हेलो दोस्तों, मेरा नाम नबनिता है. आज सुनती हू अपने घर की कहानी. मैं घर की अकेली बेहन हू. मेरे 2 भाई है. एक बड़ा भाई सोहन, और एक छ्होटा भाई आहन. सोहन भैया मुझसे 2 यियर्ज़ बड़े है, जब की आहन मुझसे 2 यियर्ज़ छ्होटा है.
मैं बचपन से बहुत खूबसूरत थी. फॅमिली की सभी औरतें मेरे हुस्न की तारीफ करती थी. मुझे सुन कर अछा लगता था. सोहन भैया और मैं बचपन से ही बहुत क्लोज़ थे, और हर काम साथ में करते थे. जब मैं 18 साल की हुई, तब हमारे बीच मस्ती शुरू हो गयी.
हम दोनो जब भी अकेले होते तो लवर्स की तरह लिप्स पर किस करते. फिर भैया मेरी सलवार और अंडरवेर उतार लेते, और मेरी छूट और गांद को सहला कर मज़े लेते. उनके सहलाने से मुझे भी बहुत मज़ा आता था. फिर मैं भी भैया का ट्राउज़र उतार लेती और उनके लंड के साथ खेलती थी.
फिर भैया मुझे बाहों में लेते और कहते ‘’ई लोवे योउ नीतू’’, और मैं कहती ‘’ई लोवे योउ टू भैया’’. हमारा प्यार बढ़ता गया, और फिर हमने नंगे हो कर बेड पर मस्ती शुरू कर दी.
जब भी मम्मी-पापा बाहर जाते, तब हम बेडरूम में चले जाते और लीप किस्सिंग करते हुए नंगे हो जाते. फिर भैया मुझे बेड पर लिटा देते. भैया पहले मेरे पुर शरीर को चूमते. मेरे पेट को चूमते, मेरी छूट को चूमते, मेरी लेग्स को चूमते. फिर मेरे उपर लेट जाते.
भैया का लंड एक-दूं खड़ा हो जाता था. पर अभी अंदर डालना शुरू नही किया था.
भैया उपर लेट जाते और अपना कड़क लंड मेरे नंगे शरीर के साथ सहला कर मज़े लेते. भैया को मेरी लेग्स के साथ मज़ा लेना बहुत पसंद था. कभी लंड को मेरी एक टाँग पर सहला कर मज़े लेते तो कभी मेरी दोनो लेग्स के बीच में डाल कर मज़े लेते.
फिर मैं उपर लेट जाती, और अपनी छूट भैया के लंड और लेग्स के साथ सहला कर मज़ा लेती. जब मैं मज़ा ले रही होती, तब भैया मेरी लेग्स और गांद पर हाथ फेरते और मुझे जन्नत का एहसास होता.
2 साल तक हमारी ये मस्ती चलती रही. आज मैं 20 साल की थी, और भैया 22 साल के. मुझे जवानी चढ़ गयी थी, और भैया भी अब जवान थे. अब तो मेरा जवान भाई मेरे पुर शरीर का दीवाना था. कभी मेरे बूब्स को मूह में डाल कर चूस्टा. कभी मेरे होंठो पर लिपस्टिक लगा कर मुझे किस करता, और कभी मुझे उल्टा लिटा कर मेरी नंगी गांद पर किस्सिंग करता.
अब मम्मी भी पार्ट-टाइम जॉब करने लगी थी. तब हमे पहले से ज़्यादा मौका मिलता था मस्ती करने का. सोहन भैया आहन को कंप्यूटर पर गेम्स लगा कर दे देते और वो मज़े से खेलता रहता. उसको कभी शक नही हुआ अपने भैया और दीदी पे. और उसके भैया और दीदी तो इतने बेशरम हो चुके थे, की हमने काई बार मम्मी पापा के बेड पर भी मस्ती की, और गर्लफ्रेंड-बाय्फ्रेंड का रॉल्प्ले किया.
फिर एक दिन हम दोनो का चुदाई करने का मॅन हुआ. भैया की तो बहुत ख्वाहिश थी मुझे छोड़ने की. और मेरी छूट भी प्यासी थी लंड अंदर लेने को. उस दिन भैया ने पहली बार अपना लंड मेरी छूट में डाला. भैया ने मेरी सील बहुत प्यार से तोड़ी थी. पूरा नही डाला और धीरे-धीरे डालने लगे. चुड़वते हुए मुझे दर्द हुआ और मैं रोने लगी.
पर भैया ने बहुत प्यार से सब किया और मेरी सील तोड़ दी. छोड़ने के बाद मेरे आँसू भी पोंछे, और मुझे शांत किया. उस रात मैं बेड पर लेट कर सोचती रही की मैं कितनी लकी थी. मेरा अपना भाई मेरा दीवाना है. मेरे साथ मस्ती भी करता है और मेरा ख़याल भी रखता है.
अगले दिन हम कॉलेज से वापस आए तो मैने सोहन और आहन को खाना ला कर दिया. हम तीनो ने साथ बैठ कर खाया. कुछ देर टीवी देखते रहे. फिर मैं अपने रूम में चली गयी. मम्मी को 6 बजे घर आना था, और मैं जानती थी आज चुदाई होगी.
भैया मेरे रूम में आए. भैया ने रूम में आते ही मेरे बूब्स को नंगा किया और चूसना शुरू कर दिया. फिर मेरी सलवार उतरी और खुद भी नंगे हो गये. मुझे बेड पे लिटाया और मेरे शरीर को प्यार करने लगे. गर्दन पर किस किया, पेट पर किस किया, छूट पर किस किया.
फिर मेरी टांगे फैला कर अपना लंड मेरी छूट पर मसालने लगे. मसालते-मसालते पूरा लंड अंदर डाल दिया और झटके मारने लगे. भैया का कड़क लंड मेरी छूट की गहराई में जाने लगा. फिर हर झटके से मेरी छूट को चीरता हुआ अंदर जेया रहा था.
मैं मज़े से तड़पने लगी. आ आह भैया आ करने लगी. भैया का बदन मेरे बदन से टकरा रहा था, और कमरे में 2 बदन टकराने की आवाज़ आ रही थी. मेरी छूट गीली थी, और भैया के लंड को भी गीला कर रही थी.
मैने अपनी लेग्स उठा ली, और दोनो पैर आसमान की तरफ कर लिए. हम दोनो की साँसे तेज़ थी. भैया तेज़ी से अपना लंड अंदर-बाहर कर रहे थे, और मेरी छूट उनके लंड का स्वागत कर रही थी.
‘’ह एस फक मे. ओह बेबी ह, जस्ट लीके तट, फक.’’
फिर भैया और ज़ोर से झटके मारने लगे, और मुझे लगा आज मेरी छूट फट जाएगी. भैया ने जाम के मुझे छोड़ा. फिर मेरे अंदर ही पिचकारी मार दी और मेरी छूट में पानी भर दिया. फिर हम एक-दूसरे से लिपट गये, और किस करने लगे. उसके बाद धीरे-धीरे दोनो शांत होने लगे.
हम कुछ देर लेते रहे, और फिर कपड़े पहन कर भैया अपने रूम में चले गये. मैं थोड़ी देर लेती रही, और बीती हुई चुदाई के बारे में सोचती रही. फिर अगली चुदाई के बारे में भी सोचा, की कैसी होगी, और भैया से कैसे चड़वौनगी.
मैं फिर अपने कपबोर्ड के पास गयी, और अपनी ब्रा और पनटी को देखने लगी. अपनी रेड ब्रा और पनटी को एक तरफ रख लिया. सोचा अगली बार ये ही पहनुँगी भैया के लिए.
कहानी पसंद आई तो एमाइल करके ज़रूर बताना आप लोग. लोवे योउ ऑल