हेलो, ये मेरी ट्ंकॉक की पहली स्टोरी है और मैं आशा करता हू की आप लोगों को पसंद आएगी.
जैसे की आप सब लोग ट्ंकॉक देखते ही होंगे, और सब कॅरेक्टर्स को भी जानते होंगे. लेकिन अगर नही जानते, तो मेरी स्टोरी रेड करते रहना जान जाओगे.
जो लोग ट्ंकॉक देखते होंगे, उनको तो पता ही होगा की बबिता कैसी दिखती है, और जेथलाल को वो कितनी पसंद है. वो उसे छोड़ना भी चाहता है. तो अब स्टोरी पे आते है.
एक दिन की बात है, जेथलाल दुकान पर था. तभी बबिता का मोबाइल किसी कारण से बिगड़ गया, तो उसने सोचा क्यूँ ना जेता जी की दुकान पे जाके रिपेर करवा लू. बबिता का नहाना बाकी था क्यूंकी वो अभी जस्ट जॉगिंग से आई थी और इएर जल्दी ऑफीस चला गया था, तो उसने सोचा की जल्दी नहा धो के दुकान जाती हू.
फिर वो नहाने गयी, उसने शवर चालू किया और उसके नीचे नंगी खड़ी हो गयी. क्या क़यामत लग रही होगी इमॅजिन करो आप सब. और एक बात आपको बता डू, की इएर और बबिता की सेक्स लाइफ अची नही चल रही थी. क्यूंकी इएर का लंड सिर्फ़ 4 इंच का था, और वो ठीक से खड़ा भी नही होता था. अगर खड़ा भी होता तो जल्दी झाड़ जाता था. इससे बबिता को बहुत गुस्सा आता था, और दोनो में आन-बन रहती थी.
जैसे की मैने बताया की बबिता नहा रही थी और शवर से मस्त पानी बबिता के पुर शरीर यानी फेस, बड़े-बड़े बूब्स, बड़ी सी गांद पे बह रहा था. इससे उसको भी बहुत मज़ा आ रहा था. अचानक से उसका हाथ उसके दोनो बड़े-बड़े बूब्स पे चला गया, और वो उसे मसालने लगी थी.
अब वो एक हाथ से बूब्स दबा रही थी, और दूसरे हाथ से अपनीी प्यारी सी छूट के साथ खेल रही थी. वो मूह से आ आह ह ऑश एस्स एस्स फक मे जैसी आवाज़े कर रही थी, जिससे पुर बातरूम में उसकी आवाज़े गूँज रही थी. अब उसकी छूट मसालते और उंगली करते-करते 10 मिनिट हो गये, और उसने अब अपनी 3 उंगली एक साथ डाल दी थी.
इससे उसको बहुत मज़ा आ रहा था, और अब लग रहा था की वो झड़ने के करीब थी. अब वो ओह एस्स आह अहह आहह करते-करते झाड़ गयी, और हाँफ रही थी. इससे उसके 38″ साइज़ के बूब्स भी उपर-नीचे हो रहे थे.
कुछ देर नहाने के बाद उसने अपने प्यारे से शरीर को पोंचा, और नंगी ही बातरूम से बाहर आ गयी. सबसे पहले उसने ब्लू कलर के मॅचिंग ब्रा पहनी, जो सिर्फ़ निपल्स ही धक रही थी, और एक सेक्सी जाली-दार पनटी पहनी, जो खाली छूट धक रही थी. फिर उपर एक ब्लॅक कलर की त-शर्ट पहनी, जो बहुत ही टाइट थी. उसमे से उसका पूरा क्लीवेज दिख था, और नीचे ब्लू जीन्स पहनी थी, वो भी फुल टाइट थी. इससे उसकी बड़ी सी गांद उभर के आ रही थी.
तो जैसे मैने बताया की जेथलाल पहले ही दुकान पर था क्यूंकी उसकी आज एक डील थी एक पार्टी के साथ. तो वो पार्टी के साथ उसमे बिज़ी था, और अब बबिता उसके घर से निकल रही थी और टाला मार रही थी. तभी पोपातलाल भी उसके घर से नीचे आ रहा था, तो बबिता के पास जेया कर बोला-
पोपातलाल: हेलो बबिता जी.
बबिता: हेलो पोपट भाई
पोपातलाल की नज़र अचानक बबिता के बड़े से बूब्स पर पड़ी, और वो उसे देखता ही रह गया, और मॅन में बोला-
पोपातलाल (मॅन में): आ, क्या बूब्स है बबिता के, बिल्कुल फुटबॉल की तरह, और इएर कितना लकी है जिसे बबिता जैसा माल मिला छोड़ने को.
ऐसा सोच के वो जलने लगा. बबिता ने पोपट की नज़र का पीछा किया तो उसे पता चला की वो उसके बूब्स देख रहा था, जो बबिता को भी अछा लगा. फिर उसने पोपट को बोला-
बबिता: कहा खो गये पोपट भाई, हेलो?
पोपातलाल (हड़बड़ा के): कही नही, बस कुछ सोच रहा था.
बबिता: सीसी, गुड बाइ पोपट भाई. मैं चलती हू.
पोपातलाल: ओक बबिता जी, बाइ.
अब बबिता सीडी उतार रही थी, और पोपातलाल उधर खड़ा हो कर बबिता की बड़ी सी गांद देख रहा था पीछे से, और सोच रहा था की कब ये गांद उसे मिलेगी छोड़ने को.
अब बबिता नाके से ऑटो में बैठ कर जेथलाल की दुकान पे जाने के लिए निकल गयी थी, और उसका वाला ऑटो ड्राइवर भी तोड़ा तर्की था. वो रिक्षव चलते-चलते मिरर से बबिता को ही देखे जेया रहा था, जो बबिता भी पता चल गया था.
बबिता: भैया आयेज ध्यान रखो, और सही से ऑटो चलाओ, बहुत गद्दे आ रह है.
ऑटो वाला: ठीक है मेडम, सॉरी.
बबिता: इट’स ओके.
फिर कुछ देर के बाद जेता की दुकान आ गयी.
ऑटो वाला: मेडम पहुँच गये.
बबिता ने उसको पैसे दिए, और वो दुकान में जेया रही थी. तभी ऑटो वाला उसको पीछे से देख रहा था की कैसे उसकी बड़ी गांद उपर-नीचे हो रही थी, और मॅन में सोच रहा था क्या माल है बीसी, एक बार मिल जाए तो लाइफ सेट हो जाए एट्सेटरा.
फिर बबिता दुकान में गयी तो वाहा बगहा, नटू काका, और मगन थे. बबिता ने बगहा को अपना फोन दिखा दिया, तो बगहा ने बोला-
बगहा: मैं शाम तक रिपेर करके इसे सेठ जी के साथ आपके घर पर भेज दूँगा.
बबिता: जेता जी दिखाई नही दे रहे है, कहा है वो?
बगहा: सेठ जी तो गोडोवन् में है, पार्टी के साथ मीटिंग में.
बबिता ने सोचा की चलो जेथलाल से मिलती चालू. फिर जैसे ही वो गोडोवन् में गयी, तो वाहा मीटिंग चल रही थी, और ऑर्डर जेथलाल को मिलने ही वाला था. तभी बबिता वाहा पहुँच गयी और बोली-
बबिता: हेलो जेता जी.
जेथलाल (चेर पे से खड़ा हो कर): हेलो बबिता जी, गुड मॉर्निंग.
बबिता ने जेथलाल के दोनो फ्रेंड्स यानी मुकेश और भोगीलाल दोनो को हेलो गुड मॉर्निंग बोला. आपको एक बात बता डू की मुकेश और भोगीलाल दोनो एक नंबर के चुड़क्कड़ आदमी थे, जो काई बार रंडियों को छोड़ने जाते थे, और जेथलाल को भी साथ में ले जाते थे. तो जेथलाल को पता था उनके बारे में.
मुकेश (मॅन में): आहह, क्या माल है. ये रंडी तो लगता है जेथलाल की वाइफ है. बहनचोड़ एक बार मिल जाए तो मज़ा आ जाए
तभी मुकेश के दिमाग़ में आइडिया आया. उसने सोचा की अगर जेथलाल को बोलेगा की बबिता को छोड़ने दे तो वो नही मानेगा. तो उसने सोचा की क्यूँ ना ऑर्डर का लालच दिया जाए, तो वो मान जाएगा.
मुकेश: भोगी चल तो साइड में, कुछ काम है.
फिर दोनो साइड में चले गये. फिर मुकेश के उसे अपने प्लान के बारे में बता दिया.
भोगीलाल: वाह मुकेश वाह, क्या आइडिया है. मज़ा आ जाएगा अगर ये रंडी मिल जाए तो. तो चल जेथलाल को भी इधर बुला. उसे बताते है और देखते है मानता है की नही.
मुकेश: जेथलाल इधर आओ ना, काम है कुछ
जेथलाल उधर गया और बोला: बोलो भाई क्या काम है?
मुकेश: हमे बबिता को छोड़ना है.
जेथलाल: क्या बोल रहे हो तुम दोनो? और तुम्हारी हिम्मत भी कैसे हुई बोलने की?
भोगीलाल: देखो जेथलाल, अगर तुमने माना किया तो ये ऑर्डर कॅन्सल, और हम आयेज भी साथ में काम नही करेंगे.
जेथलाल दर्र गया क्यूंकी ये ऑर्डर 10 क्रॉरेस का था, और मॅन में सोचा (क्या मुसीबत है. ऑर्डर भी जाने नही दे सकता, और बबिता जी को मनौँगा कैसे इनके साथ सेक्स करने के लिए?).
तभी वो बोला: देखो भाई, मुश्किल है पर ट्राइ करूँगा बबिता जी को मानने की.
फिर वो तीनो अपनी जगह पे आके बैठ गये. जेथलाल ने बबिता को मुकेश और भोगीलाल की शर्त बताई.
बबिता: हाउ डरे योउ जेता जी? आप ये सोच भी कैसे सकते है ची!
ये बोल के वो वाहा से जाने लगी. और तभी जेथलाल उसके पीछे भागा और गोडोवन् के शटर के पास जाके बबिता तो रोका. इसके आयेज क्या हुआ, वो आपको कहानी के अगले पार्ट में पता चलेगा.