उस समय गर्मियो की छुट्टियाँ चल रही थी तो में घर मे बोर हो रहा था. एक दिन दादी का फोन आया उन्होने मुझे गाओं आने को कहा. तो मेने पापा मम्मी से दादी के यहाँ घूमने को कहा.
पर पापा का बहुत कम था तो पापा ने कहा- बेटा मेरा बहुत कम है यहाँ तू अपनी मम्मी के साथ चला जा.
फिर मम्मी भी गाओं जाने को राज़ी हो गयी. मम्मी एक साहरी औरत है वो गाओं कभी नही गयी थी. जाड़ा तार दादा दादी के यहाँ पापा और में जया करते थे. पर इश्स बार मेरे साथ मम्मी जाने वाली है.
अगले दिन मम्मी और में टायर हो गये. मम्मी ने पिंक कलर की छुरिदार पहनी थी. फिर हम दोनो सटिओं के लिए निकल गये. ट्रेन मे बेत कर हम अगले दिन गाओं पहुँच गये.
गाओं मे दादी के घर जाते समाए गाओं के लोगो ने हुम्मे कपल समझ रहे थे. क्यूंकी उन्हो ने कभी मम्मी को देखा नही था. 15 मीं बाद हम घर पहुँच गये.
घर पहुँचते ही मम्मी फ्रेश होने केलिए नहाने चली गयी. जब मम्मी नहा रही तो मेने देखा की दरवाजे के उप्पर का हिसा तोड़ा खुला था तो में वहाँ से झाँके ने लगा.
मेने देखा की मम्मी एकद्ूम नंगी होकर नहा रही थी. उनके बड़े बड़े बूब्स और उनकी क्लीन शेव छूट को देख कर में वहीं खड़े खड़े मूठ मरने लगा. ऐसा करते समाए दादी ने मुझे देख लिया और मुझे बुला कर कहा-
दादी-तू वहाँ क्या कर रहा था?
में-कुछ नही दादी बस युहीन खड़ा था.
दादी-में देख रहा था की तू अपनी मा को नहाते हुए झाँक रहा था.
में- नही दादी में ऐसा नही कर रहा था.
दादी- देख बेटा में तेरी दादी हू मुझसे मत छुपा.
में अपनी दादी से बहुत प्यार करता हूँ तो मेने दादी को सब सच बताडि.
में- दादी मे मम्मी से बहुत प्यार करता हूँ और उनके साथ संभोग (सेक्स) करना चाहता हूँ.
दादी- बस इतनी सी बात, में कारवओंगा तुम्हारा सुहग्रत. बस तू कल का इंतेजर कर और जैसे में कहेती हूँ तू वैसा ही कर.
में- तिके दादी जैसा आप कहे.
में बहुत खुस था क्यूंकी दादी जो बात तन लेती है वो करके दिखती है. अब में बस कल का इंतेजर करने लगा.
सुबा होते हो दादी ने हम सबको जल्दी उठा दिया. दादी मुझे सलवार कमीज़ और मम्मी को एक लाल सारी और बहुत सारे गहएने देकर टेयर होने को कहा.
मम्मी ने कहा-ये सब क्यूँ और कहाँ जाना है.
दादी ने कहा- ह्यूम मंदिर में एक पूजा में जाना है और ये हमारी परंपरा है की हम साझ धज कर ऐसा कपारे मे जाए.
में जल्दी नाहकार कर टायर हो गया. मम्मी थोड़ी दायर लगा रही थी तो दादी ने मम्मी को टायर होने में मदद की. जब मम्मी बाहर आई तो क्या गजब सी लग रही थी बिल्कुल एक दुल्हन की तरहा.
फिर हम सब मंदिर के लिए रवाना हो गये. मंदिर पहुँच ते देखा की वहाँ कहीं सारी शादिया हो रही है. दादी ने मुझे टिकेट लाने को कहा. तो में टिकेट लाने को चला गया काउंटर पे. मेने मम्मी और मेरे नाम का एक शादी का टिकेट लिया. फिर दादी ने पंडित को टिकेट दिया और बिधि बिधन सुरू हो गयी.
मम्मी अब तक कुछ समाज नही पा रही थी, उन्हे ये एक पूजा लग रहा था. क्यूंकी इस गाओं की शादी अलग किसाम की थी. फिर पंडित ने मंतरा पढ़ी और कुछ अलग सी विधि सुरू की, फिर 1 घंटे में शादी संपूर्ण हुआ.
उसके बाद हम सब घर चले गये. घर जाते ही देखा की पूरा घर फुलो से सज़ा था और हुमारा कमरा भी गुलाब के फूल से भरा था. मम्मी तब कुछ ऑड फील कर रही थी तो मम्मी ने सीधा दादी से कहा- ये सब क्या चल रहा?
दादी-आज तुम्हारा सुहग्रत है.
मम्मी(कन्फ्यूषन)- सुहग्रत? मेरा किसके साथ?
दादी- तुम्हारे बेटे के साथ.
मम्मी- धनु के साथ? पर क्यूँ?
दादी- क्यूंकी तुम्हारी अभी उसके साथ शादी हुई है.
मम्मी- ये सब ग़लत है में अपने बेटे के साथ ये संबंध नही बना सकती.
दादी(गुस्से से)- अगर तुमने अपने बेटे के साथ सुहग्रत नही मनाया तो में तुम्हे नंगा करके और गांजी करके पूरे गाओं मे घुमौँगी.
मम्मी तब दर गयी और वो चुप हो गयी. फिर दादी ने मम्मी को बिस्तर पर बिता दिया और कहा जैसा तेरा पति बोले तू वैसा ही करना वरना तुझे पता है ना क्या सज़ा है?
उसके बाद दादी ने मुझे खाहा अगर ये कोई नखरे करे तो मुझे बुला देना. फिर वो दरवाजे को बाहर से लॉक करके चली गयी.
मम्मी बेड पर बेती थी तो में मम्मी के पास गया और उन्हे किस करने लगा. उनके हन्तो को में रस्स मलाई की तराहा चूसने लगा. फिर मेने मम्मी की सारी, ब्लाउस और पेटीकोत उतार दिया. अब मम्मी सिर्फ़ ब्रा और पनटी मे थी. उन्होने रेड कलर की पहेनी थी.
मेने अपना भी सारे कपड़े उतार दिए. मेरा 7 इंच का लंड खंबे की तरहा खड़ा था. मेने मम्मी को मूह मे लेने को कहा पर वो नही ले रही थी.
तो मेने कहा- अगर अप इसे नही लेंगी तो में दादी को बुला दूँगा.
ये सुन कर मम्मी घबरा गयी और मेरा लंड अपने मूह मे ले गयी फिर उसे चूसने लगी. मुझे काफ़ी मज़ा आ रहा था. 2 मीं चूसने के बाद मेने मम्मी की ब्रा उतार दी. उनके बड़े बड़े बूब्स को देख कर में पागल हो गये और उसे दबाने लगा.
फिर मम्मी को बिस्तर पे लिटके उनके बूब्स को बड़े मज़े चूसने और चाटने लगा. मेरा लंड मम्मी की पनटी के उपर रगर रहा था. अब जाड़ा इंतेज़ार नही हो रहा था.
मेने मम्मी की पंत भी उतार दी, मम्मी मेरे सामने पूरी तरहा नंगी लेती थी. उनकी शेव्ड छूट सॉफ दिख रही थी. फिर मेने मम्मी की जाँघो को फाड़ कर अपना लंड मम्मी के छूट पर टीकाया. तब मम्मी रो रही थी और रोते हुए कहा रही थी की- ऐसा मत कर बेटा ये सब ग़लत है.
मेने कहा- नही कुछ ग़लत नही है अब अप मेरी पत्नी है और में अपनी पत्नी के साथ सुहग्रत माना रहा हूँ.
फिर मेने अपना लंड मम्मी के छूट मे झट से घुसा दिया. क्या आनंद था वो मानो में स्वर्ग मे हूँ.
मम्मी तब छींख पड़ी उनके मूह से ज़ोर आआआअ उई माआ मार गयी, जैसी आवाज़ आई.. मेने लंड ज़ोर ज़ोर से अंदर बाहर करने लगा और मम्मी मूह से अयाया अया अया जैसी आवाज़े आने लगी. मेने अपना रफ़्तार और ज़ोर्से बड़ा दी.
तब मम्मी ने कहा- बेटा ज़रा धीरे कर मेरा छूट तू आज ही फाड़ डालेगा क्या!
लगता है अब मम्मी भी मेरा लंड का मज़ा ले रही थी.
मेरा जोश और बढ़ा, मेने मम्मी को घोड़ी बनके पीछे से छोड़ना चालू किया. उनकी गांद से ठप ठप ठप जैसी आवाज़े आ रही थी. फिर मेने देखा की मम्मी की गांद काफ़ी टाइट थी. लगता है पापा ने कभी बी मम्मी गंद नही मारी. आज मुझे एक वर्जिन गांद मिल गयी.
मेने छूट से अपना लंड निकल दिया. मम्मी अब थोड़ी साँसे ले रही थी की मेने अचानक उनकी गांद के छेड़ मे लंड घुसा दिया. घुसते ही वो छिला उठी और कहा- उई माआ मार गयी मई, निकल अपना लंड मेरे गांद से.. दर्द हो रहा है.
पर मई नही माना और ज़ोर ज़ोर ठोकना शुरू करदी. फिर 5 मीं बाद मम्मी को दर्द नही हो रहा था और वो अपनी गांद हिला हिला के मेरा साथ दे रही थी.
अब मम्मी को भी सेक्स का आनंद मिल रहा था. 1 घंटे तक उसकी जमकर चुदाई करता रहा और फिर अपना वीर्या उसकी छूट मे डाल दिया. अब हम दोनो तक चुके थे तो सो गये.
सुबा उठ के हम नंगे नहाने चले गये. नहाने के बाद हम दादी से असिर्वाद लिए. जब मम्मी ने दादी से असिर्वाद ली तो दादी ने कहा पुत्रा वती भाव. मम्मी ये सुनकर शर्मा उठी. फिर हम सहेर यानी अपने घर चले गये.
घर पहुँचते ही पापा हुमारा स्वागत किया. उनको पता था हुमारी शादी हो चुकी है और सुहग्रत भी माना ली है (क्यूंकी उन्होने भी उनकी मा यानी मेरी दादी के साथ शादी की थी).
मम्मी ये जानकार असचाराया हो गयी की पापा को सब पता था. अब हम घर मे मम्मी की बारी बारी चुदाई करते हैं. कभी कबार एक साथ भी कर लेते है. 10 दिन बाद मुझे पता चला की मम्मी प्रेगञेन्ट है मेने पापा से पूछा-
में- मम्मी किसके बचे की मा बननेवाली है?
पापा- तुमहरे बचे की.
में- कैसे?
पापा- कुनकी मेने तुमहरे जानम के बाद नसबंदी करवा दी थी.
9 महीने बाद मेरा और मम्मी का एक बेटा हुआ जिस मे अपना भाई मानता हू.