हेलो फ्रेंड्स, मैं हू अविनाश. अब तक तो आप मुझे जान ही गये होंगे. और ये भी जेया गये होंगे की कैसे मैने अपनी बेटी को किसी लड़के से चूड़ते हुए देखा. और मुझे पता चला की कितनी बड़ी रंडी थी मेरी बेटी.
अब मैं उसको छोड़ने वाला था, और उसकी छूट की प्यास बुझाने वाला था. मैं बस रात होने की वेट कर रहा था. फिर रात हो गयी. अब आयेज की कहानी की तरफ चलते है.
रात में हम तीनो बैठ कर डिन्नर कर रहे थे. महक ने अब शॉर्ट्स आंड त-शर्ट पहनी थी. मैं बार-बार टेबल के नीचे नज़र घुमा कर उसकी सेक्सी जांघें देख रहा था. मेरा लंड फिरसे खड़ा हो रहा था.
मेरी नज़र बार मेरी बेटी की चैन पर जेया रही थी. मैं देख रहा था, की कैसे उसकी चैन का लॉकेट उसके चूचों में जेया रहा था. मैं सोच रहा था की लॉकेट की किस्मत कितनी अची थी, जो उसके गोरे बूब्स को चूम रहा था.
डिन्नर करने के बाद सब अपने रूम में चले गये. मेरी बीवी जल्दी ही सो जाती थी, तो वो 9 बजे तक सो चुकी थी. जब उसकी नींद गहरी हुई, तो मैं आराम से उठा, और चल दिया अपनी रंडी बेटी के कमरे की तरफ.
महक का कमरा उपर वाले फ्लोर के सबसे एंड में था, तो नीचे आवाज़ आने का कोई चान्स ही नही था. मैं उसके रूम के बाहर पहुँचा, और मैने दरवाज़ा खोलने की कोशिश की. लेकिन दरवाज़ा नही खुला.
महक ने दरवाज़ा अंदर से लॉक किया हुआ था. लेकिन परेशानी वाली कोई बात नही थी, क्यूंकी मेरे पास दूसरी चाबी थी.
फिर मैने आराम से दरवाज़ा खोला और अंदर चला गया. अंदर नाइट बल्ब चल रहा था, और ज़्यादा रोशनी नही थी. महक अपने बेड पर उल्टी होके सोई हुई थी.
उसके एक टाँग मोड़ रखी थी, जिससे उसकी गांद का ज़बरदस्त व्यू मिल रहा था. फिर मैं उसके पास गया, और हल्के से उसके बेड पर बैठ गया. मैने अपना एक हाथ उसकी जाँघ पर रखा, और उस पर हाथ फेरने लगा.
वाह! क्या सॉफ्ट जाँघ थी मेरी बेटी की. मैं उसकी जाँघ पर हाथ फेरते हुए उसकी कमर तक पहुँच गया, और फिर उसके चूचों तक आ गया. मैने हल्के से उसका एक चूचा दबाया. उसने ब्रा नही पहनी थी, फिर भी उसके चूचे हार्ड थे.
अब मुझसे रहा नही गया, और मैं अपने सारे कपड़े उतार कर नंगा हो गया. मेरा बड़ा और मोटा लंड मेरी बेटी की तरफ इशारा कर रहा था. फिर मैने जान बूझ कर महक की कमर पर उंगली दबाई, इससे उसको गुदगुदी हुई, और वो सीही हो गयी.
अब मेरी रंडी बेटी मेरे सामने सीधी लेती हुई थी. उसके मोटे-मोटे उभरे हुए चूचे क्या मस्त लग रहे थे. अब मैं उसके उपर आ गया, और कमर से उसकी त-शर्ट उठाने लगा. फिर मैने उसकी नाभि पर एक किस किया. क्या मस्त नाभि थी उसकी.
मैने त-शर्ट धीरे-धीरे उसके चूचों से भी उपर उसके गले तक कर दी. अब उसके चूचे मेरे सामने थे.
मैने उसके निपल्स पर जीभ फेरनी शुरू कर दी. उसकी साँसे तेज़ होने लगी, लेकिन अभी भी वो गहरी नींद में थी. फिर मैने उसकी शॉर्ट्स धीरे-धीरे नीचे उसकी जांघों तक कर दी.
वो बीच में तोड़ा हिली थी, लेकिन जागी नही. जाग भी जाती तो क्या था, आज तो मुझे उसको छोड़ना ही था. उसने ब्राउन कलर की पनटी पहनी हुई थी, और उसकी जांघें क्या मस्त लग रही थी.
फिर मैने उसकी पनटी के उपर से उसकी छूट पर मूह लगाया. क्या कमाल की खुश्बू आ रही थी उसकी छूट से. उसकी खुश्बू ने मेरी हवस को और बढ़ा दिया. मैने उसकी पनटी को उंगली से तोड़ा साइड करके उसकी छूट के दर्शन लिए. क्या खूबसूरत छूट थी.
मुझे अपने आप पर गर्व है, की मैने इतनी खूबसूरत छूट वाली लड़की पैदा की है. मैने उसकी छूट कर पनटी की साइड से ही जीभ चलानी शुरू कर दी. उसकी छूट भी पानी छ्चोढ़ रही थी.
अभी 1 मिनिट ही हुआ होगा मुझे छूट पर जीभ चलते हुए, की महक जाग गयी. वो एक-दूं से हड़बड़ा गयी, और मुझे देख कर बोली-
महक: पापा! आप यहा कैसे. और ये आप क्या कर रहे हो? और मेरे कपड़े! ये सब आपने किया.
इससे पहले वो और कुछ बोलती, मैने अपने होंठ उसके होंठो पर लगा दिए, और उसको बेड पर लिटा दिया. मैं भी उसके उपर ही था.
इससे पहले की वो कुछ समझ पाती, मैने जल्दी से अपने एक हाथ से उसकी पनटी नीचे की, और अपना लंड निकाल कर उसकी छूट पर सेट किया. वो झटपटा रही थी.
तभी मैने एक ज़ोर का धक्का मार कर पूरा का पूरा लंड उसकी छूट में घुसा दिया. वो चिल्लती, लेकिन उसका मूह तो मैने बंद कर रखा था. लेकिन उसकी आँखों से आँसू आने लगे.
बड़ी गरम छूट की मेरी बेटी की, लंड डाल कर मज़ा आ गया. फिर मैने उसके होंठ छ्चोढे तो वो बोली-
महक: पापा ये आप ठीक नही कर रहे. मैं आपकी बेटी हू.
मैं: हा तू मेरी बेटी है. लेकिन तू एक रंडी भी है, जो शायद कॉलेज के हर लड़के से चूड़ी है. मैने देखा तुझे सुबा उस लड़के से मेरे ही बेडरूम में चूड़ते हुए. लेकिन तू मेरी बेटी है, और तेरी प्यास मैं ही बुझा सकता हू.
महक: क्या! आपने देख लिया?
मैं: हा.
इसके बाद वो कुछ नही बोली, और चुप हो गयी. मैने फिरसे उसके होंठ चूसने शुरू कर दिए, और नीचे से धक्के लगाने लगा. जैसे-जैसे धक्के लगते गये, उसकी साँसे तेज़ होती गयी.
फिर जब वो आहह आ करने लगी, तो मैं फिरसे उसके होंठ चूसने लगा. इस बार वो मेरा साथ देने लगी. मैं समझ गया था, की वो अब मर्ज़ी से मुझसे चूड़ेगी.
फिर मैने उसकी टांगे मोदी, और ज़ोर-ज़ोर से धक्के लगाने लगा. उसकी छूट पानी-पानी हो रही थी. तभी वो बोली-
महक: अहः पापा, पापा अगर मम्मी को पता चल गया तो?
मैं: कों बताएगा उसको?
महक: ज़ोर से करो पापा. और ज़ोर से आ. मज़ा आ रहा है पापा आहह. ज़ोर से प्लीज़.
मैं ज़ोर-ज़ोर के धक्के मारने लगा, और साथ में उसके निपल्स चूसने लगा. वो मेरे बालों को सहला रही थी. बीच-बीच में मैं उसके होंठ भी चूस रहा था.
मैं तकरीबन 30 मिनिट उसी पोज़िशन में अपनी बेटी को छोड़ता रहा. और इस बीच वो शायद 2 बार झाड़ चुकी थी. फिर मैने लंड उसकी छूट से निकाला, और उसको घोड़ी बनने को कहा. वो जल्दी से घोड़ी बन गयी.
फिर मैने उसके चूतड़ कस्स के पकड़े, और पूरा लंड उसकी छूट में पीछे से घुसा दिया. उसकी ज़ोर की आ निकली, और मैने तेज़ी से लंड अंदर-बाहर करना शुरू कर दिया.
बड़ा मज़ा आ रहा था उसको घोड़ी बना कर छोड़ने में. रूम में ठप-ठप की आवाज़ आ रही थी. उसकी गांद बड़ी फिर और सॉफ्ट थी. मैने थप्पड़ मार-मार कर उसकी गांद को लाल कर दिया था.
फिर मैं उसके बाल खींच कर लंड अंदर-बाहर करने लगा. इसमे उसको दर्द होने लगा, और मुझे और मज़ा आने लगा. 20 मिनिट मैं उसी पोज़िशन में छोड़ता रहा. इस बीच वो तीसरी बार झाड़ चुकी थी.
3 बार झड़ने के बाद उसकी एनर्जी ख़तम हो चुकी थी, तो वो बोली-
महक: बस करो पापा आहह. मैं तक गयी हू.
मैं: अब क्या हुआ? बड़ी जल्दी हार मान गयी.
फिर मैने उसको सीधा किया, उसकी ब्रेस्ट पर बैठ कर लंड उसके मूह में डाल दिया. मैं ज़ोर-ज़ोर से उसके मूह को छोड़ने लग गया. बीच-बीच में मैं उसके मूह पर थप्पड़ भी मार देता.
फिर 10 मिनिट बाद मेरे लंड ने पानी छ्चोढ़ दिया. मैने उसका मूह अपने पानी से भर दिया, और वो पूरा पानी निगल गयी. फिर मैं उठा, अपने कपड़े पहने, और रूम से बाहर आ गया. वो वही पड़ी रही नंगी.
उस दिन के बाद से मैं जब चाहे अपनी बेटी की चुदाई करता हू. वो भी अब बाहर किसी से नही चुड़वति, क्यूंकी वो अपने घर के लंड से संतुष्ट है.
तो ये थी मेरी कहानी दोस्तों. अगर कहानी पढ़ कर मज़ा आया हो, तो लीके और कॉमेंट ज़रूर करना.