सबसे पहले आप सभी को मेरा प्यार भरा नमस्कार. मेरा नाम लकी है. मैं हरियाणा के सोनीपत जिला के एक गांव का रहने वाला हूँ. मैं एक मिडिल क्लास परिवार से हूँ. मेरी लम्बाई 5 फुट 10 इंच है. अच्छी सूरत और अच्छी कद काठी है. मेरे लंड की लम्बाई 6.2 इंच है. मैं हिंदी में सेक्स स्टोरी पहली बार लिख रहा हूँ. कोई गलती हो तो माफ़ कर देना.
यह बात आज से 2 साल पुरानी है, उस समय मैं अपने मामा के घर पर रहता था. मेरे मामा का घर सोनीपत शहर में है.
एक दिन मेरे मामा ने मुझे कोचिंग करने के लिए बोला तो मैं भी हां बोल दिया. मामा जी ने दिल्ली में एक कोचिंग सेंटर पर मेरा एडमिशन करवा दिया. अब मैं हर रोज सुबह 7.30 मामा के घर से रेलवे स्टेशन तक पैदल घूमते घूमते जाता और 8.20 वाली ट्रेन से दिल्ली चला जाता. फिर रात को 9 बजे सोनीपत आता. फिर पैदल पैदल चल कर मामा के घर पर आ जाता.
जब रात को मैं घर जाता था तो एक औरत मुझे रोज देखती थी. उसका साइज़ 38-30-36 का था. वो दिखने में बहुत सुन्दर थी, जो भी उस औरत को एक बार देख ले, उसका लंड खड़ा हो जाए और उसे चोदने की सोचने लगी. उसकी उम्र 38 साल की थी. पर देखने में वो 18 साल की कमसिन लड़की को भी पीछे छोड़ दे इतनी कंटीली माल थी.
एक दिन मैं रोज की तरह दिल्ली से सोनीपत आया और पैदल मामा के घर जा रहा था. तभी उस औरत ने मुझे आवाज लगाई तो मैं रुक गया.
उसने मुझसे बोला- बेटा, तुम्हें गाड़ी चलानी आती है?
मैंने उन्हें हां बोल दिया तो वो मुझसे बोलीं- बेटा, क्या तुम मेरी गाड़ी मेरे घर के अन्दर खड़ी कर सकते हो, मुझे गाड़ी चलानी नहीं आती.
मैंने पूछा- आपके पति कहाँ हैं?
वो बोलीं- वो बंगलौर किसी काम से गए हुए हैं.
उन्होंने मुझे गाड़ी की चाभी दी और गाड़ी पार्क करने के लिए घर का बड़ा गेट खोल दिया. मैंने उनकी गाड़ी पार्क कर दी और चाभी देते हुए बोला- आंटी मैं चलता हूँ.
तो उन्होंने मुझे गाड़ी पार्क करने पर धन्यवाद बोला. फिर मैं घर चला गया.
फिर कुछ दिन बाद वो आंटी मुझे दिल्ली से आते हुए ट्रेन में मिलीं, तो मैंने उन्हें नमस्ते किया. उन्होंने भी मुझसे बात करना शुरू कर दी. हम पूरे रास्ते बातें करते रहे.
बातों ही बातों में सोनीपत स्टेशन कब आ गया, पता भी नहीं चला. फिर स्टेशन से हम दोनों पैदल उनके घर की तरफ चल दिए. जब उनके घर पहुँचे, तो मैं बाहर से ही बोला- अच्छा आंटी, अब मैं चलता हूँ.
उन्होंने मुझे चाय पीने के लिए बोला, तो मैंने हां बोल दिया.
मैं आंटी के घर के अन्दर गया तो उनके घर पर कोई नहीं था. मैंने आंटी से बोला- आपके घर पर तो कोई नहीं है?
आंटी बोलीं- मेरे पति बंगलौर किसी काम से गए हुए हैं. वो दस दिन में आएंगे.
फिर मैंने उनके बच्चों के बारे में पूछा, तो वो रोने लगीं.
मैं बोला- क्या हुआ आंटी?
तो वो बोलीं- मेरी शादी को बीस साल हो गए, पर अभी तक मेरा कोई बच्चा नहीं है.
मैंने इसका कारण पूछा तो वो बोलीं- मेरे पति मुझसे बहुत कम सेक्स करते हैं.
उन्होंने ये कहते हुए मेरी तरफ देखा. मैंने उनकी भावनाओं को पढ़ने की कोशिश की और उनकी आँखों में देखता रहा.
आंटी मेरे हाथ पर हाथ रख कर बोलीं- क्या तुम मेरी सेक्स की इच्छा पूरी करोगे?
मैंने हां बोल दिया.
फिर मैंने मामा के पास फ़ोन किया और बोला- मामा, आज मैं अपने दोस्त के घर पर ही रुकूँगा.. कल आऊंगा.
उन्होंने बोला- ठीक है अपना ध्यान रखना.
फिर मैंने और आंटी ने चाय ख़त्म की और आंटी मेरे पास आकर बैठ गईं.
मैंने आंटी को कस कर जकड़ लिया और किस करने लगा. आंटी भी मेरा साथ देने लगीं. आंटी को किस करते करते पता भी नहीं चला हमने कपड़े कब उतार दिए. अब आंटी सिर्फ ब्रा और पैंटी में थीं. मुझे लगा मैं स्वर्ग में हूँ.
फिर मैंने आंटी की ब्रा भी उतार दी और उनकी चूचियों को चूसने लगा. आंटी अपने मुँह से ‘ऊ ऊ ऊह उऊऊ आहह.. स्स्ड्ड..’ आवाज करने लगीं.
मैं अपना मुँह उनके पेट पर लगाए उन्हें किस करता करता उनकी पैंटी के ऊपर ले गया और पैंटी के ऊपर से ही उनकी चूत को चाटने लगा. तो आंटी के मुँह की सिसकारियां तेज हो गईं.
मैंने आंटी की पैंटी उतार दी. उनकी चूत बिल्कुल लाल थी, उस पर एक भी बाल नहीं था. फिर हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए. हम इस पोजिशन में काफी देर तक एक दूसरे के लंड चुत चाटते रहे.
आंटी बोलीं- अब रहा नहीं जाता.. अब अन्दर डाल दो मेरी जान.. फाड़ दो मेरी चूत को..
मैंने अपना लंड उनकी चूत पर लगाया और जोर से झटका दे मारा. तो वो जोर से चिल्लाईं- ऊइइ.. माँ मर गई.
उनकी चूत बहुत टाइट थी. जबकि अभी मेरे लंड का सुपारा ही अन्दर गया था. वो बोलीं- आराम से कर.. बहुत टाइम हो गया सेक्स करे.
फिर मैंने एक जोर से झटका मारा. इस बार पूरा लंड उनकी चूत में समा गया था. फिर मैं लगातार धक्के मारने लगा. कुछ देर बाद आंटी भी मेरा साथ देने लगीं.
करीब 20 मिनट की चुदाई के बाद मैंने अपना वीर्य उनकी चूत के अन्दर छोड़ दिया और उनके ऊपर ही लेट गया. हम दोनों करीब 10 मिनट बाद उठे और फिर किस करने लगे. उस रात हमने 6 बार सेक्स किया और पता ही नहीं चला हम कब सो गए.
सुबह करीब 12 बजे मेरी आंख खुली तो देखा आंटी मेरा लंड चूस रही थीं. फिर हमने 2 बार सेक्स किया और फिर फ्रेश हुए. कुछ देर हम दोनों साथ में नहाने लगे. नहाते वक्त फिर एक बार उनकी चुदाई की. फिर आंटी ने खाना बनाया और अपने हाथों से मुझे खिलाया.
मैं आंटी से बोला- अब मैं घर जा रहा हूँ. काफी टाइम हो चुका है.
आंटी बोलीं- बस 5 मिनट रुको.
वो अलमारी के अन्दर से 5000 रूपए लाईं और मुझे देने लगीं. मैंने मना कर दिया तो उन्होंने जबरदस्ती मुझे वो पैसे दे दिए और मुझे किस किया.
हमने एक दूसरे के नंबर लिए और मैं मामा के घर चला गया. फिर मैं 10 दिन तक सुबह उसके पास चला जाता और रात को वापस आ जाता. वो हर बार मुझे कुछ पैसे जरूर देती थीं. जब हमें मौका मिलता, हम सेक्स कर लेते थे.
उनका पति उनको अपने साथ बंगलोर ले गया. मैंने उनको फ़ोन किया, उनका फ़ोन बन्द आता रहा.
फिर मैं भी अपने गाँव में आ गया.
आपको मेरी चुदाई की कहानी कैसी लगी.. मुझे अपना सुझाव दें.