घोड़ी बना कर बजाने के बाद अब मैं पलंग के किनारे बैठ गया, और भाभी जी से लंड चूसने के लिए कहा। अब भाभी जी मुस्कराने लगी।
“रोहित जी यार अब ये मुझसे नहीं होगा।”
“अच्छा! अब आप मुझे ज्यादा बेवकूफ मत बनाओ। भाई साहब का भी तो चूसती हो आप।”
“नहीं, मैं तो उनका भी नहीं चूसती हूं।”
“क्यों! चूसने में ऐसा क्या हुआ भाभी जी?”
“कुछ नहीं बस अच्छा नहीं लगता।”.
“अरे भाभी जी आप चूसो तो सही। सब अच्छा लगेगा।”
तभी मैंने भाभी जी के हाथ में लंड पकड़ा दिया। अब भाभी जी के पास और कोई चारा नहीं बचा था। अब भाभी जी धीरे-धीरे मेरा लंड मसलने लगी। फिर भाभी जी ने मेरे लंड को मसल कर लाल कर दिया। अब भाभी जी मेरे लंड को मुंह में भर कर चूसने लगी। भाभी जी बड़ी शिद्दत से मेरे लंड को चूस रही थी। भाभी जी को लंड चूसने में मुझे बहुत मज़ा आ रहा था।
“आहहा भाभी जी बहुत अच्छा लग रहा है, आह्ह।”
भाभी जी लपक कर मेरा लंड चूस रही थी। मैं भाभी जी की हेल्प करते हुए उनके बालों को एक तरफ कर रहा था। कूलर की हवा में भाभी जी के बाल उड़ रहे थे।
“आह्हा भाभी जी ऐसे ही चूसो, आह।”
भाभी जी मेरे लंड को चूस-चूस कर लॉलीपॉप बना रही थी। भाभी जी को भी मेरा लंड चूसने में बहुत मज़ा आ रहा था। मैं भाभी जी के बालों को समभाल रहा था। फिर भाभी जी ने थोड़ी देर में ही मेरे लंड को बुरी तरह से चूस डाला।
अब मैंने भाभी जी को उठाया, और फिर से पलंग पर पटक दिया। अब मैंने भाभी जी की टांगे खोल उनकी चूत में फिर से लंड ठोक दिया। अब मैं भाभी जी को दे दना दन बजाने लगा। तभी भाभी जी फिर से मेरे लंड के तूफान में उड़ने लगी।
“आआह्हह्ह्ह ओह्ह्ह्ह आहा आईईईई आहा आहाहा ओह्ह्ह्ह्ह सिस्सस उन्ह्हह।”
“ओह्ह्ह भाभी जी बहुत मज़ा आ रहा है। आहह।”
मैं भाभी जी को झमाझम चोद रहा था। तभी भाभी जी ने मुझे बाहों में कस लिया। अब भाभी जी बेआबरू होकर मेरी पीठ को नाखूनों से खोदने लगी थी। मेरा लंड भाभी जी की आग को और ज्यादा भड़का रहा था। मेरा लंड भाभी जी की चिकनी चूत की जड़ तक दस्तक दे रहा था।
“आईई आईई और जोर-जोर से चोदो रोहित जी। आईई निकाल दो मेरी चूत की गर्मी।”
“हां भाभी जी, अभी निकालता हूं आपकी चूत की गर्मी।”
“हां निकाल दो रोहित जी। मैं भी आपसे चुदने के लिए बहुत तड़प रही थी। आहा आईईईई ऊंह ओह्ह्ह्ह मम्मी।”
तभी मैं तगड़े जोश में आ गया, और मैंने मेरे लंड के घोड़े दौड़ा दिए। अब मैं जोर जोर से भाभी जी को बजाने लगा तभी ताबड़-तोड़ ठुकाई से पलंग बुरी तरह से चूड़-चूड़ करने लगा। जोरदार ठुकाई से भाभी जी भी बुरी तरह से फड़फड़ाने लगी थी।
“आईई आईई आईई ओह्ह्ह रोहित जी आहह आहाहा और जोर-जोर से आहह आहह आईई।”
“ले साली और जोर से।”
आज मेरा लंड भाभी जी की चूत की आग को भड़का चुका था। मैं भाभी जी की चूत में दे दना दन लंड पेले जा रहा था। लेकिन भाभी जी की चूत की आग शांत नहीं हो रही थी।
“आईई आईई आहह आहह आहह आईईईई आहा।”
तभी धुआंधार ठुकाई से भाभी जी का पानी निकल गया। मैं भाभी जी को ताबड़-तोड़ ठोके जा रहा था। फिर लास्ट में मेरा लंड भी रुकने लगा और फिर मैंने भाभी जी को कस कर दबोच लिया। फिर कुछ ही पलों में भाभी जी की चूत मेरे लंड के पानी से भर गई।
तभी भाभी जी ने मुझे बाहों में भर लिया। फिर बहुत देर तक हम दोनों ऐसे ही नंगे एक-दूसरे से लिपटे रहे। भाभी जी मेरा लंड लेकर बिल्कुल चुप थी। वो शर्म के मारे पानी-पानी हो रही थी। वो एक-दम पूरी नंगी मेरे साथ बिस्तर पर थी।
“ओह्ह्ह्ह भाभी जी मजा आ गया। बहुत ही मस्त माल हो आप।”
“आपका हथियार भी बहुत ही मस्त है रोहित जी।”
“आपकी चूत लेने के बाद मेरे लंड को चैन आया है।”
“हां रोहित जी। मेरी चूत की आग भी अब शांत हुईं है।”
“अभी तो आपकी आग को और बुझाना है भाभी जी ।”
“नहीं रोहित जी यार अब कोई आ जायेगा।”
“कोई नहीं आयेगा भाभी जी।”
तभी मैं फिर से शुरू हो गया। अब मैं भाभी जी के होठों पर टूट पड़ा था और बुरी तरह से भाभी जी के होठों को चूसने लगा। अब भाभी जी भी प्यासी होकर मेरे होठों को खा रही थी। अब भाभी जी का कमरा आउच पुच्छ आउच पुच्छ आउच पुच्छ पुच्छ की आवाज़ों से गूंजने लगा था। हम दोनों बुरी तरह से एक-दूसरे के बाद की चुसाई कर रहे थे।
अब मैं नीचे सरका और मैंने भाभी जी के जिस्म पर अटके हुऐ ब्रा और ब्लाउज को उतार फेंका। अब भाभी जी पूरी नंगी हो चुकी थी। अब मैंने भाभी जी के बूब्स को मुंह में दबा लिया और फिर से भाभी जी के बूब्स का रस पीने लगा। अबकी बार भाभी जी मस्त होकर उनके साथ का रस पिलाने लगी।
“ओह्ह्ह्ह सिस्स्स ऊंह ओह्ह्ह रोहित जी आहा खूब चूसो मेरे बूब्स को, आह्हा। अच्छे से रगड़ डालो, उन्ह्ह।”
मैं सबड़-सबड़ कर भाभी जी के बोबों को चूस रहा था। भाभी जी के बड़े-बड़े बोबे बड़ी मुश्किल से मेरे मुंह में आ रहे थे। मुझे तो भाभी जी के बोबों के साथ खेलने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।
“ओह भाभी जी आहा बहुत ही गज़ब के चूचे है। उन्ह भाभी जी।”
“खा जाओ रोहित जी मेरे बूब्स को। आहा बहुत रस भरा है इनमें, आहा उन्ह्ह्ह सिस्स्स।”
“उन्ह्ह्ह भाभी जी।”
मैं भाभी जी के रसीले बोबों को बुरी तरह से झंझोड़ रहा था। भाभी जी मेरे बालों में हाथ चला रही थी।
“ओह रोहित जी सिसस्ससस्स उंह ओह आह्ह, बससस्स ऐसे ही चूसो।”
“हां भाभी जी।”
भाभी जी के बोबों को चूसने में मुझे जन्नत का सुख मिल रहा था। मैं भाभी जी के बगीचे को जम कर लूट रहा था। भाभी जी आज उनके बगीचे को मेरे हवाले कर चुकी थी। फिर मैंने बहुत देर तक भाभी जी के बोबों को चूसा।
अब मैं तुरंत भाभी जी की चूत पर आ गया और उनकी गांड के नीचे तकिया लगा दिया। अब मैं भाभी जी की चूत में उंगलिया पेलने लगा। भाभी जी की चूत भट्टी की तरह जल रही थी। अब मैं भाभी जी की चूत में आग लगाने लगा। तभी भाभी जी कसमसाने लगी।
“उन्ह ओह सिसस्ससस्स ओह आहाहाह सिसस्ससस्स ऊंह ओह्ह्ह रोहित जी। ऐसे मत करो।”
“ओह्ह्ह भाभी जी करने दो। आहा बहुत आग लगी है आपकी चूत में तो।”
“अब आप और मत भड़काओ मेरी आग को, आह्हा सिसस।”
“मैं तो भड़काउंगा भाभी जी।”
मैं जोर-जोर से भाभी जी की चूत में उंगलिया पेल रहा था। भाभी जी बिन पानी की मछली की तरह तड़प रही थी। वो बेडशीट को मुट्ठियों में भींच रही थी। भाभी जी अब पसीने में भीगने लगी थी।
“उन्ह ओह सिसस्ससस्स आह्ह ओह उन्ह धीरे-धीरे रोहित जी।”
“ओह भाभी जी आह्ह बहुत मज़ा आ रहा है, आहा।”
मैं भाभी जी की चूत में ज़ोर-ज़ोर से उंगलिया पेल रहा था। भाभी जी दर्द से तड़प रही थी। मैं भाभी जी की चूत में बुरी तरह से खलबली मचा रहा था। तभी भाभी जी खुद को नहीं रोक पाई, और भाभी जी का पानी निकल गया।
“ओह रोहित जी, मरर्रर्र गैईईईई।”
तभी मैंने भाभी जी की चूत पर मुंह रख दिया, और भाभी जी की बहती हुई चूत का पानी पीने लगा। भाभी जी अब मुझे उनकी चूत पर दबाने लगी। मैं भाभी जी की चूत को चाट रहा था।
“सिसस्ससस्स उन्ह ओह्ह्ह सिसस। अब पी लो मेरे पानी को, ओह सिसस्ससस्स।”
मैं भाभी जी की चूत को चाट-चाट कर पूरा मज़ा ले रहा था। भाभी जी तो बुरी तरह से नसते-नाबूत हो चुकी थी। फिर मैंने बहुत देर तक भाभी जी की चूत चाटी। अब मेरा लंड फिर से भाभी जी की चूत में खलबली मचाने के लिए तैयार था।
अब मैंने फिर से भाभी जी की टांगे खोल दी, और उनकी चूत में लंड सेट कर दिया। अब मैं भाभी जी की चूत में लंड ठोक-ठोक कर उन्हें फिर से बजाने लगा। तभी भाभी जी फिर से मेरे लंड के तूफ़ान में उड़ने लगी। मैं भाभी जी को पलंग पर ताबड़-तोड़ चोद रहा था।
“ओह भाभी जी आह्ह बहुत कमाल की माल हो आप।”
“आह्ह आह्ह सिससस्स आह्ह। हां और इस माल को आप आज जम कर चोद रहा है। वो भी दिन दहाड़े।”
“अब घर के माल को चोदने में कैसा डर?”
“हां सही कह रहे हो। बजा लो आप तो जितनी बजानी हो मुझे। मुझे भी आपसे बजवाने में मज़ा आ रहा है।”
“हां भाभी जी।”
मैं भाभी जी की चूत में झमाझम लंड ठोक रहा था। मेरे लंड की ठुकाई से भाभी जी बुरी तरह से हिल रही थी। आज उनके जिस्म का पुर्ज़ा-पुर्ज़ा ढीला हो चुका था। इसी बीच ताबड़-तोड़ धक्कम-पेल में। भाभी जी का पानी निकल गया।
“आह्ह आह्ह आह्ह सिससस्स उन्ह आह्ह ओह सिसस्ससस्स, ओह्ह्ह्ह रोहित जी। आप तो बहुत जोरदार ठुकाई करते हो। आहा आईईईई ऊंह सिस्सस।”
“हां भाभी जी। मैं तो सोनिया जी को ऐसा ही मज़ा देता हूं।”
“आप तो सोनिया जी को फुल मजे दे रहे हो रोहित जी।”
“अब आपको भी तो दूंगा सोनिया जी”
“हां रोहित जी। दे देना। आहा आईईईई ऊंह सिस्सस।”
फिर मेने भाभी जी को खूब देर तक पटक-पटक कर चोदा। अब मैंने भाभी जी को उठाया, और उन्हे मेरी गोद में बिठा लिया। अब मैंने भाभी जी को उठाया और फिर उन्हें मेरी गोद में बिठा लिया। अब मैंने भाभी जी की चूत में लंड सेट कर दिया। तभी भाभी जी तुरंत समझ गई कि उन्हें क्या करना था।
अब भाभी जी ने झटके मारना शुरू कर दिया। वो मुझे कस कर पकड़े हुई थी। भाभी जी ने कभी नहीं सोचा होगा, कि वो कभी मुझसे इस तरह से भी चुदेगी। भाभी जी झटके मार रही थी।
“आह्ह आहा आह्ह आह्ह सिससस्स आह्ह आह।
“ओह भाभी जी आह्ह मज़ा आ रहा है। थोड़ा और ज़ोर-ज़ोर से झटके मारो।”
“हां रोहित जी, आह्ह आह्ह सिससस्स आह्ह।”
अब भाभी जी ज़ोर-ज़ोर से झटके मार-मार कर चुद रही थी। भाभी जी के बड़े-बड़े चूचे बार-बार मुझसे टकरा रहे थे। मैं भाभी जी की कमर को पकड़ कर उनके चूचों को मुंह में लेने की कोशिश कर रहा था।
“आहा आह्ह आह्ह सिससस्स आह्ह आह्ह उन्ह सिससस्स आह्ह आह्ह ओह मम्मी।”
अब भाभी जी धीरे-धीरे पसीने में भीगने लगी थी। भाभी जी के बिखरे हुए बाल भाभी जी को सेक्सी बना रहे थे।
“ओह भाभी जी बहुत सेक्सी लग रही हो आप। आह्ह बहुत मज़ा आ रहा है।”
“ओह रोहित जी बहुत मज़ा आ रहा है आज आपसे चुदाने में। आहा, बहुत मस्त लंड है तेरा।”
आज भाभी जी को चुदाई का फीवर चढ़ चुका था। वो चूत में लंड लेने में पागल सी हो रही थी। तभी भाभी जी अकड़ने सी लगी, और फिर कुछ देर में ही भाभी जी मुझसे लिपट गई।
“ओह रोहित जी गईईई मैं तो।”
तभी झरर्र-झरर्र भाभी जी का पानी निकल गया। फिर भाभी जी बहुत देर तक मुझसे लिपटी रही। अब मैं भाभी जी के चूचों को फिर से चूसने लगा।
“ओह भाभी जी उन्ह आहा।”
अब भाभी जी मुझसे चिपक कर बोबे चुसवा रही थी। मैं आराम से भाभी जी के बोबे चूस रहा था। भाभी जी उनके बोबों को पकड़-पकड़ कर मेरे मुंह में दे रही थी।
“ओह रोहित जी खूब जम कर चूसो। आपके साले साहब को तो इनको चूसने की फ़ुर्सत ही नहीं मिलती।”
मैं भाभी जी को मेरी गोद में बिठा कर आराम से भाभी जी के बोबों का मज़ा ले रहा था। भाभी जी उनके बूब्स को लुटा रही थी। मैं भाभी जी के बूब्स लूटने में पीछे नहीं हट रहा था। फिर मैंने थोड़ी देर में ही भाभी जी के बोबे चूस डाले। अब भाभी जी ने मुझे पलंग पर पटक दिया। तभी भाभी जी मेरे ऊपर चढ़ गई।
अब भाभी जी मेरे ऊपर चढ़ कर हमला करने लगी। वो मेरे होंठों को बुरी तरह से चूसने लगी। अब भाभी जी भूखी शेरनी बन चुकी थी। मैं भाभी जी को आज उनकी भूख मिटाने का पूरा मौका दे रहा था।
अब कमरे में फिर से ऑउच्च पुच्च ऑउच्च पुच्च की आवाज़ों से गूंज रहा था। भाभी जी मेरे होंठो को बुरी तरह से खा रही थी।
भाभी जी ताबड़-तोड़ किस कर रही थी। फिर वो कुछ ही देर में मेरी चेस्ट पर आ गई और फिर शेरनी की तरह टूट पड़ी। । अब मैं भाभी जी के बालों को समभाल रहा था। भाभी जी एक-दम सी कयामत ढाने लगी थी।
“ओह आह्ह सिसस्स ओह भाभी जी। आहा।”
भाभी जी उनकी मदमस्त जवानी के जलवा दिखा रही थी। फिर भाभी जी किस करती हुई मेरे लंड पर पहुंच गई। अब भाभी जी ने मेरे लंड को पकड़ा, और उसे मसलने लग गई। फिर भाभी जी ने मेरे लंड को मसल कर लाल कर दिया।
अब भाभी जी मेरे लंड को मुंह में भर कर चूसने लगी। भाभी जी बड़ी शिद्दत से मेरे लंड को चूस रही थी। भाभी जी को लंड चुसाने में मुझे बहुत मज़ा आ रहा था।
“आहहा भाभी जी बहुत अच्छा लग रहा है, आह्ह।”
भाभी जी लपक कर मेरा लंड चूस रही थी। मैं भाभी जी की हेल्प करते हुए उनके बालों को एक तरफ कर रहा था। कूलर की हवा में भाभी जी के बाल उड़ रहे थे।
“आह्हा भाभी जी ऐसे ही चूसो। आह।”
फिर भाभी जी ने थोड़ी देर में ही मेरे लंड को बुरी तरह से चूस दिया। अब भाभी जी मुस्कुराती हुई मेरे लंड पर बैठ गई, और चूत में लंड सेट करने लगी।
“बहुत कड़क हैं आपका हथियार तो। मज़ा आ जाएगा।”
“हां भाभी जी।”
अब भाभी जी चूत में लंड सेट कर चुदने लगी।
“ओह्ह आह्हा सिसस उन्ह ओह्ह्ह आईई।”
“ओह्ह भाभी जी। बहुत सेक्सी लग रही हो।”
भाभी जी उछल-उछल कर चुद रही थी। भाभी जी के हर झटके के साथ ही उनके बोबे ज़ोर-ज़ोर से हिल रहे थे। भाभी जी को मेरे ऊपर चढ़ कर चुदाने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। वो लपक कर लंड ले रही थी।
“उंह ओह सिससस्स आहाहाह आह्ह ओह आईईईईई आह्ह।”
“ओह्ह्ह भाभी जी आहह बहुत मज़ा आ रहा है।”
भाभी जी की चुदास को देख कर लग रहा था कि भाभी जी की ताबड़-तोड़ ठुकाई हुए बहुत टाइम हो गया है। आज भाभी जी मेरे साथ पूरी खुल चुकी थी। भाभी जी के झटकों से बोबों के बीच में उनका मंगलसूत्र भी झूले खा रहा था।
“ओह्ह्ह आहह सिसस ओह्ह्ह रोहित जी। बहुत अच्छा लग रहा है। बहुत टाइम बाद आज मुझे चुदने में मज़ा आ रहा है।”
“खूब जम कर चुदो भाभी जी।”
कहानी जारी रहेगी…