ही फ्रेंड्स, मेरा नाम आशीष है. मैं देल्ही का रहने वाला हू, और वही पाला-बढ़ा हू. मेरी उमर 24 साल है, और हाइट 5’11” है. दिखने में हॅंडसम हू, और लंड मेरा 7 इंच का है. इस कहानी में मैं आपको बतौँगा की कैसे मैने अपनी बेहन को प्रेग्नेंट किया. तो चलिए कहानी शुरू करता हू.
मेरी फॅमिली में मेरे अलावा मेरे मम्मी, पापा, और एक बड़ी बेहन है. मेरी बेहन का नाम शीतल है, और वो मुझसे 3 साल बड़ी है. उसकी शादी पिछले साल ही हुई है. मेरी बेहन का रंग गोरा, हाइट 5’6″, और फिगर 34-30-36 है.
उसमे वो सब कुछ है, जो किसी भी मर्द का लंड खड़ा कर दे. मैने अपनी बेहन की शादी से पहले या बाद में उसके बारे में कभी ग़लत नही सोचा था. लेकिन फिर कुछ ऐसा हुआ की सब कुछ बदल गया.
हुआ यू की शादी के एक साल बाद तक भी दीदी प्रेग्नेंट नही हुई. इस वजह से उसके ससुराल वाले उस पर बांझ होने का इल्ज़ाम लगाने लगे. जीजू बेहन का साथ देते थे, लेकिन उनके काम पर जाने के बाद दीदी की सास ताने मार-मार कर उनकी बुरी हालत कर देती थी.
बेहन इस बात से बहुत दुखी थी. उसने पापा को भी जब ये बात बताई, तो पापा ने उसकी सास से बात की. लेकिन आप तो जानते है ये औरतें किसी की कहा सुनती है. फाइनली दीदी तंग आ कर थोड़े दिन के लिए घर आ गयी.
दीदी और मैं एक-दूसरे के साथ शुरू से फ्रॅंक थे. हम लोग एक-दूसरे को अपनी हर प्राब्लम बता देते थे. मेरी सारी गर्लफ्रेंड्स के बारे में दीदी को पता था. मुझे जब भी किसी गर्लफ्रेंड के साथ नाइट-आउट पर जाना होता, तो मैं दीदी की हेल्प लेता था. वो भी मुझे पूरा सपोर्ट करती थी.
जब वो घर आई, तो मैने उनसे पूछा-
मैं: दीदी आपने डॉक्टर से कन्सल्ट किया?
दीदी: हा, कन्सल्ट भी किया, और मैने और तेरे जीजू ने टेस्ट भी करवाए. लेकिन सब नॉर्मल है.
मैं: तो फिर दिक्कत क्या है?
दीदी कुछ नही बोली.
मैं: दीदी बोलो ना. आप जानती है ना की आप मुझसे हर बात कर सकती है.
दीदी: आशीष दिक्कत ये है की तेरे जीजू का बहुत छ्होटा है. और वो जल्दी झाड़ जाते है. जब सेक्स प्रॉपर्ली नही होगा, तो बच्चा कैसे कन्सीव होगा.
मैं: श, अब इसका क्या सल्यूशन है.
दीदी: सल्यूशन तो है, लेकिन इसमे तेरी हेल्प लगेगी.
मैं: दीदी आप बोलो क्या करना है?
दीदी: अगर तुम मुझे प्रेग्नेंट करदो तो?
मैं: वॉट! ये कैसे हो सकता है? मैं आपका भाई हू.
दीदी: मैं जानती हू. और मुझे भी ये बोलने में शरम आ रही है. लेकिन किसी बाहर वाले से करवाने से अछा है, तेरे से करवा लू.
मैं: लेकिन मैने आपको कभी उस नज़र से देखा नही.
दीदी: वो तू मुझ पर छ्चोढ़ दे. तेरी नज़र मैं एक रात में बदल दूँगी.
मैं: लेकिन…
दीदी: लेकिन-वेकीन छ्चोढ़. तू बता तू करेगा, या मैं किसी बाहर वाले को ढूंढू?
मैं: ठीक है दीदी, लेकिन मुझसे करवाना आपकी ज़िम्मेदारी है.
दीदी: ओक. तू आज रात तैयार रहना. डिन्नर के बाद जब मम्मी पापा सो जाएँगे, तब मैं तेरे रूम में आ जौंगी.
मैं: ठीक है.
फिर रात हो गयी, और हम सब ने साथ बैठ कर डिन्नर किया. डिन्नर के बाद सब ने कुछ देर बातें की, और फिर सब अपने-अपने रूम में सोने चले गये. मैं अपने बेड पर बैठा दीदी की वेट कर रहा था. मैने बॉक्सर्स और त-शर्ट पहन रखी थी. मैं दीदी के बारे में गंदा सोचने की कोशिश कर रहा था, लेकिन मुझसे हो नही रहा था.
फिर 10 बजे दीदी मेरे कमरे में आ गयी, और दरवाज़ा अंदर से बंद कर दिया. उन्होने पिंक कलर की निघट्य पहनी थी ढीली-ढाली सी, जिसमे उनका पूरा बदन ढाका हुआ था. मैने सोचा इस निघट्य में तो दीदी किसी चर्च की मदर लग रही है. इसमे ये कैसे मूड बनाएँगी. लेकिन अगले कुछ सेकेंड्स में पूरा सीन ही बदल गया.
दीदी ने मेरे सामने अपनी निघट्य उठाई, और उपर से निकाल दी. नीचे दीदी टू-पीस बिकिनी में थी, वो भी लाल रंग की. उनकी ऐसे देखते ही मेरी आँखें फाटती की फाटती रह गयी. मेरे लंड में करेंट सा लग गया उनकी सेक्सी बॉडी देख कर.
फिर वो मेरे सामने घूम कर मुझे अपना सेक्सी जिस्म दिखाने लगी. वो कुछ डॅन्स मूव्स करने लगी जैसे पोले डॅन्स कर रही हो. ऐसा लग रहा था जैसे वो मेरी दीदी नही कोई कल्लगिर्ल हो. जब वो दूसरी तरफ घूम कर झुकी, तो उनकी गांद देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया.
कुछ मिनिट्स में मेरा लंड खड़ा करने के बाद वो डॉग वॉक करते हुए मेरे पास आई, और मेरे बॉक्सर्स और अंडरवेर नीचे करके लंड बाहर निकाल लिया. लंड पूरा खड़ा था, और दीदी ने उसको झट से मूह में डाल लिया.
जैसे ही लंड उनके मूह में गया, मेरी आ निकल गयी. फिर दीदी किसी सस्ती रंडी की तरह मेरा लंड चूसने लगी. मैं भी अब भूल चुका था की वो मेरी बेहन थी. मैं उनके सर पर हाथ रख कर लंड पर दबाने लगा.
कुछ देर में जब मेरा लंड पूरा गीला हो गया, तो दीदी मूह दूसरी तरफ करके मेरे सामने घोड़ी बन गयी. अब उनकी गांद मेरी तरफ थी. मैने झट से उनकी पनटी नीचे की, और उनकी चिकनी छूट चाटने लगा. उनकी छूट पानी छ्चोढ़ रही थी.
फिर मैने अपना लंड उसी पोज़िशन में उनकी छूट पर सेट किया, और ज़ोर का धक्का मार कर अंदर घुसा दिया. दीदी की चीख निकल गयी. मैने उनके चूतड़ पकड़े, और ढाका-धक उनको छोड़ने लग गया. वो आ आ कर रही थी.
फिर मैने उनकी ब्रा खोली, और पीछे से उनके बूब्स दबाने लगा. जब मैने दीदी को पोज़िशन बदलने के लिए कहा तो वो बोली, की वो मुझे अपनी शकल नही दिखना चाहती थी चूड़ते हुए. मैं समझ गया की वो मजबूरी में ये कर रही थी. इसलिए मैने भी उनको फोर्स नही किया.
मैं उसी पोज़िशन में उनको छोड़ता गया, और फिर अपना सारा माल उनकी छूट में निकाल दिया. उस रात मैने टीन बार दीदी को उसी पोज़िशन में छोड़ा. 15 दिन तक दीदी हमारे घर में थी. 10 दिन तक वो रोज़ रात को मेरे कमरे में आती, और घोड़ी बन जाती. फिर मैं उनकी छूट छोड़ता.
फिर 11त दे उन्होने कहा की वो प्रेग्नेंट हो चुकी थी. उसके बाद वो मुझसे चूड़ने नही आई. मैं भी खुश था की वो प्रेग्नेंट हो गयी.
कहानी समाप्त.