में आपने पढ़ा कि कैसे मेरे मित्र अजय ने मुझसे इच्छा जाहिर की थी वो अपनी बीवी को मुझसे चुदते हुए देखना चाहता है. उस रात मैंने अजय और उसकी बीवी ने पहले दारू का मजा लिया, फिर डांस किया और उसके बाद चुदाई का खेल शुरू हो गया था. मैंने अजय की इच्छा को पूरा करते हुए उसकी बीवी मीना को चोद दिया था.
अब आगे:
मीना को बिस्तर में शांत पड़ी देख मैं समझ गया कि उसको कल रात हुए हवस के खेल से उबरने में समय लगेगा.
मैं अपने अंडरगारमेंट्स में ही उठा और पेशाब करने चला गया. उसके बाद वापस आकर देखा, तो मीना अभी भी पड़ी थी. अजय जा चुका था, मैं बेड पर बैठ गया और मीना की तरफ देखते हुए उसके सर को सहलाने लगा.
एक स्त्री जब भी खुद को अकेला और भावुक महसूस करे, तो हमें उसकी इच्छा का सम्मान करना चाहिए … उसकी इज्जत करनी चाहिए.
इसी लिहाज से मैंने भी मीना के सर को उठा कर अपनी जांघों में रख दिया. मीना ने भी अपना हाथ मेरी कमर में लपेट लिया और सर मेरी जांघों में रख कर लेटी रही.
मैंने हिम्मत करके पूछा- क्या हुआ मीना जी, आपको पसन्द नहीं आया जो भी रात में हुआ?
मीना धीरे से बोली- कल रात बहुत पी ली थी, अब सर दर्द कर रहा है.
मैं खुद को ठगा सा महसूस कर रहा था. मैं मीना के चुप पड़े होने का कारण उसकी शर्मिंदगी मान रहा था, किंतु वो तो हैंगओवर से परेशान थी.
तभी मैंने मीना को बोला- अभी एक पैग और पी लो, तुम्हारे सर का दर्द खत्म हो जाएगा.
मीना ने मेरी तरफ देखा और मुस्कुरा दी. इसके बाद वो उठी और उसने अलमारी से एक बोटल निकाल कर दो गिलासों में एक एक पैग बना दिए. मैंने भी उसका साथ देते हुए एक पैग मार लिया. अब मीना पर शराब का असर उसकी डगमगाती हुई आँखों से देखने को मिल रहा था. मैं बिस्तर में घुस गया और मीना की तरफ मुँह करके लेट गया.
मीना भी मुझसे खुल गयी थी. उसे मेरे साथ लेटने में कोई समस्या नहीं हुई. मैंने उसके चेहरे पर आते हुए बालों को पीछे करते हुए अपना हाथ उसकी सुराही जैसी कमर पर रख दिया.
अब मीना भी मेरे नजदीक आ गई. मीना वैसे भी निर्वस्त्र होकर बिस्तर में मेरे साथ थी. उसके जिस्म से चिपकते ही मेरे लंड ने भी हरकत करना शुरू कर दिया. मीना ने मेरे गले में अपने दांतों को गाड़ कर मेरे अन्दर सोया हुआ वासना का भूत जगा दिया था. मेरे मुँह से ‘आह … उफ..’ की आवाज सुन उसे और आनन्द मिल रहा था.
मैंने भी मौके की नजाकत को समझते हुए मीना के स्तनों को चूसना चालू कर दिया. मीना अब मस्ती के सरोवर में गोता लगा रही थी. मीना के स्तन चूसते चूसते उसके पेट पर चूमने लगा. मीना अब धीरे धीरे खुद को ऊपर उठाती जा रही थी. मेरे हाथ स्वतः ही उसकी जांघों को सहलाने लगे थे.
मीना ने मेरे ऊपर आते हुए अपनी चूत का द्वार मेरे मुँह पर रख दिया था. मैंने भी धीरे धीरे से उसकी चुत के किनारों को चाटना व चूसना चालू कर दिया. चूत चूसने से मीना मचलती जा रही थी. वो धीरे धीरे अपनी पूरी चुत को मेरे मुँह में रखने की कोशिश करती, लेकिन मैं भी जान समझ कर उसकी चुत के आस पास के हिस्से को चूस चूस कर उसे और पागल करने का लुत्फ़ उठा रहा था.
एक समय ऐसा आया, जब मीना बेकाबू हो गई और उसने अपनी दोनों जांघों से मेरे सर को कस कर भींच लिया, ताकि मैं सर को न हिला पाऊं.
फिर वो मेरे मुँह में अपनी चुत को रख कर बोली- छेद चूसो राज … मेरा पति ऐसे नहीं चूसता … जैसे तुम करते हो. तुम मुझे बहुत मज़ा देते हो.
मैंने धीरे से जीभ उसकी चुत में डाल दी.
जीभ अन्दर जाने का सुखद एहसास उन्हें ही मालूम होगा, जिनके पति या बॉयफ़्रेंड ने कभी चुत में अन्दर तक जीभ डाली हो. चूत के अन्दर लंड के अलावा सिर्फ मर्द की जीभ जाते ही लड़की का पागलपन झलक जाता है.
जीभ के अन्दर जाते ही यही हाल मीना का था. मीना ‘ओह्ह … ओह..’ करते हुए खुद ब खुद मेरे मुँह पर चुत रगड़ने लगी. अब उसने जांघों को ढीला कर दिया था और मेरे मुँह पर जोर जोर चुत को दबाने लगी. मैंने भी उसकी चुत में जीभ से जोर जोर से अन्दर बाहर करना चालू रखा और अपने दोनों हाथ से उसकी गांड पर मारते हुए उसे नोंच लेता, जिससे उसकी मस्ती में और भी चुदासी मिठास घुल रही थी.
अब मीना ने अपने हाथ से मेरे लंड को टटोलना शुरू कर दिया. मैं समझ गया था कि अब मीना जीभ से नहीं लंड से मज़ा लेना चाहती है.
कुछ भी हो लंडराज, चूत को जो मज़ा दे सकता है, वो मज़ा न उंगली दे सकती है, ना गाजर मूली, न जीभ.
मीना ने अपनी पोजीशन बदली. वो मेरे ऊपर ही बैठे बैठे अपने मुँह को मेरे लंड की तरफ को घुमा चुकी थी और चुत को ऊपर नीचे कर रगड़ते हुए ‘ओह्ह आह …’ की मादक सिसकारियां निकाल रही थी.
मैं भी उसकी चुत के बाहरी फांकों को कभी जोर से चूस लेता, जिससे उसे और मज़ा आने लगा.
उसने भी मेरे लंड को हिलाते हुए अपने मुँह में ले लिया और पागलों के जैसे उसे चूसने लगी. उसकी लंड चूसने की कला ऐसी थी, मानो लंड की जगह कुल्फी चूस रही हो. ऐसा लगता था मेरे लंड का सारा माल मेरे लंड से उसके मुँह में जा रहा हो.
मैंने उसे अपने ऊपर से हटने का इशारा किया, तो वो हट खड़ी हुई. मैं बेड से नीचे उतर गया और मीना के सामने खड़ा हो गया. मीना कुछ समझ पाती, उससे पहले ही मैंने मीना के बाल पकड़ कर उसे बेड के किनारे पर खींचते हुए उसके मुँह के सामने लंड रख दिया.
मीना समझदार थी उसने लेटे लेटे ही लंड मुँह में लिया और चूसना चालू कर दिया. मुझे आनन्द आने लगा था. मैंने उसके बालों को कस कर पकड़ लिया और उसके मुँह पर जोर जोर से थप्पड़ मारते हुए उसे लंड चूसने को बोला. उसके मुँह पर थप्पड़ से लाल हो गए थे, लेकिन उसने उस बात का बुरा नहीं माना और मेरे लंड को चूस चूस कर फुला दिया.
अब मैंने उसे घोड़ी बन जाने को कहा, वो चुदासन लंड की भूखी, एकदम से मेरी बात मान गयी. झट से मेरे सामने घोड़ी बन गयी. मैंने धीरे से उसकी चिकनी गांड के उभारों को चाटना शुरू कर दिया. मीना फिर से मचल पड़ी.
आप में से कुछ लोगों को ये अजीब लगेगा, लेकिन कभी करके देखिए. अपनी बीबी या गर्लफ्रेंड की गांड के उभारों को, जिन्हें जीन्स में देख कर आप जोश खाते हैं, उन्हें चूम कर, चाट कर भी तो देखिये … फिर बताना आपको कैसा लगता है, कितना मज़ा आता है. साथ ही महिला साथी को, जिसके उभार आपने चाटे हैं, उसको कितना मजा आता है, उससे भी पूछिए.
मीना भी ऐसी मस्ती में ‘ओह्ह … उफ्फ..’ करती जा रही थी. मैंने लंड उसकी चुत के ऊपर रगड़ना शुरू कर दिया. मीना खुद ही अपनी चुत में मेरा लंड लेने को चुत पीछे धकेलने लगी. उसकी आंखें मस्ती में बंद होती जा रही थीं, इसका गवाह था, बेड के दूसरी तरफ लगा ड्रेसिंग टेबल का शीशा.
दोस्तो, कभी बीवी को घोड़ी बना के चोदना हो, तो शीशे के सामने चोदना और देखना तुम्हारी नंगी बीवी या गर्ल फ्रेंड कितनी हॉट लगेगी.
उस वक्त मैं भी महसूस कर रहा था. मीना का कामुक चेहरा शीशे में देखते हुए उसके स्तनों को हवा में कुलाचें भरते हुए … और कभी उसके होंठों को दाँत के नीचे दबाए हुए.
तभी मैंने एक हाथ से मीना के बालों को अपने हाथ में कसके पकड़ा और दूसरे हाथ से लंड उसकी चुत में थोड़ा सा फंसा दिया. फिर एक ही झटके में उसकी गांड पर जोर से थप्पड़ मारते हुए उसके बालों को खींचा और उसकी चुत में पूरा लंड पेल दिया.
मीना एकदम से ये तीन तरफा झटका बर्दाश्त नहीं कर पाई. उसका मुँह खुला हुआ था, आंखें बड़ी हो गयी थीं. मानो अभी बाहर निकल आएंगी.
उसने उठने की कोशिश भी की, लेकिन मैंने फुर्ती से उसकी कमर को दोनों साइड से पकड़ लिया ताकि वो हिल भी न पाए. उसने कुछ प्रयास जरूर किए, लेकिन सफल नहीं हो पाई. दर्द से उसकी आंखों से आंसू आ गए. मैंने उसके कानों को चूमते हुए लेट जाने को कहा. वो धीरे से हाथ सीधे करते हुए लेट गई.
मैं अभी भी उसके ऊपर चढ़ा था. मीना अब चुपचाप पड़ी रही, शायद उसे उम्मीद नहीं थी कि जो अभी तक बड़े प्यार से सुनार की भांति मेरे बदन को गर्म कर के मज़ा दे रहा था, अचानक से लुहार की भांति एकदम कैसे मेरी चुत में लंड की ठोकर मार सकता है
मैंने फिर से मीना को चूमना चालू किया. कभी गाल, कभी कान, कभी गर्दन को चूमता रहा. वो अधमरी सी निढाल पड़ी रही. मैंने कुछ देर उसे चूमने का काम चालू रखा. थोड़ी ही देर में मैंने अपने हाथ से मीना के स्तन को छूने की कोशिश की, तो उसने खुद अपने वक्षःस्थल को ऊपर उठा दिया, जिससे कि मैं आसानी से उसकी मस्त चूचियों को दबा सकूँ और वो आनन्द प्राप्त करे.
मीना अब मस्ती में आने लगी थी. एक बार फिर से उसके अन्दर उत्तेजना तेज हो चुकी थी. मैंने धीरे धीरे झटके मारने चालू कर दिए. अब मीना भी मेरा साथ देने लगी थी.
मैंने मीना को घोड़ी बनने को कहा, वो फिर से घोड़ी बन चुकी थी. मैंने पुनः उसकी गुफा में अपने अजगर को दौड़ा दिया. मैं अब उसकी घुड़सवारी कर रहा था. मीना घोड़ी बनी इस तेजी से आगे पीछे हो रही थी, मानो दौड़ रही हो. पीछे से उसके बालों को मैंने इस कदर खींच रखा था, जैसे घोड़े की लगाम पकड़ी हुई हो. उसकी चिकनी गांड पर मेरे हाथ इस तरह से पड़ रहे थे, जैसे चाबुक की मार लग रही हो.
मीना ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह… इस्स..’ इस प्रकार कर रही थी, जैसे घोड़े को चाबुक पड़ने पर वो हिनहिनाना रहा हो. मेरा और मीना का सेक्स चरम पर था … किसी भी पल वीर्य स्खलन हो सकता था. हम दोनों पागलों जैसे तेजी दिखा रहे थे … मानो हम दोनों में होड़ लगी हो कि पहले मैं स्खलित होऊं या पहले वो होए.
तभी मैंने मीना को पलटने को कहा और उसके ऊपर लेट कर उसकी चुत में लंड डाल दिया. मीना और मैं एक दूसरे से चिपके हुए थे.
तभी मेरा स्खलन होने लगा और मैं तेजी से वीर्य निकलने लगा. उसकी गर्मी मीना को महसूस हो गयी और वो भी तेजी से ‘आह. … चोदो राज … और चोदो … आहहहह ऊऊऊऊ हम्म्म्म..’ करते करते ढीली पड़ गयी.
कुछ देर हम दोनों ऐसे ही पड़े रहे. फिर मैं बाथरूम में घुस गया.
कुछ देर बाद मीना की आवाज आई- राज, तुम्हारा फ़ोन आ रहा है.
मैंने मीना से फ़ोन लेकर देखा, तो घर से था. नहाने के बाद कॉल की, तो पता चला कि घर में कुछ जरूरी काम आ गया था, जिसके कारण मुझे तुरन्त घर वापसी जाना था.
मैंने मीना से अजय के बारे में पूछा, तो पता चला वो किसी काम से बाहर गया है … और 2-3 घंटे में आने वाला है.
मैंने उतनी देर रुकना मुनासिब नहीं समझा और अजय को फ़ोन कर घर जाने का कारण बताकर जाने की इजाजत मांगी. साथ ही फिर कभी आने का भी वायदा भी किया. मैंने अजय को शुक्रिया भी कहा, क्योंकि अपने घर में अपनी बीवी के लिए किसी अनजान आदमी, भले ही उसका मित्र ही कह लो, उसको बुलाकर अपनी बीवी भी उसके हवाले कर देना, हर किसी के सामर्थ्य में नहीं होता है.
मैंने उससे कहा कि अजय तुमने मुझ पर यकीन किया, उसके लिए दिल से धन्यवाद.
दोस्तो, यह थी अजय मीना की कहानी. जहां मैं जाते समय मीना के लिए एक अजनबी था और आते समय उसके पारिवारिक मित्र की भांति आया.
मैं आप सबसे भी यही उम्मीद करता हूँ. कोई भी पुरुष यदि आपसे अपनी बीवी को चुदवाना चाहता है, तो इसका मतलब है कि उसे आप पर यकीन है. तो आपकी भी ज़िम्मेदारी बनती है कि उसकी और उसकी बीबी की इज़्ज़त का पूरा सम्मान करे.
आपको सेक्स कहानी कैसी लगी, मुझे बताना जरूर. मुझे आपके मेल का इंतजार रहेगा.