दोस्तो, मैं राज आपका सबका अन्तर्वासना सेक्स कहानी साईट पर स्वागत करता हूं आप सबका प्यार अन्तर्वासना को मुझे ओर मेरे अन्य सभी लेखक लेखिकाओं मित्रों को यूँ ही मिलता रहे यही कामना है!
मेरी पिछली सेक्सी कहानी
दोस्त की बीवी ने मुझसे मस्ती में चुदवाया
आप लोगों को काफी मेल प्राप्त हुए जिसमें काफी मर्द अपनी अपनी बीवी को किसी और से साथ बिस्तर में देखना चाहते थे!
सुनकर अच्छा लगता है, जब कोई पुरुष या महिला अपनी भावना मुझसे साँझा करती है या करता है! लेकिन कुछ पाठक ऐसे भी है जो कहानी सही से नहीं पढ़ते. लिहाजा उन्हें यही नहीं पता होता कि वो बात किस से कर रहे हैं. मेरे निवेदन है सही से पढ़िये और पूर्ण ज्ञान के साथ आनन्द लीजिये!
एक बार फिर से आपके प्यार भरे मेल के लिये शुक्रिया.
आज जो मैं आपसे कहानी मैं बताने जा रहा हूँ! वो कहानी है पूजा और अमित की. अमित ने मुझे मेल किया उसने मुझे बताया कि वह (अमित) 30 वर्षीय युवक है, नोयडा में जॉब करता है और पूजा 25 वर्षीय हाउसवाइफ है. दोनों की शादी को 3 साल हो गये हैं, वैवाहिक जीवन भी सुंदर चल रहा है.
किन्तु अमित के मन में भी अपनी पत्नी को किसी दूसरे मर्द से चुदते हुए देखने का मन है, दूसरा मर्द जब उसे चोद रहा हो तो उसकी मादक सिसकारियां सुनने का मन है. पराये मर्द का लंड उसकी चूत में जाने के बाद पूजा के कामुक चेहरे को देखते हुए हस्तमैथुन करने का मन है. लेकिन उसके लिए कोई भरोसेमंद अनुभवी पुरुष चाहिये जो मुझे (अमित) आप में (राज) में दिखता है.
मैंने भी अमित का मुझ पर विश्वास जताने के लिए धन्यवाद दिया और जल्दी ही उससे मिलने का वादा किया.
कुछ समय बाद अमित की और मेरी बात हेंगआउट्स चैट अप्प पर होने लगी.
अमित और मैं पूजा को लेकर बात करते करते काफी खुल गये थे. अब आलम यह था कि अमित मेरे मुंह से पूजा के लिए सेक्स भरी बातें सुनने उसकी अर्धनग्न यानि अधनंगी फ़ोटो मुझे भेजता. और मैं उसे उसकी बीवी के जिस्म को देख कर अमित को उत्तेजना भरे शब्दों से उत्तेजित कर देता!
एक दिन अमित ने मुझसे पूछा- यार, पूजा को राजी कैसे करूँ?
मैं- उसको बस यह विश्वास दिला दो कि तुम उस पर पूर्ण विश्वास करते हो, उसको कभी छोड़ोगे नहीं. उससे बहुत प्यार करते हो. महिला सम्मान की, प्यार की भूखी होती है. यदि उसका पति या साथी उससे कुछ उम्मीद रखता है तो उसके लिए उसे पहले उसका विश्वास जीतना होगा.
अमित को मेरी बात समझ आ गयी. उन दोनों में प्रेम ओर मित्रता तो पहले से ही थी. बस कमी थी तो अमित की कामुक इच्छाओं को पूजा के आगे रखने की … जिससे अमित का सपना पूरा हो सके!
आगे की कहानी अमित ने कुछ इस प्रकार बयाँ की:
मैं रोज की भांति बेडरूम में गया. पूजा नाइटी पहन कर बेड पर मोबाइल में बिजी थी.
मैंने पूजा के गाल पर किस किया और उसे अपने इरादे जाहिर कर दिये.
पूजा कमसिन थी. हम दोनों सेक्स अब कम करते थे. जब 3-4 दिन में एक बार सेक्स करो तो सेक्स का मज़ा थोड़ा ज्यादा ही आता है.
मेरे किस करने से पूजा के अंदर भी हवस जाग गयी. और जागती भी क्यों नहीं अभी उसकी जवानी जवान जो हो रही थी.
पूजा ने फ़ोन बन्द किया और मेरे ऊपर आकर किस करने लगी हम दोनों एक दूसरे को चूमने चाटने लगे देखते ही देखते हम निर्वस्त्र हो गये!
मैंने पूजा नीचे लेटा कर खुद उसके जिस्म को चाटने लगा!
पूजा की सिसकारियाँ निकलने लगी. अब वो ओह्ह हम्म्म्म सश्स … करने लगी! मैंने धीरे से उसकी चूत में मुँह रख दिया जो पहले से ही गीली हो चुकी थी.
अब पूजा ने अपनी दोनों टांगें चौड़ी कर दी. उसे चूत में जीभ डलवाने में मज़ा जो आता है. कुछ ही देर में उसकी सिसकारियाँ तेज हो गयी अब वो गर्म हो चुकी थी और ठंडी होना चाहती थी इसलिये उसने मुझे अपने ऊपर खींच लिया अब मैं पूजा होंठ चूसने लगा और उसकी चूत में धीरे से लन्ड डाल दिया!
चूत में लंड अंदर बाहर होने पर पूजा ओह्ह … आह … कर रही थी.
मैं बोला- जान तुम्हारी चूत आज भी इतनी टाइट है मानो दो दो लंड एक साथ जा रहे हों!
ऐसे कहते ही मैंने उसके कान पर हौले से काट दिया.
पूजा कुछ क्षण के लिए शांत सी हो गयी मानो उसे अपने कानों पर विश्वास नहीं हो रहा हो कि मैंने ये क्या सुना? और वो भी अपने पति के मुख से!
मैं जानता हूँ कि बहुत सारी महिलाएं, लड़की भी अन्तर्वासना की कहानियां पढ़ती हैं, उनके मेल भी मुझे आते हैं! उनमें से कुछ महिलाएं ऐसी भी होंगी जिनके जीवन में भी ऐसा पल आया होगा जब उन्होंने अपने पति के मुख से खुद को किसी दूसरे मर्द से चुदवाने की बात सुनी होगी. उस वक्त उनके दिलों दिमाग में क्या चलता होगा, यह अनुभव बस वही महिला जान सकती है जिसके पति ने उन्हें ये सब बोला होगा!
कुछ महिलाएँ तो अपने पति को घटिया सोच का आदमी बोलकर उसे उसी की नज़रों में गिरा देती हैं और खुद को सती सावत्री घोषित कर देती हैं. चाहे सौ चूहे खा कर बिल्ली हज को चली हो!
और कुछ महिला चाहकर भी आपने पति को हाँ नहीं बोल पाती क्योंकि उन्हें यही डर लगा रहता है कि उनका पति उन्हें चरित्रहीन समझेगा.
जबकि ऐसा है नहीं … आप खुद सोचिये जो पति खुद आपसे अपनी कामुक इच्छा को व्यक्त कर रहा है वो आपको चरित्रहीन कैसे सोच सकता है.
लेकिन एक बात जरूर है दोनों पति पत्नी में एक दूसरे पर खुद से ज्यादा विश्वास होना चाहिए!
इस समय शायद पूजा के दिमाग में भी यही चल रहा था.
तभी मैंने उसे फिर से उत्तेजित करने के लिए कहा- पूजा, अगर दो मर्द तुम्हारे जिस्म को चूमेंगे काटेंगे तो तुम्हें कैसा लगेगा?
और ऐसा बोलते ही मैंने एक जोरदार झटका दे मारा.
पूजा की आह… बाहर निकल गयी उसने मेरी पीठ को कस लिया. मैं उसे तेज तेज झटके मारते हुए चोदने लगा और साथ साथ में किसी और मर्द से चोदने के लिए उत्तेजित करने लगा.
एक तो कमसिन जवानी हो और चुदते वक्त उसे किसी और मर्द से चुदने के लिए उत्तेजित किया जा रहा हो तो कब तक शांत रह पायेगी! पूजा भी उत्तेजना में बह गई और स्खलित हो गयी. और इस तरह निढाल हुई मानो उसकी सारी जवानी की फुर्ती उसकी चूत के रास्ते निकल गयी हो!
कुछ देर बाद जब पूजा सामान्य हुई तो मैंने उससे पूछा- आज मज़ा आया?
तो पूजा के चेहरे में मुस्कान थी, उसने जवाब दिया- बहुत मज़ा आया!
मैंने एकदम से दूसरा प्रश्न पूछ लिया- अगर ऐसा सच में करें तो कितना मज़ा आयेगा.
पूजा- नहीं … कभी नहीं … दुबारा कभी ऐसा मत सोच लेना तुम!
इतना कहकर जो पूजा मेरे सीने में सर रख कर लेटी थी, वो मेरी तरफ पीठ कर सो गयी.
मेरी हिम्मत भी नहीं हुई कि उसको दुबारा कुछ बोल पाऊँ.
देखते देखते दो महीने निकल गये, पूजा का जन्मदिन आ गया.
मैंने उसे रात 12 बजे माथे पर किस करते हुए जन्मदिन की शुभकामनाएं दी और उसके गले में सोने की चेन डाल दी जो मैं उसके लिए उपहार में लाया था.
महिला को उपहार मिल जाये तो बात ही क्या है और जब वो उपहार सोने में हो तो सोने पर सुहागा हो जाता है.
पूजा की खुशियों का कोई ठिकाना नहीं था, जो पूजा अभी तक सो रही थी अब उसकी नींद उड़ चुकी थी!
मैंने शैम्पेन खोली और हिलाते हुए चियर्स किया. अब हम दोनों शैम्पेन के सिप लेने लगे.
पूजा अब नशे में झूम चुकी थी मैंने उसे बिस्तर में लेटा दिया, पूजा ने मुझे चूमा और उपहार के लिए मुझे धन्यवाद देने लगी.
मैंने भी उसके होंठों को चूमना शुरू कर दिया, पूजा ओर मैं दोनों मस्ती में आ गये.
हम दोनों निर्वस्त्र होकर एक दूसरे को मसलने लगे. पूजा आज अलग मूड में नज़र आ रही थी. शैम्पेन के नशे में वो थोड़ा खुल चुकी थी. मैंने उसकी जाँघों को चूमते हुए उसकी चूत में जीभ डाल दी और धीरे धीरे चूसने लगा.
पूजा कामुक आवाजे निकालने लगी. बीवी जब चुद रही हो और ओह … आहह … कर रही हो तो जोश और तेज हो जाता है. मेरा भी यही हाल था!
मेरी बीवी भी अब बेकाबू हो चुकी थी उसने मेरा लन्ड कसकर पकड़ लिया और मुँह में लेने लगी. आज पूजा मेरे लन्ड को ऐसे चूस रही थी मानो पूरा निगल जायगी. मेरा लंड पूरा कड़क था और पूजा उसे चूसने चाटने में मगन थी.
मैंने पूजा को घोड़ी बन जाने को कहा.
वो ठहरी चुदाई की भूखी … एकदम से मेरे आगे झुक गयी!
मैंने धीरे से लन्ड उसकी चूत के द्वार पर रखा और जोरदार प्रहार किया.
पूजा चिहुँक पड़ी- ओह्ह … अमित आई लव यू … चोदो मुझे … और चोदो!
मैंने भी उसकी कमर को कस लिया और तेज तेज झटके मारते हुए बोला- पूजा. तुम्हारी चूत मस्त हुई जा रही है. इसमें एक लन्ड और डालना पड़ेगा अभी … कहाँ पर लोगी? गांड में या चूत में?
पूजा कुछ नहीं बोली, चुप रही!
मैंने फिर उसे चूमते हुए कहा- पूजा बस फील करने को बोल रहा हूँ, सच में करने को नहीं बोल रहा हूँ. प्लीज़ बताओ न … दूसरा लंड कहाँ पर लोगी?
पूजा- चूत में!
पूजा के मुँह से ये लफ्ज़ सुनकर मेरी उत्तेजना ऐसे जाग गयी मानो सोया हुआ लन्ड फिर से तन गया हो!
मैंने पूजा को सीधा लेट जाने को कहा.
उसने वैसे ही किया.
मैंने लन्ड फिर से अपनी पूजा की चूत में डाल दिया.
अब मैं पूजा के कान में बोलते हुए उसे चोद रहा था औऱ वो भी मस्ती में चुद रही थी. मेरे साथ साथ पूजा भी अब किसी पराये मर्द से चुदने के बारे में खुल कर बात कर रही थी. उसके अंदर की पतिव्रता स्त्री ने अब हवस भरी कामुक स्त्री का रूप ले लिया था.
शायद ये शैम्पेन का नशा था जो उसके सर चढ़कर बोल रहा था. पूजा अब और तेज और तेज चिल्लाने लगी. उसकी पकड़ मेरी गांड पर कस गयी मानो अपने नाखून मेरी गांड पर घुसा देना चाहती हो!
तभी एक जोरदार चीख के साथ पूजा झड़ने लगी.
उसकी मादक हरकतें देख मैं भी उसके साथ ही स्खलित हो गया.
मैंने फिर एक बार हिम्मत करके पूजा से पूछा- कैसा लगा? सच बताना.
तो पूजा हाँफती हुई बोली- मज़ा … सच बताऊं तो मजा आ गया! ऐसा लगा जैसे सच में जो तुम बोल रहे हो वह हो रहा है. लेकिन ये सब बोलने में अच्छा लगता है. क्या तुम मुझे किसी और के साथ बिस्तर में देख सकते हो?
तो मैंने एकदम से जवाब दिया- हाँ, क्यों नहीं देख सकता? मैं तो चाहता हूँ कि एक बार हम ये सब करें. तुम्हें अच्छा लगा तो ठीक … नहीं लगा तो फिर कभी भी नहीं बोलूंगा ये करने के लिये!
पूजा- ये सब इतना आसान नहीं है अमित तुम समझ क्यों नहीं रहे हो?
मैं- क्या समस्या है मैं जान सकता हूँ?
पूजा- ऐसे किस के साथ करेंगे? उसके लिए कोई विश्वासपात्र होना चाहिए. और आज तो तुम बोल रहे हो किसी और से करो. कल अगर तुम ही मुझ पर ये गलत काम करने का आरोप लगाने लगे तो मैं कहाँ जाऊँगी बताओ?
पूजा का ऐसा बोलना भी जायज़ था. आखिर कुछ भी हो … वो है तो एक स्त्री, उसे भी अपनी बसी बसायी दुनिया उजड़ जाने का डर था.
लेकिन मैंने उसे विश्वास दिलाया कि यदि मैं तुम्हें किसी और के साथ देख लूं तो लाजमी है कि मुझे गुस्सा आयेगा. या तुम मुझे किसी और के साथ देख लो तो तुम्हें भी गुस्सा आयेगा. लेकिन जब मैं खुद तुमसे कह रहा हूँ कि मैं चाहता हूं तो इसमें किसी भी प्रकार की गुस्से वाली कोई बात ही नहीं है.
पूजा- और करेंगे किसके साथ? अगर तुम सोचते हो कि मैं तुम्हारे किसी दोस्त या रिश्तेदार के साथ ऐसा करूँगी. तो ये नहीं हो सकता. मैं नहीं चाहती कि मेरी एक गलती मेरी जीवन भर की सजा बन जाये, और मुझे घुट घुट कर जीना पड़े!
मैं- तुम उसकी चिंता मत करो. हम किसी ऐसे बंदे के साथ करेंगे जो दूर का हो और जिससे हमारा ज्यादा परिचय न हो.
पूजा- ऐसा कोई हमारे साथ ये सब करने को क्यों राजी होगा? और हम दोनों के बारे में क्या सोचेगा? नहीं अमित. मुझे कुछ ठीक नहीं लग रहा है!
अमित- तुम वो सब मुझ पर छोड़ दो. जब तुम्हें महसूस हो कि हाँ ये सही है तो तुम करना. तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड था कॉलेज टाइम में तो बता दो?
पूजा- नहीं मेरा कोई बॉयफ्रेंड नहीं था और होता भी तो मैं उसके साथ सेक्स नहीं करना पसंद करती तुम्हारी मौजूदगी में … क्योंकि हो सकता है एक बार ऐसा करने पर वो मुझे और तुम्हें ब्लैकमेल करे या फिर तुम्हें नामर्द बोलकर लज्जित करे. जो कि मुझे पसंद नहीं है.
मुझे पूजा की बातों को सुनकर खुशी महसूस हो रही थी कि मेरी बीवी समझदार तो बहुत है. लेकिन ये किसी पराये मर्द के साथ करने को मान गयी तो मुझे ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो चुदाई से पहले ही जंग जीत ली हो.
अगले दिन मैंने उसे अन्तर्वासना में राजवीर की कहानी पढ़ने को दी कि कैसे राजवीर ने मोना और ऋतु की चुदाई की.
पूजा कहानी पढ़ रही थी और मैं उसकी चूत में उंगली करने लगा.
कहानी पढ़ते-पढ़ते पूजा गर्म हो गयी और सेक्स के लिए कहने लगी. मैंने पूजा के सारे कपड़े निकाल दिए और उसे बोला- तुम कहानी पढ़ती रहो … आज मैं तुम्हारी चूत चाट कर और उंगली डाल कर तुम्हें सन्तुष्ट करना चाहता हूँ!
कुछ ही देर में पूजा की सिसकारियाँ तेज हो गयी, वह अपनी टाँगें फैला कर खुद एक हाथ से अपने बूब्स दबाने लगी!
पूजा अब चूत चटायी के मजे ले रही थी.
देखते ही देखते पूजा अकड़ गयी और झड़ने को आतुर होने लगी. मैं बस उसे देख रहा था और तेजी से अपनी उंगली उसकी चूत में चला रहा था.
उसे झड़ती हुई देखने को मैं खुद बेचैन हुआ जा रहा था.
मैंने अपना लंड पूजा की तरफ कर दिया तो उसने भी देर न करके मेरे लन्ड को पकड़ लिया और आगे पीछे करने लगी. एक तो बीवी पूरे मज़े में सिसकारियाँ ले रही हो और उसका चेहरे में स्खलित होने का जो जोश दिखता है. उसे देख कर तो अच्छे-अच्छे पति झड़ जाते हैं. इसका असल मज़ा भी शादीशुदा पति ही समझ सकते हैं.
जब बीवी झड़ने वाली होती है तो बीवी के चेहरे को देख कर जो मज़ा आता है ना … वही मज़ा उसे किसी और पराये मर्द से चुदती हुई देखने के लिए प्रेरित करता है. जब कोई और मर्द आपके सामने आपकी बीवी की जवानी का भोग करता है और आपकी बीवी मस्ती में कामुक सिसकारियाँ निकालती हैं; तो उस वक्त आप हस्तमैथुन कर के देखियेगा, आपका माल आपकी बीवी की चुदाई से पहले ही निकल जायेगा.
यही हाल मेरा भी था; मैं अपनी बीवी को देख कर महसूस कर रहा था कि उसे कोई और चोद रहा है. और मैं इस कदर ख़्यालों में डूब गया कि मेरा सारा माल की फुहार मेरे बीवी के जिस्म पर जा पड़ी.
लेकिन पूजा को खुद होश नहीं थी, उसने मोबाइल नीचे गिरा दिया और जोर से चिल्लाती हुई ढीली पड़ गयी!
फिर हम दोनों उठे, बिस्तर की चादर बदली और नहाने चले गए. हम दोनों एक दूसरे को साबुन लगाते हुए मुस्कुराये जा रहे थे.
बिस्तर में आने के बाद मैंने पूजा से पूछा- कहानी कैसी लगी?
पूजा- शुरू शुरू में अटपटी सी … लेकिन बाद में मज़ा आया.
फिर हम दोनों एक दूसरे से लिपट कर सो गए!
सुबह मैं ऑफिस के लिए निकल गया और शाम को घर आया.
आज पूजा शाम के समय नहा कर बैठी थी; अमूमन वो ऐसा करती नहीं थी.
डिनर के बाद हम बिस्तर में जाकर एक दूसरे से लिपट गए और बातें करने लगे.
मैंने पूजा से पूछा- आज तुम शाम को नहाई हो. ऐसा क्यों?
पूजा- कुछ नहीं … बस ऐसी ही मन कर रहा था.
पूजा- अमित, एक बात पूछ सकती हूँ?
मैं- हम्म … पूछो.
पूजा- क्या ऐसा सच में होता है जो कहानी में लिखा है?
मैं- तुमने कहानी पढ़ी है, तुमको क्या लगा?
पूजा- शायद होता होगा.
मैं- ह्म्म्म!
मैं- लेकिन हुआ क्या?
पूजा- सच बताऊं तुम बुरा तो नहीं मानोगे?
मैं- नहीं नहीं … पूजा बताओ तो?
पूजा- दिन में नींद नहीं आ रही थी तो मैंने कल जो कहानी पढ़ी थी, उसके बाद का भाग पढ़ा और मेरे हाथ खुद ब खुद मेरी चूत में जा पहुँचे और मैंने कहानी पढ़ते पढ़ते हस्तमैथुन कर लिया और ऐसी नींद आयी कि पता ही नहीं चला.
तीन घण्टे सोने के बाद जब आँख खुली तो फिर मन किया कि आगे की कहानी पढ़ूँ. और फिर पढ़ते-पढ़ते दुबारा मन मचल गया और फिर से हस्तमैथुन कर लिया. इसलिये मैं नहायी भी शाम को! इतना कहकर वो शान्त हो गयी उसकी नज़र शर्म से नीचे हो गई.
मैंने उसके चेहरे को दोनों हाथ से पकड़ कर ऊपर किया और बोला- इसमें बुरा मानने वाली कौन सी बात है? भला जब तुम मासिकधर्म में होती हो तो मैं भी तो कहानी पढ़ कर ही खुद को शांत करता हूँ.
पूजा- अच्छा … मतलब मैं फिजूल में आत्मग्लानि महसूस कर रही थी?
मैं- हाँ शायद!
पूजा- तो ठीक है, तुम किसी बंदे को बुला लो, हम भी करते हैं.
मैं- सच में?
पूजा मुस्कुराती हुई- नहीं … मैं मजाक कर रही थी.
पूजा- वैसे अगर मैं सच बोल रही होती तो भी कौन सा तुम किसी को बुला सकते थे?
मैं- पूजा, मेरी नज़र में एक आदमी है जिसके साथ हम सुरक्षित हैं.
पूजा- कौन?
मैं- राजवीर … जिसकी तुमने कहानी भी पढ़ी है. उसके पास अनुभव भी है और वो विश्वासपात्र भी है.
पूजा- ह्म्म्म है तो … लेकिन?
मैं- लेकिन क्या पूजा?
पूजा- हम मिलेंगे कैसे?
मैं- वो सब मैं कर लूंगा, तुम चिंता मत करो.
पूजा- एक बार फिर सोच लो अमित … कोई मुश्किल में तो नहीं फंसेंगे?
मैं- नहीं पूजा, ऐसा नहीं होगा. मैं जो भी करूँगा सोच समझ कर करूँगा.
मैं अपनी बीवी को यह नहीं बताना चाहता था कि राजवीर और मेरी बात पहले ही हो चुकी है. इसलिए मैंने उसे भरोसा दिलाया कि पहले हम मेल पर या हेंगआउट्स में बात करेंगे. तुम खुद बात करना, ठीक लगे तो ही आगे सोचेंगे!
उधर मैंने दूसरी तरफ राजवीर को बता दिया था कि पूजा राजी है लेकिन पहले वो तुमसे बात करना चाहती है!
कुछ समय बातों का सिलसिला चला हेंग आउट्स पर … वॉइस कॉल हुई दोनों में … और फिर वो दिन भी आ गया जब राजवीर किसी काम से देहली आये हुए थे.
ये कहानी आपने पढ़ी अमित के शब्दों में जो उसने लिखी थी.
आगे क्या हुआ वो अगले भाग में!
आप लोगों को मेरी सेक्स कहानी कैसी लग रही है? मुझे बताइयेगा. आपकी मेल और हेंगआउट्स का इंतजार रहेगा मुझे.