ही फ्रेंड्स, मैं कारण वापस आ गया हू अपनी कहानी का लास्ट पार्ट लेके. पिछले पार्ट्स आप सब को पसंद आए, इस बात की खुशी है मुझे. अगर आपने पिछले पार्ट्स नही पढ़े है, तो प्लीज़ पहले वो ज़रूर पढ़े.
पिछले पार्ट्स में आपने पढ़ा, की मैं एग्ज़ॅम के सिलसिले में अपने दोस्त वरुण के साथ चंडीगार्ह गया था. क्यूंकी हम एक दिन पहले गये थे, तो वाहा हम उसकी मौसी के घर रुके. उसकी मौसी के साथ मेरी आँख लॅड गयी, और जल्दी ही हम चुदाई तक पहुँच गये.
अब मैं उसकी मौसी को मज़े से छोड़ रहा था. हम दोनो की चुदाई पुर चरम पर थी, और मैं बस झड़ने ही वाला था. तभी पीछे से दरवाज़ा खुला, और हम दोनो घबरा गये. हम दोनो पीछे दरवाज़े की तरफ देखने लगे. अब आयेज.
हम दोनो की नज़रे दरवाज़े पर थी. तभी वरुण अंदर आ गया. उसके चेहरे पर गुस्सा दिख रहा था. उसको देखते ही मैं आंटी के उपर से हॅट गया. आंटी जल्दी से अपने आप को ढकने लग गयी.
तभी वरुण ने मेरी तरफ देखते हुए कहा: ये क्या है कारण? मैं तुझे यहा विश्वास करके लाया था, और तूने मेरी ही मौसी पर हाथ डाल लिया. मैने कभी सोचा नही था, की तू ऐसा करेगा.
फिर उसने अपनी मौसी की तरफ देख कर बोला: और मौसी, आप इस उमर में अपने बेटे की उमर के लड़के के साथ ये सब कर रही हो! आपको शरम नही आती. आपने सोचा है, की अगर मैं मौसा जी को ये बात बता डू, तो वो आपका क्या हाल करेंगे. आपकी अची ख़ासी ज़िंदगी बर्बाद हो सकती है. खानदान का नाम खराब हो सकता है.
अब आंटी सर झुका कर बैठी थी, और मैं भी चुप था. फिर मैने कुछ बोलने की कोशिश की-
मैं: वरुण, मैं… वो…
तभी वरुण हासणे लगा. वो ज़ोर से पेट पकड़ कर हासणे लगा. उसको ऐसा करते देख मैं हैरान हो गया. फिर मैने आंटी की तरफ देखा, तो वो भी हैरान-परेशन थी. एक पल के लिए तो मुझे लगा की वरुण अपनी मौसी की चुदाई का सदमा बर्दाश्त नही कर पाया था, और पागल हो गया था. लेकिन ऐसा कुछ नही था.
तभी वो बोला: अर्रे तुम दोनो तो ऐसे लग रहे हो, जैसे कोई तुम्हारा कुछ चीन कर भाग गया हो. अर्रे कारण, मेरे भाई मेरी मौसी सेक्सी ही इतनी है की कोई भी लड़का उनको छोड़ना चाहेगा. अर्रे मैं खुद इतने सालों से इनके बारे में सोच-सोच कर लंड हिलता हू.
वरुण: मैं तो यहा आया भी इसलिए था, की शायद मेरा काम बन जाए. लेकिन तूने तो मुझसे पहले बाज़ी मार ली.
फिर उसने मौसी की तरफ देखा, और बोला: मौसी जी, उस पर आपने इतनी कृपा करी है. मुझ पर भी कर दीजिए थोड़ी.
ये सुन कर आंटी के चेहरे पर स्माइल आ गयी, और वो बोली-
आंटी: तुमने मुझे पहले बता दिया होता की तुम मुझे छोड़ना चाहते हो, तो मुझे बाहर मूह नही मारना पड़ता.
ये बोलते हुए उन्होने अपने नंगे बदन से कपड़ा हटा दिया, और बोली-
आंटी: आ जाओ मेरे बच्चो. मेरी छूट और गांद तुम दोनो के लंड को बुला रही है.
आंटी की ये बात सुन कर वरुण जल्दी से अपने कपड़े उतारने लगा. मैं तो पहले से ही नंगा था. वरुण कर लंड भी पूरा तन्ना हुआ था, और 6 इंच का था. कपड़े उतार कर उसने मेरी तरफ देखा, जैसे मुझसे पूच रहा हो की पहले मैं जेया सकता हू. मैने भी उसको इशारे से गो अहेड कर दिया.
फिर वो आंटी पर कूद पड़ा, और उनको किस करने लग गया. साथ में उनके बूब्स दबाने लगा. उसका लंड आंटी की छूट पे रग़ाद खा रहा था. मैं अपना लंड उन दोनो को देख कर हिला रहा था.
फिर वरुण अपने लंड को आंटी की छूट पर रगड़ने लग गया. रगड़ते-रगड़ते उसने लंड छूट में घुसा दिया. लंड आंटी के अंदर जाते ही वरुण ने आ की आवाज़ की. अब इतनी गरम छूट में लंड जाएगा, तो आ तो निकलेगी ही. फिर वो धक्के मार कर आंटी को छोड़ने लग गया.
दोनो मस्त किस करते हुए चुदाई कर रहे थे, और इधर मैं दोनो को देख कर अपना लंड सहला रहा था. 5 मिनिट बाद आंटी ने वरुण को रोका, और पीछे हटा दिया. फिर उन्होने उसको सीधा लेटने को कहा.
वरुण जब सीधा लेता, तो आंटी उसके उपर आके बैठ गयी, और उसका लंड अपनी छूट पर सेट करने लगी. फिर उन्होने लंड पूरा अपनी छूट में ले लिया, और लंड पर उपर-नीचे होने लग गयी. ये तकरीबन एक मिनिट चला. फिर आंटी रुक गयी, और पीछे मेरी तरफ देखा. उन्होने मुझे बोला-
आंटी: तू अब वाहा कब तक खड़ा रहेगा? आजा मेरी गांद तेरा इंतेज़ार कर रही है.
मुझे अपने कानो पर विश्वास नही हो रहा था, की आंटी मुझे गांद मारने के लिए बुला रही थी. मैं जल्दी से उनके पास चला गया. वो लंड पर उपर-नीचे होते हुए मेरा लंड चूसने लगी, और उसको आचे से चिकना किया. फिर उन्होने मुझे उनके पीछे आने को कहा.
अब मैं भी आंटी की गांद के पीछे वरुण की टांगे के उपर आ गया. फिर आंटी आयेज झुक गयी. वरुण आंटी के बूब्स चूसने लगा, और आंटी ने अपने चूतड़ पीछे से खोल लिए. फिर आंटी ने एक हाथ आयेज ला कर उस पर थूका, और पीछे अपनी गांद के च्छेद पर थूक लगा दी.
मुझे जैसे ही उनका इशारा मिला, मैने लंड गांद पर सेट कर दिया. फिर मैने उनके चूतड़ पकड़ कर ज़ोर का धक्का मारा, और आंटी के मूह से चीख निकल गयी. वरुण ने आंटी को अपनी तरफ खींच कर उनका मूह अपने मूह से बंद कर लिया, और किस करने लगा.
मैं आंटी के चूतड़ पकड़ कर लंड उनकी गांद में पेलता गया. 7-8 धक्को में मेरा पूरा लंड आंटी की गांद की जद्द तक पहुँच गया. फिर मैं लंड अंदर-बाहर करने लगा. नीचे से वरुण भी गांद हिला कर आंटी को छोड़ने लगा. अब हम तीनो एक साथ चुदाई का मज़ा ले रहे थे.
कुछ मिंटो में आंटी का दर्द चला गया, और अब वो मज़े लेके हम दोनो के लंड को गांद हिला-हिला कर अपने दोनो च्छेदो में लेने लगी. हमारी चुदाई आधे घंटे तक चली. उसके बाद हम दोनो आंटी के अंदर ही झाड़ गये.
उस रात हमने 2 बार और छोड़ा आंटी को, और अगले दिन एग्ज़ॅम देके वापस निकल पड़े. उसके बाद उनके घर में तो नही, लेकिन होटेल में आंटी को हमने काफ़ी बार छोड़ा.
तो दोस्तों यहा कहानी ख़तम होती है. अगर आपको कहानी का मज़ा आया हो, तो मुझे गुलाटी.गुलाटी555@गमाल.कॉम पर मैल करके फीडबॅक ज़रूर दे. पॉर्न वीडियोस, वेबसेरीएस, मूवीस के लिए भी कॉंटॅक्ट करे.