हेलो दोस्तों, मैं कारण फिरसे आ गया रघुवीर और राज की अनोखी कहानी को आयेज बढ़ने. जैसा की पिछली कहानी में आप जाने की नीषा को प्यार का इज़हार करने के लिए राज मदद करता है. लेकिन रघुवीर माना कर देता है.
जब नीषा को राज अपने कमरे में ले जेया रहा होता है, तो रघुवीर उसका पीछा करता है, और उन दोनो की बात सुनता है. अब क्या सुनता है, और उसके बाद क्या होता है, वो जानिए.
राज: क्या बोला उसने?
नीषा (रोते हुए): उसने माना कर दिया.
राज: तुम बस तोड़ा इंतेज़ार करो, वो तुम्हारा प्यार को समझेगा.
ये सब सुन कर रघुवीर को बहुत गुस्सा आया, और वो सोचने लगा की राज ने उसके साथ ऐसा क्यूँ किया. जब वो ऑलरेडी माना कर चुका था, फिर भी उसने नीषा को उसके साथ कैसे भेजा.
रघुवीर अब गुस्से में वाहा से चला गया. फिर जेया कर पीने लगा. पार्टी में सब डॅन्स कर रहे थे. उसने देखा की राज नेहा के साथ बहुत करीब से झूम रहा था. ये देख कर उसको नशा ज़ोर से चढ़ने लगा. धीरे-धीरे सब पार्टी से निकालने लगे, फिर सब दोस्त भी निकल गये.
अब सिर्फ़ रघुवीर ही था. वो इतना पिया था की उसके पापा ने उसको गाली दी, और घर में ना आने को बोला. तब राज रघुवीर को अपने कमरे में ले गया, और कमरे का दरवाज़ा बंद कर दिया बाहर से. घर को क्लीन करके जब राज अपने कमरे में गया तब उसने देखा की रघुवीर रो रहा था.
राज: वीर, यार इतना क्यूँ पी लिया? और अंकल से दाँत पड़ने पर रो रहे हो?
रघुवीर: पापा की तो आदत हो गयी है मुझे ज़लील करने की.
राज: तुम ऐसा मत सोचो.
रघुवीर: वो ऐसे ही है, और तुम भी वैसे ही हो.
राज: मैने क्या किया?
रघुवीर: तुम दोस्त हो कर मेरी पीठ पीछे बार किया.
राज: कैसा बार?
रघुवीर: जब मैं माना कर दिया था तब तुमने नीषा को मेरे पीछे क्यूँ भेजा? मैने सब सुन लिया है.
राज: वो तुमसे प्यार करती है, इसलिए मैने किया.
रघुवीर: लेकिन मैने तो माना कर दिया था ना.
राज: लेकिन वो तुम्हे प्यार करती है.
अब रघुवीर उल्टी कर दिया अपनी शर्ट के उपर ही. राज उसको अपने कंधे पे सर रख कर वॉशरूम ले गया, और उसकी शर्ट उतरी. उसकी मस्क्युलर बॉडी बहुत सेक्सी दिख रही थी. चौड़ी छाती, सिक्स पॅक एबेस, और बड़े बाजू. हॉट लग रहा था वो.
राज ने उसकी बॉडी को सॉफ किया, और उसको बेड के उपर लिटा दिया. रघुवीर कुछ बक-बक कर रहा था, लेकिन राज ने उसको पूरा सॉफ किया और बोला-
राज: जो भी बोलना है कल बोलना और मैने कुछ भी ग़लत नही किया.
रघुवीर ( नशे में): तुम जान बूझ कर सब कर रहे हो.
राज: क्या जान बुझ कर?
रघुवीर: तुम जानते हो की मैं क्यूँ उसे पसंद नही कर रहा हू.
राज: मुझे पता नही.
रघुवीर ( गुस्सा और नशे में): तो सुनो, मैं तुम्हे चाहता हू.
राज: क्या!
रघुवीर: मैं तुम्हारे पास रहना चाहता हू. ई लोवे योउ. प्यार करता हू मैं तुमसे. वरना नेहा को तुम्हारे साथ देख कर मैं क्यूँ गुस्सा होता?
राज: तुम पागल हो गये हो क्या?
रघुवीर: हा तुम्हारे प्यार में.
ये बोल कर रघुवीर ने पहली बार राज को किस किया लीप तो लीप. राज ने उसके फेस को डोर करना चाहा, मगर रघुवीर इतना कस्स के पकड़ा था, की उसकी बाहों से राज निकल नही पाया. अब धीरे-धीरे राज भी मदहोश हो गया, और किस का साथ देने लगा.
अब रघुवीर राज की शर्ट निकाल कर उसके छाती को किस करने लगा, और दोनो ही एक-दूसरे के जिस्म से खेलते रहे. फिर ऐसे ही खेलते-खेलते कब एक-दूसरे की बाहों में सो गये, पता ही नही चला.
जब सुबह हुई तब रघुवीर उठा और देखा की राज उसके बगल में सोया था, और दोनो सिर्फ़ अंडरवेर में थे. कमरे में पंत-शर्ट इधर-उधर पड़े थे. तब उसको सारी बातें याद आ गयी, और वो रात की किस के बारे में सोच-सोच कर मुस्कुरा रहा था. अब राज की भी नींद खुल गयी, तो उसने देखा की रघुवीर राज को देख रहा था. तभी फाटाक से राज उठ गया और बोला-
राज: ये हमने क्या कर दिया?
रघुवीर: कुछ ग़लत तो नही हुआ है ना?
राज: तुम्हे कुछ याद है की नही रात की बारे में?
रघुवीर: सब याद है मुझे.
राज: खैर जाने दो, भूल जाओ की कुछ हुआ था.
रघुवीर: हमने कुछ ग़लत नही किया है, और मैं जो बोला था वो सही बोला था.
राज: तुम्हारा नशा अभी तक नही उतरा है ना?
रघुवीर ( राज के पास आ कर): मैं सच में तुमसे प्यार करता हू.
ये बोल कर रघुवीर ने राज को फिरसे लिप्स पे किस किया. मगर तभी राज ने उसे डोर किया, और एक थप्पड़ मारा.
राज: ये क्या कर रहे हो?
रघुवीर: प्यार.
राज: मैं तुमसे नही करता.
रघुवीर: मगर मैं तो करता हू.
राज: कब से?
रघुवीर: मुझे सिर्फ़ दोस्ती लग रहा था, लेकिन कॉलेज जाने के बाद मुझे प्यार का एहसास हुआ.
राज: लेकिन मैं प्यार नही करता हू.
रघुवीर: अगर नही करते हो तो रात को मेरे किस के बाद तुम भी किस क्यूँ किए?
राज: उसे भूल जाओ.
रघुवीर: ठीक है, तो तुम भी नीषा के बारे में अब मुझसे कोई बात नही करना.
राज: नीषा तुम्हारे लिए सही है.
रघुवीर: कैसे? तुम्हे लगता है.
राज: एक बात बोलो, अगर तुम्हे वो पसंद नही तो वो कैसे तुम्हारा नाम “वीर डार्लिंग” के नाम से सवे की है?
रघुवीर: वो उसकी मर्ज़ी.
राज: ओक, फिर वो तुम्हे वीर क्यूँ बुलाती है.
रघुवीर: मैने उसके लिए कल उसको माना कर दिया.
राज: मैं बस तुम्हारे लिए अछा सोच रहा हू यार, नीषा को अपना लो.
रघुवीर: क्या तुम नेहा को अपना पाओगे?
राज: मेरी बात छोढ़ो.
रघुवीर: अगर मैने नीषा को अपनाया, तो तुम्हे भी नेहा को अपनाना पड़ेगा.
राज: लेकिन मैं तो उससे प्यार नही करता हू.
रघुवीर: तो फिर भूल जाओ.
राज: ठीक है, मैं नेहा को अप्नौँगा.
रघुवीर: तो फिर कॉलेज चलो, और आज के आज हम दोनो प्रपोज़ करेंगे.
फिर रघुवीर चला गया. राज बोल तो दिया, मगर कैसे करेगा ये सब. लेकिन उसको प्रपोज़ करना ही सही लगा. क्यूंकी वो रघुवीर की लाइफ के बारे में सोच रहा था. अगर राज माना कर देगा तो रघुवीर भी किसी को हा नही बोलेगा.
अब दोनो कॉलेज गये, और कॅंटीन में खाना खा रहे थे. तभी-
रघुवीर: दोस्तों, आज राज अपने प्यार का इज़हार करने जेया रहा है.
मलांग: किससे?
रघुवीर: वो अभी पता चल जाएगा.
तभी राज बिना कुछ सोचे ही नेहा के पास चला गया.
राज: नेहा, ई लोवे योउ.
नेहा ( खुशी से): ई लोवे योउ टू.
सब ताली मारने लगे. तभी रघुवीर भी खड़ा हो कर नीषा के पास चला गया.
रघुवीर: नीषा, कल के बारे में सॉरी.
नीषा: इट’स ओक.
रघुवीर: ई लोवे योउ नीषा.
नीषा: ई लोवे योउ टू, ऑम्ग!
रघुवीर: और तुम्हे मैं आज से वीर बुलाने का हक भी देता हू.
अब सब खुशी से झूम रहे थे. नीषा और नेहा भी बहुत खुश थे. तभी राज वाहा से निकल कर वॉशरूम जाने लगा. वॉशरूम में पीछे से रघुवीर आ गया.
राज: क्या हुआ?
रघुवीर: अब खुश हो ना तुम?
राज: बहुत, और तुम बताओ?
रघुवीर: तुम खुश हो तो मैं भी बहुत खुश हू. लेकिन अंदर से टूट चुका हू.
आयेज की कहानी अब अगले पार्ट में. अगर आपको ये अनोखी कहानी अची लग रही है, तो अपने कॉमेंट्स मेरी मैल ईद महरकरण64@गमाल.कॉम पर भेजे. धन्यवाद.