ही दोस्तों, मेरा नाम प्रिया है, और मैं पुंजब की रहने वाली हू. मेरी हाइट 5’6” है, और मेरा साइज़ 34-30-36 है. रंग मेरा ठीक है, ज़्यादा गोरा या काला नही है. मैं 30 साल की हो गयी हू, और मेरी शादी हो चुकी है.
पिछले पार्ट में आप सब ने पढ़ा की मैं हॉस्टिल से ट्रेन में घर जेया रही थी. रास्ते में मुझे एक अंकल मिले, और हम दोनो में एक-दूसरे के लिए हवस जाग गयी.
फिर हमने एक-दूसरे को किस करना शुरू कर दिया. किस करते हुए अंकल मेरे बूब्स और गांद दबा रहे थे. लेकिन तभी वो स्टेशन आया, जा कोवा अंकल को उतरना था. अब आयेज की कहानी-
अंकल: प्रिया मेरा स्टेशन आ गया. मुझे जाना पड़ेगा.
मैं: लेकिन मेरा क्या होगा. आप मुझे ऐसे बीच में छ्चोढ़ कर नही जेया सकते.
अंकल: ऐसा करो, तुम भी मेरे साथ चलो.
मैं: लेकिन मुझे सुबा अपने शहर पहुँचना है, और मैने घर पर भी बता रखा है. तो घर वाले स्टेशन पर आ जाएँगे.
अंकल: तुम्हे घर ही जाना है ना? तो मैं तुम्हे टाइम पर स्टेशन पहुँचा दूँगा. मेरे पास गाड़ी है. अभी मेरे साथ चलो. हम थोड़ी मस्ती करते है. फिर मैं तुम्हे सुबा ट्रेन के स्टेशन पहुँचने तक ड्रॉप कर दूँगा.
मैं पहले तो तोड़ा सोच में पद गयी, की किसी अंजान आदमी के साथ ऐसे जाना ठीक होगा की नही. लेकिन छूट की जो गर्मी होती है, वो आपसे कुछ भी करवा सकती है. इसलिए मैने उसके साथ जाने के लिए हामी भर दी.
फिर हम स्टेशन पर उतार गये. आयेज से एक ड्राइवर की यूनिफॉर्म पहना आदमी आया, और उसने अंकल का समान ले लिया. अंकल उनको बोले-
अंकल: ड्राइवर, ये मेडम हमारे साथ जाएँगी. इनका समान भी गाड़ी में रखो.
ड्राइवर: एस सिर.
जब हम स्टेशन से बाहर आए, तो बाहर एक फोरटुनेर खड़ी थी. गाड़ी देख कर लग रहा था की अंकल बहुत पैसे वाले थे. फिर हम गाड़ी में बैठ गये.
गाड़ी में बैठे हुए अंकल ने मेरी जांघों पर हाथ फेरना शुरू कर दिया. ड्राइवर रियर व्यू मिरर से सब देख रहा था. मैं अंकल की तरफ देख कर मुस्कुराइ, और अंकल ने मुझे अपनी तरफ खींच कर अपनी गोद में बिता लिया.
मुझे अपनी गांद पर अंकल का सख़्त लंड महसूस हो रहा था. फिर वो मुझे किस करने लग गये. मैं भी किस्सिंग में उनका साथ देने लगी. वो साथ-साथ मेरे बूब्स दबाने लगे. इससे मैं गरम हो गयी, और मेरी साँसे तेज़ होने लग गयी.
अब अंकल ने मेरी त-शर्ट में हाथ डाल लिया, और उसको उतारने लगे. लेकिन मैने अंकल को त-शर्ट उतारने नही दी. तभी अंकल ने पूछा-
अंकल: क्या हुआ प्रिया?
मैने ड्राइवर की तरफ इशारा करते हुए कहा-
मैं: मुझे शरम आती है उसके सामने.
अंकल ने उसी वक़्त कहा-
अंकल: ड्राइवर, बेटा तुम गाड़ी साइड पे लगा दो, और थोड़ी देर बाहर वेट करो.
ड्राइवर: ओक सिर.
अगले 2 मिनिट में ड्राइवर ने गाड़ी एक सुनसान जगह पर पार्क कर दी, और खुद बाहर चला गया. उसके बाहर जाते ही अंकल ने मेरी त-शर्ट निकाल दी, और ब्रा भी साथ मेरी ही निकाल दी.
मेरे मोटे बूब्स देख कर अंकल खुश हो गये. फिर उन्होने मेरे बूब्स को दबाना शुरू किया, और साथ-साथ मेरे होंठ चूसने लगे. 2-3 मिनिट होंठ चूसने के बाद उन्होने मेरा एक बूब अपने मूह में डाल लिया, और मेरे निपल को चूसने लग गये.
मैं अब मदहोश होके उनके सर को अपने बूब्स में दबा रही थी. फिर उन्होने मेरे दोनो बूब्स को कस्स कर पकड़ा, और अपनी जीभ को मेरे निपल्स पे रगड़ने लगे. मुझे इसमे बहुत मज़ा आ रहा था.
फिर उन्होने मुझे कार की बड़ी सी सेअरट पर लिटाया, और मेरी नाभि में जीभ मार कर चाटने लगे. वो मेरे पुर पेट पर किस्सस कर रहे थे, और जीभ से चाट रहे थे. मेरी छूट तो पानी-पानी हो रही थी.
फिर उन्होने मेरी लेगैंग्स और पनटी उतार दी. अब मेरी कुवारि छूट जिसमे अभी तक सिर्फ़ उंगली ही गयी थी, उनके सामने आ गयी. उन्होने मेरी जांघें खोली, और अपना मूह मेरी जांघों के बीच डाल लिया.
पहले उन्होने मेरी छूट पर किस किया, और फिर अपनी जीभ से उसको चाटना शुरू कर दिया. मुझे इससे और जोश चढ़ रहा था. जब भी उनकी जीभ मेरी छूट के दाने को छूटी, तो मेरा पूरा बदन काँप जाता.
अंकल भी पक्के खिलाड़ी थे. वो जानते थे की लड़की का कों-कों सा बटन दबाना पड़ता है उसको गरम करने के लिए. फिर उन्होने अपने एक हाथ से मेरी छूट की फांको को खोला, और अपनी जीभ अंदर डाल कर चूसने लगे.
वो अपनी जीभ मेरी गांद के च्छेद से शुरू करके मेरी छूट के मुहाने तक फेर रहे थे. कुछ देर ऐसे ही करने उन्होने मेरी छूट का पानी निकाल दिया. फिर अंकल सीधे हो गये, और उन्होने अपनी पंत और अंडरवेर उतार दिया. अब उनका तकरीबन 7.5 इंच लंबा लंड मेरे सामने थे.
मैं समझ गयी थी, की अब मेरी बारी थी. मैं बैठ गयी, और झुक कर अंकल का लंड अपने मूह में डाल लिया. उनका लंड मेरे गले तक जेया रहा था. अंकल ने भी कोई कसर नही छ्चोढी, उन्होने अपना हाथ मेरे सर पर रख लिया, और नीचे की तरफ दबाने लगे.
इससे उनका लंड मेरे गले में जाके लगने लगा, और मुझे साँस लेने में दिक्कत होने लगी. लेकिन वो मुझे साँस लेने का टाइम दे रहे थे. कुछ देर ऐसे ही मैं उनका लंड चूस्टी रही. उनके प्री-कम का टेस्ट मुझे आ रहा था.
फिर उन्होने अपने बाकी के कपड़े भी उतार दिए, और मुझे अपनी गोद में आने को कहा. अब वो वक़्त आ गया था, जब मेरी छूट में लंड जाने वाला था. मैं उनकी टाराग फेस करके उनके उपर आ गयी.
उन्होने अपना लंड सीधा खड़ा कर लिया, और मेरी छूट के द्वार पर सेट कर दिया. मैं धीरे-धीरे करके उस पर बैठ ही रही थी, की अंकल ने नीचे से धक्का मार दिया.
इधर से मेरी चीख निकली, और उधर अंकल का लंड पदुप करके अंदर चला गया. लंड अंदर डाल कर अंकल ने मुझे अपनी बाहों में कस्स लिया, और किस करने लग गये. कुछ ही देर में मेरा दर्द कम हो गया, और मुझे मज़ा आना शुरू हो गया.
अब मैं अंकल के लंड पर उपर-नीचे होने लग गयी. अब मुझे जन्नत का मज़ा मिल रहा था, और अंकल को मेरी छूट की गर्मी का मज़ा मिल रहा था. अंकल ने साथ-साथ मेरे बूब्स भी चूसने शुरू कर दिए.
3-4 मिनिट में अंकल मेरी गांद पकड़ कर मुझे तेज़-तेज़ उछालने लग गये. मुझे भी बड़ा मज़ा आ रहा था उनके मोटे लंड पर उछालने का. 10 मिनिट बाद अंकल ने मेरी छूट से लंड निकाल लिया, और मुझे नीचे लिटा कर मेरे उपर आ गये.
अंकल का वेट काफ़ी ज़्यादा था, तो मेरा साँस लेना भी मुश्किल हो गया था. फिर उन्होने मुझे पागलों की तरह छोड़ना शुरू कर दिया. अंकल भारी थे, लेकिन मज़ा बहुत दे रहे थे.
कार में फुल एसी था, लेकिन हम दोनो पसीना-पसीना हुए पड़े थे. 20 मिनिट मुझे ऐसे ही छोड़ने के बाद अंकल ने मेरी छूट को अपने पानी से भर दिया. और उस दिन मैने पहली बार किसी मर्द के पानी को अपनी छूट में महसूस किया.
फिर हमने अपने कपड़े पहने, और अंकल ने ड्राइवर को वापस बुलाया. उसके बाद अंकल अपने घर पर उतार गये, और उन्होने ड्राइवर को मुझे मेरे स्टॉप पर छ्चोढने को कहा.
अभी 6 घंटे का ड्राइव पड़ा था, तो मैं सो गयी. जब उठी, तो हम मेरे स्टॉप पर पहुँच गये. उसके बाद मैं बहुत से लोगों से चूड़ी, जिसमे रजनी का बाय्फ्रेंड भी था. और जब तक मेरी शादी नही हुई, तब तक मैं एक रंडी बन चुकी थी.
तो दोस्तो ये कहानी यही ख़तम करते है. कहानी पसंद आई हो, तो लीके और कॉमेंट ज़रूर करे.