हेलो रीडर्स, मेरा नाम कुलदीप सिंग है. मैं पुंजब के लुधियाना शहर से बिलॉंग करता हू. मेरी उमर 19 साल है, और मैं अपनी फॉरिन स्टडी की फाइल क्लियर होने की वेट कर रहा हू. मेरी हाइट 5’11” है, और लंड 7 इंच का है. चुदाई की बड़ी तड़प है मुझमे.
अब मैं आपको मेरी फॅमिली के बारे में बताता हू. मेरी फॅमिली में मैं, मम्मी, पापा, और एक बड़ी बेहन है. मेरे पापा गवर्नमेंट जॉब पर है, और मम्मी हाउसवाइफ है. मेरी बड़ी बेहन का नाम हरदीप कॉयार है.
हरदीप मुझसे 4 साल बड़ी है, और पिछले 3 साल से फॉरिन में स्टडी कर रही थी. ये कहानी 3 महीने पहले की है, जब मेरी बेहन 3 साल के बाद फॉरिन से घर आ रही थी. इसमे आपको पता चलेगा की कैसे मेरे और मेरी बेहन के बीच चुदाई हुई. तो चलिए कहानी शुरू करते है.
हरदीप जब तक यहा पर थी, बड़ी ही सिंपल बन के रहती थी. वो हमेशा सलवार सूट पहनती थी. उसका शर्ट गले बंद वाला होता था, जिसमे से उसकी गर्दन भी ठीक से नही दिखती थी. मैने कभी भी उसके बारे में कुछ ग़लत नही सोचा था.
फिर होती है मॉडर्न हरदीप की एंट्री. मैने सुना था की देश लोगों को बदल देता है. मेरी बेहन के साथ भी ऐसा ही हुआ. 3 साल विदेश में रह कर मेरी बेहन जीन्स और त-शर्ट पहनने लगी, वो भी सेक्सी टाइप की.
जब वो वापस आई, तो मैं और पापा उसको एरपोर्ट पर लेने गये. हम दोनो बाहर हरदीप की वेट कर रहे थे. तभी मेरी नज़र सामने से आती मेरी बेहन पर पड़ी. उसने मेहंदी कलर की स्लीव्ले त-शर्ट पहनी हुई थी, और ब्लॅक कलर की जीन्स.
इन कपड़ो में वो बहुत सेक्सी लग रही थी. मैने उसको फोटोस में तो मॉडर्न ड्रेसस पहने देखा था, लेकिन सामने पहली बार देख रहा था. फिर वो हमारे पास पहुँची, तो उसने पापा के पैर च्छुए.
जब वो पैर छूने के लिए नीचे झुकी, तो उसके बूब्स की क्लीवेज सॉफ नज़र आ रही थी. बड़े गोरे थे उसके बूब्स जिन्हे मैने पहले कभी नही देखा था. उसके बाद वो मेरे पास आई, और मुझे गले से लगा लिया.
जिस बेहन को मैने कभी टच नही किया था, वो मेरे गले लग रही थी. उसके बूब्स मेरी च्चती में डाबब रहे थे. उसका तो पता नही, लेकिन मेरी बॉडी में तो करेंट दौड़ रहा था.
फिर हम गाड़ी में बैठे, और घर की तरफ चल पड़े. गाड़ी में हमने ऐसे ही कॅषुयल बातें की. मैं पापा के साथ आयेज बैठा था, और हरदीप पीछे की सीट पर बैठी थी. मैं बार-बार रियर व्यू मिरर में उसको देख रहा था.
फिर हम घर पहुँच गये. मम्मी दरवाज़े पर हरदीप का वेलकम करने खड़ी थी. हरदीप आयेज-आयेज चलने लगी, और मैं और पापा समान लेके पीछे चल रहे थे. उसने मा के पास जाते ही उसके पैर च्छुए.
जब वो पैर चू रही थी, तब मुझे उसकी गांद की चौड़ाई का पता चला. क्या मस्त गांद थी मेरी बेहन की. ना चाहते हुए भी उसकी गांद को देख कर मेरा लंड खड़ा होने लगा था.
फिर हम अंदर गये, और सब अपने-अपने रूम में फ्रेश होने लगे. शाम को आराम करने के बाद सब लॉबी में इकट्ठे हुए. मुझे लगा था मेरी बेहन घर आके अपने पहले वाले रूप में आ जाएगी. लेकिन ऐसा कुछ नही हुआ.
हरदीप ने डेनिम शॉर्ट्स, जो उसके घुटनो के तोड़ा उपर थी, और टाइट भी थी, पहनी थी. इसके साथ उसने रेड त-शर्ट पहनी थी, जो कमर से थोड़ी उपर थी, और चलने और बैठने के टाइम उसकी नाभि दिख जाती थी.
हम सब सोफा पर बैठ गये, और बातें करने लगे. वो फॉरिन कंट्री का अपना एक्सपीरियेन्स बताने लगी. मेरा ध्यान उसकी बातों की तरफ कम, और उसकी सेक्सी बॉडी की तरफ ज़्यादा जेया रहा था. मैं सोच रहा था, की काश मैं उसकी शॉर्ट्स उतार कर घुटनो से उपर का एरिया भी देख सकता.
कुछ देर बातों के बाद डिन्नर का टाइम हो गया. मैं डिन्नर टेबल पर हरदीप के सामने बैठा था. जब वो टेबल पर दोनो हाथ रख कर बैठती थी, तो उसके सॉफ्ट बूब्स की सेक्सी क्लीवेज के दर्शन हो जाते थे. फिर डिन्नर करके हम सोने चले गये.
जैसे ही मैं अपने रूम में गया, सामने भगवान की तस्वीर थी. मुझे अफ़सोस होने लगा की मैं अपनी बेहन को कैसी नज़र से देख रहा था. फिर मैने भगवान से माफी माँगी, और मॅन ही मॅन अपनी बेहन से माफी माँगी, और दोबारा ऐसा ना सोचने का प्राण किया.
लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंज़ूर था. अगले ही दिन हमे किसी फंक्षन पर जाना था. किसी डोर के रिलेटिव की शादी थी, और वेन्यू घर से 80 काइलामीटर डोर था. जब पापा ने हरदीप को रेडी होने के लिए बोला, तो उसने कहा की वो ट्रॅवेल करके तक चुकी थी, और आराम करना चाहती थी.
फिर हमने हरदीप को घर पर ही रहने दिया, और खुद गाड़ी से निकल गये. 2 घंटे की ड्राइव के बाद हम वाहा पहुँचे. हम थोड़ी देर पहले ही पहुँच गये थे, क्यूंकी रिलेटिव्स ने हमे जल्दी आने को बोला था.
हमने वाहा गिफ्ट देने के लिए एक चैन बनवाई थी. जब वाहा मम्मी ने बाग खोला तो पता चला चैन घर पर रह गयी थी. फिर पापा ने मुझे जाके चैन लेके आने को कहा. मैने जल्दी से गाड़ी घुमाई, और घर के लिए निकल पड़ा.
जब मैं अकेला ड्राइव करता हू, तो तोड़ा फास्ट चलता हू. ट्रॅफिक भी कम था, तो मैं 1:15 घंटे में ही पहुँच गया. घर पहुँच कर मैं मैं गाते की बेल बजाने लगा, तो देखा गाते खुला ही था. मैं जल्दी से मम्मी के रूम में गया, और वाहा से चैन बॉक्स उठा लिया.
जब मैं बाहर आने लगा, तो सोचा हरदीप को बोल डू की सेफ्टी के लिए गाते अंदर से लॉक कर ले. ये बोलने के लिए जब मैं उसके रूम में गया, तो मैने जो देखा, मेरी आँखें फाटती रह गयी.
हरदीप टीवी ओं करके बैठी थी, जिस पर पॉर्न वीडियो चल रही थी. वो बेड पर थी, और उसने सिर्फ़ पनटी पहनी हुई थी. उसका दया हाथ उसकी पनटी में था, और बया उसके लेफ्ट बूब पर. वो नीचे अपनी छूट सहला रही थी, और उपर अपना बूब दबा रही थी. तभी उसने मुझे सामने खड़ा देखा, और हैरान हो गयी.
इसके आयेज क्या हुआ, ये आपको अगले पार्ट में पता चलेगा. अगर आपको कहानी पढ़ कर मज़ा आया हो, तो इसको शेर ज़रूर करे.