे बूब्स चूज़, और किस्सिंग की. उसके बाद उसने मुझे बोला-
विराट: अब लंड चूसो मेरा.
मैं अब इस सब में इतना मदहोश हो गया था, की मुझे अजीब नही लग रहा था. फिर मैं झुक कर उसका लंड चूसने लगा. लेकिन मेरे मूह में उसका लंड फिट ही नही हो रहा था. खैर मुझे उसने समझाया, की आइस लॉली की तरह लंड चूसना है, और मैं वैसे ही चूसने लगा.
थोड़ी देर बाद मुझे अपनी गांद पे कुछ गीला-गीला फील हुआ, जिसकी वजह से मेरे जिस्म में करेंट दौड़ने लगा. मैने पीछे मूड के देखा, तो राजू मेरी गांद चाट रहा था. अफ.. क्या बतौ, वो फीलिंग कितनी कमाल की थी. मैने विराट का लंड 10 मिनिट तक. चूसा. फिर रवि ने बोला-
रवि: अब मेरा लंड चूसो.
मैने उसका लंड चूसा, और फिर राजू का लंड चूसा. और आख़िर में मैने आर्यन का लंड चूसा. जब मैं आर्यन का लंड चूस रहा था, तो विराट आयिल की बॉटल लेके आया, और मेरी गांद पे गिरा दिया. उसने मेरी गांद को पूरा आयिल से भर दिया था.
फिर उसने मेरे होल पे आयिल की बॉटल को रखा, और दबाने लगा. मेरी गांद में से आयिल बहने लगा. मैने उसको रोका, लेकिन उसने समझाया की इससे और मज़ा आएगा. फिर विराट ने मेरी गांद पे अपना लंड सेट किया, और ज़ोर देने लगा. उसका लंड काफ़ी स्लिप हो रहा था.
तभी अचानक से उसने एक ज़ोरदार पुश दिया, जिससे उसका टोपा अंदर घुस गया. मैं चीख भी नही पाया क्यूकी मेरे मूह में आर्यन का लंड था. आर्यन ने भी मेरा सिर पकड़ लिया, और मूह से लंड नही निकालने दिया. इतने में विराट ने एक ख़तरनाक किस्म का झटका दिया, और पूरा लंड मेरी गांद में घुसा दिया. मेरी आँखों के सामने तो जैसे अंधेरा छा रहा था.
विराट ने उसके बाद तो रहम ही नही किया, और मुझे स्पीड से छोड़ना शुरू कर दिया. 15 मिनिट तक उसने मेरी झाप झाप झाप चुदाई की. उसके बाद उसने लंड बाहर निकाल लिया. फिर रवि ने अपना लंड घुसाया, तो वो आराम से घुस गया. रवि के लंड से मुझे दर्द नही हुआ क्यूकी जितना दर्द होना था, वो विराट के लंड से हो चुका था.
फिर रवि ने भी स्पीड से चुदाई की मेरी. आर्यन मेरा मूह छोड़ रहा था, और मुझे आज़ाद नही कर रहा था. रवि की चुदाई के दौरान मेरा दर्द ख़तम हो गया था, और मुझे भी आहिस्ता-आहिस्ता मज़ा आ रहा था. मेरा लंड भी टाइट हो गया था, और उसमे से प्रेकुं नलके की तरह बह रहा था.
रवि ने भी 10 मिनिट तक मेरी गांद की चुदाई की, और फिर राजू को बारी दी. राजू का लंड मोटा था, और उसका लंड जैसे अंदर घुसा, तो मुझे लगा मेरी गांद फिरसे फटत रही हो. लेकिन जैसे ही राजू का लंड आधा अंदर गया, मुझे पता नही क्या हुआ, की मेरी टांगे काँपने लगी.
मेरे लंड से कम शूट होने लगा. मुझे उस वक़्त जो मज़ा आया, मैं आज भी बयान नही कर सकता. राजू ने आहिस्ता-आहिस्ता मेरी गांद में लंड घुसाया. चुदाई के दौरान मेरे लंड से पानी बहता जेया रहा था. राजू ने गांद पे थप्पड़ भी मारे.
आर्यन इतनी देर से मेरा मूह छोड़ रहा था, की अब वो फारिघ् होने वाला था.
उसने मेरा सिर दोनो हाथ से पकड़ा, और मूह को स्पीड से छोड़ने लगा. मुझे साँस नही आ रही थी, क्यूकी वो लंड गले तक लेके जेया रहा था. अचानक मेरे गले में उसका पानी निकालने लगा, और मैं खाँसता-खाँसता उसका पूरा पानी पी गया. काफ़ी सारा पानी तो मूह से बह रहा था. फिर विराट बोला-
विराट: तेरा माल पी गया साला.
आर्यन: हा पूरा गले तक ले गया.
विराट: ऐसे लड़के बने ही हम जैसो को खुश करने के लिए है.
राजू: उफ़.. उफ़फ्फ़.. क्या मस्त गांद है भद्वे तेरी. उफ़फ्फ़ मेरा माल भी ले.
ये बोलते ही राजू ने स्पीड से चुदाई की, और मेरी गांद में उसका माल बहने लगा. उसने अपना कम खाली किया, और लंड बाहर निकाल लिया. मैं वही ज़मीन पे पड़ा रहा. लेकिन विराट और रवि अभी भी फारिघ् नही हुए थे.
फिर विराट ने मेरी टांगे उपर उठाई, और मेरी गांद में लंड डाल दिया. मेरी 10 मिनिट तक चुदाई हुई, और फिर उसने भी अपना माल निकाल दिया. रवि का तो हिलाते-हिलाते ही माल निकल गया. फिर मैं वही पड़ा रहा कुछ देर तक.
15 मिनिट रेस्ट करने के बाद, विराट ने मुझे उठाया, और बातरूम में ले गया. उसने मुझे सॉफ किया और टवल से पोंचा. फिर वो बोला-
विराट: क्यू, मज़ा आया?
मैं: ह्म. लेकिन आप लोगो ने बहुत दर्द दिया मुझे.
विराट: अर्रे पहली चुदाई में होता है दर्द. आइन्दा नही होगा.
मैं: ह्म, ठीक है.
विराट: कल भी आएगा ना?
मैं: पता नही.
विराट: आ जाना. हम प्यार से करेंगे, और दर्द नही देंगे.
मैं: ओक.
फिर मैने कपड़े पहने, और लंगड़ा-लंगड़ा कर घर चला गया. मैने अगला पूरा दिन सो कर गुज़ारा. मैने तो उससी रात सोच लिया था की दोबारा उनके पास नही जौंगा. लेकिन तीसरे दिन मेरी गांद में खुजली होने लगी, और मैं आख़िर में मजबूर होके अपनी गांद को शांत करने विराट के पास गया.
उन लोगो ने मुझे जाम कर छोड़ा, और इस बार मुझे भी दर्द नही हुआ. विराट और उसके साथियो ने मेरे जिस्म को अपने माल से भर दिया था. अब हर रात को मैं चुपके से उनके पास जाता, और गांद मरवाता. 2 हफ्ते तक मैने बहुत चुडवाई उन चारो से, बल्कि गाओं में आखरी रात को रवि और विराट ने दो लंड मेरी गांद में घुसा दिए.
मैं गाओं से वापस शहर एक पक्का गान्डू बनके गया था. शहर जाके मैने फिर बहुत से लोगो से चुडवाई. अक्सर लोग मुझे कहते थे, की मैं दिखने में गान्डू लगता हू. मैने अपनी एरिया के ड्राइवर, चोवनकिदार, ईवन कुछ पड़ोसी अंकल से भी चुडवाई.
मैने तो अपने टीचर को भी गांद पेश कर दी मार्क्स बढ़ने के चक्कर में. आज इस बात को 15 साल हो गये है. मैं अब 33 साल का हू, और आज भी बहुत चुड़वता हू.