ही फ्रेंड्स, मैं अभिजीत अपनी कहानी का अगला पार्ट लेके आप सब के सामने हाज़िर हू. उमीद है आपने मेरी पिछली स्टोरी को पढ़ कर मज़े लिए होंगे. अगर आपने पिछली कहानी नही पढ़ी है, तो प्लीज़ पहले उसको ज़रूर पढ़े.
पिछले पार्ट में आप सब ने पढ़ा की मैं एक धरामशाला में अपने बेटे को लेके खड़ा था. वाहा लंगर लगा हुआ था, और मेरी बाकी फॅमिली लंगर खा रही थी. तभी एक सेक्सी लड़की मेरे बेटे को पकड़ने के लिए पूछने लगी.
उसके साथ मैने तारक मारी तो पता चला की वो भी चालू थी. उस लड़की का नाम सोनम था, और वो पास ही के दूसरे होटेल में अपनी फॅमिली के साथ रुकी हुई थी. फिर मैने उससे अकेले में मिलने का प्लान बनाया. वो भी मान गयी. फिर हमारी फॅमिलीस तो घूमने गयी, लेकिन हम दोनो नही गये. उसके बाद मैं उसको मिलने गया. अब आयेज.
मैं सोनम के होटेल पहुँच चुका था, और उसने मुझे अपना रूम नंबर मेसेज कर दिया. मैने लिफ्ट पकड़ी, और उसके फ्लोर पर पहुँचा. फिर मैने उसके रूम के बाहर जाके बेल बजाई. कुछ ही सेकेंड्स में सोनम ने दरवाज़ा खोला.
मैने जैसे ही उसको देखा, मेरी तो आँखें पूरी खुल गयी. सोनम ने एक डेनिम शॉर्ट्स और उसके साथ स्लीव्ले शॉर्ट त-शर्ट पहनी हुई थी. उसकी शॉर्ट्स उसकी जांघों तक ही थी, और नीचे की सारी टांगे नंगी थी. उसकी त-शर्ट टाइट थी, और कमर से थोड़ी उठी हुई थी. उठी हुई त-शर्ट में उसकी नाभि तक का पेट दिख रहा था.
उसको देख कर मुझे उन दीनो की याद आ गयी, जब मैं रेसलिंग में लड़कियों को लड़ते हुए देख कर मूठ मारा करता था. सोनम भी उन कपड़ों में अपने हेवी शरीर के साथ वैसी ही सेक्सी लग रही थी. फिर वो जान-बूझ कर नाटक करते हुए मुझे बोली-
सोनम: जी कहिए? क्या काम है आपको?
मैं: जी मेरा इस रूम में कुछ रह गया था. वो लेने आया हू.
सोनम: क्या रह गया था.
मैं: मेरी एक पप्पी नाम की चीज़ रह गयी थी.
सोनम: किसकी पप्पी?
मैं: एक सोनम नाम की लड़की थी, उससे एक पप्पी लेनी थी.
सोनम: यहा इस नाम की कोई लड़की नही है.
मैं: ऐसे कैसे नही है? उसने खुद मुझे यहा बुलाया है. और मैं आपकी बात क्यूँ मानु? मुझे चेक करने दीजिए.
ये बोल कर मैं रूम के अंदर घुस गया. फिर मैं इधर-उधर देखते हुए बोला-
मैं: यहा तो सच में सोनम नही है. तो अब मैं पप्पी किससे लू?
सोनम: मुझे क्या पता.
मैं: क्यूँ ना आप मुझे पप्पी डेडॉ मेरी.
सोनम: मैं?
मैं: हा आप.
सोनम: कहा पर पप्पी करना चाहेंगे आप?
मैं: वो तो मैं करके ही बता सकता हू.
सोनम: चलिए ठीक है, फिर कर लीजिए.
उसके ये कहते ही मैने उसको अपनी बाहों में खींच लिया, और उसके होंठो से अपने होंठ चिपका दिए. फिर मैने पागलों की तरह उसके होंठो को चूसना शुरू कर दिया. सोनम भी मेरा साथ दे रही थी. होंठ चूस्टे हुए मैं अपने हाथ उसकी मोटी गांद पर ले गया, और उसको दबाना शुरू कर दिया.
क्या मस्त गांद थी यार, एक-दूं सॉफ्ट और गद्दे-दार. कुछ देर होंठ चूसने के बाद मैने सोनम की गर्दन चाटनी शुरू की, और फिर उसकी क्लीवेज में मूह डाल कर उसको चूमने-चाटने लगा. बड़ी स्वाद थी सोनम, उसको चूसने में जन्नत वाला मज़ा आ रहा था. फिर मैने उसकी त-शर्ट निकाल दी, और अब वो ब्रा और शॉर्ट्स में थी.
ब्रा में उसके काससे हुए बूब्स बॉम्ब जैसे लग रहे थे. फिर मैने उसको घुमाया, और उसकी पीठ पर किस करने लगा. उसके बाद मैने उसकी ब्रा का हुक खोल दिया, और ब्रा नीचे ज़मीन पर गिरा दी. सोनम ने अपने हाथो से अपने बूब्स धक लिए. फिर मैने दोबारा उसको अपनी तरफ घुमाया, और उसके बूब्स से उसके हाथ हटता कर हमला बोल दिया.
मैं जानवरो की तरह उसके बूब्स चूस रहा था, और उन्हे खा रहा था. वो मस्त आहें भर रही थी. निपल काटने पर वो चिल्लती. जब उसके बूब्स चूस-चूस कर लाल हो गये, तो मैने उसको उठाया, और बेड पर पटक दिया. वो किसी नागिन की तरह बेड पर तड़प रही थी.
फिर मैने उसकी शॉर्ट्स और पनटी एक साथ निकाल दी. उसकी छूट बिल्कुल क्लीन-शेव्ड थी. मैने देखते ही उसकी छूट को मूह लगा लिया, और उसको चूसने लगा. वो मेरे सर को अपनी छूट में दबा रही थी, और गांद हिला-हिला कर छूट चटवा रही थी. क्या स्वाद था उसकी छूट का, मज़ा ही आ गया.
अब मैं नंगा हो गया. मेरा बड़ा लंड देख कर वो खुश हो गयी. मैं उसकी टाँगो के बीचे आया, और उसकी छूट पर लंड रगड़ने लग गया. वो आ आ की सिसकियाँ ले रही थी. फिर मैने एक ज़ोर का धक्का मारा, और आधा लंड उसकी छूट में घुस गया. उसकी छूट काफ़ी टाइट थी. वो चीखने लगी.
मैने अपने मूह से उसका मूह बंद किया, और ज़ोर लगा कर पूरा लंड उसकी छूट में घुसा दिया. वो तड़प रही थी, लेकिन मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. फिर मैं धीरे-धीरे लंड उसकी गरम छूट के अंदर-बाहर करने लगा. जब उसका दर्द कम हुआ, तो मैने उसके होंठ रिलीस कर दिए.
फिर उसने मुझे ज़ोर से करने को कहा. मैने अपनी रफ़्तार बधाई, और तेज़ी से उसकी छूट को छोड़ने लगा. उसकी छूट धड़ा-धड़ पानी छ्चोढ़ रही थी, और छाप-छाप की आवाज़े आने लगी. वो पूरी उत्तेजित थी, और होंठ चूसने के दौरान मेरे होंठो को काट रही थी. मेरा लंड उसकी बच्चे-दानी तक जेया रहा था. हम दोनो को बहुत मज़ा आ रहा था.
फिर मैने उसको घोड़ी बनाया, और पीछे से उसकी छूट में लंड थोक दिया. उसकी गांद बहुत बड़ी लग रही थी इस पोज़िशन में. मैं उसकी गांद पर थप्पड़ मारता गया, और छूट छोड़ता गया. 20 मिनिट की ठुकाई के बाद मैने अपने लंड का माल उसकी छूट में ही निकाल दिया. वो अब तक 2 बार झाड़ चुकी थी.
उसके बाद हम दोनो नंगे ही लेते रहे, और थोड़ी देर बाद हमारी फिरसे चुदाई हुई. जीतने दिन मैं वाहा रहा, किसी ना किसी बहाने से उसको छोड़ता रहा. वाहा से आने के बाद हम कभी नही मिले.
कहानी का मज़ा आया हो, तो शेर ज़रूर करे.