हे दोस्तों, मैं आज आपके लिए एक कहानी लेकर आया हू, और आयेज भी लाता रहूँगा. यहा से मैं एक स्टोरी सीरीस की शुरुआत करने जेया रहा हू, जो की बनी है “तारक मेहता का ऊलतः चश्मः” पर. तो ज़्यादा देर ना करते हुए शुरू करते है.
गोकुलधाम सोसाइटी (जेथलाल’स हाउस):-
हमारी इस स्टोरी के कॅरेक्टर्स है- चंपकलाल गाड़ा आंड माधवी भिड़े.
ये मेरी पहली कहानी है. तो कोई ग़लती हो तो प्लीज़ इग्नोर कर देना. चलिए शुरू करते है.
एक रात को बापू जी (चंपकलाल) को नींद नही आ रही थी, तो वो बाल्कनी में चला जाता है. थोड़ी देर बाद उसको आवाज़ आती है “आअहह ऊ आह टापू के पापा”. ये सुन कर बापू जी चौंक जाते है.
उन्होने काई सालों से सेक्स नही किया था. उनका लंड खड़ा हो गया इन आवाज़ो को सुन कर. फिर वो कीहोल से देखे तो दया ने जेथलाल के कुर्ते को नीचे कर दिया, और उसका 10 इंच का लंड खुला खड़ा हो गया. दया के मूह में पानी आने लगा, और उसने जेथलाल के लंड को हाथ में लिया, और उसके लंड पर थूका, जिससे वो गीला हो जाए. फिर वो लंड हिलने लगी, और जेथलाल धीरे-धीरे आवाज़ करने लगा.
दया को बहुत मज़ा आ रहा था, और उसने जेथलाल के लंड को अपने गालों से और होंठो से रगड़ना शुरू किया. फिर धीरे से मूह में ले लिया, और चूसने लगी. दया ने लंड मूह में ही लिया था, की जेथलाल ने उसको घोड़ी बना दिया और सीधा उसकी छूट में लंड डाल दिया. फिर वो उसके बूब्स को हाथ में लेकर उसको फुल स्पीड से झटके मारने लगा. बापू जी से भी ना रहा गया. उन्होने उनको देख कर मूठ मार ली, और फिर वो सोने चले गये.
फिर सुबा हो जाती है. बापू जी वो व्यू भूल नही पा रहे थे, की कैसे दया जो की एक-दूं पर्फेक्ट फिगर वाली थी, उसको उन्होने चूड़ते देखा. पर वो उनकी बहू भी थी, तो उन्होने ज़्यादा कुछ नही किया. वो सुबा-सुबा निकल जाते है
घूमने. जैसे ही वो सोसाइटी में बाहर निकलते है, उन्हे न्यूसपेपर वाला मिलता है.
बापू जी: तुम इतनी लाते न्यूसपेपर देने आए हो?
न्यूसपेपर वाला: चाचा जी मैने सारे पेपर रख दिए है. पर ये भिड़े भाई का रह गया था.
तो बापू जी ने सोचा की वो न्यूसपेपर मैं दे दूँगा. इसी बहाने मैं माधवी को देख लूँगा. जिनको नही पता, माधवी एक नंबर की मिलफ है. उसके फिगर की कोई टक्कर नही है, पर बबिता छ्होटे कपड़े पहन कर सब को अपनी तरफ अट्रॅक्ट कर लेती है. लेकिन बापू जी पुराने ज़माने के है. उन्हे माधवी का फिगर बहुत सेक्सी लगता है, क्यूंकी वो सारी पहनती है.
बापू जी: लाओ बेटा, मैं दे दूँगा भिड़े के घर.
न्यूसपेपर वाला: ठीक है चाचा जी, ये लो.
उसके बाद कॉंपाउंड में बापू जी को भिड़े और सोनू मिलते है. उनसे मिलने के बाद बापू जी को पता चला की भिड़े सोनू को छ्चोढने कॉलेज जेया रहा था. उसके बाद वो किसी काम से बॅंक में जाएगा. ये सुन कर बापू जी खुश हो जाते है, और वो उसके घर जाते है. बेल बजाने पर माधवी दरवाज़ा खोलती है.
माधवी: चाचा जी अंदर आइए. सुबा-सुबा कैसे आना हुआ?
बापू जी: ये माधवी बेटी तुम्हारा न्यूसपेपर देने आया हू
माधवी: अछा चाचा जी, आप बैठिए, मैं आपके लिए मस्त एक छाई बना कर लेके आई.
बापू जी के माना करने के बाद भी माधवी चली गयी, और फिर छाई बना लाई.
माधवी: लीजिए चाचा जी.
ये कह कर वो टेबल पर रखने जाती है, और बापू जी को उसके बूब्स की क्लीवेज सॉफ-सॉफ दिख जाती है. उसके बाद बापू जी का 7″ इंच का लंड खड़ा हो जाता है, जो माधवी देख लेती है, और शर्मा जाती है.
फिर माधवी सोचती है की क्यूँ ना चाचा जी को तडपया जाए, और मज़े लिए जाए. क्या पता हमारे बीच सेक्स भी हो जाए. मॅरेज के कुछ सालों तक भिड़े उसे सॅटिस्फाइ कर देता था. पर बालों के साथ उसका स्टॅमिना भी ख़तम हो गया था.
माधवी: चाचा जी आपको पता है आज-कल मार्केट में बड़े-बड़े केले आ गये है? पर इनके पास छ्होटा केला ही है.
बापू जी: मतलब (बापू जी सब समझ गये थे, की माधवी क्या कहना चाहती थी)
माधवी: मतलब ये हमेशा छ्होटे केले लेके आते है. आप मुझे कही से बड़े केले दिलवा दीजिए.
बापू जी: माधवी बेटा…
इतने में ही बापू जी के हाथ से छाई गिर गयी बापू जी की धोती पर. वो खड़े हो गये, और चिल्लाने लगे.
माधवी: रुकिये चाचा जी.
और वो छाई सॉफ करने लगी धोती पर से. तभी अचानक से धोती खुल जाती है. अब माधवी के आयेज बापू जी का बड़ा लंड आ गया था.
बापू जी: रहने दो माधवी बेटा.
माधवी: कोई नही बापू जी रुकिये.
वो फिर अंदर से टवल लेके आई, और बापू जी को कहा-
माधवी: आप जेया कर नहा लीजिए
बापू जी: ठीक है बेटा.
फिर बापू जी नहाने लगते है, पर नाल बंद करने के बाद वो ग़लती से शवर ओं कर देते है, और ठंडे पानी की वजह से चिल्ला देते है.
उसके बाद माधवी बातरूम में जेया कर शवर बंद कर देती है. माधवी अब पूरी भीग गयी थी.
बापू जी: थॅंक योउ बेटा.
माधवी: लीजिए चाचा जी मैं आपकी मदद कर देती हू नहाने में.
बापू जी: नही-नही बेटा, बस रहने दो. मैं अपने आप नहा लूँगा
माधवी: कोई नही बापू जी, मैं आपकी बेटी ही हू
ऐसा कह कर माधवी साबुन सॉफ करने लगती है. अब बारी थी लंड की. माधवी की वजह से वो पहले से खड़ा था. फिर माधवी उसको पकड़ कर सॉफ करती है. लंड को पकड़ने की वजह से वो गरम हो जाती है. फिर अचानक से बापू जी को लंड पर गरम फील होता है. ऐसा लग रहा था की कोई लंड को चूस रहा हो.
इश्स कहानी में इतना ही. बाकी की कहानी नेक्स्ट पार्ट में. दोस्तों ये कहानी की बस शुरुआत है. इसका अगला पार्ट मैं जल्दी लेकर अवँगा. आप बस मुझे अपना प्यार देते रहिएगा, और फीडबॅक देना बिल्कुल मत भूलिएगा. अगर कोई लड़की ये कहानी पढ़ कर गरम हो जाती है, तो मुझे सेक्स छत या फिर सेक्स वीडियो कॉल के लिए एमाइल कर सकती है.
अगर अगली स्टोरी जल्दी चाहिए तो इस एमाइल पर मेसेज करे. ये मेरी पहली स्टोरी थी. ग़लतियों को इग्नोर करे और मुझे एमाइल में बताए मुझसे क्या-क्या ग़लती हो गयी है.