ही दोस्तों, मैं राजेश अपनी कहानी का अगला पार्ट आप सब के सामने लेके आया हू. अगर आप लोगों ने पिछला पार्ट नही पढ़ा है, तो प्लीज़ पहले जाके उसको पढ़ ले. उमीद है आपको पिछला पार्ट पसंद आएगा.
पिछले पार्ट में आप सब ने पढ़ा था, की अंकित मेरी बेहन को लेके खेतों में जेया चुका था. मैं भी वही था, और उनकी रेकॉर्डिंग कर रहा था. दोनो की चुम्मा-छाती शुरू हो चुकी थी, और अब मेरी बेहन काजल अंकित का लंड मूह में ले चुकी थी. अब आयेज बढ़ते है.
लंड मूह में ले कर काजल अंकित को देखने लगी, और धीरे-धीरे लंड को अपने मूह के अंदर-बाहर करने लगी. मेरी बेहन किसी सड़क-छाप रंडी की तरह उसका लंड चूस रही थी. अंकित भी धीरे-धीरे अपनी कमर को आयेज-पीछे कर रहा था.
फिर अंकित ने मेरी बेहन के सर के पीछे अपना हाथ रखा, और लंड अंदर-बाहर करने की स्पीड बधाई. वो ज़ोर-ज़ोर से मेरी बेहन के मूह में धक्के देने लगा. कुछ धक्को के बाद वो मूह में पूरा लंड डाल कर रुक जाता, और तब तक बाहर नही निकालता जब तक की मेरी बेहन की साँस रुक नही जाती.
फिर जब बेहन उसकी टाँगो पर ज़ोर-ज़ोर से हाथ मार्टी, तब वो लंड बाहर निकालता. इसमे बेहन को भी मज़ा आ रहा था. फिर अंकित ने काजल के मूह से लंड निकाला. लंड पूरा थूक से सनना हुआ था. बेहन के मूह और लंड के बीच थूक की एक तार बन गयी थी, जो काफ़ी लंबी जाके टूटी.
फिर अंकित ने लंड को बेहन के मूह पर ज़ोर-ज़ोर से मारना शुरू कर दिया. भीगा हुआ लंड बेहन के गालों पर ऐसे पद रहा था जैसे थप्पड़ पद रहे हो. लेकिन उसको इस सब में बहुत मज़ा आ रहा था. मैने कभी सोचा भी नही था की मेरी बेहन इतनी हवस से भारी हुई थी, और इतना रांड़-पन्न कर सकती थी.
फिर अंकित ने बेहन को बालों से पकड़ कर खड़ा किया, और दोनो पागलों की तरह किस करने लग गये. उसके बाद उसने बेहन को नीचे लिटाया, और उसकी टांगे खोल कर उसके उपर आ गया. मेरी बेहन उसके लंड को अपनी छूट में लेने के लिए तड़प रही थी.
फिर अंकित ने अपने लंड को बेहन की छूट पर रगड़ना शुरू किया. बेहन गांद-गांद हिला-हिला कर रगदाई का मज़ा ले रही थी, और अंकित को लंड अंदर डालने के लिए मिन्नटे कर रही थी. फिर अंकित ने लंड छूट के मूह पर टीकाया, और ज़ोर का धक्का दिया. बेहन के मूह से चीख निकली, और अंकित का आधा लंड मेरी बेहन की छूट में चला गया.
बेहन बोली: आ अंकित, दर्द हो रहा है. आराम से करो अंकित.
अंकित: हा मेरी जान, आराम से ही कर रहा हू.
और ये बोल कर अंकित ने बेहन की छूट में एक और धक्का दे दिया. इस बार अंकित का पूरा लंड मेरी बेहन की छूट में समा गया. उसकी फिरसे चीख निकली, लेकिन इस बार अंकित ने अपने होंठ बेहन के होंठो के साथ जोड़ कर उसका मूह बंद कर दिया.
फिर अंकित ज़ोर-ज़ोर से अपना लंड मेरी बेहन की छूट में ठोकने लगा. वो तड़पति रही, लेकिन वो नही रुका. लगभग 40-50 धक्के मारने के बाद अंकित पूरा लंड छूट में डाल कर रुक गया. फिर उसने मेरी बेहन के होंठ छ्चोढ़ दिए. मेरी बेहन की साँसे तेज़ थी, और वो बोलने लगी-
काजल: रुक क्यूँ गये अंकित? छोड़ो मुझे, बड़ा मज़ा आ रहा है तुम्हारे लंड से चूड़ने में. फाड़ दो आज मेरी छूट को और भोंसड़ा बना दो इसका.
अंकित बोला: आजा तुझे अलग टाइप का मज़ा करवाता हू.
फिर अंकित बेहन के उपर लेट कर अपनी कमर को घूमने लगा. ऐसा लग रहा था वो उसकी छूट में लंड घुमा रहा हो. इससे काजल को बड़ा मज़ा आ रहा था. वो मज़े वाली सिसकियाँ ले रही थी, और उसको करते रहने के लिए बोल रही थी.
फिर अंकित पूरा लंड मेरी बेहन की छूट से बाहर निकालता, और पूरा अंदर डाल के 2-3 बार घूमता. वो बार-बार ऐसा ही कर रहा था. इससे मेरी बेहन को बहुत मज़ा आ रहा था. उसके चेहरे पर ऐसे एक्सप्रेशन्स आ रहे थे, जैसे वो स्वर्ग में हो. उनकी वीडियो ऐसी बन रही थी, जैसे सच में कोई पॉर्न वीडियो हो.
फिर अंकित ने गियर बदला, और तेज़ी से मेरी बेहन को छोड़ने लगा. वो फुल स्पीड में लंड अंदर-बाहर करने लगा. ऐसा लग रहा था जैसे कोई मशीन मेरी बेहन को छोड़ रही हो, इतनी तेज़ स्पीड थी उसकी. मेरी बेहन भी आ आ करे जेया रही थी.
तभी काजल ने अपनी टांगे अंकित की कमर पर लपेट ली, और वो आ आ करते हुए झाड़ गयी. मुझे उसकी छूट से निकलता पानी अंकित के लंड पर नज़र आ रहा था. अब चुदाई में छाप-छाप की आवाज़े आनी शुरू हो गयी थी. अब बस अंकित मेरी बेहन को छोड़ रहा था. बेहन की तरफ से कोई ख़ास मूव्मेंट नही थी.
फिर अंकित ने मेरी बेहन की छूट से लंड बाहर निकाला. उसका लंड छूट के पानी से पूरा सनना हुआ था, और चमक रहा था. फिर उसने काजल को घोड़ी बनने को कहा. काजल उठी, और अपने घुटनो के बाल होके गांद बाहर की तरफ निकाल कर उसके सामने घोड़ी बन गयी.
अंकित ने काजल के चूतड़ पकड़े, और उनको मसालने लग गया. क्या मुलायम मलाई जैसे चूतड़ थे मेरी बेहन के. काश अंकित की जगह मैं होता. फिर उसने पीछे से काजल की छूट पर अपना लंड सेट किया, और एक ही धक्के में पूरा लंड घुसा दिया.
काजल की चीख निकली, और अंकित मेरी बेहन को किसी कुटिया की तरह छोड़ना शुरू हो गया.
वो इतनी ज़ोर के धक्के मार रहा था, की ठप-ठप की आवाज़े आ रही थी. फिर ऐसे ही 15 मिनिट उसने मेरी बेहन को छोड़ा. अब काजल पूरी तरह से संतुष्ट हो चुकी थी, और वो अंकित को अब माल उसके अंदर ही निकालने के लिए कह रही थी.
अंकित ने धक्को की स्पीड बधाई, और 40-50 ज़ोर के धक्के मार कर आ आ करते हुए मेरी बेहन की छूट को अपने माल से भर दिया. बेहन भी आ आ करते हुए मेरे दोस्त के माल को अपनी छूट के अंदर महसूस कर रही थी. फिर बेहन वैसे ही उल्टी ज़मीन पर लेट गयी, और अंकित भी उसी के उपर लेट गया. दोनो हाँफ रहे थे. मैने वीडियो रेकॉर्डिंग बंद कर दी.
इसके आयेज एक ट्विस्ट आने वाला है, जो आपने सोचा भी नही होगा. तो अगले पार्ट को मिस ना करे. अगर आपको ये पार्ट पसंद आया हो, तो इसको अपने फ्रेंड्स के साथ ज़रूर शेर करे. कहानी पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद.