ही फ्रेंड्स, मेरा नाम कुणाल है. मैं 19 साल का हू, और कॉलेज में पढ़ता हू. ये मेरी बिल्कुल रियल कहानी है. मैं पुंजब के जागरवं में रहता हू. मेरी हाइट 5’6″ है, और रंग बहुत गोरा है. मैं दुबला-पतला हू, लेकिन मेरी गांद बाहर की तरफ निकली हुई है.
मेरे दोस्त अक्सर मज़ाक-मज़ाक में मेरी गांद पर हाथ फेरते रहते है. मैं उनको ऐसा ना करने के लिए कहता हू, लेकिन अंदर ही अंदर मुझे उनका ऐसा करना बहुत अछा लगता है. ये कहानी पिछले महीने की है. तो चलिए शुरू करते है.
मुझे गांद चुदाई की तलब लगनी शुरू हो गयी थी. लेकिन ये समझ नही आता था की किससे चड़वौ. किसी दोस्त को बोल नही सकता था, क्यूंकी कॉलेज में बदनामी का दर्र था. फिर मुझे एक दिन खुद-बा-खुद मौका मिल गया गांद छुड़वाने का. चलिए बताता हू क्या हुआ था.
मैने गवर्नमेंट जॉब के लिए एग्ज़ॅम फिल किया था. एग्ज़ॅम चंडीगार्ह में होना था. मेरा रोल नो. और एग्ज़ॅम की डटे दोनो आ गये थे. एग्ज़ॅम सुबा 9 बजे शुरू होना था, तो मैने एक दिन पहले जाने का डिसाइड किया.
शाम को 5 बजे मैं चंडीगार्ह पहुँच गया. फिर मैने किसान भवन को जाने वाली बस पकड़ी. वाहा जाके मैने रूम माँगा, तो उनके पास रूम अवेलबल नही था. फिर उन्होने मुझे हॉल बेड के बारे में बताया. वाहा हॉल में बहुत सारे बेड लगे होते है, और सिर्फ़ बेड का रेंट देना पड़ता है.
मैने एक बेड ले लिया, और समान रख कर उस पर लेट गया. मैने नाइट सूट पहना हुआ था, जिसमे त-शर्ट और कपरी थी. मेरी गोरी-गोरी टांगे कपरी में से दिख रही थी. फिर मैने इधर-उधर देखा, तो ज़्यादा लोग नही थे.
तभी मेरी नज़र एक गाओं के हटते-काटते आदमी पर पड़ी. हमारे पुंजब में गाओं वेल बंदे को पेन्दु कहते है. वो मेरी तरफ देख रहा था. वो 6 फुट लंबा था, और उसके मूह पर दाढ़ी थी. उसकी उमर 40-45 के करीब लग रही थी.
जब मैने उसको देखा, तो उसने मुझे स्माइल पास कर दी. उसकी स्माइल मुझे थोड़ी अजीब लगी, और मैने अपना मूह घुमा के दूसरी तरफ कर लिया.
थोड़ी देर बाद मैने फिर उसकी तरफ देखा, तो वो मेरी तरफ ही देख रहा था. उसने मेरी तरफ किस का इशारा किया, और मैने अपना मूह घुमा लिया. मुझे अब कुछ-कुछ होने लगा था. मेरी गांद में खुजली होने लगी थी, और वो लंड माँग रही थी.
मैने सोचा क्यूँ ना अपनी गांद का खाता इसी से खुलवाया जाए. ये सोच कर मैने फिरसे उसकी तरफ देखा, और मैने भी उसको स्माइल पास कर दी. ये देख कर वो खुश हो गया. वो मुझे उसके पास आने का इशारा करने लगा.
फिर मैं खड़ा हुआ, और बातरूम की तरफ जाने लगा. बातरूम हॉल के बाहर एक कोने में था. मैने जाते-जाते उसको मेरे पीछे आने का इशारा कर दिया. फिर मैं बातरूम में पहुँचा. 9 बाज चुके थे, तो वाहा कोई नही था. 2 मिनिट बाद वो भी आ गया. मेरे पास आके वो बोला-
वो आदमी: तू तो कमाल की चीज़ है. मुझे देगा?
मैं: इसीलिए तो तुम्हे यहा बुलाया है.
ये सुन कर वो खुश हो गया. उसने कुर्ता-पाजामा पहना हुआ था. उसने जल्दी से पाजामा और अंडरवेर नीचे किए, और अपना लंड बाहर निकाल लिया. उसका लंड खड़ा हुआ था, और पुर 8 इंच का था. फिर वो बोला-
वो आदमी: चल मेरी जान, अब प्यार कर इसको.
मैं जल्दी से घुटनो के बाल बैठा, और उसके लंड को हाथ में लेके हिलने लगा. फिर मैं लंड को जीभ से चाटने लगा. कुछ देर चाटने के बाद मैने लंड मूह में डाल लिया. जैसे ही मैने लंड मूह में डाला, उसने मेरे बाल पकड़ लिए, और मेरे मूह में धक्के देने लग गया.
वो ज़ोर-ज़ोर से मेरे मूह में धक्के मारने लगा. मेरे मूह से लार बह रही थी, लेकिन मज़ा भी आ रहा था. उसका मोटा लंड मेरी थूक से पूरी तरह से सन्न चुका था. फिर उसने लंड बाहर निकाला, और मुझे खड़ा कर लिया.
उसने अपने होंठ मेरे होंठो के साथ लगाए, और मेरे होंठ चूसने लगा. बड़ा मज़ा आ रहा था. ये मेरी लाइफ की पहली किस थी. फिर उसने मुझे दूसरी तरफ घुमाया, और पीछे से मुझे हग कर लिया. मेरे बूब्स पर हाथ डाल कर वो मेरे बूब्स मसालने लगा.
वो इतनी ज़ोर से बूब्स मसल रहा था, की मुझे दर्द हो रहा था. लेकिन उतना ही मज़ा भी आ रहा था मुझे. फिर उसने मेरे सारे कपड़े उतार दिए, और अब मैं उसके सामने नंगा खड़ा था. उसने मुझे दीवार से चिपकाया, और कमर से पकड़ कर तोड़ा पीछे करके झुकाया. मैने हाथ दीवार पर रख लिए, और गांद बाहर निकाल कर घोड़ी बन गया.
अब मेरी गांद उसके बिल्कुल सामने थी. पहले उसने मेरी गांद पर 2-3 थप्पड़ मारे. फिर वो नीचे बैठ गया, और मेरे चूतड़ खोल कर अपना मूह मेरे छूतदों में डाल लिया. वो मेरी गांद के च्छेद को अपनी जीभ से चाटने लगा. मुझे इतना मज़ा आ रहा था, की मैं बता नही सकता. पहली बार किसी की जीभ मेरी गांद के च्छेद पर महसूस कर रहा था मैं.
गांद के च्छेद को आचे से गीला करने के बाद उसने गांद में एक उंगली डाली. उंगली आराम से चली गयी, और मुझे मज़ा भी आया. फिर उसने 2 उंगलियाँ डाली, तो तोड़ा दर्द हुआ. लेकिन तीसरी उंगली पर मेरी चीख निकल गयी. वो टीन उंगलियाँ अंदर-बाहर करने लगा. मुझे दर्द हो रहा था, लेकिन मज़ा भी आ रहा था.
फिर वो खड़ा हुआ, और लंड मेरी गांद के च्छेद पर टीकाया. उसके बाद ऐसा ज़ोर का धक्का मारा, की आधा लंड मेरे अंदर चला गया. मेरी ज़ोर की चीख निकली, लेकिन उसने उसी वक़्त मेरा मूह अपने हाथ से बंद कर लिया. मैं गांद हिला कर लंड बाहर निकालने की कोशिश करने लगा. लेकिन उसने धक्के मार-मार कर पूरा लंड अंदर घुसा दिया.
मेरी गांद फटत गयी, और आँखों से आँसू निकल आए. जब मैं तोड़ा शांत हुआ, तो उसने लंड अंदर-बाहर करना शुरू किया. अब मुझे मज़ा आने लगा, और मैं उसको ज़ोर से छोड़ने के लिए कहने लगा. उसने अपनी स्पीड बधाई, और गांद पर थप्पड़ मारते हुए ताबाद-तोड़ चुदाई करने लगा.
20 मिनिट गांद छोड़ कर उसने मेरी गांद को माल से भर दिया. अब हम दोनो शांत हो चुके थे. उसने पाजामा पहना और वो चला गया. फिर मैं भी अपने कपड़े पहन कर जाके सो गया.
अगले दिन मैने एग्ज़ॅम दिया, और घर वापस आ गया.
तो दोस्तों ये था मेरा गांद चुदाई का अनुभव. अगर आपको कहानी पसंद आई हो, तो इसको शेर ज़रूर करे.