बातों-बातों में डाक्टर मालिनी नसरीन को चुदाई वाले खिलौने दिखाने के लिये पीछे के कमरे में ले गयी।
नसरीन की चूत अपनी चुदाई की कहानी सुनाते-सुनाते गीली हो चुकी थी। उधर मालिनी का भी यही हाल था। मालिनी की चूत नसरीन की चुदाई की कहानी सुनते सुनते गीली हो चुकी थी। दोनों की चूतें गीली हुई पड़ी थी। मालिनी का मन नसरीन से अपनी चूत चुसवाने का होने लगा। मालिनी ने नसरीन को चूत चुसाई वाली अपने मन की बात बता दी।
मेरी चूत चुसाई की बात सुन कर नसरीन बोली, “मालिनी जी, मुझे तो बस इतना पता है कि उनकी चूत चुसाई से मुझे बड़ा मजा आता था, अब भी आता है, जब असलम मेरी चूत चूसता है। कई बार तो ऐसा भी होता है मालिनी जी कि असलम इतनी देर तक जोर-जोर से चूत चूसता, चाटता हैं कि इस चुसाई में ही मैं झड़ जाती हूं – मेरी चूत का पानी निकल जाता है।”
मैंने नसरीन से पूछा, “यही तो मैं भी पूछ रही हूं नसरीन, कभी सोचा है कि आखिर ये सारे मर्द चूत चूसते ही क्यों हैं? आखिर क्यों? निकलता तो पेशाब ही है इसमें से।” ये कह कर मैं हंस दी।
नसरीन भी मेरी बात सुन कर हंसी, मगर बोली कुछ नहीं।
मैंने ही फिर कहा, “नसरीन पेशाब के अलावा भी कुछ तो निकलता ही होगा चूत में से जिसको चूसने का मजा इन मर्दों को आता है।”
नसरीन मेरी इस बात पर भी कुछ नहीं बोली।
फिर मैंने ही नसरीन को बताया,” नसरीन तुम भी एक औरत हो, ये तो तुम भी अच्छी तह जानती ही होगी कि कुदरत की तरफ ही जब लड़की या औरत चुदाई का सोचती है, या चुदाई करवाने के लिए तैयार होती है तो चूत में से एक चिकना सा पानी निकलने लगता है। ये पानी हल्की खुशबू लिए हुए होता है और स्वाद में हल्का सा नमकीन होता है।”
मेरी इस बात पर नसरीन ने हां में सर हिलाया, आखिर थी तो वो भी मस्त चुदाई करवाने वाली औरत ही।
मैंने बात जारी रखी, “अब नसरीन इस चिकने पानी की खासियत ये होती है कि ये जल्दी सूखता नहीं। ये चूत के अंदर और बाहर जहां झांटों के बाल होते हैं, वहां जमा हो जाता है। हवा के सम्पर्क से आने के कारण इसमें अजीब सी मस्त करने वाली गंध आने लगती है। यही गंध सूंघने वालों को पागल करती है।”
“नसरीन जैसे चूत चुसवाने में मजा आता है ऐसा ही चूत चूसने में भी मजा आता है। असल में तो चूत के इसी शहद की खुशबू और उसका हल्का नमकीन स्वाद ही तो है मर्दों का लंड एक-दम सख्त कर देता है। असलम ने भी तो यही कहा करता था तुमसे।”
नसरीन ने हंसते हुए हां में सर हिलाया और बस इतना ही कहा, “मालिनी जी आप भी ना।”
यह कहते हुए नसरीन ने अपनी चूत जरूर खुजला ली।
फिर मैंने नसरीन से कहा, “नसरीन अब ये बताओ जब तक तुम चूत चूसोगी नहीं तो पता कैसे लगेगा कि चूत चुसाई क्या होती है, चूत के पानी का स्वाद कैसा मस्ती भरा होता है।”
मेरी इस बात पर नसरीन बोली, “मालिनी जी वैसे तो मुझे ये ख्याल कभी नहीं आया, और आता भी तो मैं क्या करती? चूसने के लिए चूत भी तो होनी चाहिए। कोई अपनी चूत तो चूस नहीं सकता।”
मैंने कहा, ” बिल्कुल ठीक है। चूसने के लिए चूत भी तो होनी चाहिए, कोइ अपनी चूत तो नहीं चूस सकता।”
फिर मैंने कुछ रुक कर कहा, ” नसरीन आज मन है चूत चूसने का? चूसोगी चूत? अभी – इसी वक़्त।”
नसरीन हैरानी से बोली, ” अभी इसी वक़्त? किसकी चूत मालिनी जी?”
मैंने कहा, “मेरी चूत नसरीन। चूसोगी मेरी चूत? जानना चाहोगी क्या निकलता है चूत में से जो मर्द चूत चुसाई के दीवाने रहते हैं। मेरी चूत इस वक़्त गीली हुई पड़ी है। मस्त मजा आएगा तुम्हें इसे इस वक़्त चूसने चाटने का।”
नसरीन लगभग चिल्लाते हुए बोली, “आपकी चूत मालिनी जी? आप चूत भी चुसवाती हैं?”
मैंने भी कहा, ” मेरी बात छोड़ो नसरीन, मैं मजे के लिए सब कुछ करती हूं। चूत चूसती भी हूं और चुसवाती भी हूं। लंड भी लेती हूं सब जगह – आगे पीछे मुंह में। बस एक ही बात होनी चाहिए, सामने वाला मर्द देखने भालने में बढ़िया हो और लंड और लंड का दम, वो भी दोनों बढ़िया हो।”
नसरीन हैरानी से मेरी तरफ देख रही थी।
नसरीन को इस तरह हैरान देख कर मैंने फिर कहा, “बोलो नसरीन चूसोगी? उतारूं कपड़े?”
नसरीन ने हां में सर हिलाया और बोली, “ठीक है अगर ये बात है मालिनी जी जरूर चूसूंगी। उतारिये कपड़े और लेटिए। चूत चूसने का मजा मैं भी तो लेकर देखूं। मगर मालिनी जी कोइ आ तो नहीं जाएगा?”
मैंने कहा, “उसकी चिंता मत करो नसरीन। यहां मेरे इस क्लिनिक में कोइ भी तब तक नहीं आता जब तक मैं बुलाऊं ना।”
और ये कह कर मैंने कपड़े उतार दिए।
मेरे कपड़े उतारते ही नसरीन की शर्म भी खत्म हो गयी और उसने भी अपने कपड़े उतार दिए। नसरीन भी नंगी हो चुकी थी। नसरीन का जिस्म इस उम्र में भी संगमरमर की तरह चिकना, मुलायम और कड़क था।
मैंने नसरीन को बाहों से पकड़ा और खींच कर अपने से चिपका लिया। दोनों के मम्मे एक दूसरी के मम्मों को दबा रहे थे। नसरीन ने एक सिसकारी ली,” आआह मालिनी जी” और मैंने नसरीन के होंठ अपने होठों में ले लिए और एक हाथ की उंगली नसरीन की चूत में डाल दी।
कुछ देर नसरीन के होंठ चूसने के बाद मैंने नसरीन को छोड़ा और कहा, “आ जाओ नसरीन दिखाओ अपने होठों और जुबान का कमाल।”
ये कह कर मैं लेट गयी। चूतड़ों के नीचे तकिया रख के चूत ऊंची कर दी और दोनों हाथ नीचे से डाल कर चूत की फांकें खोल दी।
मेरी गुलाबी चूत देख कर नसरीन ने मेरी चूत में उंगली दाल दी और एक सिसकारी ली, “अअअअअह… मालिनी जी… आपकी चूत।”
फिर नसरीन मेरी चूत की तरफ झुकते हुए बोली कुछ सोचते हुए बोली, “मालिनी जी क्या आप भी मेरी चूत चूसेंगी?”
मैंने जवाब दिया, ” बिल्कुल चूसूंगी, ऐसे थोड़े ही छोड़ दूंगी तुम्हे? बताया तो है नसरीन, मैं चूत चुस्वाती भी हूं और चूसती भी हूं और आज तुम्हारी चूत भी चूसूंगी।”
नसरीन मेरी चूत चूसने के लिया नीचे की तरफ झुक रही थी, और साथ ही हैरानी से मेरी तरफ देख रही थी, जैसे सोच रही हो ये कैसी मनोचिकित्स्क है।
नसरीन ने जिस तरह से पूरे जोर-शोर और जोश के साथ मेरी चूत चूसी, मुझे मजा ही आ गया। नसरीन इस तरह मेरी चूत चूस रही थी, जैसे मेरी चूत से निकल रहे पानी की एक-एक बूंद चाट जाना चाहती हो। दस मिनट की चूत चुसाई के बाद मैंने कहा, “बस नसरीन, मेरा तो कुछ अंदर लेने का मन हो रहा है। चल अब बारी-बारी से इन खिलौनों से मजा लेते हैं। आजा इसी तकिये पर चूतड़ रख कर लेट जा और चूत की फांकें खोल ले और दाना दिखा अपनी फुद्दी का। चल पहले चूत का दाना रगड़ने वाला लगाती हूं।”
नसरीन लेटने के लिए उठी और उठती उठती बोली, “मालिनी जी चूत चूसने का तो मजा ही बहुत आता है। चूत से उठती महक तो बड़ा मजा देती है। आपकी चूत की महक ने तो मेरी चूत ही पानी से भर दी और जो नमकीन स्वाद है चूत के पानी का – अब समझ आया क्यों चूत चोदने से पहले मर्द चूत चूसते चाटते हैं।
फिर कुछ रुक कर नसरीन बोली, “वैसे तो मालिनी जी जानवर भी यही करते हैं। सांड और कुत्ते को ही देख लो चुदाई की लिए गाये या कुतिया पर चढ़ने से पहले चूत सूंघते चाटते हैं।” नसरीन की इस बात पर मेरी हंसी छूट गयी।
नसरीन लेट गयी और चूत की फांकें खोल दी। मैंने उंगली शक्ल के खिलौने का आगे का हिस्सा नसरीन की चूत के दाने पर रक्खा। चूत का दाना पूरा खिलौने में बैठ गया। जैसे ही मैंने नीचे से बटन दबा कर वाइब्रेटर चालू किया, नसरीन की सिसकारी निकल गयी,” मालिनी जी मर गयी मैं, इतना मजा? आआआह आआआह।”
पांच मिनट के बाद ही नसरीन बोली, “बस मालिनी जी ,अगर और ये लगा रहा मेरी चूत के दाने पर तो मेरी तो चूत पानी ही छोड़ देगी। अब कोइ दूसरा डालिये।”
मैंने वो खिलौना हटा लिया और अंगरेजी के “C” शब्द की शक्ल का खिलौना निकाल लिया। जैल क्रीम लगा कर नसरीन की गांड का छेद चिकना किया और खिलौने का एक हिस्सा पूरा अंदर तक नसरीन की गांड में बिठा दिया।
इस खलौने के दूसरे हिस्से को चूत में जाने में तो कोइ समस्या ही नहीं हुई। नसरीन की चूत पानी से भरी पड़ी थी। प्लप्प से वो हिस्सा चूत में जड़ तक चला गया। इस हिस्से के आखिर में लगा हुआ उंगली जैसा हिस्सा चूत के दाने पर चिपक गया। सब तैयारी के बाद मैंने खिलौने के नीचे बटन चालू किया और पूरा खिलौना वाइब्रेट करने लगा। मजे के मारे नसरीन की चीख निकल गयी।
जब खिलौने अपना काम करने लगे और नसरीन को मजा आने लगा तो मैं उठी और नसरीन के मुंह पर अपनी चूत रख कर नसरीन के ऊपर उल्टा हो कर लेट गयी।
नसरीन समझ गयी कि मैं क्या चाहती हूं। नसरीन मेरी चूत चूसने लगी। मुझे मजा आने लगा। नसरीन तो चूतड़ हिलाती जा रही थी। एक बार नसरीन ने चूतड़ जोर से हिलाये और मेरी चूत में ही हूं हूं हूं करके सिसकारी ली और चूतड़ घूमने बंद कर दिए।
नसरीन को एक मजा आ चुका था। नसरीन की चूत एक पानी छोड़ चुकी थी। मगर नसरीन की चूत और गांड के अंदर बैठे खिलौने चालू ही थे। ना नसरीन ने मुझे इन्हें निकलने के लिए कहा, और ना ही मैंने नसरीन की गांड और चूत में से वो खिलौने निकाले।
मैंने रबड़ का लंड उठाया और पीछे हाथ करके अपनी चूत में बिठा कर वाईब्रेटर चालू कर दिया। मेरी चूत, और नसरीन की चूत और गांड सब भरी पड़ी थी। मैं अभी भी नसरीन के ऊपर ही थी। जल्दी ही नसरीन ने फिर चूतड़ घुमाने शुरू कर दिए। अगले बीस मिनट यही कुछ चलता रहा।
कौन कितनी बार झड़ा कितनी बार चूत का पानी निकला इसकी कोई गिनती नहीं थी। खूब सारे मजे लेने के बाद मैं नसरीन के ऊपर से हटी। नसरीन की चूत और गांड के अंदर बैठे हुए रबड़ के लंड की वाइब्रेशन बंद की। अपनी चूत के अंदर का खिलौना भी बंद किया और नसरीन की साथ ही लेट गयी।
नसरीन बोली, “मालिनी जी ये तो बड़े ही करिश्माई खिलौने हैं।”
“हां नसरीन ये करिश्माई खिलौने ही हैं, जो औरत की चूत और गांड को मर्द की असली चुदाई का मजा देते हैं।”
चूत चुसाई और खिलौनों के मजे लेने के बाद मैं फिर से असली मुद्दे पर आ गयी।
मैंने नसरीन से कहा, “बस नसरीन अब मुझे असलम को ये यकीन दिलाना है कि जब वो अपनी अम्मी, यानी तुम्हारी चुदाई बंद कर देगा तो तुम किस तरह काम चलाओगी – कैसे अपनी चूत का पानी छुड़ाओगी।”
“एक बार ये बात असलम के दिमाग मैं बैठ गयी कि उसकी उसकी चुदाई बंद करने के बाद भी तुम चुदाई जैसे मजे लेती रहोगी, तो मुझे लगता है शादी के बारे में उसका नजरिया बदल जाएगा।”
मेरी ये बात सुन कर नसरीन ने बड़ी ही तसल्ली से मुझे देखा, जैसे उसे विश्वास हो गया हो कि मैं असलम कोई शादी के लिए मना लूंगी।
कुछ देर बाद हम दोनों उठी। बाथरूम जा कर हाथ मुंह और चूत की धुलाई की। चेहरे मेकअप ठीक किया और क्लिनिक में आ गयी।
नसरीन के लिए उस दिन के लिए मेरे क्लिनिक में कुछ करने को नहीं था। अब मैंने असलम से बात करके इस मां बेटे की चुदाई के बारे में उसका, असलम का नजरिया जानना था और आगे क्या और कैसी करना है ये फैसला करना था।
नसरीन ने पूछा, “मालिनी जी अब? अब आप असलम से बात करेंगी? आप को लगता है असलम शादी के लिए हां कर देगा?”
मुझे लगा नसरीन असलम की शादी के लिए कुछ ज्यादा ही फिक्रमंद है। मैंने उसे दिलासा देने वाले अंदाज में कहा, “देखो नसरीन पहली बात तो ये है कि अगर तुम मुझ से पूछो तो ये मां-बेटे, बाप-बेटी में बनने वाले चुदाईयों के रिश्तों का कोइ भविष्य नहीं होता। तुम असलम से चुदाई शुरू होने चार साल बाद इस बात को समझ चुकी हो, मगर असलम अभी भी नहीं समझा। मुझे बस उसे यही समझाना है, और मुझे पूरी उम्मीद है कि वो मान जाएगा।”
“दूसरी बात, असलम जो सोचता है कि अगर उसकी शादी हो गयी तो तुम्हारी चूत का पानी कौन और कैसे छूटेगा। तो उसका जवाब ये खिलौने हैं जो मैं मौका देख कर असलम को दिखाऊंगी, और उसे ये विश्वास भी दिलाऊंगी कि उसकी शादी के बाद भी तुम चुदाई के लिए तरसोगी नहीं और बाद में भी चुदाई जैसे मजे लेती रहोगी।”
नसरीन को मेरे इन बातों से बड़ा सुकून मिला।
मैंने फिर नसरीन को कहा, “अब तुम निश्चिन्त हो जाओ। कल मुझे असलम से बात करने दो, सब ठीक हो जाएगा। कल सुबह ग्यारह बजे असलम को मेरे पास भेज देना। कल तुम्हें आने की जरूरत नहीं। वैसे भी मैं असलम से अकेले में ही बात करूंगी।”
“ठीक है मालिनी जी” कह नसरीन जाने के लिए उठी तो मैंने पूछा, “नसरीन जाओगी कैसे?”
नसरीन बोली, “देखती हूं मालिनी जी कोइ ऑटो या टैक्सी मिल जाएगी।”
मेरा ड्राइवर शंकर उस दिन आया नहीं था। मैंने नसरीन से कहा “तुम बैठो नसरीन, मैं तुम्हारे लिए टैक्सी बुलवाती हूं।”
मैंने टैक्सी के लिए फोन किया और सात आठ मिनट के बाद ही टैक्सी आ गयी, और नसरीन चली गयी। अब अगले दिन सुबह असलम ने आना था, और मेरा इरादा नसरीन की टेप की हुई आवाज और बातें मैंने असलम को सुनाने का था।
नसरीन की बताई बातों में से असलम की अम्मी नसरीन और अब्बू बशीर की चूत चुदाई वाले हिस्से का असलम के इस केस से कुछ लेना देना नहीं था। लिहाजा असलम के सामने मैं वहीं से टेप चालू करना चाहती थी जहां से मामला असलम से जुड़ता था।
वैसे भी अब्बू अम्मी की चुदाई और उस चुदाई के दौरान होने वाली बातें एक बेटे के लिए सुनना ठीक नहीं था। भले हालातों के चलते हुए आज के दिन बेटा अपनी अम्मी की चुदाई ही कर रहा था।
मैंने टेप फिर से रिकार्डर में डाली और रिमोर्ट का बटन दबा दिया।
नसरीन की टेप चालू – क्लिक की आवाज के साथ टेप रेकार्डर चालू हो गया और मैं ध्यान से नसरीन की आवाज सुनने लगी।
नसरीन की शादी, बशीर की नसरीन के साथ पहली चुदाई। नसरीन की चूत की सील फटना। बशीर और नसरीन का चुदाई की फिल्म चला कर चुदाई करना। बशीर का नसरीन की गांड चोदना।
असलम की अम्मी अब्बू – बशीर और नसरीन की चुदाई का ये वाला हिस्सा सच में ही असलम के लिए नहीं था।
यहां मैंने टेप रोक दी और टेप रिकार्डर बंद कर दिया।
अगले दिन ठीक ग्यारह बजे असलम मेरे क्लिनिक पर पहुंच गया।
असलम अच्छे नैन नक्शों वाला जवान तंदरुस्त लड़का था।
असलम को देख कर मेरी चूत में झुरझुरी सी हुई। मैंने सोचा लंड भी बढ़िया होगा इसका I वैसे तो नसरीन ने बताया ही था कि असलम का लौड़ा कलाई के बराबर मोटा और आधे हाथ जितना लम्बा लंड था।
पहले अक्सर घरों में जब कलाई की बराबर के बात करते थे तो मतलब होता था लगभग दो इंच ढाई इंच गोलाई और जब आधा हाथ कहा जाता है तो इसका मतलब होता था हाथ के बीच की उंगली से कुहनी तक की लम्बाई जो अक्सर चौदह इंच से ले कर बीस के बीच होती है।
इस आधे हाथ का मतलब तो हुआ सात से लेकर दस इंच लम्बा और दो इंच से ज्यादा मोटा? क्या इतना बड़ा लंड होगा असलम का?
इतना सोचते ही मेरी आंखों के आगे असलम का खड़ा लंड घूमने लगा और मेरी तो चूत और गांड दोनों खलबली मच गयी।