मेरा नाम अरुण है, और मैं उप से हू. मेरी आगे 33 साल है, और मैं शादी-शुदा आदमी हू. मेरा घर तो उप में है, लेकिन मैं बहुत वक़्त से पुंजब में जॉब कर रहा हू. शादी होने के पहले से मैं यहा जॉब कर रहा हू.
मेरी शादी 4 साल पहले हुई थी. मैं उप वापस आया, और शादी की. फिर 15 दिन मैं यही रहा, और सुहग्रात मनाई. 15 दिन बाद मुझे पुंजब वापस जाना पड़ा, क्यूंकी 15 दिन से ज़्यादा की छुट्टी मुझे मिल नही रही थी. वापस आके अब मेरी और मेरी बीवी की फोन पर ही बात होती थी.
आयेज बढ़ने से पहले मैं आपको अपनी बीवी के बारे में बता देता हू. मेरी बीवी का रंग तोड़ा सावला है, लेकिन शरीर गड्राया हुआ है. उसका साइज़ 36-30-38 है. वो पाजामी-कुरती पहनती है ज़्यादातर. अब आप ही समझ लो की ऐसे फिगर वाली औरत ऐसे कपड़ों में कितनी सेक्सी लगती होगी. वो भी टाइट कपड़े. अब वापस कहानी पर चलते है.
कुछ दिन तो सब ठीक चलता रहा. फिर मुझे पता चला उसके शक्की नेचर के बारे में. वो मुझसे बहुत सवाल पूछने लगी हर बात पर. मुझे इतने सवालों से गुस्सा आ जाता, और फिर हमारी लड़ाई हो जाती. वो बहुत शक करती थी मुझ पर. उसे लगता था मेरा किसी और के साथ चक्कर था, लेकिन ऐसा कुछ नही था.
वो अब मुझसे कहने लगी की अगर चक्कर नही है तो मैं उसको अपने पास क्यूँ नही बुलाता. अब मैं क्या करता. मैं एक रूम में रहता था. अगर उसको बुलाता तो मुझे बड़ा घर रेंट पर लेना पड़ता, जिससे मेरा खर्चा बढ़ जाता. लेकिन सिचुयेशन को देखते हुए मैने उसको बुला लिया.
फिर जिस दिन वो आई, उस पूरी रात मैने उसको छोड़ा. अब वो खुश थी. लेकिन उसकी गंदी आदत अभी भी नही गयी. वो मेरे घर आने के बाद मेरा फोन चेक करने लगती. फिरसे वही सब शुरू हो गया था. उसने मुझ पर इल्ज़ाम लगाना शुरू कर दिया की मेरा मेरे जॉब प्लेस पर किसी के साथ चक्कर था.
मैं उसके रोज़ के झगड़ों से तंग आ चुका था. फाइनली मैने उसको उसी जगह पर जॉब लगवा दिया, जहा मैं जॉब करता था. अब जाके कही उसको संतुष्टि मिली, और हमारे झगड़े कम हुए.
मेरे जॉब प्लेस पर एक लड़का था विक्रम. वो 28 साल का था, और सिंगल था. उसकी पर्सनॅलिटी बड़ी तगड़ी थी बिल्कुल हीरो के जैसे. जिम जेया-जेया कर उसने अची बॉडी बनाई हुई थी. हाइट भी उसकी 5’11” थी. उस पर सब लड़कियाँ मारती थी.
मेरी बीवी विक्रम की टीम में थी, और विक्रम और मेरा पुराना 36 का आँकड़ा था. लेकिन मुझे नही पता था की वो मेरे से इसका बदला मेरी बीवी को छोड़ के लेगा. चलिए बताता हू सब कैसे हुआ.
जिस दिन से मेरी बीवी जॉब लगी थी, वो विक्रम की तारीफ करती रहती थी. मैने उसको नही बताया था की मेरी उससे लड़ाई थी. फिर एक दिन मेरी बीवी ने मुझसे कहा की विक्रम का बर्तडे था, और उसने अपने टीम के सारे मेंबर्ज़ को बुलाया था पार्टी पर. मैने उसको रोका नही.
फिर जब वो पार्टी पर जाने के लिए तैयार होके आई, तो मैं उसको देखता ही रह गया. उसने एक वन-पीस ड्रेस पहनी हुई थी रेड कलर की. मैने आज तक उसको ऐसी ड्रेस में नही देखा था. उसकी ड्रेस में उसकी बॉडी शेप नज़र आ रही थी.
ड्रेस स्लीव्ले होने की वजह से उसकी दोनो बाजू नंगी थी, और सेंटर में क्लीवेज नज़र आ रही थी. नीचे से उसकी ड्रेस उसके घुटनो तक थी. उसको ऐसे देख कर मैने उससे पूछा-
मैं: क्या बात है! इतनी तैयारी एक ब’दे पार्टी के लिए?
उसने कहा: सब फीमेल स्टाफ ने ड्रेस कोड रखा है. नही तो मैं कहा ऐसे कपड़े पहनती हू.
मैं: अछा. चलो ठीक है फिर मैं तुम्हे छ्चोढ़ देता हू.
बीवी: नही मेरी फ्रेंड गाड़ी लेके आ रही है. हम दोनो का साथ में जाने का प्लान है.
मुझे उसकी बातें सुन कर कुछ डाउट सा हो रहा था. फिर कुछ देर बाद उसको एक फोन आया, और वो चली गयी. मैं भी उसके पीछे गया, और मैने च्छूप कर गाड़ी में देखा. गाड़ी ड्राइव करने वाला कोई मर्द था औरत नही. और उसके अलावा गाड़ी में कोई और लेडी भी नही बैठी थी. ये सोच कर मेरा माता तनका.
मुझे लगा, की अगर उसकी फ्रेंड ने उसके साथ जाना होता, तो या तो उसकी फ्रेंड ड्राइव कर रही होती, या फिर ड्राइवर के साथ या पीछे बैठी होती. लेकिन ऐसा कुछ नही था.
फिर मैने जल्दी से गर्रगे से अपनी बिके निकली, और गाड़ी के पीछे लगा ली. गाड़ी एक होटेल के बाहर जाके रुकी, और वो आदमी और मेरी बीवी दोनो गाड़ी से उतार कर अंदर चले गये. उस आदमी ने कॅप और गॉगल्स पहन रखी थी, इसलिए मुझे उसको पहचानने में दिक्कत हो रही थी.
फिर वो दोनो अंदर चले गये. मैं भी उनके पीछे गया. मैने देखा वो दोनो पार्टी हॉल की तरफ जेया रहे थे. मुझे लगा की पार्टी वही पर होगी, और मैं बिना वजह शक कर रहा था. लेकिन मेरा शक बिना वजह नही था.
वो दोनो पार्टी हॉल में गये, और अंदर वाली लिफ्ट पर चढ़ गये. जिस फ्लोर का बटन उन्होने दबाया था, उसका नंबर मैने डिसप्ले में पढ़ लिया था. फिर मैं जल्दी से सीडीयों की तरफ भागा, और उसी फ्लोर पर सीडीयान चढ़ कर पहुँच गया.
मैं लिफ्ट से पहले पहुँच चुका था, तो उनका इंतेज़ार करने लगा. जब लिफ्ट उस फ्लोर पर पहुँची, तो मैं साइड में च्छूप गया. फिर वो दोनो लिफ्ट से बाहर निकले, और कोर्रदूर की तरफ चल पड़े. अब जाके मुझे उस आदमी का चेहरा दिखाई दिया. वो आर्मी और कोई नही बल्कि विक्रम था.
मुझे समझ नही आ रहा था की मेरी बीवी उस होटेल में विक्रम के साथ क्या कर रही थी. क्या जो मैं सोच रहा था वो सच था. लेकिन मेरी बीवी ऐसा कुछ करेगी ये मुझे हाज़ाम नही हो रहा था. फिर दोनो एक रूम में चले गये.
मैं रूम के बाहर जाके अंदर देखने की कोशिश करने लगा, लेकिन अंदर देखने का कोई रास्ता नही था.
मैने रूम के अंदर कैसे देखा, और इसके आयेज क्या हुआ, ये आपको कहानी के अगले पार्ट में पता चलेगा. अगर यहा तक की कहानी आपको अची लगी हो, तो इसको अपने फ्रेंड्स के साथ ज़रूर शेर करे.
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