ही दोस्तों मेरा नाम अर्पण है. मैं पंजाब का रहने वाला हु और मेरी आगे २० साल है. मैं अभी कॉलेज में पढता हु. दिखने में मैं ठीक-ठाक हु और मेरी हाइट ५’१०” है.
मेरे लुंड का साइज ६ इंच है और मैं बहुत हॉर्नी हु. मेरी फॅमिली में माँ डैड भैया और भाभी है. मेरे भैया की शादी पिछले साल ही हुई है. ये कहानी मेरे और मेरी भाभी के बीच हुई चुदाई की है. तो चलिए बताता हु ये कैसे हुआ.
मेरी भाभी एक ओपन-माइंडेड फॅमिली से है. उनकी फॅमिली में कोई रूल्स एंड रेगुलेशंस नहीं है. वह सब को अपनी मर्ज़ी से जीने का हक़ है. और किसी को भी डेली रिपोर्ट नहीं देनी पड़ती.
लेकिन हमारे घर में ऐसा नहीं है. हमारे घर में मेरी मम्मी का राज चलता है. उनसे बिना पूछे कोई काम नहीं कर सकते. यहाँ तक की टॉयलेट भी जाना हो तो बता के जाना पड़ता है.
मेरे भैया की नयी-नयी शादी हुई थी. अगले दिन मेरी भाभी ने मम्मी से बिना पूछे सबके लिए पिज़्ज़ा बना लिया. जब मम्मी ने ये देखा तो उनका मुँह बन गया. उन्होंने भाभी को कुछ बोलै तो नहीं लेकिन उनसे ठीक से बात नहीं की.
अब मैं अपनी भाभी के बारे में बता देता हु. मेरी भाभी का नाम शीतल है. वो २५ साल की है और उनका मस्त फिगर है. उनका रंग गोरा है और साइज ३६″ २८″ ३८″ है. जब मैंने पहली बार भाभी को देखा था तब मुझे अपने भाई से जलन होने लगी थी.
फिर मम्मी का मुँह बना हुआ देख कर भैया ने उनसे पुछा. मम्मी ने भी भैया को पता नहीं क्या बोल कर उनके कान भर दिए. इस वजह से शादी के दुसरे ही दिन भैया ने भाभी को दांत दिया.
असल में मम्मी भाभी को अपने इशारो पर चलना चाहती थी. लेकिन वो डायरेक्टली नहीं बोल रही थी.
फिर मम्मी रोज़-रोज़ भैया के कान भरने लगी जिससे वो रोज़-रोज़ लड़ने लगे. भैया भाभी को अपना बेहेवियर बदलने के लिए बोलते थे. लेकिन भाभी कहती थी की उन्होंने कुछ गलत नहीं किया. सिर्फ मैं था जो पूरा खेल जानता था.
एक दिन भाभी और भैया की लड़ाई हुई. भाभी लड़ने के बाद रूम से बाहर आ गयी और छत पर चली गयी. मेरे पास ाचा मौका था और मैं उनके पीछे चला गया.
जब मैं ऊपर पहुंचा तो भाभी रो रही थी. भाभी ने मैरून लेग्गिंग्स और पिंक टी-शर्ट पहनी हुई थी. पीछे से बहुत सेक्सी लग रही थी. मुझे चूड़ा पहनी हुई लड़किया वैसे ही बहुत अछि लगती है.
दिल तो कर रहा था की उनको पीछे से ही पकड़ लू. लेकिन अभी कुछ करना ठीक नहीं था. फिर मैंने उनसे बात की. भाभी ने मुझे सब कुछ बताया. मैंने उनको बताया की वो अपनी जगन बिलकुल ठीक थी और उनको सलूशन भी दिया.
सलूशन सुन कर उन्होंने मुझे थैंक यू बोलै और हुग कर लिया. ओह माय गॉड! जब उन्होंने मुझे हुग किया तो उनके स्पर्श ने मुझे पागल कर दिया. उनके नरम-नरम बूब्स उन कुछ सेकण्ड्स में मुझे गरम कर गए.
फिर वो मेरा लुंड खड़ा करके चली गयी. अब जब भी झगड़ा होता तो भाभी मेरे पास आ जाती थी. अब मुझसे और सबर नहीं हो रहा था. एक दिन हम पार्टी पर जाने वाले थे २ दिन के लिए. मैंने कॉलेज जाने का बहाना लगा दिया और नहीं गया.
सब तैयार हो रहे थे. भाभी भी तैयार हो रही थी. भाभी ने येलो साड़ी पहनी हुई थी और वो किसी पारी जैसी लग रही थी. ऐसी खूबसूरत लड़की के लिए तो कोई मरने को भी तैयार हो जाये.
तभी कोई बात हो गयी और मम्मी ने बखेड़ा खड़ा कर लिया. फाइनली भाभी को भैया ने घर पर ही रहने को बोल दिया. भाभी को इसमें बहुत इंसल्ट फील हुई और वो अपने रूम में जाके रोने लगी.
फिर मैं भाभी के पास गया. जैसे ही मैं उनके पास बैठा तो उन्होंने मुझे गले से लगा लिया. वो फूट-फूट कर रोने लग गयी. मैं उनको होंसला दे रहा था तो वो बोली-
भाभी: मैंने गलती कर ली इस घर में आके. यहाँ मुझे कोई सुख नहीं मिला न परिवार का न ही पति का.
ये बात सुन कर मैं समझ गया की भाभी और भैया के बीच में सेक्स नहीं होता होगा. मुझे ये मौका सही लगा. तभी मैंने भाभी का फेस पकड़ा और उनके होंठो पर एक किश कर दिया. भाभी मुझसे दूर होक बोली-
भाभी: ये गलत है अर्पण.
मैं: भाभी मैं काम से काम पति वाला सुख तो आपको दे सकता हु.
अब भाभी चुप थी. मैंने उनकी चुप्पी को हां मानते हुए उनको फिरसे किश करना शुरू कर दिया. कुछ सेकण्ड्स बाद भाभी ने भी मेरा साथ देना शुरू कर दिया.
अब हम दोनों बड़े प्यार से एक-दुसरे के होंठ चूस रहे थे. मुझे भाभी के होंठ चूसने में बड़ा मज़ा आ रहा था. मैं साथ में उनकी पीठ सेहला रहा था और वो मेरे बाल सेहला रही थी.
फिर मैंने उनके बूब्स पे हाथ डाला और उन्हें दबाना शुरू कर दिया. भाभी कामुक आहें भरने लग गयी और उन्होंने अपना ब्लाउज खोल दिया. फिर मैंने उनकी ब्रा उतार दी और उनके बूब्स चूसने शुरू कर दिए.
भाभी मेरे सर को अपनी ब्रैस्ट में दबा रही थी. बड़ा मज़ा आ रहा था उनके बूब्स चूसने में. फिर मैंने भाभी को लिटा दिया और उनके बाकी के कपडे भी उतार दिए.
अब भाभी का खूबसूरत जिस्म मेरे सामने बिलकुल नंगा था. मेरा तो बुरा हाल हो रहा था उनको देख कर. मेरा लुंड कपडे फाड़ कर बाहर आना चाहता था.
फिर मैंने अपने भी कपडे उतार दिए. मेरा लुंड भाभी की छूट को सलामी दे रहा था. सबसे पहले मैंने भाभी की छूट पर किश किया. उनकी छूट गीली हो चुकी थी और एक-दम गरम-गरम थी.
फिर मैं उनकी जांघो के बीच आया और अपना लुंड छूट पर सेट किया. मैंने लुंड रगड़ना शुरू किया और भाभी आह आह करने लग गयी.
जैसे ही लुंड छूट के मुँह पर अटका मैंने ज़ोर का धक्का दे दिया. भाभी की ज़ोर की आह निकली और मेरा लुंड छूट के अंदर चला गया. भाभी की छूट बहुत टाइट थी और भाभी तड़प रही थी.
मैंने लिपलॉक किया और धक्के मारता रहा. कुछ टाइम में मेरा पूरा लुंड भाभी की छूट के अंदर बाहर होने लगा. फिर भाभी को भी मज़ा आना शुरू हो गया.
मैं तो जन्नत में था. इतनी गर्मी थी भाभी की छूट में की दिल साड़ी ज़िन्दगी ऐसे ही करते रहने को कर रहा था.
२० मिनट मैंने और भाभी ने चुदाई का मज़ा लिया. फिर जब मेरा निकलने वाला हुआ तो भाभी ने मुझे अंदर ही निकालने को कहा. जब मैंने छूट में अपना माल निकला तो मुझे ऐसा एहसास हुआ जैसे पहले कभी नहीं हुआ था.
उन २ दिनों में मैंने भाभी को हर पोजीशन में छोड़ा. अब भाभी जब दिल करे मेरे पास आ जाती है और हम दोनों बिस्तर गरम करते है.
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