ही फ्रेंड्स, मेरा नाम है कारण. मैं पुंजब से हू. मेरी उमर 30 साल है, और मैं मॅरीड हू. मेरा एक बच्चा भी है. मेरी हाइट 5’9″ है, और लंड तकरीबन 6.5 इंच का है. मेरा लंड लंबे टाइम तक टिकता है, और जिस लड़की/औरत के साथ भी मैने सेक्स किया है, वो हमेशा संतुष्ट हुई है.
मैने अभी तक अपनी लाइफ में बहुत सी चुदाईयाँ की है. अब मैं उन्ही क़िस्सो को आप सब के साथ शेर करना चाहता हू. शादी के बाद मैने दूसरी औरतों को छोड़ना तोड़ा कम कर दिया है, ताकि मेरे घर में कालेश ना पड़े. लेकिन शेर शिकार किए बिना तो रहेगा नही. जब कभी मौका मिलता है, मैं बाहर चुदाई कर लेता हू.
आज का ये किस्सा मेरे कॉलेज टाइम की चुदाई का है. तो चलिए बताता हू आपको, की क्या हुआ था.
मेरा एक फ्रेंड था वरुण. वो स्कूल टाइम से मेरा फ्रेंड था, और कॉलेज में आके हमारी फ्रेंडशिप और भी अची हो गयी थी. हम दोनो सभी काम-काम साथ-साथ करते थे. फिर एक दिन उसने मुझसे कहा-
वरुण: कारण, पोस्ट ऑफीस में वेकेन्सीस निकली है. चल फॉर्म फिल करके आते है.
मैने ओक कहा, और उसके साथ जाके फॉर्म फिल कर आया. कुछ दिन बाद हमारे एग्ज़ॅम की मैल आई, जो की चंडीगार्ह में था. मैने उससे पूछा-
मैं: चंडीगार्ह में एग्ज़ॅम है, तो हमे वाहा रुकना पड़ेगा.
वरुण: हा, अगर सुबा जाएँगे तो लाते हो जाएँगे.
मैं: तो रुकना कहा है? किसी होटेल में?
वरुण: होटेल में रुकेंगे तो खर्चा ज़्यादा हो जाएगा. मेरी मौसी चंडीगार्ह में रहती है. हम एक रात के लिए उनके घर रह सकते है.
मैं: ठीक है.
फिर हम एग्ज़ॅम के एक दिन पहले चंडीगार्ह के लिए निकल गये. वाहा जाके हमने बस पकड़ी, और उसकी मौसी के घर पहुँच गये. उसके मौसा सरकारी नौकरी पर थे, तो उनका घर अछा बना हुआ था.
फिर हमने बेल बजाई, और दरवाज़ा खुला. जैसे ही दरवाज़ा खुला, साथ ही मेरा मूह भी खुल गयी. सामने वरुण की मौसी थी, जो बहुत सेक्सी थी. वरुण नीचे झुका उनके पैर छूने के लिए, और मैं उनको पैरों से सर तक निहारता रहा. मैं तो होश ही खो बैठा था.
फिर जब वरुण सीधा हुआ, तो मेरा उससे ध्यान हटा. वरुण की मौसी 45 साल की एक सेक्सी औरत थी. उसका फिगर तकरीबन 36-32-38 था. उपर से उसने ब्लॅक निघट्य पहनी हुई थी. गोरे रंग वाली ऐसी सेक्सी आंटीस जब ब्लॅक निघट्य पहनती है, तो हम जैसी लोंडो के लंड पंत से बाहर आने को उछालने लगते है.
फिर मैने भी उनके पैर च्छुए और नमस्ते आंटी बोला. उसके बाद हम दोनो अंदर जाने लगे. अंदर हमे वरुण का मौसा मिला. उसके मौसा को देखा, तो वो मुझे मौसी का बाप लग रहा था. दोनो का कोई मॅच ही नही था. यहा आंटी सेक्स की देवी लग रही थी, और वाहा वो लोदउ पागल लग रहा था. मुझे आज तक समझ नही आया की ये ऐसी शकल वालो को ऐसी हूर कैसे मिल जाती है.
फिर हम दोनो रूम में चले गये, जो उन्होने हमारे लिए रखा था. उसके बाद एक-एक करके हम दोनो फ्रेश हुए. फिर बाहर से आंटी की आवाज़ आई-
मीनाक्षी आंटी: वरुण बेटा खाना रेडी है. जल्दी आ जाओ तुम दोनो.
हम दोनो बाहर गये, तो आंटी और अंकल जी टेबल पर बैठे हमारी वेट कर रहे थे. फिर हम जाके उनके साथ बैठ गये. हमने खाना शुरू कर दिया. खाना खाते हुए भी मेरा ध्यान निघट्य में दिख रही आंटी की सेक्सी क्लीवेज पर था.
मैं हर नीवाला मूह में डालते हुए उनकी क्लीवेज ही देखे जेया रहा था. अब आंटी ने भी ये नोटीस कर लिया था, लेकिन मुझसे कंट्रोल नही हो रहा था. फिर डिन्नर करने के बाद आंटी टेबल से बर्तन उठाने लगी.
जब वो किचन की तरफ गयी, तो उनकी गांद मस्त तरीके से मटक रही थी. तभी आंटी ने पीछे देखा, और उन्होने मुझे उनकी गांद घूरते देख लिया. मैने जल्दी से अपनी नज़रे हटा ली.
डिन्नर के बाद हम सब लॉबी में बैठ गये. वरुण उसके मौसा के साथ सोफा पर बैठा हुआ था. तभी आंटी कुछ मीठा लेके आई, और सब को देने लग गयी. पहले उन्होने वरुण को दिया, फिर अंकल को, और एंड में मुझे दिया.
मुझे देने के बाद आंटी ने प्लेट टेबल पर रखी, और मेरे साथ ही बैठ गयी. मैं खुश हो गया. अब आंटी की एक जाँघ मेरी जाँघ से टच हो रही थी. इतनी अची फीलिंग थी की मैं क्या ही बतौ. मेरा लंड मेरे पाजामे में खड़ा हो गया था.
तभी अंकल ने टीवी चला दिया, और सब उधर देखने लग गये. मेरी नज़र तो आंटी की बॉडी पर ही थी. पर आंटी का ध्यान टीवी की तरफ था. तभी पता नही क्या चमत्कार हुआ, की आंटी ने अपना एक हाथ मेरे लंड पर रख दिया.
मैं ये देख कर हैरान हो गया. मुझे लगा आंटी ने ग़लती से हाथ मेरे लंड पर रख दिया होगा. लेकिन ऐसा नही था. तभी आंटी ने मेरी तरफ देखा, और मुझे आँख मार दी.
मेरे दिल की धड़कने तेज़ हो गयी. ये कुछ ऐसा था, जैसे कोई सपना सच हो गया हो. आंटी ने मेरा लंड कस्स के पकड़ लिया, और उसको हिलने लगी. मैने सोचा की अब मैं भी आंटी को टच कर सकता हू. ये सोच कर मैने भी डरते-डरते अपना हाथ आंटी की जाँघ पर रख दिया.
क्या सॉफ्ट जाँघ थी आंटी की. जब उन्होने मुझे कुछ नही कहा, तो मैं हाथ आयेज बढ़ने लगा. मैं अपना हाथ उनके बूब पर ले गया, और उसको दबाने लगा. जैसे ही मैने उनका बूब्स दबाया, आंटी ने अपनी आँखें बंद कर ली. मैं समझ गया, की अब मुझे खुली छ्छूट थी कुछ भी करने की. लेकिन दर्र था तो अंकल और वरुण का, जो पास बैठे थे.
बूब प्रेस करते हुए मैने अपना फेस आयेज बढ़ाया, और आंटी के गाल पे किस की. जब आंटी ने फेस मेरी तरफ घुमाया, तो मैने अपने होंठ उनके होंठो के साथ लगा दिए. हमारी किस स्टार्ट हो गयी. क्या मस्त स्वाद था आंटी के होंठो का. मुझे तो जन्नत का मज़ा आ रहा था.
तभी अंकल ने टीवी बंद कर दिया, और हम जल्दी से अलग हो गये. फिर हम अपने-अपने रूम में सोने चले गये. मेरा सारा मूड खराब हो गया. मैं कमरे में जाके बेड पर बैठ गया. वरुण साथ था, तो मूठ भी नही मार सकता था. फिर मैं सोने के लिए बेड पर लेट गया.
इसके आयेज क्या हुआ, वो आपको अगले पार्ट में पता चलेगा. अगर आपको कहानी अची लगी हो, तो मुझे फीडबॅक ज़रूर दे. मेरी मैल ईद है:-
गुलाटी.गुलाटी555@गमाल.कॉम
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